Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 20 धरती की शान (पद्य)

Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 20 धरती की शान (पद्य)

विषय-प्रवेश

मनुष्य धरती का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। अपनी बुद्धि-बल से उसने असंभव को भी संभव कर दिखाया है। जल-थल और नभ तीनों में उसने अनोखी उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रत्येक भारतवासी को धरती की शान बताकर उसका अभिनंदन किया है।

कविता का सार

मनुष्य में ईश्वर का निवास : पर्वत और नदियाँ सब मनुष्य के वश में हैं। मनुष्य मिट्टी से भी अमृत निकाल सकता है। वह धरती- आकाश को एक कर सकता है।
पृथ्वी के लाल में अदभुत शक्तियाँ हैं : मनुष्य पृथ्वी का लाल है। उसकी छाती में महाकाल बैठा हुआ है। साक्षात् हिमालय जैसा उसका मस्तक है। उसकी वाणी में युग की पुकार है। उसकी भृकुटी में शिव का तांडव निवास करता है।
काल को भी थामने की शक्ति : मनुष्य की शक्ति की कोई सीमा नहीं है। उसमें धरती के समान धीरज रखने की शक्ति है, तो अग्नि जैसा बल भी है। वह पापों को बढ़ने से रोक सकता है और पशुता को जीत सकता है। वह आकाश से भी ऊँचा उड़कर दिखा सकता है। वह काल को भी रोक सकता है।

कविता का अर्थ

(1) धरती की शान …….. महान है। [1-3]
हे भारतमाता की संतान, तू इस धरती का गौरव है। तू तूफ़ान को भी अपनी मुट्टियों में बंद करने की शक्ति रखता है। हे मनुष्य, सचमुच तू बहुत महान है, शक्तिशाली है।
(2) तू जो चाहे ……. भगवान है। Gaddacode [4-9]
हे मनुष्य, तू चाहे तो पर्वत को फोड़ सकता है। तू नदियों के प्रवाह को मोड़ने की शक्ति रखता है। तू चाहे तो मामूली समझी जानेवाली मिट्टी से भी अमृत निकाल सकता है। तू धरती को आकाश से जोड़ भी सकता है। हे मनुष्य, तेरे प्राणों को अमर रहने का वरदान मिला है। तेरी आत्मा में स्वयं भगवान रहते हैं। इसलिए तुझे मरने का भय नहीं होना चाहिए।
(3) नयनों में ज्वाल ……….. आह्वान है रे । [10-15] 
कवि कहते हैं कि हे मनुष्य, क्रोध से भरे तेरे नेत्र अग्नि की ज्वाला के समान बन सकते हैं। तेरी गति में भूकंप लाने की शक्ति है। स्वयं महाकाल तेरे सीने (हृदय) में रहता है। हे मनुष्य, तू पृथ्वी का पुत्र है। तेरा मस्तक हिमालय की तरह ऊँचा है। तेरी भौंहों में भगवान शिव के तांडव नृत्य की लय (विनाश करने की शक्ति) है। हे मनुष्य, तू खुद को पहचान, तुझमें अपार शक्तियाँ छिपी हैं, उन्हें जानने का प्रयत्न कर | तू चाहे तो तेरी वाणी नए युग को बुला सकती है।
(4) धरती – सा धीर ……… उड़ान है रे । [16-21] 
हे मनुष्य, तुझमें धरती के समान धीरज रखने की शक्ति है। इसी तरह तुझमें अग्नि के समान जला देने की शक्ति भी है। अरे मनुष्य, तू अगर ठान ले तो काल को आगे बढ़ने से रोक सकता है। आज धरती पर जो पाप की बाढ़ आई है, तू चाहे तो उसे भी रोक सकता है। जो पशुता आज अपना सिर उठा रही है, हिम्मत से तू उसे परास्त कर सकता है। हे मनुष्य, तुझमें बृहस्पति जैसी उच्च कोटि की बुद्धि है और तू वक्त के समान गति रखनेवाला है। इसलिए तू आकाश में जैसी चाहे, वैसी उड़ान भर सकता है।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छः वाक्यों में लिखिए:
( 1 ) ‘ धरती की शान’ कविता में कवि ने किन प्राकृतिक दृश्यों का चित्रण किया है? कैसे?
उत्तर : कवि ने कविता में पहाड़, नदियाँ, धरती, आकाश, हवा जैसे प्राकृतिक दृश्यों का चित्रण किया है। कवि ने मनुष्य को असीम शक्तियों से संपन्न बताया है। वह कहता है कि मनुष्य चाहे तो पर्वतों को फोड़ सकता है। वह चाहे तो नदियों के प्रवाह को मोड़ सकता है। । वह अगर ठान ले तो धरती और आकाश को जोड़ भी सकता है। मनुष्य पवन-सा गतिमान है। इसलिए वह आकाश में ऊँची-से ऊँची उड़ान भरने में समर्थ है।
( 2 ) ‘ धरती की शान’ कविता में मनुष्य के प्रति किस भाव की अभिव्यक्ति हुई है, और उससे हमें क्या प्रेरणा मिलती है ?
उत्तर : ‘धरती की शान’ कविता में मनुष्य को सर्वशक्तिमान बताया गया है। उसकी आत्मा परमात्मा का रूप है । इस दृष्टि से मनुष्य अजर- अमर प्राणी है। इससे हमें यह प्रेरणा मिलती है कि मनुष्य होने के कारण हमें अपने लक्ष्य ऊँचे रखने चाहिए। हमें किसी काम को पहचानकर कठिन से कठिन कार्य करने में पीछे नहीं हटना चाहिए। हमें निराशा का शिकार होकर अपनेआप को कभी अशक्त नहीं अनुभव करना चाहिए ।
( 3 ) ‘ धरती की शान’ से कवि का क्या तात्पर्य है? भाव स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : ‘धरती की शान’ से कवि का तात्पर्य मनुष्य की गौरवपूर्ण उपलब्धियाँ हैं। मनुष्य ने अपने बुद्धिबल से ऐसे अनेक कार्य कर दिखाए हैं, जो कभी असंभव माने जाते थे। मनुष्य ने सभ्यता और संस्कृति के ऊँचे आदर्श कायम किए हैं। उसने धरती पर के सभी प्राणियों में अपने को सर्वश्रेष्ठ साबित कर दिया है। इसलिए कवि मनुष्य को ‘धरती की ‘शान’ मानता है।
( 4 ) मनुष्य के लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है। काव्य के आधार पर अपने विचार प्रकट कीजिए ।
उत्तर : मनुष्य अत्यंत समर्थ प्राणी है। वह चाहे तो पहाड़ों को फोड़ सकता है। वह चाहे तो नदियों के प्रवाह की दिशा बदल सकता है। वह मिट्टी से अमृत निचोड़ सकता है। वह चाहे तो काल को भी रोक सकता है। इस प्रकार मनुष्य हर असंभव कार्य को संभव बना सकता है।
( 5 ) ‘ धरती की शान’ कविता का केन्द्रीय भाव स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : ‘धरती की शान’ कविता में कवि ने मनुष्य को धरती का ‘सर्वशक्तिमान प्राणी’ बताया है । कवि के अनुसार मनुष्य में अनेक प्रकार की शक्तियाँ छिपी हुई हैं। मनुष्य अपनी इन शक्तियों को नहीं पहचानता। इसीलिए वह असहाय बन जाता है। सच यह है कि मनुष्य महाकाल बन सकता है। उसकी आवाज युग बदल सकती है। वह चाहे तो ऊँची-से ऊँची उड़ान भर सकता है। इस प्रकार कविता का केन्द्रीय भाव मनुष्य को अपनी शक्तियों को पहचानने के लिए प्रेरित करना है।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए :
( 1 ) मनुष्य को कौन-सा वरदान मिला है ?
उत्तर : मनुष्य की आत्मा में स्वयं भगवान रहते हैं । इसलिए उसके प्राणों को अमरता का वरदान मिला है।
( 2 ) कवि ने पृथ्वी के लाल से क्या कहा है ?
उत्तर : कवि ने मनुष्य को पृथ्वी का लाल कहा है । कवि उससे कहता है तेरे अंदर बहुत-सी शक्तियाँ हैं जिनका तुझे ज्ञान होना चाहिए।
( 3 ) हिम्मत से काम लेने पर मनुष्य क्या कर सकता है?
उत्तर : मनुष्य अगर हिम्मत से काम ले तो धरती पर फैल रहे पापों के प्रलय को रोक सकता है। उसके सामने पशुता भी अपना सिर झुका सकती है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए:
( 1 ) कवि की दृष्टि में सर्वाधिक महान कौन है ?
उत्तर : कवि की दृष्टि में सर्वाधिक महान मनुष्य है।
( 2 ) आप क्या क्या कर सकते हैं?
उत्तर : एक विद्यार्थी होने के नाते मैं अच्छे से अच्छा इन्सान बनकर वे सारे काम कर सकता हूँ जो मेरे कार्य-क्षेत्र में आते हैं।
( 3 ) अन्य जीवों से मनुष्य महान कैसे है ?
उत्तर : अन्य जीवों से मनुष्य महान है। अन्य जीव अब भी बहुत पिछड़े हैं जबकि मनुष्य ने जल, थल और नभ पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया है।
( 4 ) मनुष्य किससे क्या निचोड़ सकता है ?
उत्तर : मनुष्य चाहे तो मिट्टी से अमृत निचोड़ सकता है।
( 5 ) मनुष्य किससे किसको जोड़ सकता है ?
उत्तर : मनुष्य चाहे तो धरती को आकाश से जोड़ सकता है।
( 6 ) मनुष्य किस पर विजय पा सकता है ?
उत्तर : मनुष्य पाप और पशुता पर विजय पा सकता है।
( 7 ) मनुष्य की भृकुटी में क्या छिपा है ?
उत्तर : मनुष्य की भृकुटी में तांडव का ताल छिपा है।
( 8 ) कवि मनुष्य को क्या पहचानने के लिए कहता है ?
उत्तर : कवि मनुष्य को अपनी छिपी शक्तियाँ पहचानने के लिए कहता है।
( 9 ) मनुष्य की वाणी में किसका आह्वान है ?
उत्तर : मनुष्य की वाणी में युग का आहवान है।
(10) मनुष्य चाहे तो किसे थाम सकता है ?
उत्तर : मनुष्य चाहे तो काल को भी थाम सकता है।
(11) धरती – सा धीर किसे कहा गया है ?
उत्तर : धरती-सा धीर मनुष्य को कहा गया है।
(12) ‘धरती की शान’ कविता के रचयिता कौन हैं ?
उत्तर : ‘धरती की शान’ कविता के रचयिता पंडित भरत व्यास हैं।
प्रश्न 4. निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए :
( 1 ) गुरु – सा मतिमान, पवन – सा तू गतिमान,
तेरी नभ से भी ऊँची उड़ान है रे ।
उत्तर : मनुष्य के पास बुद्धि की कमी नहीं है। उसके पास बृहस्पति जैसी प्रतिभा है। वह वायु जैसी गति रखता है। वह चाहे तो आकाश से भी ऊँचा उठ सकता है। कवि कहना चाहता है कि यदि मनुष्य अपने अंदर छिपी शक्तियों को जाग्रत कर ले तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
( 2 ) धरती की शान तू भारत की संतान, तेरी मुट्ठियों में बंद तूफ़ान है रे ।
उत्तर : प्रत्येक भारतवासी महान है। उसमें अनंत शक्तियाँ छिपी हुई हैं। वह अपने आपमें तूफ़ान जैसी शक्ति रखता है। वह चाहे तो उसकी उपलब्धियाँ धरती का गौरव बन सकती हैं।

हेतुलक्षी प्रश्नोत्तर

पद्यलक्षी

1. सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
( 1 ) मनुष्य मिट्टी से …….. निकाल सकता है। (सोना, अमृत)
( 2 ) मनुष्य की छाती में ……… बैठा है। ( महाकाल, कामदेव)
( 3 ) मनुष्य का धैर्य ……… के समान है। (धरती, प्रलय)
( 4 ) मनुष्य को ……… का वरदान मिला है। (निर्भयता, अमरता)
( 5 ) कवि की दृष्टि में ……… सर्वाधिक महान है। (मनुष्य, यमराज)
उत्तर :
( 1 ) अमृत
( 2 ) महाकाल
( 3 ) धरती
( 4 ) अमरता
( 5 ) मनुष्य
2. निम्नलिखित विधान ‘सही’ हैं या ‘गलत’ यह बताइए :
( 1 ) पर्वत और नदियाँ मनुष्य के वश में हैं।
( 2 ) मनुष्य धरती और आकाश को एक कर सकता है।
( 3 ) मनुष्य की वाणी में युग की पुकार है।
( 4 ) मनुष्य आकाश से ऊँचा नहीं उड़ सकता ।
( 5 ) मनुष्य की छाती में महाकाल छिपा है ।
उत्तर :
( 1 ) सही
( 2 ) सही
( 3 ) सही
( 4 ) गलत
( 5 ) सही
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में लिखिए:
( 1 ) मनुष्य मिट्टी से क्या निकाल सकता है?
( 2 ) मनुष्य की छाती में कौन बैठा है?
( 3 ) मनुष्य की धीरज किसके समान है ?
( 4 ) मनुष्य को कौन सा वरदान मिला है?
उत्तर :
( 1 ) अमृत
( 2 ) महाकाल
( 3 ) धरती के समान
( 4 ) अमरता का
4. निम्नलिखित प्रश्नों के साथ दिए गए विकल्पों से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए:
( 1 ) तू जो चाहे पर्वत पहाड़ों को …
A. मोड़ दे
B. फोड़ दे
C. तोड़ दे
D. जोड़ दे
उत्तर : B. फोड़ दे
( 2 ) पृथ्वी के लाल तेरा हिमगिरि-सा …
A. हाल
B. भाल
C. काल
D. मिसाल
उत्तर : B. भाल
( 3 ) ……. को तू जान, जरा शक्ति पहचान ।
A. निज
B. स्वयं
C. खुद
D. स्व
उत्तर : A. निज
( 4 ) तू जो अगर हिम्मत से ……. ले,
A. ठान
B जान
C. काम
D. पहचान
उत्तर : C. काम
( 5 ) मनुष्य की आत्मा में किसका वास है ?
A. भगवान का
B. शैतान का
C. हनुमान का
D. विज्ञान का
उत्तर : A. भगवान का

व्याकरणलक्षी

1. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए:
( 1 ) शान
( 2 ) नभ
( 3 ) भूचाल
( 4 ) आह्वान
( 5 ) भाल
( 6 ) वाणी
( 7 ) तूफ़ान
( 8 ) धीर
( 9 ) अमृत
(10) हिम्मत
(11) निज
(12) हिमगिरि
(13) शीश
(14) ताल
(15) भृकुटी
(16) लाल
उत्तर :
( 1 ) गौरव
( 2 ) आकाश
( 3 ) भूकंप
( 4 ) पुकार
( 5 ) ललाट
( 6 ) वचन
( 7 ) कहर
( 8 ) धैर्ययुक्त
( 9 ) सुधा
(10) वीरता
(11) अपना
(12) हिमालय
(13) मस्तक
(14) लय
(15) भौंह
(16) पुत्र
2. निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए :
( 1 ) अमृत
( 2 ) अम्बर
( 3 ) अमर
( 4 ) धीर
( 5 ) वीर
( 6 ) पाप
( 7 ) जीवन
( 8 ) वरदान
( 9 ) प्रलय
उत्तर :
( 1 ) जहर
( 2 ) धरती
( 3 ) मर्त्य
( 4 ) अधीर
( 5 ) कायर
( 6 ) पुण्य
( 7 ) मृत्यु
( 8 ) अभिशाप
( 9 ) निर्माण
3. निम्नलिखित शब्दों का संधि-विग्रह करके लिखिए:
( 1 ) सर्वाधिक
( 2 ) परमात्मा
( 3 ) प्रत्येक
( 4 ) अंतर्निहित
उत्तर :
( 1 ) सर्वाधिक = सर्व + अधिक
( 2 ) परमात्मा = परम + आत्मा
( 3 ) प्रत्येक = प्रति + एक
( 4 ) अंतर्निहित = अंतः + निहित
4. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से भाववाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए:
( 1 ) मनुष्य मिट्टी में से भी अमृत निकाल सकता है।
( 2 ) मनुष्य की शक्ति की कोई सीमा नहीं।
( 3 ) वह आकाश की ऊँचाई सर कर सकता है।
( 4 ) मनुष्य पशुता पर वह विजयी हो सकता है।
उत्तर :
( 1 ) अमृत
( 2 ) शक्ति
( 3 ) ऊँचाई
( 4 ) पशुता
5. निम्नलिखित वाक्यों के रचना की दृष्टि से प्रकार लिखिए:
( 1 ) निसर्ग पढ़ रहा है।
(2) हमें सत्य बोलना चाहिए; किन्तु वह अप्रिय नहीं होना चाहिए।
( 3 ) यह वही भारत देश है, जिसकी संस्कृति महान है।
उत्तर :
( 1 ) सरल वाक्य
( 2 ) संयुक्त वाक्य
( 3 ) मिश्र वाक्य
6. निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए:
( 1 ) अग्नि की लपट
( 2 ) बर्फ से बना हुआ पहाड़
( 3 ) जो कभी भी हो नहीं सकता
( 4 ) किसी के अंदर समाया हुआ
उत्तर :
( 1 ) ज्वाला
( 2 ) हिमगिरि
( 3 ) असंभव
( 4 ) अंतर्निहित
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