NCERT Solutions Class 10Th Hindi Chapter – 3 पत्र-लेखन
NCERT Solutions Class 10Th Hindi Chapter – 3 पत्र-लेखन
पत्र-लेखन
औपचारिक पत्र
1. पोस्टमास्टर को मनीआर्डर गुम होने पर शिकायत पत्र लिखें।
दिनांक- 20.04.2011
सेवा में,
डाकपाल महोदय,
मुख्य डाकघर, देवघर ।
विषय- मनीआर्डर गुम होने की शिकायत ।
महोदय,
निवेदन है कि 20 दिन पहले आपके मुख्य डाक घर से पांच सौ रुपए का मनीआर्डर करवाया था। यह धनादेश मैंने अपने ता-पिता के पास श्री रामजी, अभी तक वह धर्मतल्ला, कोलकाता, के पते पर भेजा था । बीस दिन हो गए धनादेश नहीं पहुँचा है, न ही वापस मुझे मिला है और नहीं इस विषय की कोई सूचना मुझे प्राप्त हुई है। इस कारण परेशानी खड़ी हो गयी है।
धनादेश की रसीद सं० – 317, दिनांक- 01.04.2011 है। मैं इसकी एक छायाप्रति भी आपके पास भेज रहा हूँ। कृपया शीघ्रतिशीघ्र इस लापता धनादेश की जाँच करके उक्त पते पर भिजवा दें, तथा मुझे सूचित करें। आशा है कि आप शीघ्र कार्रवाई करेंगे।
धन्यवाद
भवदीय
रमेश कुमार सिन्हा
धनबाद ।
2. अपने क्षेत्र में मच्छरों के प्रकोप का वर्णन करते हुए उचित कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखें।
दिनांक-03.04.2011
सेवा में,
स्वास्थ्य अधिकारी,
राँची नगरपालिका, राँची।
विषय- मच्छरों का बढ़ता प्रकोप ।
महोदय,
मैं आपका ध्यान मच्छरों के प्रकोप की ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ मैं कोकर क्षेत्र का निवासी हूँ। मच्छरों के कारण घर-घर में मलेरिया फैला हुआ ” इन मच्छरों के कारण स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है।
हमारे क्षेत्र में मच्छरों की अधिकता का बड़ा कारण है- पानी के जमे हुए तालाब और गली-मुहल्लों में फैली चौड़ी-चौड़ी खुली नालियाँ है। मुहल्ले के जमादार सफाई की ओर ध्यान नहीं देते, इसलिए नालियों में सदा मल जमा पड़ा रहता है। हमने कई बार निवेदन किया है कि नालियों की सफाई समय पर कराई जाए, जिसे मच्छरों का मुख्य अड्डा समाप्त हो जाए, किंतु इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया गया ।
इस बार अत्यधिक वर्षा के कारण सब जगह कीचड़, मल और बदबूदार जल का प्रकोप हो गया है। अतः मैं पुनः कोक के निवासियों की ओर से आप से आग्रह करता हूँ कि मच्छरों को समाप्त करने के लिए घरों में मच्छरनाशक दवाई छिड़कने की व्यवस्था की जाए। आशा है आप शीघ्र कार्रवाई करेंगे ।
धन्यवाद
भवदीय
मनीष, कोकर
3. चार दिनों की छुट्टी के लिए प्रधानाध्यापक के पास एक आवेदन पत्र लिखें।
सेवा में,
प्रधानाचार्य
जिला स्कूल, राँची।
विषय- चार दिन के अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र ।
महोदय,
कल अचानक मेरा स्वास्थ्य खराब हो गया। स्कूल से लौटते हुए चिलचिलाती धूप लगने से मुझे जोर का सिर दर्द हुआ, जिससे मैं बेचैन हो उठा। मुझे अब काफी शारीरिक कमजोरी अनुभव हो रही है। मैं स्कूल आने की स्थिति में नहीं हूँ। डॉक्टर ने भी मुझे पूर्ण विश्राम का परामर्श दिया है।
कृपया मुझे आज का अवकाश प्रदान कर अनुगृहीत करें ।
आपका आज्ञाकारी छात्र
प्रत्युष कुमार
दिनांक 10/04/2010
4. अपने क्षेत्र की गंदगी की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखें ।
दिनांक – 05.04.2011
सेवा में,
स्वास्थ्य अधिकारी
जमशेदपुर नगर निगम, जमशेदपुर |
विषय- मुहल्ले की सफाई कराने हेतु प्रार्थना पत्र ।
महाशय,
हम आपका ध्यान मुहल्ले की सफाई संबंधी दुरव्यवस्था की ओर खींचना चाहते हैं। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि हमारे मुहल्ले की सफाई हेतु नगर निगम का कोई सफाई कर्मचारी दस दिनों से काम पर नहीं आ रहा है। घरों की सफाई करने वाले कर्मचारियों ने भी मुहल्ले में स्थान-स्थान पर गंदगी और कूड़े-करकट के ढेर लगा दिए हैं।
आज स्थिति यह है कि मुहल्ले का वातावरण अत्यंत दूषित तथा दुर्गंधमय हो गया है। मुहल्ले से गुजरते समय नाक बंद कर लेनी पड़ती है। चारों ओर मक्खियों की भिनभिनाहट है। रोगों के कीटाणु प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। नालियों की सफाई न होने के कारण मच्छरों का प्रकोप इस सीमा तक बढ़ गया है कि दिन का चैन और रात की नींद हराम हो गयी है।
वर्षा ऋतु प्रारंभ होने वाली है। यथासमय मुहल्ले की सफाई न होने पर मुहल्ले की दुरव्यवस्था का अनुमान लगाना कठिन है। महोदय से आग्रह है कि यथाशीघ्र हमारे मुहल्ले का निरीक्षण करें तथा सफाई का नियमित प्रबंध करें। आपकी ओर से उचित कार्यवाही के लिए हम आपके आभारी रहेंगे।
प्रार्थी
मुहल्लेवासी
वार्ड सं० 30, जमशेदपुर
5. अपने क्षेत्र के पोस्टमास्टर से डाक-वितरण में गड़बड़ी की शिकायत करें।
सेवा में,
पोस्टमास्टर महोदय,
राँची जी० पी० ओ०, राँची
विषय- डाक वितरण में गड़बड़ी के संबंध में ।
महाशय,
मुझे खेद के साथ अपने मुहल्ले में डाक-वितरण की गड़बड़ी के संबंध आपका ध्यान आकृष्ट करना पड़ रहा है।
विगत तीन चार माह से मेरे मुहल्ले में डाक वितरण की स्थिति ठीक नहीं है। यह स्थिति नये डाकिया के आने के बाद हुई है। डाकिया प्रतिदिन नहीं आता है, और आने पर मुहल्ले के किसी खेलने वाले बच्चों को डाक देकर चला जाता है, परिणामतः डाक समयानुसार प्राप्त नहीं हो पाता है, या बहुत दिनों के बाद मिलता है। इससे मुहल्ले के लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
कुछ अत्यावश्यक रजिस्ट्री पत्र समयानुसार उपलब्ध नहीं होने के कारण मुहल्ले को एक-दो लोगों को नौकरी से वंचित रह जाना पड़ा है। CRE अतः श्रीमान् विनम्र निवेदन है कि इस क्षेत्र के डाकिये के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई कर डाक वितरण प्रणाली को ठीक कराया जाय ।
भवदीय
अनुज कुमार
दिनांक- 12/04/2011
6. कुछ दिनों से आपके क्षेत्र में अपराध बढ़ने लगे हैं। उनकी रोकथाम के लिए पत्र लिखें।
दिनांक- 20.03.2011
सेवा में,
थानाध्यक्ष
लोवर बाजार, राँची
विषय- अपराधों की रोकथाम के लिए थानाध्यक्ष को पत्र।
महाशय,
पिछले कुछ महीनों से सिविल लाइंस क्षेत्र में अपराधों की संख्या बढ़ गयी है। दिन-दहाड़े चलते हुए राहगीरों को लूटा जाता है और तो और गोली मार दी जाती है। बलात्कार से संबंधित घटनाएँ रोजमर्रा की हो गयी है। दिन-रात चोरी का भय बना रहता है l
अतः आपसे अनुरोध है कि इस क्षेत्र में पुलिस गश्त का उचित प्रबंध कर बढ़ते अपराधों की रोकथाम की जाए।
धन्यवाद
भवदीय
नीरज कुमार, राँची
7. दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण परीक्षा देने में अपनी असमर्थता प्रकट करते हुए प्रधानाचार्य को एक आवेदन पत्र लिखें ।
दिनांक- 20.03.2011
सेवा में,
प्रधानाचार्य
संत जेवियर स्कूल, तमाड़, राँची।
विषय- परीक्षा देने में असमर्थता ।
महाशय,
सेवा में निवेदन है कि मैं 10वीं कक्षा का छात्र हूँ। गत सप्ताह एक दुर्घटना में मेरी टाँग टूट गयी थी, जिस पर प्लास्टर चढ़ा हुआ है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार मैं विस्तर पर आराम करने के लिए विवश हूँ । अतः इस बार दिसंबर माह में होनेवाली परीक्षाएँ नहीं दे सकता । आशा है, आप मेरी स्थिति को समझते हुए इस बार मुझे परीक्षा की अनिवार्यता से मुक्त कर देंगे ।
आपका आज्ञाकारी छात्र
संतोष सिंह
कक्षा – 10, क्रमांक – 05
8. प्रधानाचार्य को आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थना पत्र लिखें।
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
उच्च विद्यालय, राँची (झारखंड) ।
विषय- आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थना पत्र ।
महाशय,
निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में दसवीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। गत वर्ष मेरे पिताजी का आकस्मिक निधन हो गया था । आर्थिक दृष्टि से सारा परिवार उन्हीं पर निर्भर था। उनके देहांत से हमारी आर्थिक स्थिति बड़ी दयनीय हो गयी है। मेरी माताजी दूसरों के घरों में छोटे-मोटे काम करके जैसे-तैसे अपना तथा भाई-बहनों का पेट पालते हैं। ऐसी स्थिति में मेरे लिए अपनी पढ़ाई का खर्चा चलाना असंभव है l
मान्यवर, मेरी तीव्र इच्छा है कि मैं अपनी पढ़ाई का क्रम बनाए रखकर, एम० ए० की परीक्षा पास करूँ। मैं नवीं तक सभी श्रेणियों में सदैव अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होता रहा हूँ। मैंने अनेक बार भाषण तथा वाद-विवाद प्रतियोगितायों में पुरस्कार जीते हैं।
मेरी आपसे प्रार्थना है कि मुझे विद्यालय की ओर से आर्थिक सहायता दिलवाने की कृपा करें जिससे मेरी पढ़ाई का खर्च चल सके। मैं सदैव आपका आभारी रहूँगा।
दिनांक- 24.02.2011
आपका आज्ञाकारी छात्र
रमेश
कक्षा – X ‘ब’
9. अपने प्रधानाचार्य को आवेदन पत्र लिखकर अपना मासिक शुल्क कम करने की प्रार्थना करें।
सेवा में,
प्रधानाचार्य
उच्च विद्यालय, चतरा
विषय- मासिक शुल्क कम कराने के लिए प्रार्थना-पत्र ।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं दसवीं कक्षा का छात्र हूँ। मैं एक निर्धन परिवार से संबंध रखता हूँ। मेरे पिताजी की कपड़े की एक छोटी-सी दुकान है जिससे इतनी आमदनी नहीं हो पाती कि परिवार का भरण-पोषण सुचारु रूप से हो सके। मेरे पिताजी मेरी पढ़ाई लिखाई के बोझ को उठाने में असमर्थ हैं |
मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि आप मेरे मासिक शुल्क कम करने की कृपा करें जिससे मैं अपनी पढ़ाई जारी रख सकूँ। मैं आपको पूर्ण विश्वास दिलाता हूँ कि अपने आचरण और पठन-पाठन में आपको किसी शिकायत का मौका न दूँगा।
धन्यवाद ।
दिनांक- 15.03.2011
आपका आज्ञाकारी शिष्य
राकेश
दसवीं कक्षा
10. अपने क्षेत्र के अस्पताल के प्रबंध पर संतोष व्यक्त करते हुए अस्पताल के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को एक पत्र लिखें।
सेवा में,
मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी,
आर०आई०एम०एस० (रिम्स), राँची
महोदय,
मेरे पिताजी पिछले काफी समय से बीमार थे। मैं उन्हें लेकर अनेक अस्पतालों के चक्कर काटता रहा परन्तु कहीं भी उनका संतोषजनक उपचार नहीं हो पाया । आपके यहाँ जब उन्हें दाखिल कराया गया तो वे तबतक निराश हो चुके थे। आपके यहाँ उनका इलाज इतने अच्छे ढंग से हुआ कि वे एक सप्ताह में ही स्वयं को स्वस्थ अनुभव करने लगे। आपके यहाँ के डॉक्टर तथा नर्से अत्यन्त कर्त्तव्यपरायण हैं। रोगियों के भोजन की व्यवस्था श्रेष्ठ है। मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता होती है कि राज्य के अन्य सरकारी अस्पतालों की अपेक्षा र पीआर०आई०एम०एस० (रिम्स) की प्रबन्ध-व्यवस्था प्रशंसनीय है।
आभार सहित ।
दिनांक- 11-1-2011
भवदीय
अमित मुखर्जी
11. अपने क्षेत्र में बिजली संकट से उत्पन्न कठिनाइयों का वर्णन करते हुए किसी अखबार के संपादक को पत्र लिखें ।
दिनांक-20.03.2011
सेवा में,
प्रधान संपादक
प्रभात खबर, रांची।
विषय- बिजली संकट से परेशानियाँ ।
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से बिजली संकट और उससे उत्पन्न कठिनाइयों की ओर सरकार तथा अन्य अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करना चाहूँगा। आशा है, आप इस विषय की गंभीरता को समझते हुए अवश्य अपने पत्र में स्थान देंगे ।
आजकल बिजली-बोर्ड की ओर से नित्य बिजली की कटौती की जा रही है । प्रायः दिनभर बिजली गायब रहती है। रात को वह आंख-मिचौनी खेलने लगती है । गर्मी के दिन हैं। नगर का सारा औद्योगिक क्षेत्र ठप पड़ा है।
आज छापाखाना, फोटोग्राफी आदि कई आवश्यक व्यापार – सेवाएँ ऐसी हैं, जो पूर्णतया बिजली पर आधारित है। अस्पताल में तड़पते हुए रोगियों की दशा चिंतनीय है। रात के अंधेरे के कारण अनेकानेक दुर्घटनाएँ तो होती ही है, छात्रों के भविष्य पर भी इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः बिजली बोर्ड के अधिकारियों से मेरा आग्रह है कि वे और अधिक बिजली का उत्पादन करें, ताकि जन-जीवन अस्त-व्यस्त न हो ।
धन्यवाद
भवदीय
रमन कुमार, हटिया
12. अपने नगर के विद्युत प्रदाय संस्थान के महाप्रबंधक को पत्र लिखें, जिसमें परीक्षा के दिनों में बार-बार बिजली चले जाने के कारण उत्पन्न असुविधा का वर्णन किया गया हो ।
दिनांक – 06.04.2011
सेवा में,
महाप्रबंधक
विद्युत संस्थान, जमशेदपुर
विषय- बिजली आपूर्ति में बाधा ।
महाशय,
निवेदन है कि आजकल हम छात्रों की वार्षिक परीक्षाएँ चल रही हैं। लेकिन 119 नगर की बिजली व्यवस्था बिल्कुल खराब है। दिन हो या रात, हम बिजली के होंने का भरोसा नहीं कर सकते। कभी-कभी शाम को 5 से 10 बजे तक बिजली गायब रहती है। यह हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ है। कृपया हमारी परीक्षाओं का ध्यान रखते हुए बिजली आपूर्ति नियमित करने की कृपा करें ।
धन्यवाद
भवदीय
अजीत राणा, मेदिनीनगर
अनौपचारिक पत्र
1. राष्ट्रपति द्वारा ‘वीर बालक पुरस्कार’ से सम्मानित अपने छोटे भाई को बधाई – पत्र लिखें ।
नई दिल्ली
26-6-2011
प्रिय निरंजन,
शुभाशीर्वाद।
आज के समाचार-पत्र में यह समाचार पढ़कर हृदय प्रसन्नता से भर गया कि तुम्हें राष्ट्रपति द्वारा ‘वीर बालक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मैं तुम्हें इस पुरस्कार प्राप्ति पर हार्दिक बधाई देता हूँ।
तुमने यह पुरस्कार पाकर परिवार की गौरवशाली परम्परा को चार चाँद हैं। इससे हम सबका मस्तक ऊंचा हुआ है। तुमने जिस बहादुरी का लगाए प्रदर्शन करके अपने साथियों की जान बचाई थी, वह घटना निश्चय ही अदम्य तुम भविष्य में इससे महान वीरता का परिचायक है। मैं आशा करता हूँ कार्य करोगे।
बधाई एवं शुभाशीष ।
तुम्हारा शुभचिंतक
मंगल
2. अपने मित्र के पास एक पत्र लिखें जिसमें झारखण्ड के ऐतिहासिक स्थल के बारे में वर्णन हो ।
राँची
20 जनवरी, 2011
प्रिय रवि,
सप्रेम नमस्ते ।
अभी-अभी तुम्हारा पत्र मिला। यह जानकर प्रसन्नता ह । यह जानकर प्रसन्नता हुई कि तुमलोग स्वस्थ एवं प्रसन्न हो। हमलोग भी यहाँ हमलोग भी यहाँ सकुशल हैं ।
तुमने झारखण्ड के किसी ऐतिहासिक स्थल के बारे में जानने की जिज्ञासा प्रकट की है। मैं इसी सन्दर्भ में तुम्हें बताने जा रहा हूँ। राँची शहर से मात्र 10 कि०मी० दूरी पर प्रकृति के सुन्दर वातावरण में एक छोटी सी पहाड़ी पर स्वामी जगन्नाथ जी का प्राचीन मंदिर अवस्थित है। यह मंदिर यहाँ के राजा शाहदेव जी द्वारा लगभग 100 वर्ष पूर्व बनवाया गया था। यह प्राचीन मंदिर झारखण्ड की धरोहर है। प्रतिदिन यहाँ दर्शनार्थियों का मेला लगा रहता है । पहाड़ी पर मंदिर पास खड़ा होकर देखने पर राँची का मनोहरी विहंगम दृश्य हृदय को स्पर्श करता है। प्रतिवर्ष आषाढ़ मास में यहाँ रथ यात्रा का आयोजन होता है। इस अवसर पर झारखण्ड का सबसे बड़ा मेला भी लगता है। इस अवसर पर तुम एक बार अवश्य आओ ।
पूज्य चाची जी को मेरा प्रणाम निवेदित करना ।
तुम्हारा अभिन्न मित्र
राकेश
3. समय के सदुपयोग और परिश्रम पर बल देते हुए अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखें ।
गोड्डा
12 सितम्बर, 2011
प्रिय राजेश,
शुभाशीष ।
कल ही तुम्हारा मित्र प्रमोद मुझसे मिला था। उसकी बातों से मुझे यह आभास हुआ कि इन दिनों तुम समय का पूर्ण उपयोग नहीं कर रहे हो तथा पढ़ाई में मेहनत भी नहीं कर रहे हो ।
राजेश, अभी तुम्हारा एक-एक मिनट अत्यंत कीमती है। अच्छे परीक्षाफल के द्वारा ही तुम अपने भविष्य की ठोस आधारशिला रख सकते हो । याद रखो, जो व्यक्ति अपने जीवन का प्रत्येक क्षण सदुपयोग करता है वह भाग्यवान बनता चला जाता है। जो अनवरत परिश्रम करता है वही उन्नति की सीढ़ियों पर निरन्तर चला जाता है। ऐसा व्यक्ति ही जीवन में सदा प्रसन्न, सन्तुष्ट और सम्पन्न रहता है। विद्यार्थी के लिए तो समय के सदुपयोग और सही दिशा में कड़ी मेहनत की और भी अधिक आवश्यकता है।
आशा है इन बातों को ध्यान में रखोगे। स्वर्णिम भविष्य तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा है।
शुभकामानाओं के साथ |
तुम्हारा,
रवि
4. आपका मित्र हडसन एंड्री आस्ट्रेलिया में रहता है। उसे इस बार की गर्मी की छुट्टियों के दौरान भारत के पर्वतीय प्रदेशों के भ्रमण हेतु निमंत्रित करते हुए पत्र लिखें ।
21-3-2011
23, थरपखना, राँची
प्रिय हडसन एंड्री
सप्रेम नमस्कार।
कैसे हो ? आशा है, तुम आनंद से होगे। तुम्हारी माताजी तथा पिताजी भी प्रसन्न होंगे। प्रिय एंड्री, इस बार मेरी गर्मियों की छुट्टियाँ दस मई से आरंभ होंगी। इन दिनों तुम्हारी भी छुट्टियाँ होती है। मैं चाहता हूँ कि इस बार तुम भारत आओ । मैं तुम्हें यहाँ के प्रसिद्ध पर्वतीय स्थान दिखाना चाहता हूँ। मैं तुम्हें यहाँ के प्रसिद्ध पर्वत की सैर कराऊँगा। मुझे तुम्हारे साथ आस्ट्रेलिया में बिताए हुए दिन अभी तक याद है। मैं चाहता हूँ कि इस बार हम भारत भ्रमण करें। तुम्हारे उत्तर की प्रतीक्षा में ।
तुम्हारा मित्र
सोमेश
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