Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 13 नीति के दोहे (पद्य)

Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 13 नीति के दोहे (पद्य)

विषय-प्रवेश

कवि रहीम बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक थे। उन्होंने नीति-व्यवहार सम्बन्धी अनेक दोहे लिखे हैं। यहाँ उनके नौ दोहे दिए गए हैं। इनमें परोपकार, सच्ची मित्रता, तुच्छ वस्तु का महत्त्व आदि के बारे में बताया गया है।

कविता का सार

सज्जन परोपकार के लिए ही धन का संग्रह करते हैं।
विपत्ति में ही सच्चे मित्र की पहचान होती है।
साधारण चीज़ों का भी अपना महत्त्व होता है। इसलिए उनकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
दीनों पर दया करनेवाला दीनबंधु (ईश्वर) के समान होता है। मुख से कड़वे वचन बोलना अपराध है। इसकी सज़ा मिलनी चाहिए।
उत्तम स्वभाववाले बुरों के साथ रहकर भी उनसे प्रभावित नहीं होते ।
बात बिगड़ जाने पर उसे सुधारना संभव नहीं है।
विपत्ति में ही अपने-पराए की पहचान होती है।
माँगने की वृत्ति तो बुरी है ही, पर उससे बुरी बात किसी को देने से इनकार करना है।

कविता का अर्थ

(1) तरुवर …….. सुजान। [1-2]
रहीमजी कहते हैं कि पेड़ अपने फल नहीं खाते हैं और सरोवर अपना पानी नहीं पीते । इसी प्रकार ज्ञानी पुरुष परोपकार के लिए ही धन-संपत्ति का संग्रह करते हैं।
(2) कहिं रहीम …….. मीत । [3-4]
रहीमजी कहते हैं कि जब मनुष्य के पास संपत्ति होती है, तब लोग तरह-तरह से उसके सगे बन जाते हैं- उससे रिश्ते जोड़ लेते हैं। लेकिन सच्चे मित्र तो वे हैं जो विपत्ति के समय साथे देते हैं।
(3) रहीमन देखि ……. तरवारि । [5-6]
रहीमजी कहते हैं कि बड़ों को देखकर छोटों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। जो काम सुई करती है, क्या वह तलवार कर सकती है ?
(4) दीन सबन को ……. दीनबन्धु सम होय | [7-8]
रहीमजी कहते हैं कि असहाय और गरीब लोग सबको (आशाभरी) नजरों से देखते हैं, पर उनकी ओर कोई नहीं देखता उन पर कोई दयादृष्टि नहीं करता। जो असहाय और गरीबों पर दयादृष्टि करता है, वह सचमुच भगवान के समान होता है।
(5) खीरा को ……… यही सजाय । [9-10]
खीरा को खाने से पहले उसका सिर (ऊपरी भाग ) काटकर अलग कर देना चाहिए । फिर उसके कटे भाग पर नमक मलना चाहिए। रहीमजी कहते हैं कि कड़वे मुखवालों को यही सजा मिलनी चाहिए। इस अपराध का यही दंड है।
(6) जो रहीम ……. भुजंग | [11-12]
रहीमजी कहते हैं कि उत्तम स्वभाववाले लोग बुरी संगति में रहें तो भी उसका उन पर प्रभाव नहीं पड़ता। ठीक उसी प्रकार जैसे भयंकर विषवाले साँप चंदन के पेड़ से लिपटे रहते हैं, परंतु चंदन में उनका विष फैलता नहीं ।
(7) बिगरी बात …….. होय । [13-14]
कवि रहीम कहते हैं कि बिगड़ी बात लाख प्रयत्न करने पर भी सुधर नहीं पाती। ठीक उसी तरह जैसे फटे दूध से जमाए गए दही को कितना ही मथा जाए, उसमें से मक्खन नहीं निकलता ।
(8) रहेमन विपदा …….. सब कोय | [15-16] 
रहीमजी कहते हैं कि यदि आपत्ति थोड़े समय के लिए हो तो अच्छी है, क्योंकि उस थोड़े से समय में हम समझ जाते हैं, कि कौन हमारा हितकारी है और कौन अहितकारी है।
(9) रहीमन वे नर …….. निकसत नाहि । [17-18] 
रहीमजी कहते हैं कि वे मनुष्य तो ( जिंदा होते हुए भी) मरे हुए हैं जो दूसरों के दरवाजे माँगने जाते हैं, परंतु उनसे भी पहले वे मर गए जिनके मुखसे ‘नहीं’ शब्द निकलता है- जो माँगनेवालों को देने से इनकार कर देते हैं।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छः वाक्यों में लिखिए:
( 1 ) वृक्ष और सरोवर के उदाहरण से रहीम हमें क्या समझाते हैं ?
उत्तर : वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते। सरोवर अपना पानी स्वयं नहीं पीते । रहीमजी कहते हैं कि हमें भी इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। अपनी जमा की गई धन-संपत्ति का उपयोग हमें केवल अपने सुख के लिए नहीं करना चाहिए। हमें उसके द्वारा दूसरों की भलाई भी करनी चाहिए ।
( 2 ) विपदा के बारे में रहीम क्या कहते हैं ?
उत्तर : रहीमजी कहते हैं कि थोड़े समय के लिए आई विपत्ति बुरी नहीं है । विपत्ति के उस समय में हमें मालूम हो जाता है कि कौन हमारा हितकारी है और कौन हमारा अहित चाहता है। इस तरह थोड़े समय की विपदा हमें थोड़ा कष्ट भले देती हो, पर वह हमें अपने सच्चे हितैषियों का ज्ञान करा देती है। इस प्रकार अल्पकाल की विपदा हमारी आँखें खोल जाती है। इसलिए उसे बुरी नहीं माननी चाहिए ।
( 3 ) रहीम कड़वे मुखवाले मनुष्य की प्रकृति को कैसे समझाते हैं ?
उत्तर : कड़वे मुखवाले मनुष्य की प्रकृति कड़वी ककड़ी के समान होती है। कुछ लोगों की जबान कड़वी होती है। वे हमेशा कड़वे बोल ही बोलते हैं। वे यह नहीं सोचते कि उनकी कड़वी वाणी सुननेवालों को कितनी चोट पहुँचाती है। ऐसे लोगों का मुँह ककड़ी के मुँह के समान होता है। कटुवाणी बोलकर दूसरे के दिल को चोट पहुँचाना अपराध है। इसलिए ककड़ी का मुँह काटकर उस पर नमक लगाने जैसी सज़ा ककड़ी को दी जाती है, वैसी ही सज़ा इन कड़वी जबानवालों को भी देनी चाहिए ।
( 4 ) ‘लाख प्रयत्न करने पर भी बिगड़ी हुई बात नहीं बनती’ ऐसा रहीमजी किस उदाहरण से समझाते हैं ?
उत्तर : किसी कारण से बात बिगड़ जाए तो उसे सुधारना बड़ा मुश्किल होता है। इसे समझाने के लिए रहीमजी फटे हुए दूध का उदाहरण देते हैं। फटे हुए दूध से जमाए गए दही में मक्खन बनाने की शक्ति समाप्त हो जाती है। फिर उसे कितना भी मथा जाए, उसमें से दूध मक्खन नहीं निकलता। रहीमजी कहते हैं कि, बिगड़ी हुई बात फटे हुए जैसी होती है। उसे सुधारने के लिए कितने भी प्रयत्न किए जाएँ, वह नहीं सुधर पाती ।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए:
( 1 ) विपत्तिरूपी कसौटी कैसी है?
उत्तर : कसौटी असली और नकली की पहचान करा देती है। इसी प्रकार विपत्ति के समय सच्चे और झूठे मित्र का पता चल जाता है।
( 2 ) सुई और तलवार का उदाहरण देकर कवि क्या कहना चाहता है ?
उत्तर : सुई और तलवार का उदाहरण देकर कवि कहना चाहता है कि छोटी और बड़ी सभी प्रकार की चीज़ों का अपना-अपना महत्त्व होता है। किसी चीज़ को छोटी या तुच्छ समझकर हमें उसको नहीं फेंक देना चाहिए।
( 3 ) दीनबंधु के समान किसे बताया गया है ?
उत्तर : दीनबंधु भगवान का एक नाम है। जो व्यक्ति गरीबों और अनाथों की मदद करता है, उसे दीनबंधु के समान बताया गया है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
( 1 ) रहीम के अनुसार संपत्ति का महत्त्व क्या है ?
उत्तर : रहीम के अनुसार संपत्ति का यह महत्त्व है कि उससे दूसरों का भला किया जा सकता है।
( 2 ) छोटों का तिरस्कार क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर : छोटों का तिरस्कार नहीं करना चाहिए, क्योंकि जो काम वे करते हैं, वह बड़े नहीं कर सकते ।
( 3 ) सुई का काम कौन नहीं कर सकता ?
उत्तर : सुई का काम तलवार नहीं कर सकती ।
( 4 ) उत्तम प्रकृति का क्या लक्षण है?
उत्तर : उत्तम प्रकृति का यह लक्षण है कि बुराई के बीच रहकर भी वह अपनी अच्छाई नहीं छोड़ती ।
( 5 ) बिगड़े दूध से क्या नहीं निकलेगा ?
उत्तर : बिगड़े दूध ( के दही) से मक्खन नहीं निकलेगा ।
( 6 ) सीसे क्यों नहीं चाहिए ?
उत्तर : प्रश्न का कुछ अर्थ नहीं निकलता । अतः इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया गया।
( 7 ) माँगने के बारे में रहीम क्या कहते हैं?
उत्तर : रहीमजी कहते हैं, कि माँगना मृत्यु के समान है।
( 8 ) रहीमजी किनको मरा हुआ मानते हैं?
उत्तर : रहीमजी माँगनेवालों को और देने से इनकार करनेवालों को मरा हुआ मानते हैं।
( 9 ) थोड़े दिन की विपत्ति भली क्यों है ?
उत्तर : थोड़े दिन की विपत्ति भली है. क्योंकि वह हमारा हित और अहित चाहनेवालों की पहचान करा देती है।
(10) हितकारी और अहितकारी की पहचान कब होती है?
उत्तर : हितकारी और अहितकारी की पहचान विपत्ति के समय होती है।
(11) सच्चे मित्र अपने मित्र की विपत्ति के समय क्या करते हैं?
उत्तर : सच्चे मित्र अपने मित्र की विपत्ति के समय उसका साथ देकर उसकी सहायता भी करते हैं।
(12) ज्ञानी पुरुष धन-संपत्ति का संग्रह क्यों करते हैं?
उत्तर : ज्ञानी पुरुष धन-संपत्ति का संग्रह परोपकार के लिए करते हैं।
(13) वृक्ष और सरोवर हमें किसकी शिक्षा देते हैं ?
उत्तर : वृक्ष और सरोवर हमें परोपकार की शिक्षा देते हैं।
प्रश्न 4. निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए:
( 1 ) रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि ।
उत्तर : लोग प्रायः बड़ों को महत्त्व देते हैं। समाज में धनीमानी लोगों को आदर-सम्मान दिया जाता है। गरीबों को लोग उपेक्षा की दृष्टि से देखते हैं। उपयोगिता की दृष्टि में देखें तो गरीब लोगों का काम भी कम महत्त्व का नहीं होता । किसान, मज़दूर तथा छोटे काम करनेवाले जो देश की बहुमूल्य सेवा करते हैं, वह ऊँचे तबकेवाले नहीं कर सकते । इसलिए हमें बड़े लोगों को मान देते समय निम्नस्तर के लोगों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
( 2 ) चंदन विष व्यापत नहीं, लपटे रहत भुजंग।
उत्तर : चंदन के पेड़ पर साँप लिपटे रहते हैं। इसके बावजूद चंदन का पेड़ साँपों के विष से प्रभावित नहीं होता । साँपों के संग से उसकी सुगंधि में कोई अंतर नहीं पड़ता। इसी प्रकार उत्तम स्वभाव के लोग बुरी संगति में रहकर भी उससे प्रभावित नहीं होते । वे अपने गुणों से अपराधियों को प्रभावित करके उनका जीवन बदल देते हैं।

हेतुलक्षी प्रश्नोत्तर

पद्यलक्षी

1. सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
( 1 ) रहीम ….. के नवरत्नों में से एक थे। (बादशाह अकबर, राजा जयसिंह)
( 2 ) रहीम ने अल्पकाल की विपदा हमारे लिए ……. बताई है। (भली, अधम)
( 3 ) साधारण चीजों का भी अपना …….. होता है। ( असर, महत्त्व)
( 4 ) दीन पर दया करनेवाला ……. के समान होता है। (तपस्वी, ईश्वर )
( 5 ) रहीम का पूरा नाम ………. था। ( अब्दुर्रहीमखान खाना, शैयद रहीम )
उत्तर :
( 1 ) बादशाह अकबर
( 2 ) भली
( 3 ) महत्त्व
( 4 ) ईश्वर
( 5 ) अब्दुर्रहीमखान खाना
2. निम्नलिखित विधान ‘सही’ हैं या ‘गलत’ यह बताइए :
( 1 ) हमें साधारण चीज़ों की उपेक्षा करनी चाहिए ।
( 2 ) साधारण चीज़ों का भी अपना महत्त्व होता है।
( 3 ) हमें कड़वे वचन बोलने चाहिए ।
( 4 ) बात बिगड़ जाने पर उसे सुधारना संभव नहीं होता है।
( 5 ) माँगनेवाले को देने से इनकार करना सबसे बुरी बात है ।
उत्तर :
( 1 ) गलत
( 2 ) सही
( 3 ) गलत
( 4 ) सही
( 5 ) सही
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में लिखिए:
( 1 ) गरीबों पर दयादृष्टि करनेवाले किसके समान हैं ?
( 2 ) अपने-पराये की पहचान किस समय होती है ?
( 3 ) माँगने को रहीम किसके समान बताते हैं ?
उत्तर :
( 1 ) दीनबन्धु या भगवान समान
( 2 ) विपत्ति के समय
( 3 ) मृत्यु के समान
4. निम्नलिखित प्रश्नों के साथ दिए गए विकल्पों से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए :
( 1 ) सच्चे मित्र की कसौटी कब होती है ?
A. बीमारी में
B. मुसाफ़िरी में
C. शिक्षण काल में
D. विपत्ति में
उत्तर : D. विपत्ति में
( 2 ) लोग किसके सगे होते हैं ?
A. अपनों के
B. परायों के
C. संपत्ति के
D. विपत्ति के
उत्तर : C. संपत्ति के
( 3 ) दीनबन्धु कौन है ?
A. धनवान
B. बलवान
C. मनुष्य
D. भगवान
उत्तर : D. भगवान
( 4 ) बिगड़ी हुई बात ऐसी है जैसे ….
A. फुफकारता हुआ साँप
B. फटा हुआ दूध
C. सड़ा हुआ फल
D. टूटी हुई माला
उत्तर : B. फटा हुआ दूध

व्याकरणलक्षी

1. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए:
( 1 ) तरुवर
( 2 ) कसौटी
( 3 ) मीत
( 4 ) लघु
( 5 ) दीनबन्धु
( 6 ) प्रकृति
( 7 ) हित
( 8 ) खीरा
( 9 ) सुजान
(10) उत्तम
(11) दीन
(12) भुजंग
उत्तर :
( 1 ) वृक्ष
( 2 ) परीक्षा
( 3 ) मित्र
( 4 ) छोटा
( 5 ) भगवान
( 6 ) स्वभाव
( 7 ) भलाई
( 8 ) ककड़ी
( 9 ) सज्जन
(10) श्रेष्ठ
(11) गरीब
(12) साँप
2. निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए :
( 1 ) सज्जन
( 2 ) मित्र
( 3 ) विपत्ति
( 4 ) परोपकार
( 5 ) संभव
( 6 ) अंगार
उत्तर :
( 1 ) दुर्जन
( 2 ) शत्रु
( 3 ) सुख
( 4 ) अपरोपकार
( 5 ) असंभव
( 6 ) ओला
3. निम्नलिखित शब्दों का संधि-विग्रह करके लिखिए:
( 1 ) सज्जन
( 2 ) परोपकार
( 3 ) सरोवर
( 4 ) उपेक्षा
( 5 ) महेश
( 6 ) संगीत
उत्तर :
( 1 ) सज्जन = सत् + जन
( 2 ) परोपकार = पर + उपकार
( 3 ) सरोवर = सर: + वर
( 4 ) उपेक्षा = उप + ईक्षा
( 5 ) महेश = महा + ईश
( 6 ) संगीत = सम् + गीत
4. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से भाववाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए:
( 1 ) साधारण चीज़ों का अपना महत्त्व होता है।
( 2 ) मुख से कड़वे वचन बोलना अपराध है।
( 3 ) माँगने की वृत्ति बड़ी बुरी है ।
( 4 ) बड़ों को देखकर छोटों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए ।
( 5 ) आपत्ति थोड़े समय के लिए हो तो अच्छी है।
उत्तर :
( 1 ) महत्त्व
( 2 ) अपराध
( 3 ) वृत्ति
( 4 ) उपेक्षा
( 5 ) आपत्ति
5. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए:
( 1 ) क्लास में प्रत्येक लड़के उत्तीर्ण होंगे।
( 2 ) मेरी आम सड़ी हुई है।
( 3 ) यह घर में कौन रहता है ?
( 4 ) वह आदमी को दौलत का घमंड है।
( 5 ) मैं मेरा काम करता हूँ ।
उत्तर :
( 1 ) क्लास में प्रत्येक लड़का उत्तीर्ण होगा।
( 2 ) मेरा आम सड़ा हुआ है।
( 3 ) इस घर में कौन रहता है ?
( 4 ) उस आदमी को दौलत का घमंड है।
( 5 ) मैं अपना काम करता हूँ।
6. निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए:
( 1 ) दूसरों पर की गई भलाई
( 2 ) अपने परिवार के रिश्तेदार
( 3 ) गरीबों के बन्धु
( 4 ) जिसे किसी की सहायता नहीं है
उत्तर :
( 1 ) परोपकार
( 2 ) सगे
( 3 ) दीनबन्धु
( 4 ) असहाय
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