Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 5 स्वराज्य की नींव (गद्य)

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Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 5 स्वराज्य की नींव (गद्य)

विषय-प्रवेश

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई हमारे देश के इतिहास का एक अमरपात्र है। उनका नाम आते ही हम श्रद्धा से नतमस्तक हो जाते हैं। प्रस्तुत एकांकी में लक्ष्मीबाई के साथ उनकी अन्य वीरांगनाओं के चरित्र की झलक भी देखने को मिलती है। लेखक का उद्देश्य स्वराज्य की नींव रखने में स्त्रियों की भूमिका को दिखाना है। सचमुच, इस एकांकी के पात्र स्वराज्य की नींव के पत्थर हैं। भारतवासियों में स्वराज्य के प्रति चेतना जगाने में उनके योगदान को हम भूल नहीं सकते।

पाठ का सार

लक्ष्मीबाई की निराशा : रानी लक्ष्मीबाई यह देखकर निराश हैं कि झाँसी, कालपी और ग्वालियर स्वतंत्रता सेनानियों के हाथ से निकल गए हैं, केवल ग्वालियर का किला उनके अधिकार में रहा है।
झाँसी लेने का निश्चय : रानी लक्ष्मीबाई किसी भी कीमत पर झाँसी अंग्रेज़ों के हाथ से वापस लेने का निश्चय करती हैं।
रानी की निराशा के कारण रानी को दुःख इस बात का है कि उनकी सेना के बड़े योद्धा राव साहब, बाँदा के नवाव, रघुनाथराव आदि विलास में डूबे हुए हैं। उनके पास शक्ति है, फिर भी वे दुर्बल हैं। तात्या जैसा सेनापति होते हुए भी सेना में अनुशासन नहीं है। युद्ध की ठोस तैयारी न कर वे ब्रह्मभोज में लगे हुए हैं। उसके लिए श्रीखंड और लड्डू तैयार किए जा रहे हैं। ग्वालियर जैसा दृढ़ किला उनके हाथ में है, फिर भी वे कुछ नहीं कर रहे हैं।
जूही और मुंदर : जूही और मुंदर रानी लक्ष्मीबाई की सखियाँ हैं। जूही सेनापति तात्या को चाहती है और मुंदर रघुनाथराव को। जूही अच्छी नर्तकी है, पर वह विलासियों के मनोरंजन के लिए नाचना नहीं चाहती । स्वराज्य के लिए वह अपने प्रेम को भी ठोकर मार सकती है। सुंदर भी युद्ध में रानी लक्ष्मीबाई के साथ ही रहना चाहती है। उसे भी प्रेम से अधिक स्वराज्य प्यारा है। युद्ध में जूही तोपखाना सँभालने की जिम्मेदारी लेती है।
पेशवा की हार पर दुःख नहीं : रघुनाथराव रानी को मुरार में जनरल रोज की सेना द्वारा पेशवा की हार का समाचार देता है। सुनकर रानी कहती है, “यह अच्छा ही हुआ । अब पेशवा की आँखें खुलेंगी।”
युद्ध के लिए तैयार होने का आदेश : रानी सेनापति तात्या को युद्ध के लिए तैयार होने का आदेश देती है। वह कहती है, “जाओ, तलवार सँभालो। नूपुरों की झंकार के स्थान पर तोपों का गर्जन होने दो।”
रानी को चिंता : रानी को लगता है कि यह उसके जीवन का अंतिम युद्ध है। उसे केवल इसी बात की चिंता है कि युद्ध में उनकी वीरता कलंकित न हो जाए।
बाबा गंगादास की वाणी : बाबा गंगादास ने लक्ष्मीबाई से कहा था कि केवल सेवा, तपस्या और बलिदान से ही स्वराज्य मिल सकता है। स्वराज्य-प्राप्ति से भी अधिक महत्त्वपूर्ण है – स्वराज्य की स्थापना के लिए भूमि तैयार करना और स्वराज्य की नींव का पत्थर बनना ।
लक्ष्मीबाई, जूही, मुंदर आदि स्वराज्य की नींव के पत्थर ही बनना चाहती थीं।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छः वाक्यों में लिखिए:
( 1 ) मार्ग में हिमालय अड़ने, डरावनी लहरों के थपेड़े मारने, नाविकों के सो जाने से क्या अभिप्राय है?
उत्तर : रानी लक्ष्मीबाई को अपनी प्यारी झाँसी शत्रुओं के हाथ में चले जाने का दुःख है । स्वराज्य की मंज़िल हर बार पास आकर दूर चली जाती है। रानी स्वराज्य को पास आते हुए देखती हैं, पर तभी हिमालय जैसी बाधाएँ उनके मार्ग में आ जाती हैं। जब वे इन बाधाओं को पार करती हैं, तो मुसीबतों के महासागर सामने उमड जाते हैं। जब वे उन्हें पार करना चाहती हैं, तो देखती हैं कि नाविक सो रहे हैं। ये नाविक हैं विलास में डूबे हुए उनके साथी सेनापति तात्या, राव साहब, बाँदा के नवाब आदि ।
( 2 ) रानी लक्ष्मीबाई देशभक्ति की एक अदभुत मिसाल थीं। समझाइए ।
उत्तर : रानी लक्ष्मीबाई हमारे इतिहास का एक अत्यंत तेजस्वी चरित्र हैं। स्वराज्य ही उनका अंतिम लक्ष्य है। इसके लिए वे बड़े से बड़ा बलिदान दे सकती हैं। स्वराज्य की नींव बनने में ही वे जीवन की सार्थकता मानती हैं। उन्हें राग-रंग से सख्त नफरत है। उन्हें यही चिंता है कि स्वराज्य के लिए लड़ रहे उनके सैनिकों की वीरता कलंकित न होने पाए । सचमुच, रानी लक्ष्मीबाई देशभक्ति की एक अद्भुत मिसाल थीं ।
( 3 ) ‘स्वराज्य की नींव’ शीर्षक कहाँ तक सार्थक है ? प्रस्तुत एकांकी के लिए कोई अन्य शीर्षक दीजिए ।
उत्तर : सन् 1857 का सैनिक विद्रोह भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है। उसमें झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, जूही, मुंदर, तात्या टोपे, रामचन्द्र तथा रघुनाथराव आदि ने अपनी अनोखी देशभक्ति का परिचय दिया था। ये सब अपना बलिदान देकर स्वराज्य की नींव के पत्थर बन गए। बाद में इस एकांकी के पात्रों के न्याय, तपस्या और बलिदान की नींव पर ही भारत की आज़ादी की इमारत खड़ी हुई। इसलिए इस एकांकी का शीर्षक ‘स्वराज्य की नींव ‘ बिलकुल सार्थक है। इसके अन्य शीर्षक ये हो सकते हैं – ‘स्वराज्य की आधारशिला’ और ‘आज़ादी के वे परवाने ‘ ।
( 4 ) रानी लक्ष्मीबाई निराश क्यों हो गईं ?
उत्तर : रानी लक्ष्मीबाई के स्वराज्य पाने के प्रयत्न विफल हो रहे थे । झाँसी उनके हाथ से निकल गई थी। उनके पास शक्ति थी, फिर भी वे दुर्बल थीं। तात्या जैसे कुशल सेनापति के होते हुए भी सेना में अनुशासन नहीं था। रानी के सहयोगी विलासिता में डूबे हुए थे। वे युद्ध में साहस और शौर्य दिखाने के बदले ब्रह्मभोज के आयोजन में पड़े थे । ग्वालियर जैसा किला हाथ में होकर भी वे कुछ नहीं कर पा रही थीं । शत्रु को अपना शिकार बनाने के बदले वे अविश्वासों के शिकार बन रही थीं। अपने पक्ष की ऐसी स्थिति देखकर रानी लक्ष्मीबाई निराश हो गईं।
( 5 ) प्रस्तुत एकांकी में से उन कथनों को छाँटिए जिससे पता चलता है कि युद्ध की छाया में भी राव साहब वैभव-विलास में डूबे हुए थे ।
उत्तर :
1. जूही- जानती हूँ महारानी ! हम विलासिता में डूब गए हैं।
2. सुंदर – विलासिता में डूबे हैं राव साहब, बाँदा के नवाब, सेनापति तात्या ।
3. लक्ष्मीबाई – जूही ने उन्हें रोका है मुंदर । मैं जानती हूँ। जब राव साहब के लिए बुलाने इसे आए थे तो इसने उनको बुरी तरह दुत्कार दिया था।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए:
( 1 ) झाँसी के बारे में रानी लक्ष्मीबाई क्या निश्चय करती हैं ?
उत्तर : रानी लक्ष्मीबाई ने अपनी झाँसी अंग्रेज़ों को नहीं देने की प्रतिज्ञा की थी, लेकिन वह उनके हाथ से निकल गई। परंतु वे हिम्मत नहीं हारतीं और झाँसी को फिर से लेने का निश्चय करती हैं।
( 2 ) बाबा गंगादास ने रानी लक्ष्मीबाई से क्या कहा था ?
उत्तर : बाबा गंगादास ने रानी लक्ष्मीबाई से कहा था कि समाज में छूआछूत, ऊँच-नीच और विलास प्रियता के होते हुए हमें स्वराज्य नहीं मिल सकता। स्वराज्य केवल सेवा, तपस्या और बलिदान से ही मिल सकता है।
( 3 ) बाबा गंगादास ने किसे स्वराज्य प्राप्ति से बढ़कर बताया था ?
उत्तर : बाबा गंगादास ने बताया था कि स्वराज्य प्राप्ति से बढ़कर है स्वराज्य की स्थापना के लिए भूमि तैयार करना। उन्होंने कहा था कि स्वराज्य की नींव का पत्थर बनकर ही स्वराज्य पाया जा सकता 1
( 4 ) जूही ने किसे दुत्कार दिया था ?
उत्तर : तात्या राव साहब के सामने नाचने के लिए जूही को बुलाने आया था। तब खरी-खोटी सुनाकर जूही ने तात्या को दुत्कार दिया था।
( 5 ) जूही किसके लिए नाच सकती थी ? किसके लिए नहीं ?
उत्तर : जूही स्वराज्य के लिए नाच सकती थी । जो लोग विलासिता में डूबे थे, उनके लिए नहीं ।
( 6 ) लक्ष्मीबाई को कौन-सा दर्द कचोट रहा था ?
उत्तर : लक्ष्मीबाई सहयोगी विलासिता में डूबे हुए थे, लेकिन लक्ष्मीबाई उन्हें ठुकरा नहीं सकती थीं । उन्हें यही दर्द कचोट रहा था ।
( 7 ) पेशवा की हार का समाचार पाकर रानी ने क्या कहा ?
उत्तर : पेशवा की हार का समाचार पाकर रानी ने कहा, ” यह अच्छा हुआ, अब पेशवा की आँखें खुलेंगी।”
( 8 ) तात्या रानी लक्ष्मीबाई के सामने लज्जित क्यों हो उठे ?
उत्तर : रानी लक्ष्मीबाई ने तात्या को ‘सरदार’ कहकर संबोधित किया। रानी के मुँह से अपने लिए यह संबोधन सुनकर तात्या लज्जित हो उठे।
( 9 ) तोपों की आवाज़ सुनकर रानी ने तात्या से क्या व्यंग्य किया ?
उत्तर : तोपों की आवाज़ सुनकर रानी ने तात्या को व्यंग्य किया कि शायद ब्रह्मभोज के उपलक्ष्य में ये तोपें चल रही है। श्रीखंड और लड्डू के लिए घी-शक्कर की कमी तो नहीं पड़ी।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
( 1 ) रानी लक्ष्मीबाई की चिंता का क्या कारण था ?
उत्तर : रानी लक्ष्मीबाई की चिंता का यह कारण था कि बहुत प्रयत्न करने के बाद भी स्वराज्य उनके हाथ में नहीं आ रहा था ।
( 2 ) रानी लक्ष्मीबाई ने क्या प्रतिज्ञा की थी ?
उत्तर : रानी लक्ष्मीबाई ने झाँसी को फिर से जीत लेने की प्रतिज्ञा की थी।
( 3 ) जूही सेनापति तात्या का पक्ष क्यों लेती है ?
उत्तर : जूही सेनापति तात्या का पक्ष लेती है, क्योंकि वह उससे प्रेम करती है।
( 4 ) जूही देश के लिए किसे ठुकरा सकती है ?
उत्तर : जूही देश के लिए अपने प्रेमी तात्या साहब को भी ठुकरा सकती है।
( 5 ) जूही अपनी कला को किनके गले की फाँसी नहीं बना सकती ?
उत्तर : जूही अपनी कला को विलासिता में डूबे हुए लोगों के गले की फाँसी नहीं बना सकती ।
( 6 ) रोज कौन था ?
उत्तर : रोज अँग्रेज़ी सेना का सेनापति था।
( 7 ) युद्ध में जाते समय रानी को क्या लगता है ?
उत्तर : युद्ध में जाते समय रानी को लगता है कि यह उनके जीवन का अंतिम युद्ध है।
( 8 ) युद्ध में जाते समय मुंदर ने रानी के सामने क्या इच्छा प्रकट की ?
उत्तर : युद्ध में जाते समय मुंदर ने रानी के साथ रहने की इच्छा प्रकट की ।
प्रश्न 4. कोष्ठक से सही शब्द चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए :
( 1 ) स्वराज्य मिल सकता है, केवल सेवा, तपस्या और ……. से। (बलिदान / युद्ध)
( 2 ) महासागर की डरावनी …….. थपेड़े मारने लगती हैं। (लहरें / हवाएँ)
( 3 ) कौन कहता है कि हम …….. में डूब गए हैं? (विलासिता / तपस्या)
( 4 ) मैं ……. के लिए नाच सकती हूँ । (विजय / स्वराज्य)
( 5 ) हमारी…….. कलंकित न होने पाए। (श्रेष्ठता /वीरता)
उत्तर :
( 1 )  स्वराज्य मिल सकता है, केवल सेवा, तपस्या और बलिदान से ।
( 2 ) महासागर की डरावनी लहरें थपेड़े मारने लगती हैं।
( 3 ) कौन कहता है कि हम विलासिता में डूब गए हैं ?
( 4 ) मैं स्वराज्य के लिए नाच सकती हूँ ।
( 5 ) हमारी वीरता कलंकित न होने पाए।
प्रश्न 5. निम्नलिखित वाक्यों का आशय स्पष्ट कीजिए :
( 1 ) “स्वराज्य-प्राप्ति से बढ़कर स्वराज्य की स्थापना के लिए भूमि तैयार करना, स्वराज्य की नींव का पत्थर बनना ।”
उत्तर : इमारत बनाने के पहले उसके लिए उचित भूमि का चयन किया जाता है, फिर मज़बूत नींव रखी जाती है। नींव जितनी मज़बूत होगी, इमारत भी उतनी ही मज़बूत होगी। इसी तरह स्वराज्य पाने के लिए देश और समाज में उसके लिए वातावरण तैयार करना जरूरी है। यह वातावरण जनमानस को जगाकर ही तैयार किया जा सकता है। शहीदों के बलिदान जनमानस को आंदोलित करते हैं और लोगों में स्वराज्य पाने की भावना तीव्र बनती है।
( 2 ) ” शंकाएँ अविश्वास पैदा करेंगी और उस अविश्वास से उत्पन्न निराशा को दूर करने के लिए पायल की झंकार और भी झनक उठेगी।”
उत्तर : राव साहब, बाँदा के नवाब आदि रानी के सहयोगी संकुचित दृष्टि के व्यक्ति थे। वे अपने-अपने स्वार्थ के लिए रानी लक्ष्मीबाई से जुड़े थे। उनमें न देशप्रेम था और न एक-दूसरे के प्रति विश्वास था । वे एक-दूसरे को शंका की दृष्टि से देखते थे। ऐसे में स्वराज्य स्थापना की बात उनमें परस्पर अविश्वास बढ़ा सकती थी । अविश्वास उनमें निराशा पैदा करता और फिर उससे उत्पन्न दुःख दूर करने के लिए वे राग-रंग में डूब जाते ।
( 3 ) ” दोस्त की ठोकर अविश्वास की खाई को और भी चौड़ा कर देती है। “
उत्तर : दोस्ती में एक-दूसरे पर विश्वास होता है। ऐसे में कोई धोखा दे तो दिल को गहरी चोट लगती है। गहरा विश्वास गहरे अविश्वास में बदल जाता है और फिर पहले जैसी दोस्ती नहीं रह सकती ।

हेतुलक्षी प्रश्नोत्तर

गद्यलक्षी

1. निम्नलिखित विधान ‘सही’ हैं या ‘गलत’ यह बताइए :
( 1 ) झाँसी की रानी ने निश्चय किया मैं ग्वालियर का किला नहीं दूँगी।
( 2 ) रानी की सेना के पास शक्ति है, फिर भी वह दुर्बल है।
( 3 ) तात्या ब्रह्मभोज में लगे हुए थे।
( 4 ) जूही अच्छी नर्तकी थी।
( 5 ) लक्ष्मीबाई स्वराज की नींव का पत्थर बनना चाहती थीं।
उत्तर :
( 1 ) गलत
( 2 ) सही
( 3 ) सही
( 4 ) सही
( 5 ) सही
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द लिखिए:
( 1 ) झाँसी अपना कौन-सा राज्य अँग्रेज़ों से वापस लेने का निश्चय करती हैं ?
( 2 ) रानी लक्ष्मीबाई की दो सखियों के नाम बताइए ।
( 3 ) जूही युद्ध के समय कौन-सी जिम्मेदारी सँभालती थी ?
( 4 ) रानी लक्ष्मीबाई किस बात से तात्या पर नाराज़ थीं?
उत्तर :
( 1 ) कालपी और ग्वालियर
( 2 ) जूही और मुंदर
( 3 ) तोपखाने की
( 4 ) अनुशासनहीनता से
3. निम्नलिखित वाक्य कौन किससे कहता है ? यह लिखिए :
( 1 ) “मैं अपनी झाँसी नहीं दूँगी।”
( 2 ) ” महारानी, आप तो गीता पढ़ती हैं। “
( 3 ) ” ओह, समझी ! तुम तो उनका पक्ष लोगी ही ?”
( 4 ) “बाईसाहब, आप यूँ कब तक फटकारती रहेंगी ?”
( 5 ) “सरकार, आज मैं बराबर आपके साथ रहूँगी।”
( 6 ) ” और मैं तोपखाना सँभालूँगी । “
उत्तर :
( 1 ) रानी लक्ष्मीबाई ने जूही से कहा ।
( 2 ) जूही ने रानी लक्ष्मीबाई से कहा ।
( 3 ) मुंदर ने जूही से कहा ।
( 4 ) तात्या ने रानी लक्ष्मीबाई से कहा ।
( 5 ) मुंदर ने रानी लक्ष्मीबाई से कहा ।
( 6 ) जूही ने रानी लक्ष्मीबाई से कहा ।
4. सही वाक्यांश चुनकर निम्नलिखित विधान पूर्ण कीजिए :
( 1 ) जूही के अनुसार रानी को निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि….
(अ) वे बहादुर थीं।
(ब) उनके साथ कई वीर थे।
(क) वे गीता पढ़ती थीं।
उत्तर : जूही के अनुसार रानी को निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि वे गीता पढ़ती थीं।
( 2 ) जूही बातों-बातों में सेनापति तात्या का पक्ष लेती थी, क्योंकि ….
(अ) तात्या के प्रति उसके मन में प्रेम था।
(ब) तात्या के पास बड़ी सेना थी ।
(क) तात्या रानी लक्ष्मीबाई के कृपापात्र थे।
उत्तर : जूही बातों-बातों में सेनापति तात्या का पक्ष लेती थी, क्योंकि तात्या के प्रति उसके मन में प्रेम था।
( 3 ) पेशवा की हार से लक्ष्मीबाई को खुशी हुई, क्योंकि….
(अ) वे मन ही मन उनसे ईर्ष्या करती थीं।
(ब) वे उसे अपने रास्ते का काँटा मानती थीं।
(क) पेशवा की आँखें खुलने के लिए यह जरूरी था।
उत्तर : पेशवा की हार से लक्ष्मीबाई को खुशी हुई, क्योंकि पेशवा की आँखें खुलने के लिए यह जरूरी था ।
( 4 ) रानी का मन कहता था कि …
(अ) उनकी विजय अवश्य होगी।
(ब) वह उनके जीवन का अंतिम युद्ध था।
(क) उनके सिपाही वीरता को कलंकित नहीं होने देंगे।
उत्तर : रानी का मन कहता था कि वह उनके जीवन का अंतिम युद्ध था।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के साथ दिए गए विकल्पों से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए :
( 1 ) जिस …… तुम जैसी नारियाँ रखने जा रही हैं, वह निश्चय ही महान होगा।
A. भवन की आधारशिला
B. क्रांति का नाम
C. अग्नि पथ का नाम
D. स्वराज्य की नींव
उत्तर : D. स्वराज्य की नींव
( 2 ) मैं ……. के लिए नाच सकती हूँ ।
A. विजय
B. स्वराज्य
C. दुश्मन
D. प्रेमी
उत्तर : स्वराज्य
( 3 ) वे ठोकर मारकर क्या दूर नहीं कर सकतीं ?
A. देश के लोगों की अज्ञानता
B. अपने सैनिकों की काहिली
C. अपने सरदारों की मदहोशी
D. अपने नायकों की बेहोशी
उत्तर : C. अपने सरदारों की मदहोशी
( 4 ) जूही तात्या को कहाँ से खींचकर ला सकती है?
A. पाताल से
B. स्वर्ग से
C. नरक से
D. कहीं से भी
उत्तर : A. पाताल से
( 5 ) लक्ष्मीबाई क्या पढ़ती हैं ?
A. रामायण
B. गीता
C. गुरुचरित्र
D. ज्ञानेश्वरी
उत्तर : B. गीता
( 6 ) जूही देश के लिए किसे ठुकरा सकती है ?
A. माता को
B. पिता को
C. सरदार को
D. सभी को
उत्तर : C. सरदार को
( 7 ) तो किसके उपलक्ष्य में चल रही थीं ?
A. विजय के
B. यज्ञ के
C. ब्रह्मभोज के
D. उत्सव के
उत्तर : C. ब्रह्मभोज के
( 8 ) रानी लक्ष्मीबाई ने क्या प्रतिज्ञा की थी?
A. शुद्ध करने की
B. झाँसी को फिर से जीत लेने की
C. फिर से लड़ने की
D. अंतिम साँस तक लड़ने की
उत्तर : B. झाँसी को फिर से जीत लेने की
(9) जूही अच्छी ……. थी।
A. गायिका
B. नर्तकी
C. वारांगना
D. विरहिणी
उत्तर : B. नर्तकी

व्याकरणलक्षी

1. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :
( 1 ) प्रतिज्ञा
( 2 ) नाविक
( 3 ) सहसा
( 4 ) प्रलय
( 5 ) दैव
( 6 ) दुत्कार
( 7 ) लज्जा
( 8 ) नूपुर
( 9 ) अवरोध
( 10 ) नेत्र
उत्तर :
( 1 ) प्रण
( 2 ) मल्लाह
( 3 ) अचानक
( 4 ) सर्वनाश
( 5 ) भाग्य
( 6 ) तिरस्कार
( 7 ) शर्म
( 8 ) पायल
( 9 ) रुकावट
(10) नयन
2. निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए :
( 1 ) स्वतंत्र
( 2 ) सेवक
( 3 ) दुर्बल
( 4 ) नाराज
( 5 ) गहरा
( 6 ) कलंकित
( 7 ) तीव्र
उत्तर :
( 1 ) परतंत्र
( 2 ) स्वामी
( 3 ) सबल
(4) राजी
( 5 ) उथला
( 6 ) निष्कलंक
( 7 ) मंद
3. निम्नलिखित शब्दों का संधि-विग्रह करके लिखिए:
( 1 ) स्वजन
( 2 ) स्वराज्य
( 3 ) स्वतंत्र
( 4 ) वातावरण
( 5 ) हिमालय
( 6 ) आशीर्वाद
उत्तर :
( 1 ) स्वजन = स्व + जन
( 2 ) स्वराज्य = स्व + राज्य
( 3 ) स्वतंत्र = स्व + तंत्र
( 4 ) वातावरण = वात + आवरण
( 5 ) हिमालय = हिम + आलय
( 6 ) आशीर्वाद = आशी: + वाद
4. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से भाववाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए :
( 1 ) कौन कहता है कि हम विलासिता में डूब गए हैं?
( 2 ) काश! हम उनकी मदहोशी दूर कर सकते तो बात ही क्या थी?
( 3 ) लेकिन आज हमें देशभक्तों की आवश्यकता है।
( 4 ) बाह्मणों के आशीर्वाद का स्वर और भी तेज़ हो जाएगा।
( 5 ) कलकित होने पर चोर का सिर लज्जा से झुक गया।
उत्तर :
( 1 ) विलासिता
( 2 ) मदहोशी
( 3 ) आवश्यकता
( 4 ) आशीर्वाद
( 5 ) लज्जा
5. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से विशेषण पहचानकर लिखिए :
( 1 ) महासागर की डरावनी लहरें धपेड़े मारने लगती हैं।
( 2 ) हमारे पास शक्ति है, फिर भी हम दुर्बल हैं।
( 3 ) दोस्त की ठोकर अविश्वास की खाई को और भी चौड़ा कर देती है।
( 4 ) मेरा मन कहता है कि यह मेरे जीवन का अंतिम युद्ध है।
( 5 ) आपको हमें लज्जित करने का पूरा अधिकार है।
उत्तर :
( 1 ) डरावनी
( 2 ) दुर्बल
( 3 ) चौड़ा
( 4 ) अंतिम
( 5 ) लज्जित
6. निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
( 1 ) धरती और आकाश के मिलने का स्थान
( 2 ) निराशा या क्रोध में मुँह से निकलनेवाली श्वास
( 3 ) दही से बननेवाला एक व्यंजन
( 4 ) ब्राह्मणों को खिलाया जानेवाला भोज
( 5 ) स्वामी के प्रति श्रद्धा रखनेवाला
उत्तर :
( 1 ) क्षितिज
( 2 ) निश्वास
( 3 ) श्रीखंड
( 4 ) ब्रह्मभोज
( 5 ) स्वामिभक्त
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