NCERT Solutions Class 9Th Science Biology – ऊतक

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NCERT Solutions Class 9Th Science Biology – ऊतक

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

ऊतक

1. ऊतक क्या है ?
उत्तर – समान संरचना वाले कोशिकाओं के समूह जो एक विशेष कार्य को करने के लिए एक साथ कार्य करते हैं, उन्हें ऊतक कहते हैं ।
2. मृदुतक की कोशिकाओं के बीच क्या पाया जाता है ? 
उत्तर – अन्तर कोशिकीय स्थान ।
3. कार्क कोशिकाओं में क्या पाया जाता है ?  
उत्तर – सुबरीन।
4. जाइलम किस प्रकार का उत्तक है ?
उत्तर – संवहन उत्तक
5. कॉन्डियोब्लास्ट कोशिकाएँ किस उत्तक में पायी जाती है ? 
उत्तर – उपास्थि में।
6. सबसे बड़ी कोशिका कौन है ?
उत्तर – न्यूरॉन ।
7. विभाज्योत्तक क्रिया होती है ।
उत्तर – तने या मूल के अग्रशिरों पर।
8. रेखित पेशी में कितने केन्द्रक होते हैं ? 
उत्तर – बहुत से ।
9. पौधों में पाये जाने वाले विभिन्न ऊतक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर – पादप ऊतकों को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है –
(i) विभज्योतिकी ऊतक, (ii) स्थायी ऊतक ।
10. पौधों में विभज्योतिकी ऊतक कहाँ पाये जाते हैं ?
उत्तर – पौधों में विभज्योतिकी ऊतक वृद्धि क्षेत्र में पाये जाते हैं। जैसे- पौधे में जड़ की नोंक तथा तने की नोंक पर ।
11. फ्लोएम के कार्य बताएँ ।
उत्तर – ये पत्तियों में बने भोजन को पौधों के विभिन्न भागों तक पहुँचाती है ।
12. वल्कुट के मुख्य कार्य क्या है ?
उत्तर – वल्कुट पत्तियों से भोजन को पौधे के विभिन्न भागों में ले जाता है।
13. मृदु पेशी ऊतक शरीर में किस स्थान पर स्थित होते हैं ? 
उत्तर – सभी नलिकाकार अंगों की दीवारों पर ।
जैसे— उदर, आँत, मूत्रवाहनी, श्वास नली आदि।
14. दारू (जाइलम) के कार्य बताएँ ।
उत्तर – (i) ये पानी तथा खनिज को जड़ से पौधे के विभिन्न भागों में ले जाता है।
(ii) ये पौधे को दृढ़ता देता है
15. सामूहिक रूप से एक ही कार्य करने वाले ऊतकों के समूह क्या कहलाते हैं ? 
उत्तर – अंग ।
16. कंडरा और स्नायु के बीच एक अंतर बताएँ ।
उत्तर – कंडरा शक्तिशाली होते हैं और पेशी को अस्थि से जोड़ते हैं। स्नायु नर्म होते हैं और अस्थि को अस्थि से जोड़ते हैं।
17. जड़ों में विभाज्योतक कहाँ पाए जाते हैं ? 
उत्तर – जड़ के अग्र भाग में ।
18. किसी पौधे में स्थायी ऊतक किस स्थान पर पाए जाते हैं ? 
उत्तर – स्थायी ऊतक किसी पौधे में पूर्ण विकसित और परिपक्व स्थानों पर पाए जाते हैं ।
19. जन्तुओं की वृद्धि के लिए कौन-सा ऊतक उत्तरदायी है ? 
उत्तर – विभज्योतक ।
20. न्यूरॉन में केन्द्रक कहाँ उपस्थित होता है ? 
उत्तर – कोशिकाकाय में ।
21. कुछ मुख्य संयोजी ऊतकों के नाम बताएँ । 
उत्तर – अस्थि, उपास्थि, कंडरा, स्नायु, रक्त ।
22. प्रकाश संश्लेषण के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है ? 
उत्तर – कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
23. बहुकोशिकीय जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है ? 
उत्तर – भोजन का पाचन, श्वसन क्रिया, उत्सर्जन क्रिया एवं जनन आदि ।
24. सरल ऊतकों के कितने प्रकार हैं ?
उत्तर – सरल ऊतकों के तीन प्रकार हैं-
(i) मृदूतक, (ii) स्थूल ऊतक, (iii) दृढ़ ऊतक ।
25. प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर – एपिकल विभज्योत्तक जड़ तथा तनों की चोटी पर पाया जाता है। यह तने तथा जड़ों की वृद्धि करने में सहायता करता है।
26. नारियल का रेशा किस ऊतक का बना होता है ?
उत्तर – दृढ़ (स्कलेरेन्काइमा) ऊतक।
27. उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है। 
उत्तर – पेशी ऊतक ।
28. ऊतक नाम लिखें जो मुँह के भीतरी स्तर का निर्माण करता है। 
उत्तर – चपटी एपिथीलियम ।
29. ऊतक नाम लिखें जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है। 
उत्तर – टैन्डन।
30. ऊतक नाम लिखें जो पौधों में भोजन का संवहन करता है।
उत्तर – फ्लोएम (वल्कल) ।
31. ऊतक नाम लिखें जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है । 
उत्तर – वसीय ऊतक ।
32. तरल आधात्री सहित संयोजी ऊतक का नाम लिखें ।
उत्तर – रक्त ।
33. मस्तिष्क में स्थित ऊतक का नाम लिखें।
उत्तर – तंत्रिका ऊतक ।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. ऊतक को परिभाषित करें । 
उत्तर – कोशिकाओं के समूह को जिसकी उत्पत्ति समान होती है और समरूप कार्य करते है, ऊतक कहते हैं ।
2. कितने प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं ? उनके नाम बताएँ ।
उत्तर – जाइलम (दारू) चार प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। वे हैं –
(i) वाहिनिकाएँ,
(ii) वहिका,
(iii) दारू मृदूतंक,
(iv) दारू दृढ़ ऊतक ।
3. पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं ?
उत्तर – सरल एवं जटिल ऊतकों में अंतर –
4. कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा और स्क्लेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।
उत्तर –
5. हृदय पेशी के तीन लक्षण को बताएँ । 
उत्तर – हृदय पेशी के तीन लक्षण –
(i) यह केवल हृदय में पायी जाती है ।
(ii) ये अनैच्छिक प्रकार की होती है अर्थात् हमारी इच्छा के नियंत्रण नहीं होती।
(iii) इनमें सार्कोलेमा तथा पट्टियाँ नहीं होती हैं ।
6. रंध्र के क्या कार्य है ?
उत्तर – रंध्र के कार्य
(i) गैसों का आदान-प्रदान करते हैं ।
(ii) वाष्पोत्सर्जन द्वारा वाष्प के रूप में अधिक जल का निष्कासन करते हैं।
7.  तीन प्रकार के पेशीय रेशों के चित्र बनाकर अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर –
8. कार्डिक (हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है ?
उत्तर – हृदय पेशी बिना थके हुए एक लय में लगातार सिकुड़ने व फैलने का कार्य करती है और रक्त को शरीर में पम्प करना भी है ।
9. निम्नांकित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें –
(i) त्वचा,
(ii) पौधे का वल्क,
(iii) अस्थि,
(iv) वृक्कीय नलिका अस्तर,
(v) संवहन बंडल ।
उत्तर – (i) त्वचा- चपटी एपिथीलियम,
(ii) पौधे का वल्क- कॉर्क (सुरक्षा ऊतक),
(iii) अस्थि- संयोजी ऊतक,
(iv) वृक्कीय नलिका अस्तर – घनाकार एपिथिलियम,
(v) संवहन बंडल- संवहन ऊतक ।
10. पैरेन्काइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं ?
उत्तर – मृदूतक कार्टेक्स तथा जड़ व तने की मज्जा में पाया जाता है। जब इसमें क्लोरोफिल होता है तो यह हरी पत्तियों में पाया जाता है।
11. पौधों में एपिडर्मिस की क्या भूमिका है ?
उत्तर – (i) यह पादप शरीर का बाह्य आवरण बनाता है।
(ii) यह पादप शरीर के आंतरिक ऊतकों की सुरक्षा करता है ।
(iii) यह सुरक्षात्मक ऊतक है। इसमें अंतरा कोशिकीय स्थान नहीं होते हैं ।
12. छाल (कार्क) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है ? 
उत्तर – कॉर्क एक सुरक्षा ऊतक की तरह कार्य करता है क्योंकि –
(i) इसकी कोशिकाएँ मृत होती है तथा बिना स्थान छोड़े लगातार परत बनाती हैं।
(ii) इसकी भित्ति पर सुबेरिन जमा होता है जो इसे गैसों आदान-प्रदान में सहायता करने योग्य बनाता है।
अतः कॉर्क ऊतकों की अत्यधिक पानी हानि बाह्य वायुमंडल के प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करती है।
13. कॉर्क की उपयोगिता लिखें।
उत्तर – कॉर्क की मुख्य उपयोगिता निम्नांकित हैं –
(i) कॉ कॉर्क अंदर की कोशिकाओं की रक्षा करती है ।
(ii) यह बहुत हल्की एवं अत्यधिक संपीड्यनी होती है। इसमें आसानी से आग नहीं लगती।
(iii) इसका उपयोग रोधन तथा घातरोधन में करते हैं
(iv) इसका उपयोग लिनोलियम तथा खेल का सामान बनाने में भी किया जाता है।
14. कॉलेन्काइमा ऊतक के मुख्य कार्य लिखें । 
उत्तर – कॉलेन्काइमा की मुख्य कार्य निम्नांकित हैं
(i) यह ऊतक पौधों में लचीलापन तथा दृढ़ता प्रदान करता है ।
(ii) जब कॉलेन्काइमा में हरे वर्णक (क्लोरोप्लास्ट) होते हैं तब ये शर्करा और मंड का निर्माण करते हैं ।
15. अस्थि, उपास्थि, कंडरा तथा स्नायु के कार्य लिखें।
उत्तर – अस्थि, उपास्थि कंडरा तथा स्नायु का कार्य
(i) अस्थि का कार्य – यह शरीर को आकार प्रदान करती है तथा भीतरी कोमल अंगों की सुरक्षा करती है ।
(ii) उपास्थि का कार्य- यह कार्टिलेजिनस मछलियों का अंतः कंकाल बनाती है ।
(iii) कंडरा का कार्य – यह मांसपेशी को अस्थि के साथ जोड़ने का कार्य करता है ।
(iv) स्नायु का कार्य – यह अस्थि को अस्थि के साथ जोड़ने का कार्य करता है l
16. फ्लोएम के विभिन्न अवयवों को सूचीबद्ध करें।
उत्तर – फ्लोएम में निम्नांकित चार प्रकार के अवयव पाए जाते हैं –
(i) चालनी नलिकाएँ- ये नलिकाएँ सदृश केन्द्रविहीन, महीन झिल्ली वाली जीवित कोशिकाएँ हैं जो एक के ऊपर एक रखी होती हैं।
(ii) सखी कोशिकाएँ — यह महीन भित्ति वाली कोशिकाएँ चालनी कोशिकाओं से जुड़ी होती हैं। इनमें सभी अवस्थाओं में केन्द्रक पाया जाता हैं।
(ii) फ्लोएम पैरेंकाइमा- इनमें कुछ सजीव महीन भित्ति वाली बेलनाकार कोशिकाएँ मिलती हैं। ये खाद्य पदार्थों का भंडारण करती हैं।
(iv) फ्लोएम रेशे – ये दृढ़ोत्तक कोशिकाएँ द्वितीयक फ्लोएम में पाई जाती हैं। ये प्राथमिक फ्लोएम में नहीं मिलतीं । इन्हें वास्ट रेशे भी कहते हैं ।
17. जाइलम में पाए जाने वाले विभिन्न अवयवों के नाम लिखें। 
उत्तर – जाइलम में निम्नांकित चार प्रकार के अवयव पाए जाते हैं –
(i) ट्रैकीड्स – ये मृत तथा लम्बी नली के समान रचनाएँ होती हैं। इनके सिरों पर छिद्र नहीं होते।
(ii) वाहिकाएँ — ये मृत संकरी नली के समान रचनाएँ होती है ।
(ii) दारू या काष्ठ मृदुतक- ये महीन भित्ति वाली जीवित कोशिकाएँ होती हैं तथा प्रायः अधिक संख्या में पाई जाती हैं।
(iv) काष्ठ तन्तु – ये लम्बी, नुकीली, निर्जीव तथा दृढ़ोत्तक कोशिकाएँ होती हैं। इनमें छोटे गर्ते होते हैं तथा इनकी भित्तियाँ मोटी होती हैं ।
18. बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है ?
उत्तर – बहुकोशिका जीवों में ऊतकों की वजह से श्रम विभाजन होता है। प्रत्येक ऊतक एक विशिष्ट कार्य बड़ी दक्षता से करता है ।
19. पौधों में वाष्पोत्सर्जन के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर – वाष्पोत्सर्जन के कार्य –
(i) इसके कारण जड़ों, पानी व खनिज पत्तियों तथा अन्य भागों तक पहुँचते हैं।
(ii) फलों तथा फसलों को पकने में सहायता करता है ।
(ii) आर्द्रता बनाए रखना जिससे पौधों के आस-पास ताप कम रहता है।
20. स्थायी ऊतकों की दो विशेषताएँ लिखें।
उत्तर – स्थायी ऊतकों की दो विशेषताएँ –
(i) ये कोशिकाएँ जीवित व अजीवित होती हैं ।
(ii) कोशिकाओं के कोशिका द्रव्य में रिक्तकाएँ होती हैं।
21. फ्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर – (i) छलनी नलिका,
(ii) साथी (सहचर) कोशिकाएँ,
(iii) फ्लोएम मृदुतक,
(iv) फ्लोएम रेशे ।
22. हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ । 
उत्तर – हृदय पेशी के तीन लक्षण –
(i) हृदय की पेशी कोशिकाएँ बेलनाकार, शाखाओं वाली और एक केन्द्रकीय होती है।
(ii) ये पेशियाँ बिना थके एक ही लय में फैलती और सिकुड़ती है।
(ii) ये केवल हृदय भित्ति में पायी जाती है।
23. एरिओलर ऊतक के क्या कार्य हैं ?
उत्तर – एरीओलर ऊतक के कार्य –
(i) यह अंगों के बीच में स्थान को भरता है।
(ii) यह आंतरिक अंगों को सहारा देता है ।
(iii) यह ऊतकों की मरम्मत में सहायक है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. पौधे में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के उत्तकों की संरचना का वर्णन करें। 
उत्तर – पौधे में निम्नांकित तीन प्रकार के उत्तक पाए जाते हैं
(i) मृदु उत्तक – मृदु उत्तक पौधों में व्यापक रुप में वितरित होते हैं । इसकी कोशिकाएँ सजीव, पतली दीवार की या अंडाकार, गोलाकार, बहुमुखी या दीर्घ होती है। इनमें जगह हो भी सकती है और नहीं भी। मृदु उत्तक के प्रत्येक कोशिका में बहुत सारे केन्द्रीय रिक्तीकरण होते हैं। उत्तक में पर्णहरित होता है, जिसे मृदु उत्तक कहते हैं। इसका मुख्य कार्य भोजन बनाना तथा संग्रह करना है ।
(ii) स्थूल उत्तक – यह एक सजीव उत्तक है जो पौधे के कठोर भाग में पाया जाता है। इसकी कोशिकाएँ पतली दीवार की परंतु कोनों पर मोटी होती है । जहाँ पर कई संख्या में कोशिकाएँ जुड़ती है। यहाँ सैलूलोज और पेकिटन के जमाव के कारण कोने मोटे होते हैं ।
(ii) दृढ़ उत्तक- दृढ़ उत्तक मृत कोशिकाओं से मिलकर बनता है जिसमें से जीन द्रव्य नहीं होते हैं । दृढ़ उत्तक की लंबाई 1 मिमी से लेकर 550 मिमी तक निर्भर करती है। यह पौधे को यांत्रिक शक्ति प्रदान करती है। इन कोशिकाओं की आकृति गोलाकार, अंडाकार, बेलनाकार या डम्बल की तरह होता है । यह लंबी पत्तियों को स्थिरता प्रदान करता है l
2. न्यूरॉन का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाएँ ।
अथवा, न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है ?
उत्तर – तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं को न्यूरॉन कहते हैं। न्यूरॉन तंत्रिका ऊतक की इकाई है।
3. एपिथीलियमी ऊतक के कार्य लिखें ।
उत्तर – एपिथीलियमी ऊतक के मुख्य कार्य निम्नांकित है
(i) ये कोशिकाएँ त्वचा की बाह्य परत बनाती हैं। ये अंदर की कोशिकाओं की रक्षा करती हैं। एपिथीलियमी कोशिकाएँ आंतरिक कोशिकाओं को सूखने से, चोट से, जीवाणुओं के अतिक्रमण से और रासायनिक पदार्थों के प्रभाव से बचाती हैं ।
(ii) हमारे शरीर के अंगतंत्रों जैसे मुख गुहा, भोजन नली की बाह्य और आंतरिक परत बनाकर ये उन अंगों की रक्षा करती हैं ।
(iii) जल तथा अन्य पोषक पदार्थों के अवशोषण में सहायता करती हैं।
(iv) व्यर्थ पदार्थों के निष्कासन में सहायता करती हैं।
(v) कुछ कोशिकाएँ स्रावण का कार्य करने के लिए विशिष्ट हो जाती हैं।
4. पैरेंकाइमा ऊतक के प्रमुख कार्य लिखें।
उत्तर – पैरेंकाइमा ऊतक के मुख्य कार्य निम्नांकित है
(i) भोजन का संचय और स्वांगीकरण करना।
(ii) दृढ़ता प्रदान करना ।
(iii) वे रेजिन, टैनिन, गोंद कण, अकार्बनिक व्यर्थ पदार्थों के रेजिन को संचित करते हैं ।
(iv) भोजन बनाना – पैरेंकाइमा ऊतक में जब क्लोरोफिल उपस्थित होता है तो उसे क्लोरेंकाइमा कहते हैं और ये कोशिकाएँ भोजन बनाती हैं ।
5. विभज्योतकी ऊतक के लक्षण लिखें।
उत्तर – विभज्योतकी ऊतक के लक्षण
(i) इसकी कोशिकाएँ समान होती है।
(ii) इसकी कोशिका भित्ति महीन तथा सेल्यूलोज की बनी होती है
(iii) ये जीवित तथा समव्यासी होती है।
(iv) इनमें जीवद्रव्य सघन, केंद्रक बड़ा तथा रिक्तिकाएँ छोटी अथवा अनुपस्थित होती है।
(v) इनके बीच कोई अंतर कोशिकीय स्थान नहीं होते।
(vi) ये सदैव विभाजन करती रहती हैं ।
6. स्थायी ऊतक की पाँच विशेषताएँ लिखें। 
उत्तर – स्थायी ऊतक की पाँच विशेषताएँ –
(i) कोशिकाओं में विभाजन की क्षमता नहीं होती ।
(ii) ये विभाज्योतकी ऊतकों के विभाजन के पश्चात् बनती हैं।
(iii) कोशिकाओं की आकृति, माप तथा संरचना निश्चित होती है।
(iv) कोशिका भित्ति न तो बहुत महीन होती है और न ही बहुत मोटी होती है।
(v) इसकी कोशिकाएँ बड़ी होती हैं एवं कोशिका द्रव्य पाया जाता है।
7. विभज्योतकी एवं स्थायी ऊतक में अंतर बताएँ ।  
उत्तर – विभज्योतकी एवं स्थायी ऊतक में अंतर-
8. संयोजी ऊतक क्या हैं ? इनकी संरचना, स्थिति एवं कार्य लिखें ।
उत्तर – संयोजी ऊतक शरीर के विभन्न अंगों को आपस में जोड़ने या आधार देने का कार्य करते हैं। इस प्रकार के ऊतक में कोशिकाएँ एक प्रकार के अन्तः कोशिकीय पदार्थ में डूबे रहते हैं। जैसे- अस्थि, उपास्थि या रुधिर । यह अन्तः कोशिकीय पदार्थ ठोस हो सकता है जैसे अस्थि या उपास्थि या द्रव के रूप में जैसे- रुधिर में ।
अस्थि और उपास्थि शरीर का कंकाल अस्थि व उपास्थि का बना होता है ।
अस्थि- यह एक अत्यन्त कठोर तथा ठोस ऊतक है। इसका अन्तः कोशिकीय पदार्थ कैल्शियम लवणों से बहुत अधिक संचित होता है।
उपास्थि– यह अर्द्ध ठोस व लचीला ऊतक है। यह शरीर के कुछ भागों में पाया जाता है। जैसे- नाक के आगे का सिरा व बाह्य कान। शार्क मछली का पूरा कंकाल उपास्थि से बना है।

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