NCERT Solutions Class 10Th Science Physics – ऊर्जा के स्रोत
NCERT Solutions Class 10Th Science Physics – ऊर्जा के स्रोत
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
ऊर्जा के स्रोत
1. सौर ऊर्जा का स्रोत क्या है ?
उत्तर – सूर्य ।
2. हमारे घरों में ऊर्जा का उपयोग मुख्यतः जिन दो रूपों में होता है, उनके नाम लिखें ।
उत्तर – (i) ऊष्मा-ऊर्जा, (ii) विद्युत ऊर्जा ।
3. किन्हीं दो अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखें ।
उत्तर – (i) कोयला, (ii) पेट्रोलियम ।
4. किन्हीं दो नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखें।
उत्तर – (i) सौर ऊर्जा, (ii) पवन-ऊर्जा ।
5. पवनों का देश किसे कहा जाता है ?
उत्तर – डेनमार्क को ।
6. पवन चक्की से उपयोगी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए पवन का न्यूनतम वेग कितना होना चाहिए ?
उत्तर – 15 km/h.
7. उस युक्ति का नाम बताएँ जो सौर ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है ।
उत्तर – सौर सेल ।
8. दो ऐसे पदार्थों के नाम लिखें जिनसे सौर सेल बनाए जाते हैं ।
उत्तर – (i) सिलिकॉन, (ii) गैलियम ।
9. विद्युत की घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सौर पैनलों के उपयोग में कौन-सी रुकावटें हैं ?
उत्तर – इनमें दो रुकावटें हैं –
(i) कम दक्षता, (ii) अधिक लागत ।
10. सौर ऊर्जा महासागरों में किन दो रूपों में प्रकट होती है। उनके नाम लिखें ।
उत्तर – (i) सागरीय तापीय ऊर्जा, (ii) सागरीय लहरों की ऊर्जा ।
11. जैव-गैस के मुख्य घटकों के नाम लिखें ।
उत्तर – मुख्य घटक मिथेन गैस है।
12. सौर विकिरणों के किस घटक को हमारे शरीर पर पड़ने से हमारे स्वास्थ्य के लिए संकट हो सकता है ?
उत्तर – पराबैंगनी किरण ।
13. जीवाश्म ईंधन के उदाहरण दें ।
उत्तर – कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस
14. सौर पैनल में किस धातु का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर – चाँदी ।
15. सौर सेल के निर्माण में प्रयुक्त किन्हीं दो तत्वों के नाम लिखें ।
उत्तर – (i) सिलिकॉन, (ii) जर्मेनियम ।
16. एक सामान्य सौर सेल कितनी विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करता है ? या, 2 cm2 क्षेत्रफल के एक सौर सेल को धूप में रखने पर कितनी विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होती है ?
उत्तर – 0.7 W.
17. सौर ऊष्मांक (स्थिरांक) का मान क्या है ?
उत्तर – 1.4 KW/m2.
18. CNG का पूर्ण विस्तार लिखें ।
उत्तर – CNG— Compressed Natural Gas. (संपीडित प्राकृतिक गैस)
19. सौर-कूकर के लिए कौन-सा दर्पण- अवतल, उत्तल या समतल सर्वाधिक उपयुक्त होता है ?
उत्तर – अवतल दर्पण |
20. ऐसे दो ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखें जिन्हें आप नवीकरणीय मानते हैं ।
उत्तर – पवन ऊर्जा एवं जल ऊर्जा ।
21. भारत में ऐसे स्थानों के नाम बताएँ जहाँ नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र स्थापित है।
उत्तर – तारापुर (महाराष्ट्र), कोटा ( राजस्थान), कलपक्कम (तमिलनाडु), नरौरा (उत्तर प्रदेश), काकरापार (गुजरात) तथा कैगा (कर्नाटक) ।
22. एक सामान्य सौर-सेल का आकार (क्षेत्रफल) कितना होता है ?
उत्तर – 2 cm2
23. बायो गैस (जैव गैस) के मुख्य घटक का नाम बताएँ ।
उत्तर – मेथेन ।
24. वैसे पदार्थ जो जलने पर ऊष्मा उत्पन्न करते हैं, क्या कहलाते है ?
उत्तर – ईंधन ।
25. ऊत्तम घरेलू ईंधन का एक उदाहरण दें।
उत्तर – द्रवित पेट्रोलियम गैस (LPG) |
26. पवन में किस प्रकार की ऊर्जा होती है ?
उत्तर – गतिज ऊर्जा ।
27. बहते जल में किस प्रकार की ऊर्जा होती है ?
उत्तर – गतिज ऊर्जा।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. ऊर्जा का उत्तम स्रोत किसे कहते हैं ?
अथवा, ऊर्जा के आदर्श स्रोत में क्या गुण होते हैं ?
उत्तर – ऊर्जा का उत्तम स्रोत उसे कहते हैं –
(i) प्रति एकांक आयतन अथवा प्रति एकांक द्रव्यमान अधिक कार्य करें,
(ii) भंडारण तथा परिवहन में आसान हो,
(iii) सरलता से सुलभ हो सके,
(iv) वह सस्ता भी हो ।
2. उत्तम ईंधन किसे कहते हैं ?
उत्तर – एक उत्तम ईंधन वह है
(i) जिसका उष्मीय मान उच्च हो,
(ii) जो सस्ता एवं सुगमता से उपलब्ध हो,
(iii) जिसे प्रज्वलन ताप की प्राप्ति हो,
(iv) जो जलने के पश्चात् अल्प धुआँ तथा अधिक उष्मा उत्पन्न करता हो ।
3. यदि आप अपने भोजन को गरम करने के लिए किसी भी ऊर्जा स्रोत का उपयोग कर सकते हैं, तो आप किसका उपयोग करेंगे और क्यों ?
उत्तर – मैं भोजन को गरम करने के लिए नवीकरणीय एवं प्रदूषण मुक्त ऊर्जा स्रोत का उपयोग करुँगा, क्योंकि यह पारिस्थितिकी संतुलन को बाधा नहीं पहुँचाएगा। उदाहरण के लिए भोजन को गरम करने के लिए माइक्रोओवन का प्रयोग किया जा सकता है।
4. ईंधन के कोई दो लक्षण लिखें जो उनकी गुणवत्ता का निर्धारण करते हैं।
उत्तर – ईंधन के लक्षण
(i) अत्यल्प धुआँ तथा अधिक ऊष्मा मुक्त करना चाहिए ।
(ii) यह आसानी से उपलब्ध होना चाहिए ।
5. जीवाश्म ईंधन क्या है ? जीवाश्म ईंधन को ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत क्यों माना जाता है ? इसके दो उदाहरण दें ।
उत्तर – पेड़-पौधे एवं जन्तु के अवशेष करोड़ों वर्षों तक पृथ्वी के अन्दर दबकर ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में अधिक ताप और दाब के कारण ईंधनों में परिवर्तित हो जाते हैं। ऐसे ही ईंधनों को जीवाश्म ईंधन कहते हैं |
जीवाश्म ईंधनों के बनने की प्रक्रिया अत्यन्त धीमी होती है और इसमें करोड़ों वर्ष का समय लगता है। जीवाश्म ईंधन के समाप्त हो जाने से पृथ्वी पुनः नये जीवाश्म ईंधन को तीव्रता से नहीं बना सकती है, इसलिए जीवाश्म ईंधन को ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत कहा जाता है।
जीवाश्म ईंधन के दो उदाहरण – कोयला एवं पेट्रोलियम
6. जीवाश्म ईंधन की क्या हानियाँ हैं ?
उत्तर – (i)जीवाश्म ईंधन ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोत हैं। यदि हम इन ऊर्जा स्रोतों का उपयोग इसी दर से करते रहेंगे, तो इनके भंडार शीघ्र ही समाप्त हो
जायेंगे ।
(ii) जीवाश्म ईंधन के जलने पर मुक्त होने वाले कार्बन नाइट्रोजन तथा सल्फर के ऑक्साइड अम्लीय होते हैं। इनसे अम्लीय वर्षा होती है जो हमारे जल तथा मृदा के संसाधनों को प्रभावित करती है ।
7. जैव-गैस (बायो-गैस) क्या है ? जैव-गैस के उपयोगों को लिखें ।
उत्तर – जैव-गैस ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में जैव-मात्रा के क्षय से उत्पन्न गैसों (CH4, CO2, H2, SO2 आदि) का मिश्रण है। मिथेन जैव-गैस का मुख्य अवयव है।
जैव-गैस के उपयोग –
(i) ऊष्मा एवं प्रकाश के स्रोत के रूप में,
(ii) घरेलू ईंधन के रूप में,
(iii) विद्युत उत्पादन में,
(iv) इसके समाप्त हो जाने पर संयंत्र में अवशिष्ट पदार्थ का उपयोग उर्वरक के रूप में ।
8. जैव-मात्रा (बायो-मास) क्या है ?
उत्तर – पेड़-पौधों और जानवरों के शरीर में विद्यमान पदार्थ को जैव- मात्रा कहते हैं ।
9. पवन ऊर्जा क्या है ? इसके लाभ, उपयोग एवं सीमाओं को लिखें।
उत्तर – वायु की गति के कारण अर्जित उसकी गतिज ऊर्जा पवन ऊर्जा कहलाता है।
लाभ –
(i) यह नवीकरणीय ऊर्जा का एक पर्यावरणीय हितैषी एवं दक्ष स्रोत है।
(ii) विद्युत उत्पादन के लिए आवर्तक व्यय आवश्यक नहीं होता है ।
उपयोग –
(i) पालवाली नाव को चलाने में,
(ii) भूसे एवं अनाज के दानों को अलग अलग करने में,
(iii) वायुयानों एवं ग्लाइडरों की उड़ान में,
(iv) पवन चक्की में ।
सीमाएँ –
(i) पवन ऊर्जा सालोभर हर स्थान में उचित मात्रा में संभव नहीं है,
(ii) इसका उपयोग हर जगह हर समय नहीं कर सकते हैं ।
10. पवन चक्की के कार्य करने के सिद्धांत को स्पष्ट करें ।
उत्तर – पवन चक्की, पवन ऊर्जा से संचालित होने वाला एक संयंत्र है जिसमें पवन ऊर्जा का रूपान्तरण यांत्रिकी ऊर्जा में होता है। पवन चक्की के ब्लेड़ों को इस प्रकार बनाया जाता है कि पवन के टकराने पर इनके विभिन्न क्षेत्रों के बीच दाबांतर उत्पन्न हो जाए। यह दाबांतर एक घूर्णी प्रभाव उत्पन्न करता है जो ब्लेड़ो को घुमा देता हैं इसी घूर्णी गति का उपयोग विद्युत जनित्र के आर्मेचर को घुमाने के लिए किया जाता है।
11. नदियों पर बाँध बनाकर जल विद्युत उत्पादन के दो लाभ एवं दो हानियाँ लिखें ।
उत्तर – लाभ-
(i) बाढ़ पर नियंत्रण,
(ii) सिंचाई के लिए जल का उपयोग |
हानि-
(i) भूमि का काफी क्षेत्र पानी में डूब जाता है,
(ii) पौधों, जंतुओं और मनुष्यों के प्राकृतिक वास स्थान नष्ट हो जाते है।
12. हम ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की ओर क्यों ध्यान दे रहें हैं ?
उत्तर – पृथ्वी में कोयले, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा यूरेनियम जैसे ईंधनों के ज्ञात भंडार बहुत ही सीमित हैं। यदि इसी दर से उनका उपयोग होता रहा तो वे शीघ्र समाप्त हो जायेंगे । इसलिए हम ऊर्जा संकट से निबटने के लिए वैकल्पिक स्रोतों की ओर ध्यान दे रहे हैं ।
13. हमारी सुविधा के लिए पवन तथा जल ऊर्जा के पारस्परिक उपयोगों में किस प्रकार के सुधार किए गए हैं ?
उत्तर – (i) पवन ऊर्जा के पारम्परिक उपयोग में सुधार – किसी एकल पवन चक्की का निर्गत (अर्थात् उत्पन्न विद्युत) बहुत कम होता है जिसका व्यापारिक उपयोग संभव नहीं होता। अतः किसी विशाल क्षेत्र में बहुत सी पवन चक्कियाँ लगाई जाती हैं तथा इस क्षेत्र को पवन ऊर्जा फार्म कहते हैं । व्यापारिक स्तर पर विद्युत प्राप्त करने के लिए किसी ऊर्जा फार्म की सभी पवन चक्कियों द्वारा उत्पन्न विद्युत ऊर्जाओं का परस्पर योग कर लिया जाता है।
(ii) जल ऊर्जा के पारम्परिक उपयोग में सुधार – नदियों से तेजी से बहते हुए जल की ऊर्जा परम्परागत रूप से जल चक्कियों को घुमाने में उपयोग की जाती है | अब जल ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पन्न करने में इस प्रकार होता है। नदियों में बहते हुए पानी को एक ऊँचा बाँध बनाकर एकत्र कर लिया जाता है। बाँध के ऊपरी भाग से भंडारित जल को लगातार नीचे गिराया जाता है। बाँध की तली के पास जल टरबाइन लगे होते हैं। जब तेजी से बहता हुआ ज “जल टरबाइन” के ब्लेडों पर गिरता है तो उसकी ऊर्जा से जल टरबाइन तेजी से घूमने लगता है। जल टरबाइन की शाफ्ट विद्युत जनित्र के आर्मेचर से जुड़ी होती हैं इसलिए जल टरबाइन के घूमने से विद्युत जनित्र का आर्मेचर भी तेजी से घूमता है जिससे विद्युत उत्पादित होती है।
14. सौर ऊर्जा क्या है ? हमारे दैनिक जीवन के कोई दो क्रियाकलाप बताएँ जिनमें सौर ऊर्जा का उपयोग होता है।
उत्तर – सूर्य से प्रकाश, उष्मा आदि रूपों में जो ऊर्जा प्राप्त होती है उसे सौर ऊर्जा कहते हैं ।
(i) अनाज और कपड़ों को सुखाने में, (ii) समुद्री पानी से नमक बनाने में ।
15. सौर ऊर्जा युक्तियाँ क्या हैं ?
उत्तर – सौर-ऊर्जा के दोहन के लिए सामान्यतः प्रयुक्त युक्तियाँ सौर-कुकर, सौर-जल ऊष्मक, सौर-जल पंप और सौर सेल हैं। इन्हें सौर ऊर्जा युक्तियाँ कहते हैं ।
16. सौर सेल और सौर पैनल किसे कहते है ? सौर सेल के निर्माण में प्रयुक्त किन्हीं दो तत्वों के नाम लिखें ।
उत्तर – सौर सेल- सौर ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के संयंत्र को सौर सेल कहते हैं। सौर पैनल – जब बहुत अधिक संख्या में सौर सेलो को संयोजित करते हैं, तो यह व्यवस्था सौर पैनेल कहलाती हैं ।
सौर सेल के निर्माण में प्रयुक्त दो तत्व- (i) सिलिकॉन, (ii) गैलियम ।
17. सौर सेल क्या है ? एक सामान्य सौर सेल कितनी विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करता है ?
उत्तर – ऐसी युक्ति जो सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिणत कर देता है। उसे सौर सेल कहते है।
एक सामान्य सौर सेल लगभग 0.7 W विद्युत ऊर्जा का उत्पादन करता है।
18. सौर सेल का उपयोग लिखें।
उत्तर – (i) इसका उपयोग कैलकुलेटर, कलाई घड़ी, खिलौनों इत्यादि में किया जाता है।
(ii) सुदुर ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत बल्ब को जलाने में किया जाता है।
(iii) रेडियो सेट अथवा बेतार संचार तंत्रों को चलाने में किया जाता है।
19. सौर सेल के लाभ एवं हानियाँ लिखें ।
उत्तर – सौर सेल के लाभ-
(i) इनमें कोई भी गतिमान पुरजा नहीं होता, इनका रख रखाव सस्ता है।
(ii) ये बिना किसी फोकसन युक्ति के काफी संतोषजनक कार्य करते है।
(iii) इन्हे सूदूर तथा अगम्य स्थानों में स्थापित किया जा सकता है। है ।
(iv) यह प्रदूषण नहीं उत्पन्न करता
हानियाँ –
(i) इससे केवल दिष्ट धारा प्राप्त होती है। जिससे विद्युत के सारे कार्य संभव नहीं हो पाते हैं।
(ii) दिन में धूप रहने से ही विद्युत आपूर्ति संभव हो पाती है अन्यथा नहीं ।
20. सौर स्थिरांक क्या है ? इसका क्या मान होता है ?
उत्तर – पृथ्वी के वायुमंडल के ऊपरी सतह पर प्रति इकाई क्षेत्रफल पर प्रति सेकेंड प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा को सौर स्थिरांक कहते हैं ।
सौर स्थिरांक का मान 1.4 kw/m2 होता है ।
21. सौर पैनल क्या है ? सौर पैनल बनाने में किस धातु का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर – सौर पैनल- सौर सेल का समूह है जिसे एक निश्चित पैटर्न में संयोजित करके इच्छित वोल्टता का विद्युत प्राप्त किया जाता है।
सौर पैनल के निर्माण में चाँदी (सिल्वर ) धातु का उपयोग किया जाता है।
22. सौर-कुकर क्या है ? इसके क्या लाभ है ?
उत्तर – यह एक सौर-ऊष्मीय युक्ति है जिसकी मदद से सौर ऊर्जा में निहित ऊष्मा ऊर्जा का उपयोग कर भोजन पकाया जाता है।
सौर-कुकर के लाभ –
(i) इससे ईंधन की बचत होती है,
(ii) इससे वायु प्रदूषण का खतरा नहीं है,
(iii) इससे भोजन के पोषक तत्व नष्ट नहीं होते हैं ।
23. सौर कुकर के लिए कौन-सा दर्पण अवतल, उत्तल अथवा समतल सर्वाधिक उपयुक्त होता है, क्यों ?
उत्तर – समतल दर्पण सर्वाधिक उपयुक्त होता है। यह सूर्य के प्रकाश को सौर कुकर के भीतर की ओर परावर्तित करता है ।
24. सौर कुकर का उपयोग करने के क्या लाभ तथा हानियाँ हैं? क्या ऐसे भी क्षेत्र हैं जहाँ सौर कुकरों की सीमित उपयोगिता है ?
अथवा, बॉक्स-टाइप सोलर कुकर से क्या-क्या लाभ है ?
उत्तर – सौर कुकर का उपयोग करने के लाभ-
(i) इससे प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है ।
(ii) इससे बने भोजन में पौष्टिक तत्व का क्षय नहीं होता है ।
(iii) इसका उपयोग सरल है तथा इसके उपयोग में सौर ऊर्जा के लिए कुछ भी भुगतान नही करना पड़ता है।
सौर कुकर की हानियाँ –
(i) इसमें खाना बनाने में अधिक समय लेता है।
(ii) इसमें रात में या बादल वाले दिन में खाना बनाना संभव नहीं होता है।
(iii) इससे भुनने तथा तलने वाला भोजन नहीं बनाया जा सकता है। हाँ, ऐसे भी क्षेत्र हैं जहाँ सौर कुकरों की सीमित उपयोगिता है जैसे ध्रुव पर तथा पहाड़ी क्षेत्र पर ।
25. ज्वारीय ऊर्जा क्या है ?
उत्तर – ज्वार-भाटे में पानी के चढ़ने एवं गिरने से अर्जित ऊर्जा को ज्वारीय ऊर्जा कहते हैं
26. महासागरों से प्राप्त हो सकने वाली ऊर्जाओं की क्या सीमाएँ हैं।
उत्तर – (i) ज्वारीय ऊर्जा- ज्वारीय ऊर्जा का दोहन सागर के किसी संकीर्ण क्षेत्र पर बाँध का निर्माण करके किया जाता है। ऐसी स्थितियाँ जहाँ इस प्रकार के बाँध निर्मित किए जा सकते हैं सीमित हैं ।
(ii) तरंग ऊर्जा – तरंग ऊर्जा का वहीं पर व्यावहारिक उपयोग हो सकता है जहाँ तरंगें अत्यन्त प्रबल हों ।
(iii) सागरीय तापीय ऊर्जा – OTEC विद्युत संयंत्र केवल तभी प्रचलित होते हैं जब महासागर के पृष्ठ पर जल का ताप तथा 2 Km तक की गहराई पर जल के ताप में 20°C का अंतर है ।
27. भू-तापीय ऊर्जा क्या होती है ? इस ऊर्जा के दो लाभों को लिखें ।
उत्तर – पृथ्वी की सतह के नीचे गर्म जल स्रोतों से उत्पन्न ऊर्जा को भूतापीय ऊर्जा कहते हैं ।
लाभ –
(i) भू-तापीय ऊर्जा को लगातार सालों भर विद्युत ऊर्जा में परिणत किया जा सकता है।
(ii) यह ऊर्जा प्रदूषण उत्पन्न नहीं करता है।
28. नाभिकीय ऊर्जा का क्या महत्त्व है ?
उत्तर – नाभिकीय ऊर्जा का महत्त्व –
(i) नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग भाप बनाकर विद्युत उत्पन्न करने में किया जाता है।
(ii) बड़ी मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है।
(ii) ऊर्जा के साथ त्वरित होने वाले कणों के प्रयोग से बड़ी संख्या में शोध किये जाते हैं ।
29. नाभिकीय विखंडन क्या है ?
उत्तर – नाभिकीय विखंडन- वह अभिक्रिया जिसमें एक भारी नाभिक एक धीमी गति के न्यूट्रॉन के प्रवेश के उपरान्त दो हल्के नाभिकों में टूट जाता है तथा अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा विमोचित होती है, नाभिकीय विखंडन कहलाती है।
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30. नाभिकीय संलयन क्या है ?
उत्तर – संलयन अभिक्रिया – वह प्रक्रिया जिसमें निम्न परमाणु क्रमांकों के नाभिकों के संयोजन करने पर एक भारी परमाणु नाभिक निर्मित होता है, नाभिकीय संलयन कहलाती है या ऐसी अभिक्रिया जिसमें दो हल्के नाभिक आपस में जुटकर एक बड़े नाभिक का निर्माण करते हैं।
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31. अपने देश के उन चार स्थानों के नाम बताएँ जहाँ नाभिकीय शक्ति संयंत्र स्थापित हैं ।
उत्तर – (i) तारापुर परमाणु शक्ति संयंत्र (महाराष्ट्र),
(ii) कोटा के नजदीक राणाप्रताप सागर में परमाणु शक्ति संयंत्र (राजस्थान),
(iii) कलपक्कम में इन्दिरागाँधी परमाणु अनुसंधान केन्द्र (तमिलनाडु),
(iv) नरौरा परमाणु शक्ति संयंत्र (उत्तर प्रदेश)।
32. क्या कोई ऊर्जा स्रोत प्रदूषण मुक्त हो सकता है ? क्यों अथवा क्यों नहीं ?
उत्तर – ऊर्जा स्रोत प्रदूषण मुक्त नहीं हो सकता है। उदाहरण के लिए सौर-सेल का वास्तविक प्रचालन प्रदूषण मुक्त हो सकता है, परन्तु उस युक्ति को जुटाने में पर्यावरणीय क्षति हो सकती हैं।
33. राकेट ईंधन के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता रहा है। क्या आप इसे CNG की तुलना में अधिक स्वच्छ ईंधन मानते हैं ? क्यों अथवा क्यों नहीं ?
उत्तर – हाइड्रोजन को, CNG की तुलना में अधिक स्वच्छ ईंधन मानते हैं क्योंकि यह कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न नहीं करती है तथा इसके सीमित दहन का डर नहीं होता है ।
34. OTEC (विद्युत संयंत्र ) क्या है ? इसका पूरा नाम लिखें तथा बताएँ इसका उपयोग कहाँ किया जाता है ?
उत्तर – OTEC सागरीय तापीय ऊर्जा रूपांतरण के लिए एक विद्युत संयंत्र है। इसका पूरा नाम Ocean Thermal Energy Conversion Plant है। इस यंत्र का उपयोग महासागरीय तापीय ऊर्जा का रूपांतरण विद्युत ऊर्जा में कर जनित्र के टरबाइन इस को चलाने में किया जाता है। इस संयंत्र को तब प्रचालित किया जाता है जब महासागर के पृष्ठ पर जल का ताप तथा 2 किमी० तक की गहराई पर जल के ताप में 20° सेल्सियस का अंतर हो ।
35. नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत से क्या समझते हैं ? इसके दो उदाहरण दें।
उत्तर – नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत वे है जो कभी समाप्त होने वाले नहीं हैं और जिनसे हम बार-बार ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं । जैसे— सूर्य, पवन इत्यादि ।
36. अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत से क्या समझते हैं ? इसके दो उदाहरण दें ।
उत्तर – अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत वे स्रोत हैं जो समाप्त होने वाले हैं और जिनसे हम बार-बार ऊर्जा प्राप्त नहीं कर सकते हैं ।
जैसे- कोयला, पेट्रोलियम इत्यादि ।
37. गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत क्या है ? इसके किन्हीं दो स्रोतों को लिखें ।
उत्तर – ऊर्जा के वे स्रोत जो जीवाश्म ईंधनों के जलने पर अथवा नाभिकीय ईंधनों के परमाणुओं के विघटन पर आधारित नहीं होते हैं । ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत कहलाते हैं ।
जैसे- (i) पवन ऊर्जा, (ii) सौर ऊर्जा ।
38. अनवीकरणीय तथा नवीकरणीय ऊर्जा में दो अंतर लिखें ।
उत्तर – अनवीकरणीय तथा नवीकरणीय ऊर्जा में दो अंतर –
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39. ऐसे दो ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखें जिन्हें आप नवीकरणीय मानते हैं। अपने चयन के लिए तर्क दें ।
उत्तर – नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत-
(i) पवन ऊर्जा – पवन ऊर्जा सदैव बिना किसी खर्च के उपलब्ध है।
(ii) जल विद्युत ऊर्जा- जल विद्युत ऊर्जा एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है, क्योंकि हर बार जब भी वर्षा होती है तो जलाशय पुनः जल से भर जाते हैं ।
40. ऐसे दो ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखें जिन्हें आप समापन योग्य मानते हैं। अपने चयन के लिए उत्तर दें ।
उत्तर – दो ऊर्जा स्रोत- (i) कोयला, (ii) पेट्रोलियम ।
कोयला तथा पेट्रोलियम समापन योग्य ऊर्जा स्रोत हैं और इन ऊर्जा स्रोत के निर्माण में हजारों लाखों वर्ष लगते हैं। इसलिए कोयला एवं पेट्रोलियम को समाप्य ऊर्जा स्रोत माना गया है ।
41. जैवमात्रा (बायोमास) तथा ऊर्जा स्रोत के रूप में जल वैद्युत की तुलना करें और उनमें अंतर लिखें ।
उत्तर –
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42. भू-तापीय ऊर्जा एवं नाभिकीय ऊर्जा में अंतर लिखें ।
उत्तर – भू-तापीय ऊर्जा एवं नाभिकीय ऊर्जा में अंतर-
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43. ऊर्जा स्रोत के रूप में जीवाश्मी ईंधनों तथा सूर्य की तुलना करें और उनमें अंतर लिखें ।
उत्तर –
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44. ऊर्जा के आदर्श स्रोत में क्या गुण होते हैं ?
उत्तर – आदर्श ऊर्जा स्रोत के निम्नांकित गुण होने चाहिए
(i) ऊर्जा स्रोत से ऊर्जा प्राप्त करने में सरलता होनी चाहिए।
(ii) ऊर्जा स्रोत से ऊर्जा सस्ते में प्राप्त होनी चाहिए।
(iii) ऊर्जा स्रोत से ऊर्जा प्राप्त करने की उपलब्ध प्रौद्योगिकी की दक्षता अधिक होनी चाहिए।
(iv) ऊर्जा स्रोत को उपयोग करने से पर्यावरण को क्षति नहीं होनी चाहिए।
45. निम्नांकित से ऊर्जा निष्कर्षित करने की सीमाएँ लिखें –
(i) पवन,
(ii) तरंगें,
(iii) ज्वार ।
उत्तर – (i) पवन- पवन ऊर्जा फॉर्म केवल उन्हीं क्षेत्रों में स्थापित किए जा सकते हैं जहाँ वर्ष के अधिकांश दिनों में तीव्र पवनें चलती हों। टरबाइनों की आवश्यकता चाल को बनाए रखने के लिए पवन की चाल भी 15 km/h से अधिक होनी चाहिए। ऊर्जा फार्म स्थापित करने के लिए एक विशाल भूखंड की आवश्यकता होती है।
(ii) तरंगें- तरंग ऊर्जा का वहीं पर व्यावहारिक उपयोग हो सकता है जहाँ तरंगें अत्यन्त प्रबल हों।
(iii) ज्वार – ज्वारीय ऊर्जा का दोहन सागर के किसी संकीर्ण क्षेत्र पर बाँध का निर्माण करके किया जाता है। ऐसी अवस्थितियाँ जहाँ पर इस प्रकार के बाँध निर्मित किए जा सकते हैं सीमित हैं ।
46. किस आधार पर ऊर्जा स्रोतों का वर्गीकरण निम्नांकित वर्गों में करेंगे –
(i) नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय,
(ii) समाप्य तथा असमाप्य ।
क्या (i) तथा (ii) के विकल्प समान हैं ?
उत्तर – (i) ऊर्जा के उन स्रोतों को जो प्रकृति में लगातार बनते रहते हैं तथा कभी भी समाप्त नहीं होते, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहलाते हैं ।
ऊर्जा के उन स्रोतों को जो प्रकृति में करोड़ों वर्षों की अवधि में धीरे-धीरे बनकर इक्ट्ठे हुए हैं तथा समाप्त होने पर शीघ्र ही दोबारा नहीं बनाये जा सकते, उन्हें अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहते हैं ।
(ii) ऊर्जा के स्रोत जिनका बहुत दिनों से परम्परागत उपयोग होने के कारण भंडार का ह्रास होता जा रहा है, ऊर्जा के समाप्य स्रोत कहलाते हैं। जैसेपेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस आदि ।
ऊर्जा के ऐसे स्रोत जिनका मानव द्वारा उपयोग से उसके भंडार कभी भी समाप्त नहीं होंगे, उसे ऊर्जा के असमाप्य स्रोत कहते हैं। जैसे- सौर ऊर्जा, जल ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि ।
47. ऊर्जा की बढ़ती माँग के पर्यावरणीय परिणाम क्या हैं ? ऊर्जा की खपत को कम करने के उपाय लिखें ।
उत्तर – ऊर्जा की बढ़ती माँग पर्यावरण को प्रदूषित करता है। मानव कोयले तथा पेट्रोलियम जैसे ईंधनों को जलाकर ऊष्मा तथा विद्युत शक्ति प्राप्त करता है तथा परिवहन के साधनों को चलाता है। इन ईंधनों के जलाने से बहुत सा धुआँ उत्पन्न होता है। वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धुआँ है। वायु प्रदूषण मानव, अन्य जन्तुओं तथा पेड़-पौधों के जीवन पर बुरा प्रभाव डालता है। वायु प्रदूषण कच्चे पदार्थों, औद्योगिक प्रक्रियाओं, रहन-सहन के वातावरण को प्रभावित करता है और उन्हें खराब कर देता है।
ऊर्जा की खपत को कम करने के उपाय –
(i) हमें ऊर्जा प्राप्त करने के लिए कोयले, पेट्रोलियम, तेल तथा प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधनों के उपयोग में बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए। इन ईंधनों का उपयोग तभी करना चाहिए जब ऊर्जा प्राप्ति का दूसरा कोई साधन उपलब्ध न हो ।
(ii) ऐसी तकनीकी का विकास करना चाहिए जिनके द्वारा सूर्य तथा जैव मात्रा (बायोमास) गैसें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को ऊर्जा को सरलता से प्राप्त करके उपयोग में ला सके ।
(iii) ऊर्जा का अपव्यय तुरन्त रोकना चाहिए। बिजली के बल्ब, ट्यूब, पंखे तथा अन्य उपकरण उपयोग करने के बाद फौरन बन्द कर देने चाहिए।
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