Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 19 महाकवि कालिदास (गद्य)
Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 19 महाकवि कालिदास (गद्य)
विषय-प्रवेश
कालिदास संस्कृत भाषा के महाकवि हैं। उनके बारे में ऐतिहासिक और भौगोलिक जानकारी प्रमाणित रूप से नहीं मिलती । प्रस्तुत लेख में लेखक ने कालिदास के बारे में उपलब्ध जानकारी देने का प्रयास किया है।
पाठ का सार
जन्म और परिचय : महाकवि के जन्मस्थान के बारे में ठोस जानकारी का अभाव है। कुछ विद्वान उनका जन्म 365 ई. में तथा निधन 445 ई. में मानते हैं। उनका जन्मस्थान उज्जयिनी (उज्जैन) बताया जाता है। उज्जैन में राजा विक्रमादित्य का शासन था। उनके राज्य में प्रजा सब प्रकार से सुखी थी। साहित्य और कला का भी खूब विकास हुआ। राजा विक्रमादित्य ने समय-समय पर सोने के सिक्के चलाए थे। उनके प्रोत्साहन से संस्कृत भाषा की खूब उन्नति हुई थी ।
कालिदास की युवावस्था : ऐसा कहा जाता है कि युवावस्था तक कालिदास निरक्षर थे । वे पेड़ की जिस डाल पर बैठते, उसी को थे।
विद्योत्तमा : विद्योत्तमा राजा शारदानंद की अत्यन्त सुंदर और गुणवती पुत्री थी। उसे अपने रूप, गुण और ज्ञान का बहुत घमंड था। बड़े-बड़े विद्वान और पंडित भी उससे शास्त्रार्थ करने का साहस नहीं करते थे। कुछ ईर्ष्यालु पंडितों ने उसका विवाह किसी मूर्ख से कराने का निश्चय किया। उन्होंने मूर्ख युवक कालिदास को उससे विवाह करने के लिए तैयार किया। पंडितों की सलाह के अनुसार शास्त्रार्थ के समय कालिदास मौन रहे। बस, इशारों से शास्त्रार्थ हुआ।
शास्त्रार्थ : शास्त्रार्थ के समय विद्योत्तमा ने एक उँगली उठाई। इसका अर्थ था – ईश्वर एक है। कालिदास समझे कि यह मेरी एक आँख फोड़ना चाहती है। उन्होंने दो उँगलियाँ उठाकर इशारा किया कि मैं तेरी दोनों आँखें फोड़ दूँगा। पंडितों ने इसका यह अर्थ लगाया कि ईश्वर और जीव दो हैं। इसके बाद विद्योत्तमा ने पाँच उँगलियाँ दिखाकर पाँच तत्त्वों का संकेत किया। कालिदास ने इसे तमाचा मारने का संकेत समझा और मुट्ठी दिखाकर घूँसा मारने का संकेत किया। पंडितों ने इसका यह अर्थ बताया कि पाँच तत्त्वों के मिलने से ही सृष्टि का निर्माण होता है।
विवाह : शास्त्रार्थ में विद्योत्तमा ने अपनी हार मान ली। इस प्रकार पंडितों के छल के कारण मूर्ख युवक से उसका विवाह हो गया ।
भेद खुल गया : परंतु विद्योत्तमा जल्दी ही समझ गई कि पंडितों ने धोखे से उसका विवाह एक मूर्ख युवक से करा दिया है। उसे बहुत दुःख हुआ। उसने अपने महल में कालिदास के प्रवेश पर रोक लगा दी।
माँ काली का वरदान : कहते हैं कि इसके बाद कालिदास ने माँ काली की उपासना कर उन्हें प्रसन्न किया। माँ के वरदान से उन्हें सारी विधाओं का ज्ञान प्राप्त हो गया। इसी से उनका नाम कालिदास पड़ा ।
महाकवि कालिदास : महाकवि कालिदास ने संस्कृत में इन सात ग्रंथों की रचना की :
- ऋतुसंहार – इसमें ऋतुओं का तथा प्रकृति का सुंदर चित्रण है।
- मालविकाग्निमित्र – इसमें विदिशा के राजा अग्निमित्र और विदर्भ की राजकुमारी मालविका की प्रणयकथा है।
- विक्रमोर्वशीयम् – यह महाराज पुरुरवा और अप्सरा उर्वशी की प्रणयकथा है।
- कुमारसंभव – इसमें शिव-पार्वती के विवाह से लेकर कुमार कार्तिकेय के जन्म तथा उसके द्वारा तारकासुर के वध का वर्णन है।
- मेघदूत – इसमें एक यक्ष के विरह का चित्रण है। यक्ष मेघ को दूत बनाकर अपना संदेश मेघ द्वारा अपनी प्रेमिका को पहुंचाता है।
- रघुवंश – इसमें राम के वंश का परिचय है ।
- अभिज्ञानशाकुंतलम् – यह कालिदास की सर्वोत्कृष्ट कृति है। इसमें राजा दुष्यन्त और शकुंतला के प्रेम को नाटक के रूप में बड़े सुंदर रूप में प्रस्तुत किया गया है।
कालिदास का महत्त्व : महाकवि कालिदास महाराज विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक थे। वे हमारे संस्कृत साहित्य में सदा अमर रहेंगे । उनकी रचनाओं में उनके समय के इतिहास, साहित्य, शासन, राजनीति तथा समाज के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छः वाक्यों में लिखिए:
( 1 ) विक्रमादित्य कौन थे ? उनके शासन में समाज और साहित्य की कैसी उन्नति हुई ?
उत्तर : विक्रमादित्य उज्जैन के राजा थे। उनके राज्य में प्रजा सब प्रकार से सुखी थी । देश वैभव सम्पन्न था। साहित्य और कला का अभूतपूर्व उत्कर्ष हुआ था। इस युग में एक से बढ़कर एक कवि, साहित्यकार, संगीतकार और वैज्ञानिक उत्पन्न हुए। संस्कृत भाषा की खूब उन्नति हुई। राजा विक्रमादित्य ने समय-समय पर सोने के सिक्के चलाए । विक्रम संवत भी उन्होंने ही चलाया। इस प्रकार राजा विक्रमादित्य के शासन में देश की सभी क्षेत्रों में प्रगति हुई ।
( 2 ) पंडितों और विद्वानों ने मूर्ख युवक को शास्त्रार्थ के लिए कैसे तैयार किया ?
उत्तर : पंडितों और विद्वानों ने मूर्ख युवक को सुंदर राजकुमारी से विवाह करने के लिए तैयार किया। उन्होंने उसे समझाया कि वह कुछ बोलेगा नहीं, बस गूँगा बना रहेगा । यदि वह बोल देगा तो उसका विवाह नहीं होगा। वह मूर्ख बहुत खुश हुआ उसने पंडितों की बात मान ली। पंडितों ने उसे अच्छे कपड़े पहनाए और अपना गुरु और विद्वान बताकर शास्त्रार्थ के लिए उसे विद्योत्तमा के पास ले गए। इस प्रकार पंडितों और विद्वानों ने मूर्ख युवक को शास्त्रार्थ के लिए तैयार किया ।
( 3 ) पंडितों और विद्वानों ने विद्योत्तमा से किस प्रकार बदला लिया ?
उत्तर : पंडित और विद्वान विद्योत्तमा के घमंड को तोड़ना चाहते थे । उन्होंने उसका विवाह किसी मूर्ख से कराने का निश्चय किया। उन्हें ऐसा एक मूर्ख मिल गया। पंडित और विद्वान उसे समझा-बुझाकर विद्योत्तमा के पास ले गए। उन्होंने उसे अपना गुरु और बहुत बड़ा विद्वान बताया और कहा कि अपने मौन व्रत के कारण ये संकेत से ही शास्त्रार्थ करेंगे। राजकुमारी पंडितों का छल समझ न सकी । शास्त्रार्थ के समय मूर्ख युवक ने राजकुमारी के प्रश्नों मूर्खतापूर्ण उत्तर दिए पर पंडितों ने चतुराई से उन्हें सही उत्तर बताकर विद्योत्तमा को संतुष्ट कर दिया। विद्योत्तमा ने शास्त्रार्थ में अपनी हार मान ली और मूर्ख युवक के साथ उसका विवाह हो गया। इस प्रकार पंडितों और विद्वानों ने विद्योत्तमा से बदला लिया।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए :
( 1 ) कालिदास की अज्ञता किस बात से प्रकट होती है ? कालिदास पेड़ की जिस डाल पर बैठे थे, उसी
उत्तर : निरक्षर को काट रहे थे। उनके इसी कार्य से उनकी अज्ञता प्रकट होती है।
( 2 ) पंडितों और विद्वानों ने विद्योत्तमा से बदला लेने का निश्चय क्यों किया ?
उत्तर : विद्योत्तमा ने घोषणा की थी वह शास्त्रार्थ में उसे हरानेवाले से ही विवाह करेगी। विद्वान और पंडित उससे शास्त्रार्थ करने में ग्लानि का अनुभव कर रहे थे। इसलिए उन्होंने विद्योत्तमा से बदला लेने का निश्चय किया ।
( 3 ) मूर्ख युवक का नाम कालिदास क्यों पड़ा ?
उत्तर : मूर्ख युवक ने माँ काली की उपासना की। देवी ने प्रसन्न होकर उसे सभी विधाओं में प्रवीण होने का वरदान दिया। इस तरह माँ काली की कृपा के कारण मूर्ख युवक बाद में ‘महाकवि कालिदास’ के नाम से विख्यात हुआ ।
( 4 ) विद्योत्तमा का परिचय दीजिए ।
उत्तर : विद्योत्तमा राजा शारदानंद की पुत्री थी। वह गुणवती, विदुषी और बहुत सुंदर थी। उसके रूप, गुण और ज्ञान की प्रशंसा दूर-दूर तक फैली हुई थी। उसे अपने रूप, गुण और ज्ञान का बहुत घमंड था। उसने घोषणा की थी कि जो व्यक्ति उसे शास्त्रार्थ में पराजित करेगा, उसी के साथ वह विवाह करेगी।
( 5 ) महाकवि कालिदास की कृतियों के नाम दीजिए।
उत्तर : महाकवि कालिदास की कृतियाँ : (1) ऋतुसंहार, (2) मालविकाग्निमित्र, (3) विक्रमोर्वशीयम्, (4) कुमारसंभव, (5) मेघदूत, (6) रघुवंश और ( 7 ) अभिज्ञानशाकुंतलम् ।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए:
( 1 ) कालिदास के जन्मस्थान का नाम बताइए ।
उत्तर : कालिदास का जन्मस्थान उज्जयिनी (उज्जैन) माना जाता है।
( 2 ) महाकवि कालिदास किस राजा के दरबार के रत्न थे ?
उत्तर : महाकवि कालिदास राजा विक्रमादित्य के दरबार के रत्न थे ।
( 3 ) युवा कालिदास को मूर्ख क्यों माना जाता है ?
उत्तर : युवा कालिदास को मूर्ख माना जाता है, क्योंकि वे वृक्ष की जिस डाल पर बैठे थे, उसी को काट रहे थे।
( 4 ) मूर्ख युवक ने पंडितों की बात क्यों मान ली ?
उत्तर : मूर्ख युवक ने पंडितों की बात मान ली, क्योंकि उन्होंने उसे सुन्दर राजकुमारी से विवाह का लालच दिया था ।
( 5 ) विद्योत्तमा किसकी पुत्री थी ?
उत्तर : विद्योत्तमा राजा शारदानंद की पुत्री थी ।
( 6 ) विद्योत्तमा को किस बात का घमंड था ?
उत्तर : विद्योत्तमा को अपने रूप, गुण और ज्ञान का घमंड था ।
( 7 ) विद्योत्तमा ने अपने विवाह के बारे में क्या घोषणा की थी ?
उत्तर : विद्योत्तमा ने अपने विवाह के बारे में यह घोषणा की थी कि जो व्यक्ति उसे शास्त्रार्थ में हरा देगा, उसी के साथ वह विवाह करेगी।
( 8 ) पंडितों ने विद्योत्तमा से किस प्रकार बदला लिया ?
उत्तर : पंडितों ने एक मूर्ख युवक से उसका विवाह करवाकर विद्योत्तमा से बदला लिया।
( 9 ) पॉडितों ने विद्योत्तमा की एक उँगली के इशारे का क्या अर्थ बताया ?
उत्तर : पंडितों ने विद्योत्तमा की एक उँगली के इशारे का यह अर्थ बताया कि ईश्वर एक है।
(10) मूर्ख युवक ने विद्योत्तमा की उँगली के इशारे को क्या समझा ?
उत्तर : मूर्ख युवक ने विद्योत्तमा की उँगली के इशारे को यह समझा कि वह उसकी एक आँख फोड़ना चाहती है।
(11) मूर्ख युवक ने विद्योत्तमा को दो उँगलियाँ क्यों दिखाई ?
उत्तर : मूर्ख युवक ने विद्योत्तमा की दोनों आँखे फोड़ने के लिए उसे दो उँगलियाँ दिखाई।
(12) विद्योत्तमा ने पंचतत्त्वों का संकेत किस प्रकार किया ?
उत्तर : विद्योत्तमा ने अपनी पाँच उँगलियाँ दिखाकर पंचतत्त्वों की ओर संकेत किया।
(13) मूर्ख युवक की मुट्ठी का पंडितों ने क्या अर्थ बताया ?
उत्तर : मूर्ख युवक की मुट्ठी का पंडितों ने यह अर्थ बताया कि पाँच तत्त्वों के मिलने से ही सृष्टि का निर्माण होता है।
(14) ‘मेघदूत’ का नायक कौन है ?
उत्तर : ‘मेघदूत’ का नायक एक यक्ष है।
(15) ‘मेघदूत’ में दूत कौन है ?
उत्तर : ‘मेघदूत’ में दूत बादल है।
(16) विक्रमसंवत का आरंभ किसने करवाया था ?
उत्तर : विक्रमसंवत का आरंभ उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने करवाया था ।
प्रश्न 4. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
( 1 ) विद्योत्तमा के एक उँगली दिखाने में …….. का भाव था।
( 2 ) सृष्टि का निर्माण …….. तत्त्वों के मेल से होता है।
( 3 ) ऊँट की बोली सुनकर मूर्ख युवक …….. बोल उठा ।
उत्तर :
( 1 ) ईश्वर के एक होने
( 2 ) पाँच
( 3 ) उट्र – उट्र
हेतुलक्षी प्रश्नोत्तर
गद्यलक्षी
1. सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
( 1 ) उन दिनों …….. में राजा विक्रमादित्य का राज्य था । (धारानगरी, उज्जयिनी)
( 2 ) महाकवि कालिदास शुरू से ………. नहीं थे। (विद्वान, मूर्ख)
( 3 ) कालिदास के …….. प्रमुख ग्रंथ हैं। (सात, पाँच)
( 4 ) विद्योत्तमा ने ……… में उसे हरानेवाले से विवाह करने की घोषणा की थी। (शास्त्रार्थ, वाद-विवाद)
( 5 ) विद्योत्तमा ने अपनी पाँच उँगलियाँ दिखाकर ……… की ओर संकेत किया। (पंडित, पंचतत्त्वों)
उत्तर :
( 1 ) उज्जयिनी
( 2 ) विद्वान
( 3 ) सात
( 4 ) शास्त्रार्थ
( 5 ) पंचतत्त्वों
2. निम्नलिखित विधान ‘सही’ हैं या ‘गलत’ यह बताइए :
( 1 ) कालिदास शुरू से ही विद्वान थे ।
( 2 ) एक उँगली उठाने का अर्थ – ‘ईश्वर एक है’ ऐसा बताया।
( 3 ) शास्त्रार्थ में विद्योत्तमा जीत गई।
( 4 ) कालिदास को माँ जगदंबा का वरदान मिला।
( 5 ) कालिदास ने संस्कृत के सात ग्रंथों की रचनाएँ कीं ।
( 6 ) ‘मेघदूत’ में वर्षाकाल और विरह का वर्णन किया गया है।
( 7 ) विक्रमादित्य के दरबार में सात रत्न थे।
( 8 ) राजा विक्रमादित्य साहित्य और संगीत के अच्छे जानकार नहीं थे।
उत्तर :
( 1 ) गलत
( 2 ) सही
( 3 ) गलत
( 4 ) गलत
( 5 ) सही
( 6 ) सही
( 7 ) गलत
( 8 ) गलत
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में लिखिए:
( 1 ) संस्कृत के महाकवि के रूप में हम किसे जानते हैं?
( 2 ) कालिदास का जन्मस्थान कौन-सा है ?
( 3 ) कालिदास युवावस्था में कैसे थे ?
( 4 ) बाद में कालिदास को किसका वरदान मिला ?
उत्तर :
( 1 ) कालिदास को
( 2 ) उज्जयिनी
( 3 ) मूर्ख
( 4 ) माँ काली का
4. सही वाक्यांश चुनकर निम्नलिखित विधान पूर्ण कीजिए :
( 1 ) महाकवि कालिदास …..
(अ) बाण से पहले हुए थे।
(ब) बाण के बाद हुए थे ।
(क) बाण के समकालीन थे।
उत्तर : महाकवि कालिदास बाण से पहले हुए थे।
( 2 ) पंडितों ने मूर्ख युवक को ….
(अ) बहुत बड़ा शास्त्रकार बताया।
(ब) वक्ता और उपदेशक बताया ।
(क) अपना गुरु और बहुत बड़ा विद्वान बताया।
उत्तर : पंडितों ने मूर्ख युवक को अपना गुरु और बहुत बड़ा विद्वान बताया ।
( 3 ) कालिदास विश्वविख्यात हैं …
(अ) अपने नाटकों के लिए।
(ब) अपने पात्रों के लिए।
(क) अपनी उपमाओं के लिए।
उत्तर : कालिदास विश्वविख्यात है अपनी उपमाओं के लिए।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के साथ दिए गए विकल्पों से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए :
( 1 ) राजा विक्रमादित्य का राज्य कहाँ था ?
A. धारानगरी में
B. उज्जयिनी में
C. पाटलीपुत्र में
D. श्रावस्ती में
उत्तर : B. उज्जयिनी में
( 2 ) कालिदास किन में प्रवीण हो गए?
A. कलाओं में
B. विधाओं में
C. शास्त्रों में
D. तंत्रों में
उत्तर : B. विधाओं में
( 3 ) ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’ में …
A. राजा भोज और उसकी रानी की कथा है।
B. राजा भीमसेन और पद्मावती की कथा है।
C. राजा दुष्यंत और शकुंतला की कथा है।
D. राजा पुष्पसेन और वल्लरी की कथा है।
उत्तर : C. राजा दुष्यंत और शकुंतला की कथा है।
( 4 ) विक्रमादित्य कौन थे ?
A. उज्जैन के मंत्री
B. उज्जैन के राजा
C. उज्जैन के कवि
D. उज्जैन के साहित्यकार
उत्तर : B. उज्जैन के राजा
( 5 ) मूर्ख युवक का नाम कालिदास क्यों पड़ा ?
A. उनके घरवालों ने यह नाम रखा था ।
B. उनकी माँ ने यह नाम रखा था ।
C. माँ काली की कृपा के कारण।
D. माँ काली का पुत्र होने के कारण ।
उत्तर : C. माँ काली की कृपा के कारण।
व्याकरणलक्षी
1. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए:
( 1 ) अनुरोध
( 2 ) निरक्षर
( 3 ) रोचक
( 4 ) ग्लानि
( 5 ) यकायक
( 6 ) उपासना
( 7 ) विधा
( 8 ) प्रवीण
( 9 ) अनावृत्त
(10) शीघ्र
उत्तर :
( 1 ) आग्रह
( 2 ) अनपढ़
( 3 ) दिलचस्प
( 4 ) दु:ख
( 5 ) अचानक
( 6 ) पूजा
( 7 ) शाखा
( 8 ) कुशल
( 9 ) खुला हुआ
(10) जल्दी
2. निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए:
( 1 ) आवृत्त
( 2 ) मंद
( 3 ) पंडित
( 4 ) निर्माण
( 5 ) संस्कृत
( 6 ) निरक्षर
उत्तर :
( 1 ) अनावृत्त
( 2 ) तीव्र
( 3 ) मूर्ख
( 4 ) विनाश
( 5 ) असंस्कृत
( 6 ) साक्षर
3. निम्नलिखित शब्दों की सही वर्तनी लिखिए:
( 1 ) कालीदास
( 2 ) वीक्रमादीत्य
( 3 ) वीद्योतमा
( 4 ) प्रविण
( 5 ) इस्वर
उत्तर :
( 1 ) कालिदास
( 2 ) विक्रमादित्य
( 3 ) विद्योत्तमा
( 4 ) प्रवीण
( 5 ) ईश्वर
4. निम्नलिखित शब्दों का संधि-विग्रह करके लिखिए:
( 1 ) उपेक्षा
( 2 ) गुरुपदेश
( 3 ) विद्योत्तमा
( 4 ) उत्तराधिकारी
( 5 ) शास्त्रार्थ
( 6 ) निरक्षर
( 7 ) व्याधि
उत्तर :
( 1 ) उपेक्षा = उप + ईक्षा
( 2 ) गुरुपदेश = गुरु + उपदेश
( 3 ) विद्योत्तमा = विद्या + उत्तमा
( 4 ) उत्तराधिकारी = उत्तर + अधिकारी
( 5 ) शास्त्रार्थ = शास्त्र + अर्थ
( 6 ) निरक्षर = नि: + अक्षर
( 7 ) व्याधि = वि + आधि
5. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से भाववाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए:
( 1 ) संस्कृत साहित्य में कालिदास की विद्वत्ता के अनेक प्रशंसक हैं।
( 2 ) विद्योत्तमा अत्यंत ही सुंदर, ज्ञानी और गुणी थी, इसलिए लोग उसकी प्रशंसा करते थे।
( 3 ) समाज में नारी को बड़े सम्मान के साथ देखा जाता था ।
( 4 ) कालिदास ने बाद में अनेक विषयों में प्रावीण्य प्राप्त कर लिया ।
उत्तर :
( 1 ) विद्वत्ता
( 2 ) प्रशंसा
( 3 ) सम्मान
( 4 ) प्रावीण्य
6. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से कर्तृवाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए:
( 1 ) कालिदास संस्कृत साहित्य के महान कवि के रूप में प्रसिद्ध हैं।
( 2 ) राजा विक्रमादित्य स्वयं साहित्य और संगीत के अच्छे जानकार थे।
( 3 ) संस्कृत के महान साहित्यकारों में उनका नाम लिया जाता है।
( 4 ) विद्योत्तमा के अनेक प्रशंसक उसकी सुंदरता, गुण और ज्ञान की प्रशंसा करते 1
उत्तर :
( 1 ) कवि
( 2 ) जानकार
( 3 ) साहित्यकार
( 4 ) प्रशंसक
7. निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए:
( 1 ) जिसमें सबका हित समाया हुआ हो
( 2 ) विद्वानों द्वारा की जानेवाली शास्त्रों की चर्चा
( 3 ) विद्या में जो उत्तम हो
( 4 ) बच्चों का पारिवारिक रक्षक
( 5 ) साहित्य की रचना करनेवाला
( 6 ) देखने लायक
उत्तर :
( 1 ) सर्वहितकारी
( 2 ) शास्त्रार्थ
( 3 ) विद्योत्तमा
( 4 ) अभिभावक
( 5 ) साहित्यकार
( 6 ) दर्शनीय
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