Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 3 क्या निराश हुआ जाए ? (गद्य)

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Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 3 क्या निराश हुआ जाए ? (गद्य)

विषय-प्रवेश

श्री हजारीप्रसाद द्विवेदी हिन्दी के श्रेष्ठ निबंधकार थे। इस निबंध में वे कहते हैं कि आज हमारे समाज में अनेक बुराइयाँ आ गई हैं। झूठ, बेईमानी, धोखेबाजी, भ्रष्टाचार आदि की घटनाओं से अखबार भरे रहते हैं। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि समाज में अच्छी बातें नहीं हो रहीं। समाज में अच्छे तत्त्व आज भी बचे हुए हैं। इसलिए हमें निराश नहीं होना चाहिए।

पाठ का सार

आज का वातावरण : आज चारों तरफ चोरी, ठगी, डकैती, तस्करी और भ्रष्टाचार की घटनाओं का बोलबाला है। अखबार झूठी घटनाओं से भरे रहते हैं। ऊँचे पदों पर बैठे लोगों के चरित्र भी दोषपूर्ण दिखाई देते हैं। कोई कुछ भी करता है तो लोग उसमें दोष खोजने लगते हैं। परिश्रम करनेवालों की हालत बुरी है और परिश्रम न करनेवाले फल-फूल रहे हैं।
पुराने और नये का टकराव : युग बदलता है तो आदर्श भी बदलते हैं। पुराने कायदे-कानूनों की जगह नये कायदे-कानून आते हैं। उनमें अंतर तो होता ही है। आज की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। इसमें कुछ नया नहीं है। हर परिवर्तन के बाद ऐसा ही होता है।
भारत का आदर्श : भारत ने कभी भौतिक वस्तुओं के संग्रह को महत्त्व नहीं दिया। हमारे यहाँ अध्यात्म को ही महत्त्व दिया गया है। मनुष्य में लोभ, मोह, काम, क्रोध आदि विकारों का होना स्वाभाविक है, पर भारत ने इन पर संयम रखने पर जोर दिया है।
लक्ष्य की उपेक्षा का परिणाम : आज देश में कृषि, उद्योग, वाणिज्य, शिक्षा आदि क्षेत्रों में विकास होना चाहिए। परंतु जिन लोगों पर इनके विकास की जिम्मेदारी है, वे लक्ष्य को भूल गए हैं। वे देशहित को भूलकर अपनी सुख-सुविधा जुटाने में लगे हुए हैं। वे भारत के पुराने आदर्श को भूल गए हैं।
पुराने आदर्श नष्ट नहीं हुए: देश में आज भी धर्म को कानून से बड़ा माना जाता है। सेवा, ईमानदारी, सच्चाई और आध्यात्मिकता के मूल्य आज भी बने हुए हैं।
टिकटबाबू की ईमानदारी : लेखक ने एक बार रेलवे टिकट खरीदते समय टिकटबाबू को दस रुपए की जगह सौ रुपए का नोट दे दिया। लेकिन टिकटबाबू ईमानदार था । उसने रेल के डिब्बे में लेखक को खोज़कर उन्हें नब्बे रुपए लौटाकर अपनी ईमानदारी का परिचय दिया ।
बस कंडक्टर की सज्जनता : एक बार लेखक अपने परिवार के साथ बस द्वारा यात्रा कर रहे थे। रात को जंगल से गुज़रते समय बस खराब हो गई। बस-कंडक्टर साइकिल लेकर चला गया। बस यात्री ड्राइवर पर अपना गुस्सा निकालने लगे। वे उसे मारने के लिए तैयार हो गए। लेखक ने किसी तरह समझा-बुझाकर उन्हें रोका। इतने में बस कंडक्टर नई बस लेकर आया। वह लेखक के भूखे बच्चों के लिए पानी और दूध भी ले आया था।
ऐसी अनेक घटनाएँ हैं जिनसे लगता है कि हमें निराश होने की ज़रूरत नहीं है।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छः वाक्यों में लिखिए :
( 1 ) लेखक का मन क्यों बैठ जाता है ?
उत्तर : हमारे देश के अखबार चोरी, डकैती, तस्करी और भ्रष्टाचार के समाचारों से भरे रहते हैं। राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगाते रहते हैं। ऐसा लगता है कि जैसे देश में कोई ईमानदार ही नहीं रह गया। लोग हर व्यक्ति को संदेह की दृष्टि से देखते हैं। जो जितने ऊँचे पद पर हैं, उनमें उतने ही अधिक दोष दिखाए जाते हैं। सब अपने-अपने स्वार्थों में लिप्त हैं। देश के हित की बातें बहुत कम हो रही हैं। देश और समाज की ऐसी दशा देखकर लेखक का मन बैठ जाता है।
( 2 ) भारतवर्ष को ‘महामानव समुद्र’ क्यों कहा गया है ?
उत्तर : भारतवर्ष एक प्राचीन और विशाल देश है। सदियों से यहाँ अनेक जातियाँ आईं और यहीं बस गईं। विदेशों से अनेक धर्मावलंबी यहाँ आए और यहीं के होकर रह गए। इस प्रकार भारत आर्य और द्रविड़, हिन्दू और मुसलमान, यूरोपीय और भारतीय आदर्शों की मिलन – भूमि है। भारतीय सभ्यता में विदेश से आईं सभ्यताओं का भी प्रभाव है। यहाँ की संस्कृति में विदेशी संस्कृतियाँ घुल-मिल गई हैं। भारतीय समाज में देशी-विदेशी तरह – तरह के लोग आए और समा गए हैं। इसलिए भारतवर्ष को ‘महामानव समुद्र’ कहा गया है।
( 3 ) धर्म को भारतवर्ष में श्रेष्ठ क्यों माना गया है ?
उत्तर : शासन और समाज की सुख-सुविधा के लिए सरकार तरह-तरह के कानून बनाती है। लेकिन भारतवासियों की दृष्टि में धर्म कानून से बड़ा है। धर्म के कारण ही अब भी सेवा, सच्चाई, ईमानदारी और आध्यात्मिकता आदि बने हुए हैं। धर्म के भय से मनुष्य झूठ और चोरी को गलत समझता है। धर्मबुद्धि के कारण ही लोग दूसरों को पीड़ा पहुँचाना पाप मानते हैं। धर्मबुद्धि ही लोभ, मोह, काम, क्रोध आदि विकारों पर संयम रख सकती है और निकृष्ट आचरण करने से रोकती है। इसीलिए धर्म को भारतवर्ष में श्रेष्ठ माना गया है।
( 4 ) कंडक्टर ने अपनी ईमानदारी कैसे बताई ?
उत्तर : एक बार लेखक सपरिवार बस यात्रा कर रहे थे। गंतव्य स्थान से लगभग पाँच मील पहले एक सुनसान स्थान पर बस खराब हो गई। कंडक्टर समझ गया कि यह बस अब आगे नहीं जा सकती । वह एक साइकिल लेकर चला गया। उस समय रात के दस बजे थे। यात्री बस ड्राइवर पर अपना क्रोध उतारने लगे । लेखक के बच्चे भोजन और पानी के लिए व्याकुल थे। यात्री ड्राइवर को मारने के लिए तैयार हो गए। ठीक उसी समय बस कंडक्टर एक खाली बस लेकर आया। यात्री उसमें सवार हो गए। कंडक्टर लेखक के बच्चों के लिए पानी और दूध भी लाया था।
इस तरह बस कंडक्टर ने अपनी ईमानदारी और सज्जनता बताई ।
( 5 ) लेखक ऐसा क्यों नहीं मानते कि मनुष्यता एकदम समाप्त हो गई है ?
उत्तर : लेखक कहते हैं कि आज अखबारों में अधिकतर चोरी, डकैती, तस्करी और भ्रष्टाचार के ही समाचार होते हैं। आज किसी को किसी पर विश्वास नहीं रहा । ईमानदार और परिश्रमी लोग दु:खी हैं एवं झूठे, फरेबी और बेईमान लोग फल-फूल रहे हैं। स्थिति सचमुच निराशाजनक है। लेकिन फिर भी अनेक घटनाएँ ऐसी हो रही हैं जिनमें मनुष्यता के दर्शन होते हैं । लेखक स्वयं कई बार ठगा गया है और उसने धोखा खाया है, लेकिन कई बार लोगों ने बिना किसी स्वार्थ के उसकी सहायता भी की है। कई बार लोगों ने उसके निराश मन को ढाढ़स और हिम्मत बँधाई है।
लोगों के ऐसे मानवतापूर्ण व्यवहारों को देखकर लेखक को लगता है कि मनुष्यता अभी समाप्त नहीं हुई है।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए:
( 1 ) लोगों में महान मूल्यों के बारे में आस्था क्यों हिल गई है ?
उत्तर : आजकल ईमानदारी और परिश्रम करके जीविका कमानेवाले श्रमजीवी पिस रहे हैं और झूठ तथा फरेब का रोजगार करनेवाले फल-फूल रहे हैं। इसलिए लोगों में महान मूल्यों के बारे में आस्था हिल गई है।
( 2 ) लेखक क्या देखकर हताश हो जाना उचित नहीं मानते ?
उत्तर : लेखक कहते हैं कि आजकल ईमानदारी और परिश्रम के बदले झूठ और फरेब का बाजार गर्म है। ऊपरी दिखाई देनेवाली इस मनुष्यनिर्मित स्थिति से लेखक हताश हो जाना उचित नहीं मानते ।
( 3 ) भारत किसे निकृष्ट आचरण मानता है ?
उत्तर : भारत काम, क्रोध आदि विकारों को संयम से बाँधकर रखने का समर्थक है। ऐसा न कर मन और बुद्धि को विकारों के इशारे पर छोड़ देना निकृष्ट आचरण है।
( 4 ) देश के दरिद्र जनों की हीन अवस्था दूर करने के लिए क्या किया गया है ?
उत्तर : देश के दरिद्र जनों की हीन अवस्था दूर करने के लिए शासन ने अनेक कायदे-कानून बनाए हैं। इनका यही लक्ष्य है कि कृषि उद्योग, वाणिज्य, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में लोगों की स्थिति को अधिक उन्नत और सुचारु बनाया जाए ।
( 5 ) देश के दरिद्र जनों की स्थिति सुधारने के लिए बनाए गए कानून सफल क्यों नहीं हो रहे हैं ?
उत्तर : देश के दरिद्र जनों की स्थिति सुधारने के लिए बनाए गए कानूनों को व्यवहार में लानेवाले अधिकारी लक्ष्य भूलकर अपनी सुख- सुविधा पर ध्यान देने लगते हैं। यही कारण है कि दरिद्र जनों की स्थिति सुधारने के लिए बनाए गए कानून सफल नहीं हो रहे हैं।
( 6 ) किसी के दोषों का पर्दाफाश करना कब बुरा बन जाता है ?
उत्तर : दोषों का पर्दाफाश करना बुरी बात नहीं है। लेकिन जब किसी के गलत पक्ष में रुचि रखकर उसे उद्घाटित करना अपना कर्तव्य मान लिया जाता है, तब वह बुरा बन जाता है।
( 7 ) कविवर रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने प्रार्थना गीत द्वारा भगवान से क्या याचना की है ?
उत्तर : कविवर रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने अपने प्रार्थना गीत में भगवान से यह याचना की है कि संसार में केवल नुकसान उठाना पड़े, धोखा खाना पड़े तो भी मैं विचलित न होऊँ। ऐसे अवसरों पर भी हे प्रभो ! मुझे ऐसी शक्ति दो कि मैं तुम पर संदेह न करूँ ।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए:
( 1 ) आज समाचारपत्र में कौन-कौन से समाचार भरे रहते हैं ?
उत्तर : आज समाचारपत्र में चोरी, डकैती, तस्करी और भ्रष्टाचार के समाचार भरे रहते हैं।
( 2 ) देश का वातावरण आज कैसा बन गया है ?
उत्तर : देश का वातावरण आज ऐसा बन गया है कि लगता है देश में कोई ईमानदार आदमी ही नहीं बचा है।
( 3 ) भारतवर्ष ने किसको अधिक महत्त्व नहीं दिया है ?
उत्तर : भारतवर्ष ने भौतिक वस्तुओं के संग्रह को अधिक महत्त्व नहीं दिया है।
( 4 ) मनुष्य के मन में कौन-कौन से विकार हैं?
उत्तर : मनुष्य के मन में काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि विकार हैं।
( 5 ) भारतवर्ष किसको धर्म के रूप में देखता आ रहा है?
उत्तर : भारतवर्ष कानून को धर्म के रूप में देखता आ रहा है।
( 6 ) धर्म और कानून में क्या अंतर है?
उत्तर : धर्म और कानून में यह अंतर है कि धर्म को धोखा नहीं दिया जा सकता, कानून को धोखा दिया जा सकता है।
( 7 ) धर्मभीरु लोग किस बात में संकोच करते हैं?
उत्तर : धर्मभीरु लोग कानून की त्रुटियों से लाभ उठाने में संकोच करते हैं।
( 8 ) किन घटनाओं को उजागर करना बुरा नहीं है ?
उत्तर : लोगों के मन में अच्छाई के प्रति भावना जगानेवाली घटनाओं को उजागर करना बुरा नहीं है। I
( 9 ) ड्राइवर को मार-पीट से किसने बचाया ?
उत्तर : ड्राइवर को मार-पीट से लेखक हजारीप्रसाद द्विवेदी ने बचाया।
(10) बस कंडक्टर क्या लेकर लौटा था ?
उत्तर : बस कंडक्टर खाली बस लेकर तथा लेखक के बच्चों के लिए पानी और दूध लेकर लौटा था ।

हेतुलक्षी प्रश्नोत्तर

गद्यलक्षी

1. सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
( 1 ) ड्राइवर को मार-पीट से …….. ने बचाया। (कंडक्टर, लेखक)
( 2 ) भारतवर्ष सदा कानून को ……. रूप में देखता रहा है। (धर्म, त्याग)
( 3 ) व्यक्ति जो कुछ भी करेगा लोग उसमें ……. खोजने लगेंगे। (दोष, अवसर)
( 4 ) मेरे मन ! ……. होने की जरूरत नहीं है। (प्रसन्न, उदास)
( 5 ) कैसे कहूँ कि मनुष्यता एकदम ……… हो गई। (निरूपाय, समाप्त)
उत्तर :
( 1 ) लेखक
( 2 ) धर्म
( 3 ) दोष
( 4 ) उदास
( 5 ) समाप्त
2. निम्नलिखित विधान ‘सही’ हैं या ‘गलत’ यह बताइए :
( 1 ) उच्च पदों पर बैठे लोगों के चरित्र भी दोषपूर्ण दिखाई देते हैं।
( 2 ) भारत ने भौतिक वस्तुओं के संग्रह को महत्त्व दिया है।
( 3 ) बस कंडक्टर पुरानी बस लेकर आया।
( 4 ) हमें निराश होने की जरूरत नहीं है।
उत्तर :
( 1 ) सही
( 2 ) गलत
( 3 ) गलत
( 4 ) सही
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में लिखिए :
( 1 ) भारत के आदर्शों को कौन भूल गया है ?
( 2 ) टिकटबाबू में कौन-सा गुण था ?
( 3 ) हमारे देश में कानून से बड़ा किसे माना गया है ?
उत्तर :
( 1 ) जिम्मेदार लोग
( 2 ) ईमानदारी का
( 3 ) धर्म को
4. सही वाक्यांश चुनकर निम्नलिखित विधान पूर्ण कीजिए :
( 1 ) व्यक्ति जो कुछ भी करेगा ….
(अ) लोग उसकी प्रशंसा करेंगे।
(ब) लोग उसमें दोष खोजने लगेंगे।
(क) लोग उसका विरोध करेंगे।
उत्तर : व्यक्ति जो कुछ भी करेगा, लोग उसमें दोष खोजने लगेंगे।
( 2 ) क्या यही भारतवर्ष है, जिसका सपना …
(अ) रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने देखा था ?
(ब) आम लोगों ने देखा था ?
(क) तिलक और गांधी ने देखा था ?
उत्तर : क्या यही भारतवर्ष है, जिसका सपना तिलक और गांधी ने देखा था ?
( 3 ) केवल उन्हीं बातों का हिसाब रखो, जिनमें धोखा खाया है, तो ….
(अ) जीवन सुखमय हो जाएगा।
(ब) जीवन सूना हो जाएगा।
(क) जीवन कष्टकर हो जाएगा।
उत्तर : केवल उन्हीं बातों का हिसाब रखो, जिनमें धोखा खाया है, तो जीवन कष्टकर हो जाएगा।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के साथ दिए गए विकल्पों से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए :
( 1 ) भारतवर्ष सदा कानून को किस रूप में देखता आ रहा है?
A. अन्याय
B. न्याय
C. धर्म
D. त्याग
उत्तर : C. धर्म
( 2 ) बुराई में रस लेना ……. बात है। 
A. अच्छी
B. उचित
C. बुरी
D. अयोग्य
उत्तर : C. बुरी
( 3 ) टिकटबाबू ने लेखक के हाथ में …… रुपए रख दिए ।
A. सौ
B. दस
C. पाँच
D. नब्बे
उत्तर : D. नब्बे
( 4 ) भारतवर्ष अब भी यह अनुभव कर रहा है कि …
A. कानून का आधार होना चाहिए ।
B. धर्म कानून से बड़ी चीज है।
C. धर्म कानून का ही रूप है।
D. कानून ही सच्चा धर्म है।
उत्तर : B. धर्म कानून से बड़ी चीज है।
( 5 ) इस समय सुखी वही है ….
A. जिसके पास सबकुछ है।
B. जिसके पास कुछ नहीं है ।
C. जो कुछ नहीं करता ।
D. जो किसी पद पर है।
उत्तर : C. जो कुछ नहीं करता ।
( 6 ) किसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती ?
A. ज्ञान की
B. बल की
C. बुद्धि की
D. भूख की
उत्तर : D. भूख की
( 7 ) मेरे मन ! ……. होने की जरूरत नहीं है।
A. प्रसन्न
B. उदास
C. खुश
D. निराश
उत्तर : D. निराश

व्याकरणलक्षी

1. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए:
( 1 ) तस्कर
( 2 ) हताश
( 3 ) मनीषी
( 4 ) फरेब
( 5 ) संहार
( 6 ) निरीह
( 7 ) निकृष्ट
( 8 ) माहौल
( 9 ) त्रुटि
(10) कातर
उत्तर :
( 1 ) चोर
( 2 ) निराश
( 3 ) पंडित
( 4 ) धोखा
( 5 ) विनाश
( 6 ) निराधार
( 7 ) अधम
( 8 ) परिस्थिति
( 9 ) कमी
(10) भयभीत
2. निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए :
( 1 ) ईमानदार
( 2 ) भ्रष्टाचार
( 3 ) आंतरिक
( 4 ) सबल
( 5 ) क्रोध
( 6 ) उचित
( 7 ) अकारण
( 8 ) निकृष्ट
( 9 ) सच्चाई
(10) कायर
(11) मनीषी
उत्तर :
( 1 ) बेईमान
( 2 ) सदाचार
( 3 ) बाह्य
( 4 ) निर्बल
( 5 ) अक्रोध
( 6 ) अनुचित
( 7 ) सकारण
( 8 ) उत्कृष्ट
( 9 ) झूठ
(10) वीर
(11) मूर्ख
3. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से भाववाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए:
( 1 ) आदमी में से आदमियत चली जाए तो ममतापूर्ण व्यवहार कौन करेगा ?
( 2 ) आजकल ईमानदारी से अपनी जीविका कमानेवाले श्रमजीवी बड़े दुःखी हैं।
( 3 ) देश के दीन-दुखियों के प्रति सभ्यतापूर्ण व्यवहार कौन करता है ?
( 4 ) आज किसी को किसी पर विश्वास नहीं रह गया ।
( 5 ) तश्कर की तश्करी से सभी लोग त्रस्त थे ।
( 6 ) सभा में मैनेजर ने रमेश की उपेक्षा की।
उत्तर :
( 1 ) आदमियत
( 2 ) ईमानदारी
( 3 ) व्यवहार
( 4 ) विश्वास
( 5 ) तश्करी
( 6 ) उपेक्षा
4. निम्नलिखित शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाकर लिखिए:
( 1 ) डाकू
( 2 ) आदमी
( 3 ) बहुत
( 4 ) सभ्य
( 5 ) मानव
उत्तर :
( 1 ) डकैती
( 2 ) आदमियत
( 3 ) बहुतायत
( 4 ) सभ्यता
( 5 ) मानवता
5. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से विशेषण पहचानकर लिखिए:
( 1 ) शिक्षा से ही सामाजिक स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।
( 2 ) क्रोधी व्यक्ति अपना ही नुकसान करता है ।
( 3 ) हर युग में समाज की अपनी सामयिक समस्याएँ होती हैं ।
( 4 ) परीक्षा के बाद ही परीक्षित कार्य की जाँच होती है।
( 5 ) परीक्षा के समय भयभीत छात्र अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते।
( 6 ) आज ऐसा लगता है कोई ईमानदार आदमी ही नहीं बचा है।
उत्तर :
( 1 ) सामाजिक
( 2 ) क्रोधी
( 3 ) सामयिक
( 4 ) परीक्षित
( 5 ) भयभीत
( 6 ) ईमानदार
6. निम्नलिखित शब्दों से विशेषण बनाकर लिखिए:
( 1 ) भारत
( 2 ) समाज
( 3 ) क्रोध
( 4 ) समय
( 5 ) धर्म
उत्तर :
( 1 ) भारतीय
( 2 ) सामाजिक
( 3 ) क्रोधी
( 4 ) सामयिक
( 5 ) धार्मिक
7. निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए: 
( 1 ) धर्म से डरनेवाला
( 2 ) मिलन की भूमि
( 3 ) सुख देनेवाला
( 4 ) पुराने खयालवाला
( 5 ) कसौटी पर खरे उतरे हुए
( 6 ) रास्ता भुला हुआ
उत्तर :
( 1 ) धर्मभीरु
( 2 ) मिलनभूमि
( 3 ) सुखद
( 4 ) दकियानूसी
( 5 ) परीक्षित
( 6 ) गुमराह
8. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ देकर वाक्य में प्रयोग कीजिए : 
( 1 ) मन बैठ जाना – उदास होना
वाक्य : बार-बार की असफलता से उसका मन बैठ गया है।
( 2 ) फलना फूलना – विकसित होना, समृद्ध होना
वाक्य : महात्मा ने मुझे फलने-फूलने का आशीर्वाद दिया ।
( 3 ) पर्दाफाश करना – भेद खोलना
वाक्य : चोर पकड़ा गया तो उसने अपने साथियों का पर्दाफाश कर दिया।
( 4 ) चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना – चेहरे का रंग फीका पड़ना
वाक्य : लोगों का क्रोध देखकर कंडक्टर के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगीं।
( 5 ) कातर ढंग से देखना- भयभीत होकर देखना
वाक्य : सुरेश नकल करते हुए पकड़ा गया तो बड़े कातर ढंग से निरीक्षक की ओर देखने लगा ।
( 6 ) ढाढ़स बँधाना – सांत्वना देना, तसल्ली देना 
वाक्य : गरीब मजदूर के घर में चोरी हो जाने पर पुलिस ने उसे ढाढ़स बँधाया।
( 7 ) ज्योति बुझना – मरना
वाक्य : दुश्मनों से लड़ते-लड़ते महारानी की ज्योति बुझ गई ।
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