NCERT Solutions Class 10Th Social Science Chapter – 5 आपदाओं के दौरान उत्तरदायित्व का निर्वहन (आपदा प्रबंधन)
NCERT Solutions Class 10Th Social Science Chapter – 5 आपदाओं के दौरान उत्तरदायित्व का निर्वहन (आपदा प्रबंधन)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
आपदाओं के दौरान उत्तरदायित्व का निर्वहन
1. आपदा प्रबंधन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर – आपदाओं के पूर्व की जाने वाली तैयारी, आपदा के दौरान तथा बाद में किए जाने वाले राहत कार्य, पुनर्वास कार्य आदि को आपदा प्रबंधन के नाम से जाना जाता है। आपदा प्रबंधन का उद्देश्य आपदा के प्रभाव को कम करना तथा आपदा पीड़ित व्यक्तियों को तत्काल एवं उचित सहायता प्रदान करना है।
2. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन ढाँचा क्या है ?
उत्तर – आपदा-प्रबंधन के वर्तमान ढाँचे में प्रत्याशित निवेशों, मध्यस्थता और संबद्ध के क्षेत्रों, विभिन्न स्तरों पर कार्यरत संगठनों तथा आपदा से सफलता के साथ निपटने के बारे में समुदाय द्वारा किए जाने वाले प्रयासों को शामिल किया गया है।
3. आपदा प्रबंधन दल में चयन हेतु दो सदस्यों के नाम लिखें।
उत्तर – (क) भूतपूर्व सैनिकों या अर्द्धसैनिक बलों के व्यक्ति ।
(ख) N.C.C., स्काउट एवं गाइड तथा नेशनल सेवा दल के सदस्य ।
4. स्कूल आपदा प्रबंध समिति के कार्यबलों की सूची बनाएँ ।
उत्तर – कार्यबल
(क) चेतावनी प्रसारित करना ।
(ख) आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा ।
(ग) स्थान खाली कराना तथा खोज एवं बचाव आदि करना ।
(घ) जागरूकता पैदा करना ।
(ङ) दुष्प्रभाव को कम करना ।
5. आपदा प्रबंधन में पीड़ितों को राहत पहुँचाने वाली कुछ महत्त्वपूर्ण सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं तथा संगठनों के नाम बताएँ ।
उत्तर – (क) जिला तथा राज्य प्रशासन,
(ख) स्थानीय समितियाँ,
(ग) होम गार्डस,
(घ) एन० एस० एस०
(ङ) स्वयंसेवी विद्यार्थी संगठन इत्यादि ।
6. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण क्या है ?
उत्तर – प्रत्येक राज्य से केंद्रीय प्राधिकरण की ही तर्ज पर एक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बनाने की आशा की गई है। संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के प्रमुख होंगे। सिंचाई, कृषि, पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण और वन, गृह, नगरीय विकास आदि प्रबंध विभागों के मंत्री भी राज्य आपात स्थिति प्रबंध प्राधिकरण के सदस्य होंगे। अभी तक सात राज्यों (तमिलनाडु, अरूणाचल प्रदेश, उत्तरांचल, उड़ीसा, गुजरात, केरल और नागालैंड) तथा दो संघीय क्षेत्रों (अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह और चंडीगढ़) के प्रशासन ने इस क्षेत्र में कदम उठाए हैं तथा ऐसे प्राधिकरण के गठन के लिए अधिसूचनाएँ जारी की हैं। बाकी राज्य और संघीय क्षेत्र भी आवश्यक संस्थागत व्यवस्था निर्माण की प्रक्रिया में हैं।
7. जिला स्तर की आपदा प्रबंधन कमिटी के प्रमुख कार्य क्या हैं ?
उत्तर – जिला स्तर की आपदा प्रबंधन कमिटी के प्रमुख कार्य निम्नांकित हैं –
(क) जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन योजना बनाना।
(ख) आपदा प्रबंधन टीमों के प्रशिक्षण का आयोजन कराना तथा इन क्रियाओं का समन्वय करना ।
(ग) मोक ड्रिल कराना ।
8. एन० सी० सी० का प्रमुख उद्देश्य क्या हैं ?
उत्तर – इसकी स्थापना 1948 में हुई। इसका उद्देश्य है- चरित्र विकास, आज्ञाकारिता पालन, नेतृत्व विकास, धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा, साहसिक भावना का विकास, खेल-भावना, स्वैच्छिक सेवा का युवकों में दायित्व बोध कराकर उन्हें सफल नागरिक बनाना ।
एन० सी० सी० भारतीय युवकों को प्रशिक्षित, संगठित करके मानव संसाधन के रूप में उपलब्ध कराता है
वह युवकों को प्रशिक्षित करके नेतृत्व एवं जीवन से जुड़े सभी क्षेत्रों में अग्रगण्य बनाता है। यह देश सेवा के लिए तैयार करता है।
9. योकोहामा रणनीति क्या है ?
उत्तर – 1999-2000 में यूनेस्को की पहल पर जापान के योकोहामा शहर में एक सम्मेलन आयोजित किया गया जिसका उद्देश्य धारणीय विकासात्मक नीतियों से आपदा प्रबंधन करना था जिसे प्राकृतिक आपदा प्रशमन हेतु योकोहामा रणनीति कहते हैं जिसने आपदा प्रबंधन हेतु नई रणनीति विकसित करने का प्रयास किया। भारत में कृषि मंत्रालय के अधीन एक विशेषज्ञ समूह इन नीतियों से संबंधित मामलों की जाँच करता है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
आपदाओं के दौरान उत्तरदायित्व का निर्वहन
1. आपदा प्रबंधन में एन० एस० एस० (National Service Scheme) की भूमिका का वर्णन करें ।
उत्तर – आपदा प्रबंधन में एन० एस० एस० (राष्ट्रीय सेवा योजना) की भूमिका निम्नांकित है –
(क) लोगों के कष्टों को समझना तथा उनके कष्टों में भागीदार होना । यह कष्ट बाढ़, अकाल, भूकंप, चक्रवातीय तूफान तथा भूस्खलन के कारण पैदा होता है।
(ख) लोगों की परेशानियों को दूर करने वाले कार्यक्रमों में भाग लेना तथा लोगों के साथ मिलकर काम करना ।
(ग) राहत तथा पुनर्वास कार्यों में सरकार तथा अन्य एजेंसियों की सहायता करना तथा उनका हाथ बटाना।
(घ) राशन, दवाओं, वस्त्र आदि के वितरण में अधिकारियों की सहायता करना ।
(ङ) टीकाकरण आदि कार्यों में स्वास्थ्य सेवा अधिकारियों की सहायता करना ।
(च) मकानों के पुनर्निमाण में स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कार्य करना ।
(छ) बचाव व राहत कार्यों में स्थानीय संस्थाओं की सहायता करना तथा उनके साथ मिलकर कार्य करना ।
(ज) पुराने / नए वस्त्रों तथा खाद्यान्न सामग्री को एकत्र करना तथा पीड़ित लोगों को भेजना।
(झ) गलियों की सफाई तथा पीड़ित लोगों के घरों की सफाई करना।
2. राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर – 26 दिसबंर 2004 की सुनामी की भयंकर लहरों से होने वाली जानमाल की तबाही के बाद भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार या समिति का गठन किया है जो संकट की स्थिति में तेजी से कारवाई करने के लिए विशेषज्ञता प्राप्त क्षमता विकसित करने का प्रस्ताव किया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निदेशक श्री जी० बालासुब्रण्यम ने भी आपदा की स्थिति में किए जाने वाले उपायों से छात्रों को अवगत कराने के लिए तत्तसंबंधी जानकारी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की है।
भवन निर्माताओं और बस्तियाँ बसने वाले समूहों के लिए शर्तो को निर्धारण करने वाले वर्तमान नियमों की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय आपात प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया गया है। यह प्राधिकरण आपदा प्रबंधन संबंधी नियमों तथा राष्ट्रीय नीतियों पर कार्य करेगा । जिसे अब तक गृह मंत्रालय द्वारा किया जाता है। यह प्राधिकरण गृह मंत्रालय के अंतर्गत एक विभाग की तरह काम करेगा।
3. राष्ट्रीय आपात प्रबंधन प्राधिकरण (NEMA) के मुख्य कार्यों एवं लाभों का वर्णन करें ।
उत्तर – राष्ट्रीय आपात प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्य एवं लाभ –
(क) बहुविध – संकट से होने वाले नुकसानों के शमन, रोकथाम, तैयारी और प्रत्युत्तर कार्यक्रमों के साथ समन्वय करना ।
(ख) आपदा के खतरे को कम करने एवं शमन के लिए नीतियाँ तय करना ।
(ग) सभी स्तरों पर तैयारी करना । बहुत से संगठन जैसे- बिल्डिंग मैटीरियल्स टेक्निकल प्रमोशन काउंसिल आदि भू-स्खलन, क्षेत्रीयकरण इत्यादि कार्य कर सकते हैं ।
(घ) उत्तरदाता और पश्चात् आपदा-सहायता और पुनर्वास में समन्वय स्थापित करना ।
(ङ) वर्तमान कानूनों, विधियों और अनुदेशों में संशोधन करना ।
(च) संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामले की समन्वय समिति सभी अंतर्राष्ट्रीय आपदाओं के प्रति प्रत्युत्तरदायी होती हैं भारत में हाल ही की आपदाओं हेतु संयुक्त राष्ट्र की दूसरी एजेंसियों; जैसे- यू० एन० डी० पी०, एफ० ए० ओ० आई० एल० ओ०, यू० एन० एफ ०पी० ए० यूनीसेफ वेफ और डब्लू० एच० ओ० का प्रतिनिधित्व करती है। इसका उद्देश्य तुरंत व प्रभावी सहायता प्रदान करना है। संस्था के प्रत्येक सदस्य का अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त होती है, जो अविलंब कारगर होते हैं। इसके अलावा, अनेक दूतावास एवं उच्चायुक्त बाढ़, चक्रवात, सूखा आदि के समय यू० एन० डी० एम० टी० की सहायता करते हैं तथा अन्य अनेक गैर-सरकारी संस्थाएँ भी कार्य करती है ।
4. आपदा प्रबंधन में सिविल डिफेंस की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर – आपदा प्रबंधन में सिविल डिफेंस की निम्नांकित भूमिका है
(क) जागरूकता तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना ।
(ख) सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के कार्यों में समन्वय करना।
(ग) खोज और बचाव कार्य करना ।
(घ) राहत तथा पुनर्वास कार्य करना ।
(ङ) मकानों का निर्माण करना ।
(च) स्वास्थ्य तथा सफाई सेवाएँ प्रदान करना ।
(छ) अग्नि शमन, सेवाओं में हाथ बटाना ।
(ज) वार्डन सेवाएँ प्रदान करना ।
(झ) सार्वजनिक सुविधाओं को जारी कराना।
5. होमगार्डस का गठन कब किया गया ? होमगार्डस के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर – यह एक स्वयंसेवी संगठन दल है जिसकी स्थापना दिसम्बर 1946 ई० में पुलिस की नागरिक उपद्रवों तथा सांप्रदायिक दंगों में सहायता करने के लिए की गई । 1962 के चीनी आक्रमण के समय इस दल ने बड़ा महत्त्वपूर्ण कार्य किया। इस दल की उपयोगिता को देखते हुए केन्द्रीय सरकार ने विभिन्न राज्यों को यह सलाह ‘दी कि वे अपने स्वयं सेवी दलों को आपस में मिला दें और इस प्रकार जो संयुक्त दल तैयार हुआ उसका नाम होम गार्डस रख दिया गया।
इस दल के महत्त्वपूर्ण कार्य निम्नांकित हैं –
(क) देश में आन्तरिक सुरक्षा बनाए रखने में पुलिस की सहायता करना।
(ख) विभिन्न संकटों / आपदाओं में समाज की सहायता करना जैसे— हवाई आक्रमण के समय, भूकम्प, आग लगने, भूस्खलन तथा चक्रवती तूफानों के समय ।
(ग) सरकारी तन्त्र की सांप्रदायिक सद्भावना बनाने में सहायता करना तथा समाज के कमजोर वर्गों को सुरक्षा प्रदान करना ।
(घ) आंतरिक सेवाएँ बनाए रखना।
(ङ) सिविल डिफेंस के कर्त्तव्य निभाना और समाज के कल्याण की विभिन्न गतिविधियों में बढ़चढ़ कर भाग लेना ।
6. नेहरू युवक केन्द्र का उद्देश्य तथा आपदा प्रबंधन में इनकी भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर – नेहरू युवक केंद्रों की स्थापना के निम्नांकित उद्देश्य थे
(क) गैर पढ़ने वाले ग्रामीण युवक को राष्ट्रीय निर्माण क्रियाओं में भाग लेने का अवसर प्रदान करना ।
(ख) अपनी स्वयं की क्षमताओं और अपना विकास करने के अवसर प्रदान करना ।
नेहरू युवक केंद्रों की आपदा प्रबंधन में भूमिका
(क) नेहरू युवक केंद्र आपदाओं के बारे में जागरूकता उत्पन्न करते हैं तथा विभिन्न कार्यों के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाते हैं। ये प्रभातफेरी तथा रैलियाँ भी आयोजित करते हैं |
(ख) खोज तथा बचाव कार्यों में स्थानीय लोगों की सहायता करते हैं ।
(ग) टैंट तथा राहत शिविरों को लगाते हैं ।
(घ) पीड़ितों की सहायता के लिए दान एकत्रित करते हैं।
(ङ) स्वास्थ्य तथा दवाओं के शिविर लगाते हैं ।
(च) घायलों की मलहम पट्टी करते हैं ।
(छ) गंभीर रूप से घायल लोगों को अस्पताल ले जाते हैं तथा उनका उपचार कराते हैं ।
(ज) मृत लोगों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करते हैं
7. राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न आपदाओं के समन्वय के लिए उत्तरदायी नोडल मंत्रालयों के नाम लिखें ।
उत्तर – राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न आपदाओं के समन्वय के लिए नोडल मंत्रालयों के नाम निम्नांकित हैं –
(क) गृह मंत्रालय – रासायनिक नाभिकीय, जैविक एवं प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की जिम्मेवारी ।
(ख) कृषि मंत्रालय – सूखा से निपटने की जिम्मेवारी इस मंत्रालय पर होती है।
(ग) नागरिक विमानक मंत्रालय – हवाई दुर्घटनाएँ ।
(घ) रेल मंत्रालय – रेल दुर्घटनाएँ ।
(ङ) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय – महामारियाँ ।
(च) कुछ अन्य संगठन जैसे- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, केन्द्रीय जल आयोग, भवन एवं सामग्री संवर्धन परिषद्, भारतीय मानक ब्यूरो, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, नागरिक सुरक्षा महानिदेशक इत्यादि भी विभिन्न आपदाओं के समय समन्वय कार्य करते हैं ।
8. गाँव स्तर पर आपदा प्रबंधन कमिटी का क्या कार्य है ?
उत्तर – गाँव स्तर पर आपदा प्रबंधन कमिटी का निम्नांकित कार्य हैं
(क) गाँव आपदा प्रबंधन योजना को तैयार करना ।
(ख) विभिन्न संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित करना ।
(ग) आपदा प्रबंधन टीम की रचना करना ।
(घ) आपदा प्रबंधन टीम का प्रशिक्षण कराना ।
(ङ) समय-समय पर निरंतर रूप में मोक ड्रिल कराना ।
9. आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में राहत और पुनर्वास विभाग के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर – राज्य सरकारों ने राहत और पुनर्वास विभाग का नाम आपदा प्रबंधन विभाग भी रखा है। यह राज्यों में आपदा प्रबंधन के लिए केंद्रक विभाग है। इस विभाग के मुख्य कार्य निम्नांकित हैं –
(क) मार्गदर्शन प्रदान करना और सभी संबंधित विभागों द्वारा की गई कारवाई की मानीटरिंग करना।
(ख) आपदा प्रशमन और तत्संबंधी बचाव के उपाय करना ।
(ग) आपदा की स्थिति बीत जाने के बाद समन्वयन कार्य करना ।
(घ) सभी विशेषज्ञता प्राप्त जन शक्ति और विशेष रूप में तैयार किए गए उपकरणों की एक संसाधन सूची रखना।
10. संयुक्त राष्ट्र आपदा प्रबंधन टीम (UNDMT) का क्या उद्देश्य है ?
उत्तर – संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों की समन्वय समिति सभी अंतर्राष्ट्रीय आपदाओं के प्रति प्रत्युत्तरदायी होती है। भारत में हाल ही की आपदाओं हेतु संयुक्त राष्ट्र की दूसरी एजेंसियों, जैसे यू० एन० डी० पी०, एफ० ए० ओ० का प्रतिनिधित्व करती है। इसका उद्देश्यं तुरंत एवं प्रभावी सहायता प्रदान करना है। संस्था के प्रत्येक सदस्य को अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त होती है, जो अविलंब कारगार होते हैं । इसके अलावा, अनेक दूतावास एवं उच्चायुक्त बाढ़, चक्रवात, सूखा आदि के समय यू० एन० डी० एम० टी० की सहायता करते हैं तथा अन्य अनेक गैर-सरकारी संस्थाएँ भी कार्य करती हैं।
11. आपदा के लिए सृजित निधि को कौन प्रचालित करता है ? वर्णन करें ।
उत्तर – नई नीति के अनुसार वित्त आयोग केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच कर योग्य और राजस्वों की हिस्सेदारी पर विचार करके राहत राशि उपलब्ध कराने के संबंध में निर्णय लेता है। किंतु राहत सहायता किन मानदंडों के आधार पर उपलब्ध कराई जाएगी, इसका निर्णय राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति द्वारा किया जाता है। जब किसी आपदा से निबटने के लिए संकट राहत कोष पर्याप्त न हो, तो संबंधित राज्य राष्ट्रीय संकट आकस्मिकता निधि से अतिरिक्त राशि प्राप्त करता है। इस संबंध में निधि आवंटन में वृद्धि करने के लिए ग्यारहवें वित्त आयोग द्वारा कुछ सिफारिशें की गई हैं। 2500 मिलियन अमरीकी डॉलर से एक आपदा प्रशमन कोष सृजित करने का प्रस्ताव है।
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