NCERT Solutions Class 10Th Science Physics – विद्युत
NCERT Solutions Class 10Th Science Physics – विद्युत
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
विद्युत
1. विद्युत आवेश का SI मात्रक क्या है ?
उत्तर – कूलॉम ।
2. विद्युत धारा का मात्रक क्या है ?
उत्तर – ऐम्पियर ।
3. कूलॉम किस राशि का मात्रक है ?
उत्तर – आवेश का ।
4. एक इलेक्ट्रॉन का आवेश कितने कूलॉम के तुल्य होता है ?
उत्तर – 1 इलेक्ट्रॉन का आवेश 1.6 × 10-19 कूलॉम के तुल्य होता है ।
5. एक कूलॉम आवेश कितने इलेक्ट्रॉनों के आवेश के तुल्य होता है ?
उत्तर – 1 कूलॉम आवेश 6 × 1018 इलेक्ट्रॉन के तुल्य होता है।
6. विद्युत धारा मापने वाले यंत्र को क्या कहते हैं ?
उत्तर – ऐमीटर ।
7. विद्युत परिपथ में ऐमीटर को किस क्रम में जोड़ा जाता है ?
उत्तर – श्रेणीक्रम ।
8. विभव का मात्रक क्या है ?
उत्तर – वोल्ट ।
9. विभवान्तर का मात्रक क्या है ?
उत्तर – वोल्ट ।
10. विभवान्तर मापने वाले यंत्र को क्या कहते हैं ?
उत्तर – वोल्टमीटर ।
11. विद्युत परिपथ में वोल्टमीटर को किस क्रम में जोड़ा जाता है ?
उत्तर – समांतर क्रम में ।
12. उस युक्ति का नाम लिखें जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है ।
उत्तर – सेलों से बनी बैटरी विभवांतर बनाएँ रखने में सहायता करती है ।
13. उस सूत्र को लिखें जो विद्युत आवेश, समय एवं विद्युत धारा से संबंधित है।
उत्तर – Q = I × t.
14. उस भौतिक राशि का नाम क्या है जो V/I के बराबर है ?
उत्तर – प्रतिरोध ।
15. प्रतिरोध का मात्रक क्या है ?
उत्तर – ओम ( Ω ) ।
16. किसी चालक की प्रतिरोधकता का संकेत तथा मात्रक लिखें।
उत्तर – संकेत – ρ (रो),
मात्रक – Ω m.
17. प्रतिरोधकता (विशिष्ट प्रतिरोध) का SI मात्रक लिखें।
उत्तर – मात्रक – Ω m. (ओम-मीटर)
18. जूल प्रति कूलॉम को क्या कहते हैं ?
उत्तर – वोल्ट ।
19. विद्युत बल्ब का फिलामेंट किस धातु से बना होता है ?
उत्तर – टंगस्टन ।
20. विद्युत हीटर का तापीय अवयव किस पदार्थ का बना होता है ?
उत्तर – नाइक्रोम मिश्रधातु का ।
21. किलोवाट-घंटा (KWh) किस राशि का मात्रक है ?
उत्तर – विद्युत ऊर्जा का व्यावसायिक मात्रक ।
22. किसी विद्युत परिपथ में दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है ?
उत्तर – समान्तर क्रम ।
23. उस युक्ति का नाम बताएँ जो कि प्रायः विद्युत परिपथ में प्रतिरोध को परिवर्तित करने के लिए प्रयुक्त होती है।
उत्तर – परिवर्ती प्रतिरोधक ।
24. ओम किस राशि का मात्रक है ?
उत्तर – प्रतिरोध ।
25. ‘R’ प्रतिरोध तथा ‘I’ धारा वाले तार में उत्पन्न ऊष्मा के लिए सूत्र लिखें।
उत्तर – ऊष्मा H =I2Rt.
26. वोल्ट / ऐम्पियर किसका मात्रक है ?
उत्तर – प्रतिरोध ।
27. “ओम × मीटर” में किसकी माप की जाती है ?
उत्तर – प्रतिरोधकता।
28. विद्युत शक्ति का SI मात्रक क्या होता है ?
उत्तर – वाट ।
29. विद्युत ऊर्जा का व्यापारिक मात्रक क्या है ?
उत्तर – किलोवाट-घंटा (KWh).
30. प्रतीक KWh का अर्थ क्या है ?
उत्तर – किलोवाट घंटा।
31. 1 KWh को जूल में व्यक्त करें।
या, एक किलोवाट-घंटा (KWh) में कितने जूल होते हैं ?
उत्तर – 1Kwh = 3.6 × 106 जूल ।
32. विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है ?
उत्तर – विद्युत शक्ति द्वारा ।
33. विद्युत हीटर में विद्युत धारा का कौन-सा प्रभाव प्रयुक्त होता है ?
उत्तर – तापीय प्रभाव ।
34. तापदीप्त लैप का टंग्स्टन तंतु किस ताप पर कार्य करता है ?
उत्तर – 2700°C.
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. विद्युत आवेश किसे कहते है ?
उत्तर – वह आन्तरिक कारक जो पदार्थों में आकर्षण का गुण उत्पन्न कर देता है। विद्युत आवेश कहलाता है। जब एक पदार्थ को दूसरे पदार्थ से रगड़ा जाता है तो दोनों पदार्थों पर विद्युत आवेश उत्पन्न होते हैं।
आवेश दो प्रकार के होते हैं –
(i) धन आवेश,
(ii) ऋण आवेश ।
2. विद्युत आवेश के दो महत्वपूर्ण गुणों को लिखें ।
उत्तर – विद्युत आवेश के गुण –
(i) सजातीय आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं,
(ii) विजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं ।
3. विद्युत धारा को परिभाषित करें। इसका SI मात्रक लिखें ।
उत्तर – विद्युत आवेश के प्रवाह की दर अर्थात एकांक समय में प्रवाहित होने वाले विद्युत आवेश के परिमाण को विद्युत धारा कहते हैं।
I = Q/t इसका SI मात्रक ऐम्पियर है ।
4. विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखें।
उत्तर – विद्युत धारा का मात्रक ऐम्पियर है। यदि परिपथ के किसी बिंदु से प्रति सेकंड एक कूलॉम आवेश संचरित हो रहा हो तो उस धारा को एक ऐम्पियर कहते हैं ।
1A = 1C/1S
5. विद्युत परिपथ किसे कहते हैं ? विद्युत सेल, विद्युत बल्ब, ऐमीटर एवं स्विच को दर्शाते हुए एक विद्युत परिपथ का आरेख बनाएँ ।
उत्तर – किसी विद्युत धारा के सतत तथा बंद पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं।
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6. स्विच क्या कार्य करता है ?
उत्तर – स्विच सेल तथा बल्ब के बीच चालक संबंध जोड़ता तथा विच्छेद करता है ।
7. एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या परिकलित करें ।
उत्तर – एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश = 1.6 × 10-19
अतः 1 कूलॉम आवेश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन की संख्या n
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8. विभव एवं विभवान्तर में अन्तर बताएँ ।
उत्तर – विभव- इकाई धन-आवेश को अनन्त से विद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य विभव कहलाता है । इसका SI मात्रक वोल्ट (V) है ।
विभवान्तर– इकाई धन आवेश को विद्युत क्षेत्र में एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में जितना कार्य होता है उसे विभवान्तर कहते हैं। इसका भी SI मात्रक वोल्ट है ।
9. यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 1V है ?
उत्तर – इसका अर्थ यह है कि किसी धारावाही चालक के दो बिंदुओं के बीच 1 कूलॉम आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में 1 जूल कार्य किया जाता है।
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10. परिपथ में ऐमीटर को श्रेणीक्रम एवं वोल्टमीटर को पार्श्वक्रम में क्यों जोड़ा जाता है ?
उत्तर – ऐमीटर को श्रेणीक्रम में इसलिए जोड़ा जाता है, क्योंकि परिपथ की पूरी धारा इससे प्रवाहित हो। वोल्टमीटर को पार्श्वक्रम में इसलिए जोड़ा जाता है, क्योंकि परिपथ की धारा में अल्प अथवा नगण्य कमी उत्पन्न करता है ।
11. ओम के नियम को लिखकर व्याख्या करें ।
उत्तर – नियत ताप पर किसी चालक के सिरों के बीच का विभवान्तर उसमें प्रवाहित धारा का समानुपाती होता है।
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12. ओम को परिभाषित करें।
उत्तर – ओम उस चालक का प्रतिरोध है जिसके सिरों के बीच 1 वोल्ट का विभवान्तर होने पर उससे 1 ऐम्पियर विद्युत धारा प्रवाहित होती है।
13. ओम का नियम में ताप को अचर रखा जाता है, क्यों ?
उत्तर – ताप के बदलने से प्रतिरोध का मान बदल जाता है, जिससे धारा का सही-सही मान नहीं प्राप्त होता है, अर्थात् एक साथ कई मान बदल जाता है। इसलिए तापक्रम को अचर रखा जाता है ।
14. प्रतिरोध क्या है ? किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है ?
उत्तर – प्रतिरोध पदार्थ का वह गुण है जो धारा के प्रवाह में रुकावट डालता है। इसका SI मात्रक ओम है ।
किसी चालक का प्रतिरोध निम्नांकित बातों पर निर्भर करता है –
(i) चालक की लंबाई,
(ii) उसके अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल,
(iii) उसके पदार्थ की प्रकृति पर ।
15. परिवर्ती प्रतिरोध किसे कहते हैं ?
उत्तर – स्रोत की वोल्टता में बिना कोई परिवर्तन किए परिपथ की विद्युत धारा को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किए जानेवाले अवयव को परिवर्ती प्रतिरोध कहते हैं ।
16. प्रतिरोधकता क्या है ? इसका मात्रक क्या है ?
उत्तर – किसी पदार्थ की प्रतिरोधकता उसके 1 मीटर भुजा के घन द्वारा उत्पन्न प्रतिरोध होता है जबकि धारा सम्मुख फलकों के लंबवत् प्रवाहित होती है। इसकी माप (ओम × मीटर) में की जाती है। यदि L लंबाई के किसी तार का प्रतिरोध R और अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A हो तो
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17 विद्युत चालक और विद्युतरोधी पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर – विद्युत चालक पदार्थ – जिन पदार्थों में विद्युत मुक्त रूप से प्रवाहित हो सकती है उन्हें विद्युत चालक कहते हैं। जैसे- ताँबा, चाँदी, ग्रेफाइट, लवणों का जलीय विलयन इत्यादि ।
विद्युतरोधी पदार्थ – जिन पदार्थों में विद्युत प्रवाह आसानी से नहीं होता है उन्हें विद्युतरोधी पदार्थ कहते हैं। जैसे- रबड़, काँच, प्लास्टिक, पोर्सिलेन इत्यादि ।
18. अर्धचालक किसे कहते हैं ?
उत्तर – वैसे पदार्थ, जिसमें सामान्य ताप पर कुछ मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं। कम विद्युत चालकता होने के कारण इस तरह के पदार्थों से होकर कुछ विद्युत प्रवाहित होती है। जैसे- सिलिकॉन, जर्मेनियम इत्यादि ।
19. अतिचालक किसे कहते हैं ?
उत्तर – वैसे पदार्थ जिनमें अति निम्न ताप पर बिना किसी प्रतिरोध के विद्युत का गमन होता है अतिचालक कहलाता है। जैसे- शीशा, जिंक इत्यादि ।
20. विद्युत लैपों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर – इसके निम्नांकित कारण है –
(i) उच्च प्रतिरोधकता (5.2 × 10-8),
(ii) अधिक प्रकाश,
(iii) उच्च गलनांक (2700°C)।
21. समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी, जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है ? क्यों ?
उत्तर – किसी चालक का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अतः मोटे तार का प्रतिरोध, पतले तार की अपेक्षा कम होता है। इसलिए मोटे तार में विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी, जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है।
22. मान लें किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होनेवाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर – हम जानते हैं कि V ∝ I
अतः विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में आधा कर देने से प्रवाहित होनेवाली विद्युत धारा भी आधी हो जाती है।
23. विद्युत टोस्टर तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर मिश्रधातु के क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर – मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता शुद्ध धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है। ताप में परिवर्तन से प्रतिरोधकता में परिवर्तन की दर अपेक्षाकृत कम होती है। अतः उच्च ताप पर इनका शीघ्र ही ऑक्सीकरण नहीं होता। इस कारण इनका उपयोग इस्तरी, टोस्टर आदि सामान्य विद्युत तापन युक्तियों में होता है।
24 .घरों में प्रकाश करने के लिए श्रेणी संबद्ध व्यवस्था क्यों उपयुक्त नहीं होती ?
उत्तर – घर में बल्ब या ट्यूबलाइट को श्रेणी क्रम में जोड़ने से समतुल्य प्रतिरोध बहुत अधिक हो जाता है । फलस्वरूप परिपथ में बहने वाली धारा का मान घट जाता है। इसके अतिरिक्त परिपथ के किसी एक जगह भंग हो जाने से सम्पूर्ण परिपथ भंग हो जाता है, तथा विद्युत का प्रवाह बंद हो जाता है।
25. श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर – (i) पार्श्वक्रम में संयोजित विद्युत उपकरण में से कोई उपकरण फ्यूज हो जाने पर अन्य उपकरणों का कार्य इससे बाधित नहीं होता है।
(ii) प्रत्येक उपकरण अपनी आवश्यकता के अनुसार धारा ग्रहण करते हैं, फलस्वरूप वे अच्छी तरह से कार्य करते हैं ।
26. घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है ?
उत्तर – श्रेणीक्रम में समान विद्युत धारा, सभी उपकरणों में प्रवाहित होती है। श्रेणीक्रम से अधिक उपकरण लगाने से धीरे-धीरे धारा का मान घटता जाता है क्योंकि सभी प्रतिरोध श्रेणीक्रम में हैं और कुल प्रतिरोध बहुत अधिक हो जाता है। ऐसी स्थिति में प्रत्येक उपकरण के सिरों पर विभवांतर भिन्न होता है ।
27. विद्युत धारा के तापीय प्रभाव से क्या समझते हैं ? इसके अनुप्रयोग को लिखें l
उत्तर – जब किसी तार से विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो ऊष्मा उत्पन्न होती है और तार के ताप में वृद्धि हो जाती है इस घटना को विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहते हैं।
अनुप्रयोग –
विद्युत इस्तरी, विद्युत टोस्टर, विद्युत तंदूर, विद्युत हीटर आदि ।
28. जूल का तापन नियम को लिखें ।
अथवा, विद्युत धारा के कारण उत्पन्न ऊष्मा जिन तीन कारकों पर निर्भर करता है उन्हें लिखें ।
उत्तर – किसी प्रतिरोधक में उत्पन्न होने वाली ऊष्मा
(i) दिए गए प्रतिरोधक में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होती है।
अर्थात् Q ∝ I2.
(ii) दी गयी विद्युत धारा के लिए प्रतिरोधक के अनुक्रमानुपाती होती है ।
अर्थात Q ∝ R
(iii) उस समय के अनुक्रमानुपाती होती है।
अर्थात् Q ∝ t.
29. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है ?
उत्तर – तापन अवयव का प्रतिरोध बहुत अधिक होता है। इसलिए जब विद्युत हीटर को कॉपर तार के साथ जोड़ा जाता है तो तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है, क्योंकि इसका प्रतिरोध बहुत अधिक होता है, परंतु संयोजित कॉपर की डोरी उत्तप्त नहीं होती, क्योंकि कॉपर का प्रतिरोध बहुत ही कम होता है ।
30. विद्युत शक्ति किसे कहते हैं ? इसका SI मात्रक लिखें ।
उत्तर – विद्युत ऊर्जा जिस दर से क्षय अथवा व्यय होती है उसे विद्युत शक्ति कहते हैं।
P = w/t = I2R
इसका SI मात्रक वाट होता है ।
वाट = वोल्ट × ऐम्पियर
31. 1 KWh को जूल में व्यक्त करें।
उत्तर – 1 KWh = 1000 वाट × 3600 सेकंड
= 36 × 105 वाट सेकंड
= 3.6 × 106 वाट सेकंड
= 3.6 × 106 जूल
32. विद्युत तापन उपकरणों में नाइक्रोम तार का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर – विद्युत तापन उपकरणों में नाइक्रोम तार का उपयोग किया जाता है क्योंकि –
(i) इसका द्रवणांक उच्च होता है
(ii) प्रतिरोधकता उच्च होता है।
(iii) उच्च ताप पर शीघ्र ऑक्सीकृत नहीं होता है ।
33. फ्यूज क्या है ? इसकी क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर – फ्यूज एक सुरक्षा की युक्ति है। यह ऐसे तार का टुकड़ा होता है जिसके पदार्थ की प्रतिरोधकता बहुत अधिक होती है और उसकी गलनांक बहुत कम होता है। इसे परिपथ में श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है ।
विशेषताएँ- यह विद्युत परिपथ को अतिभारण और लघुपथन के कारण नष्ट होने से बचाता है।
34. किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है ?
उत्तर – परिच्छेद के क्षेत्रफल के बढ़ने पर तार का प्रतिरोध घटता है तथा परिच्छेद के क्षेत्रफल के घटने पर तार का प्रतिरोध बढ़ता है फलतः मोटे तार का प्रतिरोध कम तथा पतले तार का प्रतिरोध अधिक होता है अर्थात् Rc 1/A
35. विद्युत संचारण के लिए प्रायः कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर – कॉपर तथा ऐलुमिनियम विद्युत के अच्छे चालक हैं। कॉपर तथा ऐलुमिनियम की प्रतिरोधकता कम है। जब ताँबे तथा एलुमिनियम तारों में विद्युत प्रेषित होती है, तो ऊष्मा के रूप में शक्ति का हास बहुत कम होता है ।
आंकिक प्रश्नोत्तर
1. किसी विद्युत बल्ब के तंतु में से 0.5A विद्युत धारा 10 मिनट तक प्रवाहित होती है। विद्युत परिपथ से प्रवाहित विद्युत आवेश का परिमाण ज्ञात करें ।
उत्तर – यहाँ, I = 0.5 A, t = 10 min = 600 s
Q = It
= 0.5A × 600 s
= 300 C Ans.
2. 12 V विभवांतर के दो बिंदुओं के बीच 2 C आवेश को ले जाने में कितना कार्य किया जाता है ?
उत्तर – यहाँ, V = 12 वोल्ट, Q = 2 कूलॉम
W = VQ = 12 V × 2 C = 24 J Ans.
3. 6V बैटरी से गुजरने वाले एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है ?
उत्तर – ऊर्जा = V × Q = 6 V × 1 C = 6 J Ans.
4. किसी धातु के 1m लंबे तार का 20°C पर वैद्युत प्रतिरोध 262 है । यदि तार का व्यास 0.3mm है, तो इस ताप पर धातु की वैद्युत प्रतिरोधकता क्या है ?
उत्तर –
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5. 4Ω प्रतिरोध के किसी तार की मोटाई दोगुनी कर दी जाती है। तार का नया प्रतिरोध परिकलित करें।
उत्तर – यहाँ, R = 4Q
जब तार की मोटाई दोगुनी कर दी जाती है तो उसकी लंबाई आधी रह जाती है तथा तार की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल दोगुना हो जाता है । अर्थात् लंबाई / तथा अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल A का तार लंबाई l/2 तथा अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल 2A के तार में परिवर्तित हो जाता है ।
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6. किसी ताँबे के तार का व्यास 0.5mm और प्रतिरोधकता 1.6 × 10-8 Ωm है। 10 ओम प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लंबे तार की आवश्यकता होगी ?
उत्तर –
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7. 3Ω, 4Ω तथा 6Ω के तीन प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम संयोजन में तथा पार्श्वक्रम संयोजन में जोड़ा गया है। समतुल्य प्रतिरोध की गणना करें।
उत्तर – श्रेणीक्रम संयोजन में,
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8. 2Ω, 3Ω तथा 6Ω के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध (i) 4Ω, (ii) 1Ω, (ii) 11Ω हो ?
उत्तर –
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9. जब (i) 1 Ω तथा 106 Ω, (ii) 1 Ω, 103 Ω तथा 106 Ω के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो इनके तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निर्णय करेंगे ?
उत्तर –
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10. 100 Ω का एक विद्युत लैम्प, 502 का एक विद्युत टोस्टर तथा 50052 का एक जल फिल्टर 220 V के विद्युत स्रोत से पार्श्वक्रम में संयोजित है। उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या है जिसे यदि समान स्रोत के साथ संयोजित कर दें तो वह उतनी ही विद्युत धारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं। यह भी ज्ञात करें कि इस विद्युत इस्तरी से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है।
उत्तर –
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11. किसी विद्युत इस्तरी में अधिकतम तापन दर के लिए 840W की दर से ऊर्जा उपभुक्त होती है तथा 360 W की दर से उस समय उपभुक्त होती है, जब तापन की दर निम्नतम है। यदि विद्युत स्रोत की वोल्टता 220 V है तो दोनों प्रकरणों में विद्युत धारा तथा प्रतिरोध के मान परिकलित करें।
उत्तर –
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12. किसी 4 Ω प्रतिरोधक से प्रति सेकंड 100 J ऊष्मा उत्पन्न हो रही है । प्रतिरोधक के सिरों पर विभवांतर ज्ञात करें ।
उत्तर –
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3. एक घण्टे में 50 V विभवांतर से 96,000 कूलॉम आवेश को स्थानांतरित करने में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित करें ।
उत्तर – किया गया कार्य, W = VQ
या उत्पन्न ऊष्मा, H = 50V × 96,000 C = 4800,000J Ans.
4. 20 Ω प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5 A विद्युत धारा लेती है। 30 s में उत्पन्न ऊष्मा को परिकलित करें ।
उत्तर – R = 20 Ω, I = 5 A, t = 30 s
H = [2 Rt = (5)2 × 20 × 30 = 25 × 20 × 30 = 15,000 J Ans.
5. कोई विद्युत बल्ब 220 V के जनित्र से संयोजित है। यदि बल्ब से 0.50 A विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो बल्ब की शक्ति क्या है ?
उत्तर – P = VI = 220 V × 0.50 A = 110 J/s = 110 W Ans.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. ओम का नियम लिखें और इसका सत्यापन करें।
अथवा, किसी परिपथ के दो सिरों के बीच का विभवांतर V है। परिपथ में R प्रतिरोध जोड़ा गया है। यदि परिपथ में प्रवाहित धारा का मान । है, तो इन राशियों के बीच संबंध लिखें। यह संबंध किस नियम पर आधारित हैं ? संबंधित नियम को सत्यापित करें |
अथवा, संबंध V = IR, जहाँ V = विभवांतर, R = प्रतिरोध एवं I = धारा, किस नियम पर आधारित है ? संबंधित नियम को लिखें एवं सत्यापित करें।
उत्तर – ओम का नियम- नियत ताप पर किसी चालक के सिरों के बीच का विभवांतर उसमें प्रवाहित धारा का समानुपाती होता है। अर्थात्
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सत्यापन- सर्वप्रथम परिपथ में बैट्री, परिवर्तनशील प्रतिरोध Rh (रियोस्टेट) और आमीटर को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है तथा वोल्टमीटर को समांतरक्रम में जोड़ा जाता है। जब कुँजी K पर डाट लगाते है तो परिपथ में धारा प्रवाहित होने लगती है। इस प्रकार प्रवाहित धारा I को आमीटर पर एवं विभवांतर V को वोल्टमीटर पर पढ़ लिया जाता है और V/I का मान ज्ञात कर लिया जाता है। अब रियोस्टेट द्वारा धारा का मान बदल-बदल कर प्रयोग दुहराते हैं और प्रत्येक स्थिति में V/I का मान ज्ञात करते हैं तो पाते हैं कि V/I = नियतांक। इससे ओम के नियम की जाँच हो जाती है।
प्रयोग से प्राप्त आँकड़ों के आधार पर जब X – अक्ष पर V एवं Y- अक्ष पर I लेकर ग्राफ खींचते हैं तो सरल रेखा प्राप्त होती है। इससे भी ओम के नियम की जाँच हो जाती है |
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2. श्रेणीक्रम संयोजन को परिभाषित करें। एक विद्युत परिपथ में तीन प्रतिरोधक जिनके प्रतिरोध क्रमश: R1, R2 तथा R3, है, को श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है। विद्युत परिपथ का तुल्य प्रतिरोध ज्ञात करें।
अथवा, श्रेणीक्रम संयोजन को समझाएँ एवं समतुल्य प्रतिरोध के लिए सूत्र स्थापित करें ।
उत्तर – जब पहले प्रतिरोध का दूसरा छोर दूसरे के पहले छोर से तथा दूसरे का दूसरा छोर तीसरे के पहले छोर से जोड़ा जाता है, तो इस प्रकार के संयोजन को श्रेणीक्रम संयोजन कहते हैं ।
माना कि तीन प्रतिरोधक R1, R2 और R3 को श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है इनके बीच विभवान्तर V1, V2 एवं V3 है तथा इनसे धारा । प्रवाहित होती है।
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3. पार्श्वक्रम संयोजन किसे कहते हैं ? प्रतिरोधकों R1, R2 तथा R3 को पार्श्वक्रम में संयोजित करने पर समतुल्य प्रतिरोध का व्यंजक प्राप्त करें।
अथवा, पार्श्व क्रम संयोजन को समझाएँ एवं समतुल्य प्रतिरोध के लिए सूत्र स्थापित करें ।
अथवा, एक स्विच बोर्ड में तीन स्विच लगे हैं जिसमें से प्रत्येक क्रमशः बल्ब, ट्यूबलाइट और पंखा के लिए हैं। सभी स्विचों को इस प्रकार जोड़ा गया है कि इन्हें अलग-अलग और एक साथ भी उपयोग किया जा सकता है। स्विच बोर्ड में स्विचों को किस क्रम में संयोजित किया जा सकता है। इस प्रकार के संयोजन के लिए समतुल्य प्रतिरोध का व्यंजक प्राप्त करें।
उत्तर – पार्श्वक्रम संयोजन- जब सभी प्रतिरोध के एक छोर को एक साथ तथा दूसरे छोर को एक साथ जोड़ा जाता हैं तो इस प्रकार के संयोजन को पार्श्वक्रम संयोजन कहते हैं।
माना परिपथ में तीन प्रतिरोधक R1, R2 एवं R3 को समांतरक्रम में जोड़ा गया है तथा इनके बीच धारा I1, I2 और I3 प्रवाहित होती है, तो मुख्य परिपथ में कुल धारा I = I1 + I2 + I3
यदि प्रत्येक प्रतिरोधक के बीच विभवांतर V हो तो ओम के नियम से,
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4. विद्युत धारा का तापीय प्रभाव से आप क्या समझते हैं ? किसी प्रतिरोधक में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर उत्पन्न ऊष्मा ऊर्जा के लिए सूत्र लिखे।
उत्तर – विद्युत धारा के प्रवाह से किसी प्रतिरोधक या चालक में उष्मा उत्पन्न होने की घटना को विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहते हैं ।
विभव की परिभाषा से स्पष्ट है, यदि किसी चालक के सिरों पर का विभवान्तर V वोल्ट हो, तो एक कूलॉम आवेश को एक सिरे से दूसरे सिरे तक जाने में किया गया कार्य W = V × 1 J
इसी तरह यदि Q कूलॉम आवेश को एक सिरे से दूसरे सिरे तक जाने में किया गया कार्य W = V × Q J होगा |
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यदि किया गया सम्पूर्ण कार्य ऊष्मा Q के रूप में परिणत हो और इसे Q से व्यक्त किया जाय तो
Q = I2 Rt.
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