Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 1 आराधना (पद्य)
Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 1 आराधना (पद्य)
विषय-प्रवेश
प्रस्तुत कविता मराठी के वरिष्ठ कवि वसंत बापट की मराठी रचना का हिंदी अनुवाद है।
इस कविता में कहा गया है कि मानवता और बंधुता के प्रति प्रेम ही सच्ची पूजा है। मनुष्य के आपसी भेदभाव समाप्त हों। लोगों में लोभ और बैरभाव न रहे। सब एक-दूसरे से प्रेम करें। सब में सहयोग की भावना हो। लोग एक-दूसरे का दुःख महसूस करें। इस प्रकार इस कविता में कवि ने ‘सत्य, शिव, सुंदर’ और ‘विश्वबंधुत्व’ की भावना व्यक्त की है ।
कविता का सार
मंगल-कामना : सब लोग अच्छे कार्य और सच्चाई का व्यवहार करें। सबकी भावनाएँ सुंदर और विचार कल्याणकारी हों । सुखी लोग दुखियों की पीड़ा समझें और उसे दूर करें।
मानवता की पूजा : लोग शूरवीर और धीर बनें। दुर्बलों की रक्षा हो । सारे भेदभाव भूलकर परस्पर मानवता का व्यवहार करें। संसार में सब जगह भाईचारे की भावना का प्रसार हो ।
कविता का अर्थ
( 1 ) देहमंदिर ……… आराधना । [1-2]
कवि कहते हैं कि मेरी यही प्रार्थना है कि शरीर और मन से सत्य, शिव और सुंदर की आराधना हो । लोग सच्चाई के मार्ग पर चलें, उनके मन में सुंदर विचार आएँ और सब एक-दूसरे के हित की बात सोचें ।
( 2 ) दुखियारों ……… साधना। [3-5]
कवि प्रार्थना करते हैं कि दुःखी लोगों को दु:ख से छुटकारा मिले और लोग एक-दूसरे की पीड़ा का अनुभव करें। दुर्बलों की रक्षा के लिए शक्ति और साहस का उपयोग हो ।
( 3 ) जीवन में नवतेज ……. अभ्यर्थना । [6-8]
सबके जीवन में नया प्रकाश ( नई चेतना) हो । सबके हृदय में सुंदर भावनाएँ हों। सबके मन में सुंदर आशाएँ हों और सब मानवता की पूजा करें – सभी लोग शौर्य और धैर्य प्राप्त करें, यही प्रार्थना है।
( 4 ) भेद सभी …….. कामना । [9-12]
कवि की इच्छा है कि मनुष्य- मनुष्य के बीच के सारे भेदभाव समाप्त हो जाएँ, किसी की किसी से दुश्मनी न हो और लोगों की बुरी इच्छाएँ नष्ट हों। सभी मनुष्य एकता का अनुभव करें। हम स्वतंत्रता और बंधुता की कामना करते हैं।
प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छः वाक्यों में लिखिए:
( 1 ) कवि कैसे ‘मांगल्य’ की आराधना करते हैं ?
उत्तर : ‘मांगल्य’ अर्थात् सबका कल्याण । कवि चाहते हैं कि सब लोग सत्य के मार्ग पर चलें, सबके मन में सुंदर विचार आएँ और सब एक-दूसरे के कल्याण की बात सोचें ।
इस तरह कवि सबके कल्याण की कामना करते हुए मांगल्य की आराधना करते हैं।
( 2 ) कवि के अनुसार किसके दुःख दूर होने चाहिए ?
उत्तर : कवि के अनुसार लोगों के जीवन में तरह-तरह के दुःख हैं। इन दुःखों से छुटकारा पाने का उन्हें कोई मार्ग नहीं सूझता। उन्हें दूसरों की सहानुभूति भी नहीं मिलती। वे स्वयं अपने दुःखों से मुक्त नहीं हो सकते। ऐसे उपेक्षित और असहाय लोगों के दुःख दूर होने चाहिए ।
( 3 ) कवि की क्या अभ्यर्थना है ?
उत्तर : कवि चाहते हैं कि मनुष्य के जीवन में नया प्रकाश आए । वह नई चेतना का अनुभव करे। उसके हृदय में सुंदर और नए विचार हों। उसकी सभी आशाएँ पूरी हों। वह मनुष्यता की पूजा करे। सब लोग धीर-वीर बनें।
( 4 ) कवि भेदों को नाश करने की बात क्यों करते हैं?
उत्तर : संसार में विज्ञान ने बहुत उन्नति कर ली है, फिर भी दुनिया में ऊँच-नीच, जाति-पाँति, अमीर-गरीब आदि कई भेद हैं। इन भेदभावों के कारण मानव समाज में ईर्ष्या- द्वैष और संघर्ष हैं। इनके कारण मानव-एकता में बाधाएँ आती हैं और हमारा विश्वबंधुत्व का सपना पूरा नहीं होता। इसलिए कवि इन भेदों को नाश करने की बात करते हैं।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए:
( 1 ) कवि संवेदना क्यों जगाना चाहते हैं ?
उत्तर : संवेदना के बिना हमें दूसरों की वेदना का अनुभव नहीं हो सकता। इसलिए कवि संवेदना जगाना चाहते हैं।
( 2 ) ‘मानवता की हो उपासना’ का क्या अर्थ है ?
उत्तर : लोग एक-दूसरे की पीड़ा समझें और उसे दूर करने का प्रयास करें। यही ‘मानवता की उपासना’ है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए:
( 1 ) कवि नित्य कैसी आराधना चाहते हैं ?
उत्तर : कवि नित्य ऐसी आराधना चाहते हैं जिसमें सत्य, सुंदर और मांगल्य की भावना हो ।
( 2 ) कवि कैसी मनोकामना चाहते हैं ?
उत्तर : दु:खी लोग दुःखों से मुक्त हों, ऐसी मनोकामना कवि चाहते हैं।
( 3 ) कवि दुर्बलों के रक्षणार्थ किसकी साधना चाहते हैं ?
उत्तर : कवि दुर्बलों के रक्षणार्थ पौरुष की साधना चाहते हैं।
( 4 ) कवि किसकी अभ्यर्थना करते हैं?
उत्तर : कवि सबके जीवन में नया प्रकाश आने की अभ्यर्थना करते हैं।
( 5 ) कवि कैसी बंधुता की कामना करते हैं ?
उत्तर : कवि ऐसी बंधुता की कामना करते हैं जिसमें सब स्वतंत्र होकर भी भाईचारे की भावना से जुड़े हों।
प्रश्न 4. निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए :
( 1 ) देहमंदिर, चित्तमंदिर एक ही है प्रार्थना ।
सत्य – सुंदर, मांगल्य की नित्य हो आराधना ।।
उत्तर : कवि वसंत बापट बहुत ही उदारहृदय और ऊँची दृष्टि के कवि हैं। उनके चित्त और देह की बस एक ही प्रार्थना है कि लोग अच्छे कर्म करें। सत्य के मार्ग पर चलें। उनके हृदय में शुभ और सुंदर भावनाएँ हों। लोग स्वार्थ त्यागकर सबके हित की बात सोचें ।
( 2 ) भेद सभी अस्त होवें, बैर और वासना ।
मानवों की एकता की पूर्ण हो कल्पना ।।
मुक्त हम, चाहें एक ही बंधुता की कल्पना ।।
उत्तर : आज संसार में वर्ण-भेद, जाति-भेद, रंग-भेद आदि कई भेद बने हुए हैं। ईर्ष्या-द्वेष के कारण ऊँच-नीच का अंतर बना है। इसलिए मानवजाति में एकता नहीं है। संसार में अशांति और संघर्ष का कारण ये तरह-तरह के भेद ही है। जब तक इन भेदों का नाश नहीं होगा, तब तक मनुष्यजाति एक नहीं होगी।
हेतुलक्षी प्रश्नोत्तर
पद्यलक्षी
1. सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
( 1 ) देहमंदिर, चित्तमंदिर एक ही है ……..। (प्रार्थना, आराधना)
( 2 ) दुखियारों का दुःख जाए, है यही ……..। (मनकामना, संवेदना)
( 3 ) कवि सबका ……… चाहता है। (कल्याण, आशीर्वाद)
( 4 ) मानवों की एकता की ……… पूर्ण हो तो अच्छा। (कल्पना, भावना)
( 5 ) दु:ख में …….. की सहानुभूति भी नहीं मिलती। (दुसरों, अपनों)
उत्तर :
( 1 ) प्रार्थना
( 2 ) मनकामना
( 3 ) कल्याण
( 4 ) कल्पना
( 5 ) दुसरों
2. निम्नलिखित विधान ‘सही’ हैं या ‘गलत’ यह बताइए :
( 1 ) कवि चाहते हैं कि लोगों के जीवन में नया प्रकाश हो ।
( 2 ) सब असत्य के मार्ग पर चलें ऐसी कवि की आराधना है।
( 3 ) दु:खी लोगों को किसी की सहानुभूति नहीं मिलती।
( 4 ) दुनिया में केवल ऊँच-नीच के भेदभाव हैं।
उत्तर :
( 1 ) सही
( 2 ) गलत
( 3 ) सही
( 4 ) गलत
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में लिखिए:
( 1 ) कवि लोगों को किस मार्ग पर चलने के लिए कहते हैं ?
( 2 ) दुःखी लोगों को किससे छुटकारा दिलाने की प्रार्थना कवि करते हैं?
( 3 ) सब लोग किसकी पूजा करें ऐसी कवि प्रार्थना करते हैं?
( 4 ) मनुष्य- मनुष्य के बीच क्या समाप्त होने की कवि कामना करते हैं?
उत्तर :
( 1 ) सच्चाई या सत्य के मार्ग पर
( 2 ) दुःखों से
( 3 ) मानवता की
( 4 ) भेदभाव
4. निम्नलिखित प्रश्नों के साथ दिए गए विकल्पों से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए :
( 1 ) सत्य – सुंदर मांगल्य की नित्य हो …… ।
A. संवेदना
B. मनकामना
C. आराधना
D. साधना
उत्तर : C. आराधना
( 2 ) मानवों की एकता की पूर्ण हो …… ।
A. अभ्यर्थना
B. भावना
C. वासना
D. कल्पना
उत्तर : D. कल्पना
( 3 ) मुक्त हम, चाहें एक ही …… की कामना ।
A. अभ्यर्थना
B. बंधुता
C. साधना
D. प्रार्थना
उत्तर : B. बंधुता
( 4 ) मानवता के प्रति सच्ची पूजा क्या है?
A. मित्रता
B. घृणा
C. प्रेम
D. नफरत
उत्तर : C. प्रेम
व्याकरणलक्षी
1. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए:
( 1 ) मांगल्य
( 2 ) नित्य
( 3 ) आस
( 4 ) अभ्यर्थना
( 5 ) अस्त
( 6 ) वेदना
( 7 ) देह
उत्तर :
( 1 ) मंगलकारी
( 2 ) सदा
( 3 ) आशा
( 4 ) बिनती
( 5 ) समाप्त
( 6 ) व्यथा
( 7 ) शरीर
2. निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए:
( 1 ) मानव
( 2 ) सत्य
( 3 ) मंगल
( 4 ) दु:ख
( 5 ) दुर्बल
( 6 ) जीवन
( 7 ) सुंदर
( 8 ) अस्त
( 9 ) मुक्त
(10) एक
(11) रक्षक
उत्तर :
( 1 ) दानव
( 2 ) असत्य
( 3 ) अमंगल
( 4 ) सुख
( 5 ) सबल
( 6 ) मृत्यु
( 7 ) असुंदर
( 8 ) उदय
( 9 ) बद्ध
(10) अनेक
(11) भक्षक
3. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से भाववाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए:
( 1 ) हमें सबके कल्याण की बात सोचनी चाहिए।
( 2 ) एक-दूसरे के दुःखों को समझकर लोग सहायता करें।
( 3 ) हमें मानवता को ऊपर उठाने के लिए प्रयत्नशील होना चाहिए।
( 4 ) हमारे मन में किसी भी व्यक्ति के प्रति बैर न हो ।
( 5 ) स्वतंत्र भारतवासियों में एकता होना बहुत ज़रूरी है।
( 6 ) कवि विश्वबंधुत्व की भावना सुंदर ढंग से व्यक्त करते हैं।
उत्तर :
( 1 ) कल्याण
( 2 ) सहायता
( 3 ) मानवता
( 4 ) बैर
( 5 ) एकता
( 6 ) विश्वबंधुत्व
4. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से विशेषण पहचानकर लिखिए:
( 1 ) देहाती युवक रास्ते से गुज़र रहा था ।
( 2 ) पीड़ा का अनुभव तो बहादुर लोगों को भी करना पड़ता है।
( 3 ) मंदिर में श्रद्धावान भक्तों की भीड़ इकट्ठी हो गई।
( 4 ) आराधना करते हुए भक्तजनों ने लोगों के लिए मंगल कामनाएँ कीं।
उत्तर :
( 1 ) देहाती
( 2 ) बहादुर
( 3 ) श्रद्धावान
( 4 ) मंगल
5. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से कर्तृवाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए:
( 1 ) कवि सत्य, शिव और सुंदर के आराधक हैं।
( 2 ) दुर्बलों के रक्षक साहस करनेवाले लोग होते हैं।
( 3 ) हम चाहते हैं कि सब एक-दूसरे के हितैषी हों ।
( 4 ) हम सब मनुष्यता के पुजारी बनें तभी धरती पर स्वर्ग उतरेगा ।
उत्तर :
( 1 ) आराधक
( 2 ) रक्षक
( 3 ) हितैषी
( 4 ) पुजारी
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