NCERT Solutions Class 10Th Social Science Chapter – 1 सुनामी (आपदा प्रबंधन)
NCERT Solutions Class 10Th Social Science Chapter – 1 सुनामी (आपदा प्रबंधन)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
सुनामी
1. सुनामी क्या है ?
उत्तर – सागरीय जल से गुजरने वाली भूकम्पीय तरंगों द्वारा ऊँची एवं भयंकर सागरीय तरंगों की उत्पत्ति होती है जिन्हें सुनामी कहा जाता है।
2. भूकम्प किस प्रकार सुनामी को उत्पन्न करते हैं ?
उत्तर – जब विवर्तनिक प्लेटें विनाशकारी या केन्द्राभिमुख प्लेट सीमाओं से टकराती हैं तब भूकम्प आते हैं। इन क्षेत्रों में भयंकर भूकम्प आते हैं जिससे सुनामी की उत्पत्ति होती है।
3 क्या सुनामी पता करने का कोई तरीका है ?
उत्तर – सुनामी का पता लगाने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी की सहायता ली जाती है।
4. सुनामी लहरों की उत्पत्ति के कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर – सुनामी लहरें सागर तल के नीचे के धरातल को विकृत करने वाली किसी भी हलचल के कारण उत्पन्न हो सकती है जो बड़े पैमाने पर ऊपर के व्यापक सागरीय जलराशि को उसके संतुलन की स्थिति से हटा दे । यह प्रायः भूकम्प, ज्वालामुखीय उद्गार, भू-स्खलन एवं आकस्मिक टकरावों आदि के कारण उत्पन्न होते हैं।
5. 1960 में आई सुनामी के लहरों की ऊँचाई कितनी थी तथा किस देश में आई थी ?
उत्तर – 1960 में आई सुनामी के लहरों की ऊँचाई 25 मीटर थी तथा चिली में आई थी।
6. अलास्का के निकट 1964 में आए सुनामी को क्या कहा गया और इसका क्या कारण था ?
उत्तर – अलास्का के निकट 1964 में आए सुनामी को गुड फ्राइडे सुनामी कहा गया तथा इसका कारण रिक्टर पैमाने पर 9.2 की तीव्रता का भूकंप आना था।
7. सुनामी की पहचान कैसे होती है ?
उत्तर – सुनामी 2004 के दौरान निश्चित रूप से यह प्रमाणित हो गया कि जैसा कि भूकंप के समय होता है, वैसे ही सागरतट के समीप रहने वाले अधिकांश पशुओं, जैसे खरगोश आदि, के व्यवहार में बहुत अधिक परिवर्तन होता है। विज्ञान और शिल्पविज्ञान के क्षेत्र में हुई उन्नति ने भूकंप तथा सुनामीजनित समुद्री सतह के हलचल को उनके घटने से पहले ही जाना जा सकता है और वहाँ के लोगों को इसके लिए अग्रिम चेतावनी दी जा सकती है। समुद्री सतह पर एक संवेदक स्थापित करके अग्रिम चेतावनी की प्रक्रिया संपन्न की जाती है। इसमें तैरने वाला एक प्लव सैटेलाइट के द्वारा ग्राउंड स्टेशन से जोड़ा जाता है।
8. ज्वारीय तरंग और सुनामी में दो अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर – (क) ज्वारीय तरंग पृथ्वी पर चन्द्रमा, सूर्य एवं अन्य ग्रहों के असंतुलित गुरुत्वीय एवं अन्तरिक्षीय प्रभाव के कारण घटित होता है, जबकि सुनामी समुद्र तल में होने वाली किसी तेज हलचल या जमीन के भीतर किसी बड़े विस्फोट या भूस्खलन के कारण आती है।
(ख) आम लहरों के विपरीत सुनामी लहरें दैत्याकार होती हैं। इनकी लंबाई 100 किमी के आसपास होती है एवं इसकी अवधि कम-से-कम 1 घंटे की होती है।
9. दिसम्बर 2004 की सुनामी से प्रभावित देशों के नाम लिखें।
उत्तर – दिसम्बर 2004 की सुनामी से प्रभावित देश है— इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड, म्यनमार, बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका, मालद्वीव द्वीप समूह और अफ्रीका में सोमालिया।
10. सुनामी का जल शहर में प्रवेश कर जाने पर क्या है ?
उत्तर – सुनामी का जल शहर में प्रवेश कर जाने पर शहरों और कस्बों में पुलों, इमारतों, दूर संचार सेवाओं आदि को भारी क्षति होती है। इससे अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है क्योंकि अनेक छोटे और बड़े उद्योगों को इतनी अधिक क्षति हो जाती है कि उनका मरम्मत करना भी संभव नहीं रहता है l
11. रिक्टर पैमाना किसे कहते हैं ? इसके उपयोग बताएँ ।
उत्तर – रिक्टर पैमाना एक लघुगणकीय पैमाना है जिसका अर्थ है कि संख्याएँ अनंत तक हो सकती है। इस पैमाने का उपयोग किसी भूकंप से उत्पन्न ऊर्जा की तीव्रता मापने के लिए किया जाता है। भूकंप की तीव्रता सामान्यतः 0 से 9 तक हो सकती है। एक भूकंप सामान्यतः 1025 अर्ग ऊर्जा पैदा कर सकती है। इस पैमाने पर दिसंबर 2004 ई० के भूकंप को 8.9 मापा गया है। यह विश्व में अभी तक दर्ज सबसे बड़े भूकंपों में से एक था।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
सुनामी
1. सुनामी लहरों के आने के कारणों की उदाहरण सहित व्याख्या करें। अथवा, सुनामी के जन्म के कारणों को स्पष्ट करें।
उत्तर – सुनामी के जन्म के निम्नांकित कारण हैं –
(क) भूकम्प या ज्वालामुखी का विस्फोट- समुद्र में भूकम्प और ज्वालामुखी के विस्फोट सुनामी के प्रमुख कारण होते हैं। लहरों की तीव्रता भूकम्प या ‘ज्वालामुखी के विस्फोट की तीव्रता पर निर्भर होती है। प्लेटों के घर्षण या प्लेटों की सीमाओं पर उनके टकराव भूकम्पों को जन्म देते हैं। जिस रेखा के आस-पास धँसाव होता है, उसे बेन्योफ अंचल कहते हैं। इस अंचल में ज्वालामुखियों के भयानक विस्फोट और तीव्र भूकम्प आते रहते हैं। फलस्वरूप सुनामी का जन्म होता है।
(ख) चट्टानी परतों में उथल-पुथल- चट्टानी परतों में उथल-पुथल एक भूगर्भी प्रक्रिया है। जो सागर के अन्दर संपीडन और पर्वतों के निर्माण का कारण होती है। ऐसी भूगर्भी प्रक्रियाओं के दौरान सागर की तली में भूकम्प आ सकते हैं; सागर की तली का कोई भाग उठ सकता है और दूसरा भाग धँस सकता है तथा चट्टानों की सीधे और तिरछे विस्थापन से सागर के जल में तीव्र गति पैदा हो सकती है। इनमें से किसी भी परिस्थिति में सुनामी का जन्म हो सकता है ।
(ग) तरंगें– सागर का जल नियमित रूप से और नियमित अंतरालों पर उठता-गिरता रहता है, जो तरंगें कहलाती हैं। उनके द्वारा विवर्तनी प्लेटों पर दबाव पड़ने से उनमें गति पैदा होती है। इसके कारण भूकम्प आते हैं अथवा ज्वालामुखी फटते हैं। फिर ये सुनामी तरंगों को जन्म दे सकते हैं ।
2. गुड फ्राइडे सुनामी क्या है ? वर्णन करें।
उत्तर – अमेरिका के आलास्का तट पर 1964 में एक भयंकर भूकंप आया था। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9.2 आँकी गई थी। इस भूकंप के बाद भयंकर सुनामी की उत्पत्ति हुई। इस सुनामी का प्रभाव उत्तरी अमेरिका के अलास्का, ब्रिटिश कोलंबिया, कैलिफोर्निया और प्रशांत महासागर के पश्चिमोत्तर तटवर्ती शहरों में लगभग 122 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। इस सुनामी ने बहुत लोगों को बेघर कर दिया तथा बड़े पैमाने पर जानमाल की क्षति हुई। यह सुनामी की लहरें 6 मीटर ऊँची थी और इसके प्रभाव से कैलिफोर्निया के फ्रीसेंट शहर में 11 व्यक्ति मारे गए । समुद्र किनारे पर स्थित कई बस्तियाँ जलमग्न हो गई तथा अपार धन-जन की बर्बादी हुई। यह एक भयंकर सुनामी थी जो आज भी वहाँ के लोगों की यादों को ताजा कर जाती है।
यह सुनामी गुड फ्राइडे के दिन आई थी इसलिए इसका नाम ‘गुड फ्राइडे’ सुनामी रखा गया।
3. सुनामी आने के बाद क्या-क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए ?
उत्तर – सुनामी आने के बाद निम्नांकित सावधानियाँ रखनी चाहिए –
(क) रेडियो, टेलीविजन या अन्य घोषणाओं को ध्यानपूर्वक सुनते रहें और आपातकालीन सूचनाओं के अनुसार अपना कर्त्तव्य सुनिश्चित करना चाहिए।
(ख) सड़ी-गली वस्तुओं और शवों को हटाकर उस स्थल को संक्रमण से बचाना चाहिए, ताकि वहाँ संक्रामक रोग न फैले ।
(ग) दूषित जल का प्रयोग नहीं करना चाहिए बल्कि उबाले गए पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।
(घ) बाद के झटकों और लहरों के पुनः आने के मद्देनजर सावधान रहना चाहिए।
(ङ) बिजली के स्विच चालू न करके बैटरी से चलने वाले टॉर्च आदि का प्रयोग करना चाहिए। मोमबत्ती वगैरह भी नहीं जलाना चाहिए।
(च) घर के खिड़की-दरवाजों को खोल देना चाहिए, ताकि मकान / घर जल्दी सूख जाय और गैस वगैरह के रिसने की स्थिति में भी ऐसा करना परम आवश्यक है।
4. भारत सरकार द्वारा सुनामी से प्रभावित लोगों की समस्याओं के प्रशमन हेतु क्या उपाय किए गए हैं ?
उत्तर – भारत सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा की जो निम्नांकित है –
(क) जो 26 देश एक-दूसरे को संभावित खतरे या जोखिम की चेतावनी देते हैं, उनके नेटवर्क में शामिल होना ।
(ख) अमेरिका से सुनामी या भूकंप की निगरानी की प्रणाली प्राप्त करना।
(ग) किसी आपदा के दौरान मारे गए व्यक्तियों के शवों को हटाने, उनके अंतिम संस्कार करने और मलबे को उठवाकर वहाँ साफ करने के लिए आपातकालीन कदम उठाना ।
(घ) असहायता में कमी के उपायों को और मजबूत बनाना ।
(ङ) तटीय क्षेत्रों में भवन निर्माण संबंधी नियमों को दृढ़तापूर्वक पालन करवाना।
(च) आपातकाल में आपदाओं से निपटने की तैयारी’ की संस्कृति को अपनाना ।
5. सुनामी विनाश का कार्य कैसे करती है ?
उत्तर – सुनामी निम्नांकित प्रकार से विनाश का कार्य करती है –
(क) मानव-जीवन की हानि- सुनामी से मानव जीवन की काफी हानि होती है। दिसम्बर 2004 की सुनामी में लगभग 1,50,000 लोग मरे हैं ।
(ख) अस्थिरता – भूगोलविद् अस्थिरता को कमजोर ढालों, जल के अन्दर की पर्वत-शृंखलाओं और पहाड़ियों को प्लेटों के विस्थापन के कारण होनेवाली हानियों के आधार पर मापते हैं। फिर ये हानियाँ तटीय, बस्तियों, यातायात व्यवस्थाओं और समुद्री जहाज के मार्गों को हानि पहुँचाती हैं।
(ग) निजी, सार्वजनिक और व्यापारिक हानियाँ- इसके अन्तर्गत मकानों, सड़कों, इमारतों, बंदरगाही सुविधाओं, नावों, जलपोतों, समुद्र तटों पर स्थित आरामगाहों, होटलों तथा व्यक्तिगत, सरकारी और निजी कम्पनियों की दूसरी सम्पत्तियों की हानि शामिल है l
(घ) बंदरगाही नगरों और शहरों की हानि- समुद्र के किनारे बसे बंदरगाही नगरों और शहरों को काफी हानि पहुँची है। इससे समुद्रतट पर बसे प्रमुख नगरों और शहरों तथा गाँवों समेत बहुत से दूसरे स्थानों को भी भारी नुकशान उठाना पड़ा है। आकस्मिक बाढ़ और उससे उत्पन्न अफरा-तफरी ने उनके अनेक दशकों के विकास पर पानी फेर दिया है ।
(ङ) कीचड़ और मलवे का जमाव- सुनामी के परिणामस्वरूप जब आकस्मिक बाढ़ का पानी पीछे हटने लगता है तब कीचड़ और मलवे का बहाव उल्टी दिशा में आरम्भ हो जाता है। ये प्रवालों और प्रवालभित्तियों को भारी हानि पहुँचाते हैं। प्रवालों की हानि से और सागरों में कीचड़ और मलवा आ जाने’ के कारण बड़े पैमाने पर समुद्र जल प्रदूषित हो सकते हैं ।
6. 2004 में आई सुनामी आपदा का वर्णन करें।
उत्तर – 26 दिसंबर 2004 को उत्तरी सुमात्रा (इंडोनेशिया) के पश्चिमी तट के समुद्र की तली में रिक्टर स्केल पर 9.0 की तीव्रता का भूकंप आया जिससे हिंद महासागर के तट पर बसे भू-भागों में कुछ घंटों के भीतर ही सुनामी की भयानक लहरों की विनाशलीला शुरू हो गई। इस आपदा के प्रभाव से 1,20,000 से भी अधिक लोगों की मृत्यु हो गई। इसके प्रभाव के बांडा एकेह के आस-पास का क्षेत्र नष्ट हो गया और थाईलैंड के फुकेट, मलेशिया के पेनांग, श्रीलंका, भारत और अफ्रीका के सोमालिया में भयंकर तबाही मची l
7. सुनामी के पूर्व, सुनामी के दौरान तथा सुनामी के बाद की जानेवाली तैयारियों का वर्णन करें।
उत्तर – सुनामी के पूर्व –
(क) निम्नतल वाली भूमि की पहचान करने के बाद उस इलाके को खाली करा देना चाहिए ।
(ख) सुरक्षित आश्रय स्थलों की पहचान कर लेनी चाहिए ।
(ग) आवश्यक और जीवन रक्षक वस्तुओं को एक पेटी में रख लेनी चाहिए ।
सुनामी के दौरान –
(क) शांत रहना, घबड़ाहट में गड़बड़ी हो सकती है
(ख) खोज व बचाव दल की प्रतीक्षा करें ।
(ग) टी० वी०, रेडियों पर प्रसारित की जा रही सूचनाओं को ध्यान से सुनें ।
(घ) निचले स्थानों से दूर रहें ।
सुनामी के बाद –
(क) स्वयं अपनी स्थिति में सुधार का प्रयास करें तथा अन्य पीड़ितों की सहायता करें।
(ख) टी० वी०, रेडियों पर आवश्यक सूचनाएँ प्राप्त करते रहें।
(ग) पीने के पानी का प्रयोग सावधानी पूर्वक करें ।
8. सुनामी के बाद कीचड़ फैल जाने से होने वाले प्रभावों का वर्णन करें।
उत्तर – सुनामी की लहरों के साथ आई विशाल जलराशि समुद्र तट के निकटवर्ती शहरों ओर कसबों में फैल जाती है, जिससे उन क्षेत्रों में पल भर में ही भयंकर बाढ़ आ जाती हैं बाढ़ का जल अपने साथ कीचड़ और मलबा भी ले आता है। बाद में जब बाढ़ का पानी उतरना शुरू होता है तो अपने साथ काफी मात्रा में कीचड़ और अन्य तलछट पदार्थों को बहा ले जाता है और उन्हें सिंचाई वाले क्षेत्रों में नदी के मुहाने पर निक्षेपित कर देता है। इससे प्राकृतिक खतरे भी उत्पन्न होते हैं। उदाहरण के लिए अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में मूँगे की चट्टानों वाले क्षेत्र के आस-पास भारत के पूर्वी तट से हाल में बहाकर लाए गए कीचड़ द्वारा तलछट मृदा के निक्षेपण के कारण भारी कठिनाइयाँ उत्पन्न हो गई हैं।
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