Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 7 सूरदास के पद (पद्य)
Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Chapter – 7 सूरदास के पद (पद्य)
विषय-प्रवेश
सूरदास श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे। श्रीकृष्ण की भक्ति ही उनके मन को शांति देती थी। यहाँ सूरदासजी के दो पद दिए गए हैं। पहले पद में श्रीकृष्ण के प्रति उनकी अनन्य निष्ठा के दर्शन होते हैं। दूसरे पद में घुटनों के बल चलते बालकृष्ण की अनुपम छबि का वर्णन है।
कविता का सार
मन जहाज़ का पंछी : चारों ओर जल से घिरे जहाज़ का पंछी कहीं भी जाए, पर अंत में जहाज़ पर ही आता है। उसी तरह श्रीकृष्ण का आश्रय छोड़कर कवि का मन अन्यत्र कहीं नहीं जा सकता ।
श्रीकृष्ण से श्रेष्ठ कोई नहीं : सूरदास के लिए सभी देवताओं में श्रीकृष्ण ही सर्वोत्तम हैं। वे गंगा जल के समान निर्मल हैं। वे ही कमल – रस के समान हैं। सूरदास का मनरूपी भौंरा उस रस को छोड़कर करील की इच्छा क्यों करेगा?
बालकृष्ण की शोभा : आँगन में मक्खन का पात्र लिए घुटनों के बल चलते श्रीकृष्ण की छबि देखते ही बनती है। उनके कोमल गाल, चंचल आँखें और गोरोचन के तिलक से सुशोभित उनका मस्तक, कंठ में झूलती कठुला-सी माला- ये सब अत्यन्त आकर्षक हैं। श्रीकृष्ण के बालरूप की यह छबि अत्यन्त दुर्लभ है।
कविता का अर्थ
( 1 ) मेरो मन अनत ……. छेरी कौन दुहावै । [1-6]
सूरदासजी कहते हैं कि मेरा मन श्रीकृष्ण के सिवाय और कहीं सुख नहीं पाता। जैसे जहाज़ का पंछी जहाज़ से उड़कर पुनः जहाज़ पर ही आता है, उसी तरह मेरा मन अन्य देवताओं के यहाँ से भटककर फिर श्रीकृष्ण के चरणों में लौट आता है। कमलनयन श्रीकृष्ण की महिमा छोड़कर वह अन्य किसी देवता का ध्यान कैसे कर सकता है? यदि कोई प्यासा व्यक्ति पवित्र गंगा-जल को छोड़कर अपनी प्यास बुझाने के लिए कुआँ खुदवाए तो उसे मूर्ख ही कहा जाएगा। जिस भौरे ने कमल के रस का स्वाद चख लिया हो, उसे करील का फल कैसे अच्छा लगेगा ? सूरदासजी कहते हैं कि मेरे प्रभु तो कामधेनु के समान हैं। उन्हें छोड़कर बकरी को कौन दुहेगा?
( 2 ) सोभित कर नवनीत ……… का सत कल्प जिए । [7-12]
हाथ में मक्खन लिए हुए बाल श्रीकृष्ण अत्यंत सुंदर लग रहे हैं। वे घुटनों के बल चल रहे हैं। उनके शरीर पर धूल लगी हुई है और मुख में मक्खन लगा हुआ है। उनके गाल सुंदर और नेत्र चंचल हैं। उनके माथे पर गोरोचन का तिलक लगा हुआ है। उनके सिर के दोनों ओर लटें झूल रही हैं। वे मस्त मधु पीकर मस्त हुए भौंरों के समान लग रही हैं। गले में पहनी हुई चाँदी की चौकियों, घनखा और बजरबट्टू माला हृदय पर सुशोभित हो रही है। सूरदासजी कहते हैं कि बालकृष्ण की इस छबि को देखने का सुख एक पल के लिए भी मिल जाए तो भी जीवन धन्य हो जाए। फिर सौ कल्प तक जीने का कोई अर्थ नहीं ।
प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छः वाक्यों में लिखिए:
( 1 ) सूरदासजी ने किन उदाहरणों द्वारा अपनी अनन्य भक्तिभावना प्रकट की है ?
उत्तर : सूरदासजी कहते हैं कि मैं श्रीकृष्णरूपी जहाज़ का पंछी हूँ। मैं उन्हें छोड़कर और कहीं नहीं जा सकता। श्रीकृष्ण की महिमा भूलकर मैं और किसी देवता का ध्यान नहीं कर सकता। श्रीकृष्ण जैसी गंगा का जल मिलने के बाद मुझे कुएँ का जल पीने की चाह नहीं है। मेरा मन – मधुकर श्रीकृष्ण की भक्ति का अंबुज रस चखने के बाद अन्य किसी रस की इच्छा नहीं रखता। मेरे प्रभु तो कामधेनु के समान हैं। उनको छोड़कर मैं बकरी का दूध दुहने क्यों जाऊँ?
इस प्रकार सूरदासजी ने विभिन्न उदाहरणों द्वारा अपनी भक्तिभावना प्रकट की है।
( 2 ) बालक श्रीकृष्ण के स्वरूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर : बालक श्रीकृष्ण की मूर्ति बड़ी मनोहर है। वे अपने हाथों में मक्खन लिए घुटनों के बल चल रहे हैं। उनके मुँह में मक्खन लगा है। उनके गाल सुंदर और आँखें चंचल हैं। उनके माथे पर गोरोचन हुआ का तिलक लगा हुआ है। उनकी लटें मदमस्त भौंरों जैसी सुंदर लग रही हैं। वे अपने गले में कठुला की माला पहने हुए हैं।
इस प्रकार श्रीकृष्ण की छबि अत्यंत मनमोहक है।
( 3 ) सूरदास अपने आपको धन्य क्यों मानते हैं ?
उत्तर : सूरदास श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त हैं। श्रीकृष्ण के अतिरिक्त वे अन्य किसी का ध्यान नहीं करते । श्रीकृष्ण की मनमोहक छबि सदा उनकी आँखों में बसी रहती है। यह छबि उन्हें अनुपम सुख प्रदान करती है। वे श्रीकृष्ण की इस छबि को दुर्लभ मानते हैं। उन्हें अपने प्रभु की इस अनोखी मूर्ति के दर्शन हुए हैं। इसलिए वे अपने आपको धन्य मानते हैं।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए:
( 1 ) सूरदास ने किस प्यासे को ‘दुर्मति’ कहा है ?
उत्तर : गंगा नदी के जल से शुद्ध और पवित्र अन्य कोई जल नहीं है। जो प्यासा व्यक्ति उसे छोड़कर अपनी प्यास बुझाने के लिए कुआँ खुदवाए उसे सूरदासजी ने ‘दुर्मति’ कहा है।
( 2 ) सूरदास छेरी (बकरी) दुहने की ज़रूरत क्यों नहीं समझते ?
उत्तर : सूरदास अपने प्रभु श्रीकृष्ण को कामधेनु मानते हैं। इसलिए बकरी दुहने की ज़रूरत नहीं समझते।
( 3 ) सूरदास के अनुसार सौ कल्प जीने की आवश्यकता क्यों नहीं है?
उत्तर : सूरदास मानते हैं कि श्रीकृष्ण की दुर्लभ छबि के एक पल के लिए दर्शन भी हमें धन्य बना देते हैं। ऐसे दर्शन हो जाएँ तो फिर सौ कल्प जीने की आवश्यकता नहीं है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
( 1 ) सूरदास का मन कहाँ सुख पाता है ?
उत्तर : सूरदास का मन केवल श्रीकृष्ण की भक्ति में सुख पाता है।
( 2 ) जहाज़ का पंछी जहाज़ से उड़कर फिर कहाँ आता है ?
उत्तर : जहाज़ का पंछी जहाज़ से उड़कर फिर जहाज़ पर ही आता है।
( 3 ) सूरदास के (मन) मधुकर को करील फल क्यों नहीं भाता ?
उत्तर : सूरदास के ( मन ) मधुकर को करील फल नहीं भाता, क्योंकि उसने कृष्णभक्ति का अंबुज – रस चख लिया है।
( 4 ) सूरदास ने श्रीकृष्ण को किसके समान बताया है ?
उत्तर : सूरदास ने श्रीकृष्ण को कामधेनु के समान बताया है।
( 5 ) श्रीकृष्ण की झूलती हुई लटें कैसी लग रही हैं?
उत्तर : श्रीकृष्ण की झूलती हुई लटें ऐसी लग रही हैं जैसे मधु पीकर भौंरे मदोन्मत्त हो रहे हों ।
( 6 ) सूर धन्य क्यों हुए ?
उत्तर : सूर धन्य हुए क्योंकि उन्हें श्रीकृष्ण की दुर्लभ छबि के दर्शन हो गए हैं।
( 7 ) बालकृष्ण के मुख पर किसका लेप किया हुआ है?
उत्तर : बालकृष्ण के मुख पर मक्खन का लेप किया हुआ है।
( 8 ) श्रीकृष्ण किसके समान निर्मल हैं ?
उत्तर : श्रीकृष्ण गंगा के समान निर्मल हैं।
( 9 ) भौंरा किस रस को चाव से चखता है?
उत्तर : भौंरा कमल – रस को चाव से चखता है।
(10) श्रीकृष्ण के सिर के दोनों ओर क्या लटक रही हैं ?
उत्तर : श्रीकृष्ण के सिर के दोनों ओर लटें लटक रही हैं।
हेतुलक्षी प्रश्नोत्तर
पद्यलक्षी
1. सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
( 1 ) बालकृष्ण के हाथ …… लिए शोभा दे रहे हैं। (पुष्प, नवनीत)
( 2 ) श्रीकृष्ण के नेत्र …….. हैं। (विशाल, चंचल)
( 3 ) श्रीकृष्ण के शरीर पर ……. लगी है। (धूल, गुलाल)
( 4 ) जहाज का पंछी उड़कर पुनः …….. पर ही आता है। ( वृक्ष, जहाज)
( 5 ) श्रीकृष्ण के सिर के दोनों ओर ……. लटक रही है। (लटें, मालाएँ)
उत्तर :
( 1 ) नवनीत
( 2 ) विशाल
( 3 ) धूल
( 4 ) जहाज
( 5 ) लटें
2. निम्नलिखित विधान ‘सही’ हैं या ‘गलत’ यह बताइए :
( 1 ) जहाज़ का पंछी उड़कर फिर जहाज़ पर नहीं आता।
( 2 ) करील के फल का रस मधुर होता है।
( 3 ) श्रीकृष्ण के शरीर पर धूल लगी हुई है।
( 4 ) श्रीकृष्ण अनेक अलंकारों से सुशोभित हैं।
( 5 ) श्रीकृष्ण के सौंदर्य की एक झलक से जीवन धन्य हो जाए।
उत्तर :
( 1 ) गलत
( 2 ) गलत
( 3 ) सही
( 4 ) सही
( 5 ) सह
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में लिखिए:
( 1 ) श्रीकृष्ण का शरीर धूल लगने से कैसा हो गया है ?
( 2 ) श्रीकृष्ण के मस्तक पर किसका तिलक लगा है?
उत्तर :
( 1 ) और भी सुंदर
( 2 ) गोरोचन का
4. निम्नलिखित प्रश्नों के साथ दिए गए विकल्पों से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए :
( 1 ) कामधेनु क्या है ?
A. स्वर्ग की नदी
B. स्वर्ग की गाय
C. स्वर्ग का बगीचा
D. स्वर्ग की अप्सरा
उत्तर : B. स्वर्ग की गाय
( 2 ) श्रीकृष्ण के शरीर पर क्या लगी है ?
A. घास
B. धूल
C. राख
D. शक्कर
उत्तर : B. धूल
( 3 ) मधुकर किस रस को चखता है ?
A. फलों के
B. वनस्पतियों के
C. कमल के
D. किसी के नहीं
उत्तर : C. कमल के
( 4 ) श्रीकृष्ण के नेत्र कैसे हैं?
A. चंचल
B. लाल
C. मधुर
D. विशाल
उत्तर : A. चंचल
( 5 ) बालकृष्ण के हाथ लिए शोभा दे रहे हैं।
A. दही
B. पुष्प
C. नवनीत
D. दुग्धपान
उत्तर : C. नवनीत
व्याकरणलक्षी
1. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए:
( 1 ) पक्षी
( 2 ) अंबुज
( 3 ) कूप
( 4 ) मधुकर
( 5 ) धेनु
( 6 ) छेरी
( 7 ) नवनीत
( 8 ) लोचन
( 9 ) कंठ
(10) नख
( 11 ) कर
(12) रेनु
(13) चारु
(14) कपोल
(15) दधि
(16) लोल
उत्तर :
( 1 ) खग
( 2 ) जलज
( 3 ) कुआँ
( 4 ) भ्रमर
( 5 ) गाय
( 6 ) बकरी
( 7 ) मक्खन
( 8 ) नयन
( 9 ) गला
(10) नाखून
(11) हाथ
(12) धूल
(13) सुंदर
(14) गाल
(15) दही
(16) चंचल
2. निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए:
( 1 ) सुख
( 2 ) देव
( 3 ) प्यास
( 4 ) चारु
( 5 ) दुर्मति
( 6 ) कडुआ
उत्तर :
( 1 ) दुःख
( 2 ) दानव
( 3 ) तृप्ति
( 4 ) भद्दा
( 5 ) सुमति
( 6 ) मीठा
3. निम्नलिखित शब्दों का तत्सम रूप लिखिए:
( 1 ) अनत
( 2 ) पंछी
( 3 ) महातम
( 4 ) पियासौ
( 5 ) दुरमति
( 6 ) लट
( 7 ) मधुहिँ
( 8 ) केहरि
उत्तर :
( 1 ) अन्यत्र
( 2 ) पक्षी
( 3 ) माहात्म्य
( 4 ) प्यासा
( 5 ) दुर्मति
( 6 ) केशगुच्छ
( 7 ) मद्य
( 8 ) केसरी
4. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से भाववाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए:
( 1 ) गंगाजल को छोड़कर अपनी प्यास बुझाने कोई कुआँ क्यों खुदवाए ?
( 2 ) घुटनों के बल चलते श्रीकृष्ण की सुंदरता मोहक लग रही है।
( 3 ) सुशोभित श्रीकृष्ण के सौंदर्य को देखना अत्यंत सुखकर लगता है।
( 4 ) फिर सौ कल्प तक जीने की कोई आवश्यकता नहीं ।
( 5 ) भगवान की महिमा संसार में अनूठी है।
उत्तर :
( 1 ) प्यास
( 2 ) सुंदरता
( 3 ) सौंदर्य
( 4 ) आवश्यकता
( 5 ) महिमा
5. निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से विशेषण पहचानकर लिखिए:
( 1 ) पीले वस्त्रों में सुसज्ज श्रीकृष्ण मोहक लगते थे।
( 2 ) बबूल के वृक्ष की कँटीली डालियों को देखकर उस पर कौन चढ़ेगा ?
( 3 ) कोई प्यासा व्यक्ति पवित्र गंगाजल को छोड़कर अपनी प्यास बुझाने कुआँ क्यों खुदवाएगा ?
( 4 ) श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त सूरदासजी ने उनके लिए अत्यंत मनोहर पदों की रचनाएँ कीं ।
उत्तर :
( 1 ) पीले
( 2 ) कँटीली
( 3 ) प्यासा
( 4 ) अनन्य
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