Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 22 वीरों का कैसा हो वसन्त ? (पद्य)
Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 22 वीरों का कैसा हो वसन्त ? (पद्य)
विषय-प्रवेश
वसन्त ऋतु अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए प्रसिद्ध है। प्रकृति का हर रूप इस ऋतु में निखर उठता है, परंतु वीरों को प्रकृति के इस सौन्दर्य में रुचि नहीं होती। उन्हें तो उन शत्रुओं से लड़ने और उन्हें परास्त करने में रुचि होती है, जो अनीति और अन्याय के सिवा कुछ नहीं जानते। उन्हें बाग-बगीचे नहीं, बल्कि वे स्थान पसंद होते हैं, जहाँ शौर्य और पराक्रम के फूल खिलते हैं। प्रस्तुत कविता में कवयित्री ने यही बताया है कि वीरों का वसन्त कैसा होना चाहिए ।
कविता का सार
चारों ओर से एक ही प्रश्न : हिमालय पर्वत, गरजता हुआ सागर, पूर्व, पश्चिम आदि सब दिशाएँ एक ही प्रश्न पूछ रही हैं कि वीरों का वसन्त कैसा होना चाहिए ?
प्रकृति का आकर्षक रूप : वसन्त ऋतु में सरसों फूली है। कामदेव भी अपनी मदिरा लेकर आ पहुँचा है। पृथ्वी भी प्रसन्न है। किन्तु वीर पुरुष (नायक) को इसमें रुचि नहीं है। वह तो यह दिखाना चाहता है कि वीरों का वसन्त कैसा होना चाहिए ।
आदि – अंत का मिलन : इधर कोयल कूक रही है और उधर युद्ध के वाद्य (बाजे) बज रहे हैं। एक ओर रंग है, दूसरी ओर रण है। ऐसा लगता है जैसे जीवन के दोनों छोर ( आदि और अन्त ) आज मिलकर पूछ रहे हैं कि वीरों का वसन्त कैसा होना चाहिए?
अतीत ही प्रश्न का उत्तर देगा : लंका और कुरुक्षेत्र में हुए वीरों के पराक्रम ही वीरों का वसन्त कैसा हो, इस प्रश्न का उत्तर दे सकेंगे ।
राणा – ताना की शौर्य गाथाएँ : राणा प्रताप और तानाजी मालसुरे की वीरता और बलिदान वीरों के वसन्त की यादें ताजा कर देंगे ।
बताने की आजादी नहीं : आज भूषण और चंद बरदाई जैसे वीररस के कवि भी नहीं हैं और कलम पर भी पाबंदी है, फिर हमें कौन बताए कि वीरों का वसन्त कैसा होना चाहिए ।
कविता का अर्थ
(1) वीरों का …….. हो वसन्त ? [1-6]
हिमालय पुकार कर पूछ रहा है; सागर भी गरज़ – गरज़कर बार- बार कह रहा है; पूर्व, पश्चिम, पृथ्वी, आकाश सब यही पूछ रहे हैं कि वीरों का वसन्त कैसा होना चाहिए?
(2) फूली सरसों ……… वसन्त ? [7-11]
सरसों में फूल आ गए हैं। उनसे वातावरण को पीला रंग मिल गया है। कामदेव अपनी मदिरा लेकर आ पहुंचा है। पृथ्वी भी नववधू जैसी सजकर प्रसन्न हो रही है। परन्तु नायक ( वीरपुरुष) को इसमें दिलचस्पी नहीं है। वह वीर वेश धारण कर यह बताना चाहता है कि वसन्त कैसा होना चाहिए?
(3) भर रही ………. वसन्त ? [12-16]
इधर कोयल तानें भर-भरकर कूक रही है और उधर युद्ध के बाजे बज रहे हैं। एक ओर वसन्त का रंग है और दूसरी ओर युद्ध की तैयारी है । ऐसा लगता है जैसे आदि और अन्त के रूप में जीवन के दो पहलू मिलने आए हैं और पूछ रहे हैं कि वीरों का वसन्त कैसा होना चाहिए?
(4) कह दे अतीत ……… वसन्त ? [17-21]
हे अतीत। अब तुम चुप मत रही और वीरों के वसन्त के असली रूप के बारे मैं बता दो। हे लंके। तुम भी बता दो कि तुम में हनुमान ने आग क्यों लगाई थी? हे कुरुक्षेत्र। तुम भी जागकर बता दो कि महाभारत का युद्ध क्यों हुआ था? तुम सबको बता दो कि वीरों का वसन्त कैसा होना चाहिए ?
(5) हल्दी घाटी ……… वसन्त ? [22-26]
हल्दी घाटी के पत्थरों और सिंहगढ़ के मजबूत किले। तुम महाराणा प्रताप और तानाजी के स्वाभिमान को याद कर अपने समय की यादें फिर से ताजा कर दो और बता दो कि वीरों का वसन्त कैसा होना चाहिए?
(6) भूषण …….. वसन्त ? [27-31]
आज भूषण अथवा चंदबरदाई जैसे वीररस के कवि नहीं हैं। ऐसे छन्द भी नहीं हैं जिन्हें सुनकर लोगों में बिजली भर जाए। इसके अतिरिक्त हमारी कलम पर भी पाबन्दी लगी है। खुलकर कुछ लिखना भी संभव नहीं है। दुर्भाग्य है। फिर हमें कौन बताए कि वीरों का वसन्त कैसा होता है?
प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छः वाक्यों में लिखिए :
( 1 ) ‘वीरों का कैसा हो वसन्त ?’ इस पंक्ति को अपने शब्दों . में कविता के आधार पर समझाइए ।
उत्तर : वसन्त ऋतु चारों तरफ बिखरे अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के कारण सबसे सुन्दर ऋतु मानी जाती है। सुन्दर, सुगंधित और रंग-रंग के फूल, भौंरों का गुंजन, रंग-बिरंगी उड़ती तितलियाँ और सुहावनी हवा इस ऋतु की विशेषताएँ हैं । परन्तु यह वीरों का वसन्त नहीं है। वीरों का वसन्त वह है, जिसमें स्वतंत्रता और स्वाभिमान के लिए संघर्ष होता है। वीरों का वसन्त वह है, जिसमें अन्याय और अधर्म का नाश करने के लिए शूरवीर हँसते-हँसते अपना बलिदान देते हैं।
( 2 ) ‘हल्दी घाटी’ और ‘सिंहगढ़’ से कवयित्री का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर : मुगल सम्राट अकबर अनेक राजपूत राजाओं को अपने अधीन करना चाहता था, परन्तु सफल नहीं हुआ। महाराणा प्रताप अपनी स्वाधीनता गँवाने के लिए तैयार नहीं हुए। अंत में हल्दी – घाटी के मैदान में अकबर और राणा प्रताप की सेनाओं में भयंकर युद्ध हुआ । इसी प्रकार सिंहगढ़ भी मुसलमान शासक के अधीन था। उस पर अधिकार करने के लिए शिवाजी महाराज के वीर सरदार तानाजी ने उस पर आक्रमण किया। कड़ी टक्कर के बाद सिंहगढ़ हाथ में आ गया, पर अद्भुत वीरता दिखाते हुए तानाजी मालसुरे शहीद हो गए।
कवयित्री कहना चाहती है कि हल्दी घाटी और सिंहगढ़ के संघर्ष बताते हैं कि वीरों का वसन्त कैसा होना चाहिए ।
( 3 ) ‘ है कलम बँधी स्वच्छन्द नहीं’ ससंदर्भ समझाइए |
उत्तर : ‘वीरों का कैसा हो वसन्त ?’ यह कविता तब लिखी गई थी जब देश पर अँग्रेजों का शासन था । अँग्रेजी सत्ता ने देश में दमनचक्र चला रखा था। उस समय अंग्रेजों के अन्याय के विरुद्ध लिखना अपराध माना जाता था । ऐसा लिखनेवालों को कड़ी सजा दी जाती थी। उनकी रचनाएँ जप्त कर ली जाती थीं। उसी संदर्भ में कवयित्री लिखती हैं कि मेरे लिखने पर पाबंदी है। मैं चाहूँ तो भी कुछ खुलकर लिख नहीं सकती।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए :
( 1 ) ‘वीरों का कैसा हो वसन्त ?’ ऐसा कौन-कौन पूछ रहे हैं ?
उत्तर : ‘वीरों का कैसा हो वसन्त ?’ ऐसा हिमालय पर्वत, सागर, पूर्व-पश्चिम दिशाएँ, पृथ्वी और आकाश तथा क्षितिज भी यही प्रश्न पूछ रहे हैं।
( 2 ) ‘कह दे अतीत अब मौन त्याग’ ऐसा कवयित्री ने क्यों कहा है?
उत्तर : देश के इतिहास में वीरता और पराक्रम दिखानेवाले अनेक शूरवीर हो गए हैं। इनसे हम अपनी स्वाधीनता और गौरव की रक्षा के लिए बलिदान देने का पाठ सीखते हैं। इसलिए कवयित्री ने ‘कह दे अतीत अब मौन त्याग’ ऐसा कहा है।
( 3 ) रंग और रण का विधान कैसे हैं?
उत्तर : एक ओर कोयल की तानें और वसन्त के रंग हैं तथा दूसरी ओर मरु पर युद्ध के गीत गाए जा रहे हैं। इस तरह एक-दूसरे की विरोधी प्रवृत्तियों के कारण रंग और रण का विधान है।
( 4 ) किन ऐतिहासिक घटनाओं के आधार पर कवयित्री ने ‘वीरों का वसन्त’ बताया है ?
उत्तर : हनुमान द्वारा लंका को जलाना ( लंकादहन), कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध, हल्दी-घाटी में राणा प्रताप तथा सम्राट अकबर का युद्ध, तानाजी द्वारा सिंहगढ़ – विजय ये हमारे इतिहास की बहुत प्रेरक घटनाएँ हैं। इन्हीं के आधार पर कवयित्री ने ‘वीरों का वसन्त कैसा हो’ यह बताया है।
( 5 ) कवयित्री किसे दुर्भाग्य मानती है ?
उत्तर : आज भूषण और चन्द जैसे वीररस के निर्भय कवि नहीं हैं। लोगों में बिजली जैसा जोश और जोश भर देनेवाले छन्दों का भी अभाव है। कवयित्री इस स्थिति को देश का दुर्भाग्य मानती है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए:
( 1 ) ‘वीरों का कैसा हो वसन्त ?’ कविता की कवयित्री का नाम लिखिए ।
उत्तर : ‘वीरों का कैसा हो वसन्त ?’ कविता की कवयित्री का नाम सुभद्राकुमारी चौहान है।
( 2 ) बार-बार कौन गरजता है ?
उत्तर : बार-बार समुद्र गरजता है ।
( 3 ) प्रकृति के तत्त्व क्या पूछ रहे हैं ?
उत्तर : प्रकृति के तत्त्व पूछ रहे हैं कि वीरों का वसन्त कैसा होना चाहिए ।
( 4 ) वधू – वसुधा में क्या परिवर्तन आया ?
उत्तर : वसुधारूपी – वधू का अंग-अंग पुलकित हुआ है।
( 5 ) कवि कुरुक्षेत्र से क्या कहते हैं ?
उत्तर : कवि कुरुक्षेत्र से कहते हैं कि तुम जागकर देशवासियों को अपने अनन्त अनुभवों के बारे में बताओ।
( 6 ) हल्दी घाटी और सिंहगढ़ किनकी ज्वलंत स्मृतियों को जाग्रत करते हैं?
उत्तर : हल्दी घाटी और सिंहगढ़ महाराणा प्रताप और तानाजी मालसुरे की ज्वलंत स्मृतियों को जाग्रत करते हैं।
( 7 ) कवि की कलम की क्या विवशता है ?
उत्तर : कवि की कलम की यह विवशता है कि वीरों का वसन्त कैसा हो, यह कुछ खुलकर लिखने की उसे अनुमति नहीं है।
हेतुलक्षी प्रश्नोत्तर
पद्यलक्षी
1. सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
( 1 ) आ रही हिमालय से पुकार, है ……… गरजता बार-बार । (उदधि, समुद्र)
( 2 ) फूली …….. ने दिया रंग, मधु लेकर आ पहुँचा अनंग । ( राई, सरसों)
( 3 ) कह दे ………. अब मौन त्याग, लंके! तुझ में क्यों लगी आग ? (अतीत, वसन्त)
( 4 ) भूषण अथवा कवि चन्द नहीं; ……… भर दे वह छन्द नहीं। (विद्युत, बिजली)
( 5 ) फिर हमें ……… कौन ? हन्त ! ( चेतावें, बतावें)
उत्तर :
( 1 ) उदधि
( 2 ) सरसों
( 3 ) अतीत
( 4 ) बिजली
( 5 ) बतावें
2. निम्नलिखित विधान ‘सही’ हैं या ‘गलत’ यह बताइए :
( 1 ) चारों ओर से एक ही प्रश्न सुनाई देता है – वीरों का कैसा हो वसन्त ?
( 2 ) कामदेव भी अपनी मदिरा लेकर आ पहुँचा है।
( 3 ) पृथ्वी अप्रसन्न है।
( 4 ) लंका और कुरुक्षेत्र में भी वीरों ने पराक्रम दिखाया था ।
उत्तर :
( 1 ) सही
( 2 ) सही
( 3 ) गलत
( 4 ) सही
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में लिखिए :
( 1 ) सरसों किस ऋतु में फूली हैं ?
( 2 ) एक ओर रंग हैं तो दूसरी ओर क्या है ?
( 3 ) काव्य के अनुसार वीरता किसकी प्रसिद्ध है ?
( 4 ) भूषण और चंदबरदाई किस रस के कवि थे ?
उत्तर :
( 1 ) वसंत ऋतु में
( 2 ) रण
( 3 ) वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप की
( 4 ) वीर रस के
4. निम्नलिखित प्रश्नों के साथ दिए गए विकल्पों से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए :
( 1 ) दिग्-दिगन्त क्या पूछ रहे हैं ?
A. वसन्त के वीर कैसे हैं ?
B. बागों में वसन्त कब आएगा ?
C. वीरों का वसन्त कब आएगा ?
D. वीरों का वसन्त कैसा हो ?
उत्तर : D. वीरों का वसन्त कैसा हो ?
( 2 ) अनंग क्या लेकर आ पहुँचा है ?
A. मस्ती
B. मधु
C. पराग
D. रंग
उत्तर : B. मधु
( 3 ) मिलने कौन आए हैं ?
A. आदि- अंत
B. पूर्व-पश्चिम
C. उत्तर-दक्षिण
D. अनादि अनंत
उत्तर : A. आदि- अंत
( 4 ) छंद कैसा नहीं है ?
A. बिजली भर देनेवाला
B. जगा देनेवाला
C. आनंदित कर देनेवाला
D. मदमस्त कर देनेवाला
उत्तर : A. बिजली भर देनेवाला
( 5 ) कलम कैसी नहीं है ?
A. बिजली भर देनेवाली
B. जगा देनेवाली
C. आनंदित कर देनेवाली
D. मदमस्त कर देनेवाली
उत्तर : B. जगा देनेवाली
व्याकरणलक्षी
1. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए:
( 1 ) प्राची
( 2 ) उदधि
( 3 ) दिग्
( 4 ) मधु
( 5 ) वधू
( 6 ) वसुधा
( 7 ) अतीत
( 8 ) विधान
( 9 ) मौन
(10) घमंड
(11) कोकिला
(12) मरु
(13) स्मृति
उत्तर :
( 1 ) पूर्व दिशा
( 2 ) समुद्र
( 3 ) दिशा
( 4 ) शहद
( 5 ) बहू
( 6 ) पृथ्वी
( 7 ) भूतकाल
( 8 ) पद्धति
( 9 ) चुप्पी
(10) अभिमान
(11) कोयल
(12) रेगिस्तान
(13) स्मरण
2. निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए :
( 1 ) प्राची
( 2 ) अतीत
( 3 ) वसन्त
( 4 ) वीर
( 5 ) अभिमान
उत्तर :
( 1 ) प्रतिची
( 2 ) वर्तमान
( 3 ) पतझड़
( 4 ) कायर
( 5 ) निरभिमान
3. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से भाववाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए:
( 1 ) वीरों की शूरवीरता हम सबको सदैव प्रोत्साहित करती रहती है।
( 2 ) कवयित्री ने शूरवीरों का उत्साह बढ़ाने का प्रयास किया है।
( 3 ) वीरों को अपने शौर्य पर पुरस्कृत किया जाता है।
( 4 ) हमारे वीरों ने दुश्मनों के घमंड को चूर-चूर कर दिया ।
उत्तर :
( 1 ) शूरवीरता
( 2 ) उत्साह
( 3 ) शौर्य
( 4 ) घमंड
4. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से विशेषण पहचानकर लिखिए :
( 1 ) वसुधा के अंग-अंग पुलकित हो उठते हैं।
( 2 ) उनकी कलम पर पाबन्दी लगी है वह स्वच्छंद नहीं है।
( 3 ) ऐतिहासिक घटनाओं के आधार पर वीरों का वसन्त कैसा होता है ?
( 4 ) उनकी ज्वलंत स्मृतियाँ हमारे हृदय में रोमांच खड़ा कर देती हैं।
उत्तर :
( 1 ) पुलकित
( 2 ) स्वच्छंद
( 3 ) ऐतिहासिक
( 4 ) ज्वलंत
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here