Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Grammar – Chapter – 1 मुहावरे

Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Grammar – Chapter – 1 मुहावरे

प्राचीन काल का मनुष्य सीधी-सरल भाषा का प्रयोग करता था । धीरे-धीरे उसकी भाषा में सरसता और रोचकता आने लगी। वह सीधीसादी बात को अनोखे ढंग से कहने लगा । भाषा में अनोखापन लानेवाले प्रयोगों में मुहावरों का प्रमुख स्थान है। मुहावरों के प्रयोग से भाषा सुन्दर और रोचक ही नहीं, प्रभावशाली भी बनती है। इसलिए हिन्दी भाषा में प्रवीणता पाने के लिए हमें मुहावरों का ज्ञान अवश्य होना चाहिए ।
मुहावरा किसे कहते हैं ?
जब कोई शब्द या शब्दसमूह अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर विशिष्ट और लाक्षणिक अर्थ को सूचित करता है, तब उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं।
मुहावरे प्राय: पशुओं, पक्षियों, प्राकृतिक पदार्थों, कुछ विशेष स्थानों या शरीर के अंगों के आधार पर बनते हैं। इनका सांकेतिक अर्थ बड़ा गहरा होता है। जैसे- ‘जबान का धनी होना’ एक मुहावरा है। ऊपरी तौर पर इसका अर्थ है : जबानरूपी धनवाला, परन्तु वास्तव में इसका अर्थ है : ‘अपने वादे को निभानेवाला’ ।
इसी तरह एक मुहावरा है – ‘श्रीगणेश करना।’ इसका लाक्षणिक अर्थ है – प्रारम्भ करना । कोई नया काम शुरू करने पर लोग ‘काम शुरू किया’ ऐसा कहने के बदले ‘श्रीगणेश किया’ ऐसा कहते हैं।
कुछ अन्य उदाहरण देखिए :
सरल अर्थवाले वाक्य मुहावरेदार वाक्य
1. शेर की दहाड़ सुनकर यात्री बहुत डर गया । शेर की दहाड़ सुनकर यात्री के हाथ-पैर ठंडे हो गए ।
2. लोगों ने अपने प्रिय नेता का प्रेमपूर्वक स्वागत किया। लोगों ने अपने प्रिय नेता के रास्ते में दिल बिछा दिए ।
3. कल नानाजी की मृत्यु हो गई। कल नानाजी राम के यहाँ चले गए।
4. मित्र को देखकर मैं बहुत प्रसन्न हुआ । मित्र को देखकर मेरा हृदय खिल उठा ।
मुहावरों का वाक्य- प्रयोग :
मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग करते समय उनसे सूचित होनेवाले अर्थ का ज्ञान बहुत ज़रूरी है।
निम्नलिखित वाक्य पढ़िए :
( 1 ) उसने संस्था के कार्यों पर प्रकाश डाला।
( 2 ) लक्ष्मी तो चार दिन की मेहमान होती है।
पहले वाक्य में ‘प्रकाश डालना’ मुहावरे का प्रयोग किया गया है। यहाँ ‘प्रकाश डालना’ मुहावरे का अर्थ ‘टॉर्च या लाइट से प्रकाश डालना’ नहीं है, किन्तु ‘वर्णन करना’ या ‘जानकारी देना’ है।
दूसरे वाक्य में ‘चार दिन का मेहमान होना’ मुहावरा है। इसका अर्थ ‘चार दिन तक मेहमान के रूप में रहना’ नहीं है, किन्तु ‘चंचल होना’ या ‘अस्थिर होना’ है। यहाँ लक्ष्मी की चंचलता को सूचित करने के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया गया है।
इस प्रकार मुहावरों के सार्थक प्रयोग के लिए उनके सांकेतिक अर्थ का सही ज्ञान होना आवश्यक है।
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