Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Writing – Chapter – 4 गद्य-समीक्षा
Gujarat Board | Class 9Th | Hindi | Model Question Paper & Solution | Writing – Chapter – 4 गद्य-समीक्षा
प्रश्न – निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
(1) पुस्तक का मानवजीवन में बहुत महत्त्व है। मानव ने सर्वप्रथम पुस्तक का आरंभ अपने अनुभूत ज्ञान को विस्मृति से बचाने के लिए किया था । विकास के आदिकाल में पत्ते, ताड़पत्र, कांस्यपत्र आदि साधन इस ज्ञानसंग्रह के सहायक रहे हैं, ऐसा पुस्तक का इतिहास स्वयं बताता है। पुस्तकें मानव को अपना अनुभव विस्तृत करने में सहायक होती हैं, साथ ही उन्होंने अपने पूर्वजों के सभी प्रकार के कृत्यों को जीवित रखने की ज़िम्मेदारी भी संभाली हुई है। आज के युग में प्राचीन वीरों, धार्मिक महात्माओं, ऋषियों, नाटककारों, कवियों आदि का पता हम इन्हीं पुस्तकों के सहारे पाते हैं। पुस्तकें ही अंतर्राष्ट्रीय विचारक्षेत्र में विभिन्न देशों के दृष्टिकोणों को एक आधार पर सोचने के लिए बाध्य करती हैं ।
प्रश्न :
( 1 ) मानव ने पुस्तक का आरंभ किसलिए किया था ?
( 2 ) पुस्तकों से हमें किनकी जानकारी मिलती है?
( 3 ) उपर्युक्त गद्यखंड के लिए उचित शीर्षक दीजिए ।
उत्तर :
( 1 ) मानव ने पुस्तक का आरंभ अपने अनुभव से प्राप्त ज्ञान को नष्ट होने से बचाने के लिए किया था ।
( 2 ) पुस्तकों से हमें प्राचीन वीरों, महात्माओं, ऋषियों, नाटककारों तथा कवियों आदि की जानकारी मिलती है।
( 3 ) उचित शीर्षक : पुस्तकों का महत्त्व
(2) मानव के व्यक्तित्व का निर्माण करनेवाले विभिन्न तत्त्वों में चरित्र का सबसे अधिक महत्त्व है। चरित्र एक ऐसी शक्ति है जो मानवजीवन को सफल बनाती है। चरित्र की शक्ति ही आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता उत्पन्न करती है । चरित्र मनुष्य के क्रिया-कलाप और आचरण के समूह का नाम है। चरित्ररूपी शक्ति के सामने पाशविक शक्ति भी नष्ट हो जाती है। चरित्र की शक्ति विद्या, बुद्धि और संपत्ति से भी महान होती है । इतिहास इस बात का साक्षी है कि कई चक्रवर्ती सम्राट धन, पद, वस्तु और विद्या के स्वामी थे, परंतु चरित्र के अभाव में अस्तित्वविहीन हो गए।
प्रश्न :
( 1 ) चरित्र का क्या महत्त्व है ?
( 2 ) चरित्र का मानवजीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
( 3 ) इस गद्यखंड को उचित शीर्षक दीजिए ।
उत्तर :
( 1 ) चरित्र व्यक्तित्व का निर्माण करनेवाला एक ऐसा तत्त्व है जिससे मनुष्य का जीवन सफल बनता है। अतः चरित्र का सबसे अधिक महत्त्व है।
( 2 ) चरित्र से ही आत्मविश्वास जाग्रत होता है और आत्मनिर्भरता उत्पन्न होती है। इस प्रकार चरित्र का मानवजीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
( 3 ) उचित शीर्षक : चरित्र की शक्ति अथवा चरित्र की महिमा
(3) तुलसीदासजी ने उचित ही लिखा है – ” का वर्षा जब कृषि सुखाने, समय चूकि पुनि का पछताने।” अवसर को खोकर पश्चात्ताप करना मूर्खता ही है। समय बलवान है और समय ही स्वर्ण है। जिन्होंने समय को पहचानकर इसका सदुपयोग किया है, वे विश्व में महान हो गए। बीता हुआ समय लौटकर नहीं आता। जीवन का हर क्षण मूल्यवान है । इसकी पहचान और सही उपयोग ही सफलता की कुंजी है। ज्ञान IT अमित विस्तार है और जीवन के क्षण कुछ मात्र । इन दुर्लभ क्षणों को सही समय पर सही काम में लगाना बड़ी उपलब्धि है। वस्तुतः यह सोचना कि हम समय को नष्ट कर रहे हैं, एक बड़ी भूल है। सच तो यह है कि समय ही हमें नष्ट कर रहा है। काल सबको खा जाता है, लेकिन उन महात्माओं को नहीं, जो इसका सदुपयोग करते हैं। गांधी, ईसा, न्यूटन, विवेकानंद आदि महान व्यक्तियों के उदाहरण हमारे सामने हैं।
प्रश्न :
( 1 ) समय को समझने के बारे में हम क्या भूल करते हैं ?
( 2 ) जीवन में हमें किस मूर्खता से बचना चाहिए ?
( 3 ) इस गद्यखंड को उचित शीर्षक दीजिए ।
उत्तर :
( 1 ) हम समझते हैं कि हम समय को नष्ट कर रहे हैं, पर वास्तव में समय ही हमें नष्ट कर रहा है। समय को समझने के बारे में हम यही भूल करते हैं।
( 2 ) प्रायः लोग समय को व्यर्थ खो देते हैं और बाद में पछताते हैं। यह मूर्खता है। हमें अपने जीवन में इस मूर्खता से बचना चाहिए।
( 3 ) उचित शीर्षक : समय का महत्त्व अथवा सफलता की कुंजी
(4) मनुष्य तो मनुष्य ही है। पशु-पक्षी जहाँ जन्म लेते हैं, अपने उस देश को प्रेम करते हैं। जंगल में पैदा हुए किसी जानवर को आप पिंजड़े में बंद कर सकते हैं, उसे लाख आराम पहुँचाने की कोशिश कर सकते हैं, पर वह सुखी नहीं हो सकता । उसे तो अपने जंगल का देश ही प्यारा लगता है । उसी तरह मुक्त आकाश में उड़नेवाले पक्षी को पिंजड़े में बंद करके सब तरह का सुख पहुँचाना चाहें, तो भी वह कदापि सुखी नहीं हो सकता । उसका देश खुला आकाश, पेड़ों की शाखाएँ और घोंसला है। वहाँ वह धूप, वर्षा और ठंड के कष्ट सहकर भी सुखी रह सकता है।
प्रश्न :
( 1 ) पिंजड़े में बंद जंगली जानवर सुखी क्यों नहीं हो सकता ?
( 2 ) इस गद्यखंड से हमें क्या सीख मिलती है ?
( 3 ) इस गद्यखंड को उचित शीर्षक दीजिए ।
उत्तर :
( 1 ) जंगली जानवर अपने देश को, अपनी जन्मभूमि को बहुत प्रेम करता है। जब वह अपनी जन्मभूमि जंगल से दूर हो और पिंजड़े में बंद हो, तो सुखी नहीं हो सकता ।
( 2 ) इस गद्यखंड से हमें यह सीख मिलती है कि अपनी जन्मभूमि के प्रति हमारे दिल में सच्चा प्रेम होना चाहिए। आज़ादी में ही जीवन का सच्चा आनंद है।
( 3 ) उचित शीर्षक : जन्मभूमि के प्रति प्रेम
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