NCERT Solutions Class 9Th Science Biology – हम बीमार क्यों होते हैं
NCERT Solutions Class 9Th Science Biology – हम बीमार क्यों होते हैं
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
हम बीमार क्यों होते हैं
1. स्वास्थ्य की परिभाषा दें ।
उत्तर – स्वास्थ्य मानसिक, भौतिक एवं सामाजिक कल्याण की दशा है, केवल रोग से मुक्ति ही नहीं है।
2. संक्रामक रोग किसके द्वारा फैलते हैं ?
उत्तर – रोगाणुओं द्वारा ।
3. रोग के संक्रमण का क्या अर्थ है ?
उत्तर – रोग का फैलना (Spread).
4. AIDS का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर – Acquired Immuno defieney syndrome.
5. AIDS को फैलाने वाले वायरस का नाम लिखें।
उत्तर – एच०आई०वी० (HIV).
6. HIV का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर – Human Immuno difiency virus (ह्युमन इम्यूनो डेफिसिएन्सी वायरस)।
7. PEM का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर – Protein Energy Malnutrition.
8. PEM से उत्पन्न दो रोगों के नाम लिखें।
उत्तर – (i) कवाशिओरकर,
(ii) मरास्मस ।
9. B.C.G. का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर – वेसिल कलमेटी गुरीन (Bacille Calmette Guerin).
10. किस रोग के विरूद्ध B.C.G. टीके का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर – B.C.G. टीके का प्रयोग तपेदिक (T.B.) में किया जाता है।
11. घेंघा किस खनिज की हीनता से होता है ?
उत्तर – आयोडीन की कमी से घेंघा (गलगंड) रोग उत्पन्न होता है ।
12. बेरी-बेरी एक हीनता जन्य रोग है। यह किस विटामिन की कमी से होता है ?
उत्तर – विटामिन B, (थायमीन) की कमी से होता है।
13. उस विटामिन का नाम लिखें जिसकी कमी से पेलाग्रा रोग होता है ?
उत्तर – विटामिन B4, नियासिन से ।
14. बच्चों में रिकेटस क्यों होता है ?
उत्तर – कैल्शियम, फास्फोरस तथा विटामिन ‘डी’ की कमी के कारण ।
15. मलेरिया किस जीव के कारण होता है ?
उत्तर – प्लासमोडियम नाम प्रोटोजोआ परजीवी के कारण।
16. एड्स का क्या अर्थ है ?
उत्तर – उपार्जित प्रतिरक्षी हीनताजन्य सिन्ड्रोम |
17. मलेरिया रोग का वाहक कौन है ?
उत्तर – मादा एनोफलीज मच्छर ।
18. एक वाहन जनित रोग का नाम लिखें ।
उत्तर – टायफाइड |
19. रेबीज का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर – हाइड्रोफोबिया ।
20. किसी एक जीवाणु जन्य रोग का नाम लिखें ।
उत्तर – क्षय रोग ।
21. प्रोटोजोआ द्वारा उत्पन्न दो रोगों के नाम लिखें।
उत्तर – (i) मलेरिया,
(ii) कालाजार (बुखार) ।
22. चर्म रोगों का क्या कारण है ?
उत्तर – फफूँद (Fungi).
23. रेबीज किन जंतुओं में पाया जाता है ?
उत्तर – समतापी। जैसे- कुत्ता / बिल्ली ।
24. निम्न की कमी से कौन-से रोग हो सकते हैं ?
(i) प्रोटीन, (ii) कैल्शियम तथा (iii) लौह तत्व
उत्तर – (i) प्रोटीन की कमी से कवाशियरकार,
(ii) कैल्शियम की कमी से रिकेट्स एवं
(iii) लौह तत्व की कमी से अरक्तता ।
25. रतौंधी के क्या कारण हैं ?
उत्तर – विटामिन A की कमी।
26. किस विटामिन की कमी से बेरी-बेरी रोग होता है ?
उत्तर – विटामिन B (थायमीन) ।
27. बच्चे के लिए कौन सा दूध उत्तम है और क्यों ?
उत्तर – माँ का दूध क्योंकि उसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं ।
28. थाइरोकसिन हॉर्मोन के स्राव के लिए किस खनिज की आवश्यकता है।
उत्तर – आयोडीन ।
29. आयोडीन की कमी से उत्पन्न रोगों के नाम लिखें ।
उत्तर – घेंघा (गलगंड) ।
30. पीलिया किस सक्रमण से उत्पन्न होता है ?
उत्तर – वायरस से ।
31. हिपैटाइटिस B का टीका किस बीमारी के लिए है ?
उत्तर – पीलिया के लिए ।
32. रेविज या हाइड्रोफोविया किस जन्तु के काटने से होता है ?
उत्तर – कुत्ता, बन्दर, बिल्ली ।
33. टी० वी० का खोज किसने किया था ?
उत्तर – रॉवर्ट कोच। (1882)
34. टायफायड किस जीवाणु (वैक्टेरिया) द्वारा होता है ?
उत्तर – सालमोनेला टायफी (Salmonella typhoi)
35. बेरी-बेरी बीमारी किसकी कमी से होता है ?
उत्तर – विटामिन ‘B1‘ से ।
36. प्रोटीन की कमी से कौन से रोग होते है ?
उत्तर – मरास्मस (एक साल तक), क्वाशिओरकर (1-5 वर्ष) ।
37. लौह तत्व की कमी से कौन सा रोग उत्पन्न होता है ?
उत्तर – एनीमिया (अरक्तता) ।
38. हैजा रोग का कारक क्या है – जीवाणु अथवा कवक ?
उत्तर – जीवाणु ।
39. एंथ्रेक्स रोग किसके कारण होता है जो पशुओं में होता है ?
उत्तर – वैसिलस एथेसिस वैक्टेरिया ।
40. विटामिन A की कमी से कौन सा रोग होता है ?
उत्तर – रतौंधी रोग |
41. सिफलिस और गैनोरिया किस प्रकार के रोग है ?
उत्तर – यौन रोग ।
42. एक ऐसी रोग का नाम लिखें जो माता-पिता से संतान में स्थान्तरित होती है।
उत्तर – हीमोफिलीया (Haemophilia) ।
43. मधुमेह नामक बीमारी किस हार्मोन के स्राव की कमी से होता है ?
उत्तर – इन्सुलिन ।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. उत्तरविश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार स्वास्थ्य की परिभाषा क्या है ?
उत्तर – विश्व स्वास्थ संगठन W.H.O. के अनुसार “स्वस्थ्य व्यक्ति को न केवल रोग या विकलांगता से मुक्त होना है बल्कि उसके शारीरिक मानसिक तथा सामाजिक जीवन क्षमता की सामान्य स्थिति है । “
2. अच्छे स्वास्थ्य के लिए तीन आवश्यक शर्तों का उल्लेख करें ।
उत्तर – अच्छे स्वास्थ्य के तीन निम्नांकित शर्तें हैं –
(i) वह रोगमुक्त हो ।
(ii) वह हर प्रकार की चिंता से मुक्त हो ।
(iii) वह सामाजिक तथा मानसिक परेशानियों से मुक्त हो ।
3. असंचरणीय रोगों की परिभाषा लिखें ।
उत्तर – ऐसे रोग जिनका संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के शरीर से स्वस्थ शरीर में नहीं हो पाता है, असंचरणीय रोग कहलाते हैं । यथा- मधुमेह, गठिया, हृदय रोग, कैंसर तथा पोषण संबंधित विकार के कारण उत्पन्न बीमारियाँ, असंचरणीय रोग के उदाहरण हैं।
4. संचरणीय रोगों की परिभाषा लिखें ।
उत्तर – यह हानिकारक सूक्ष्म जीवों (रोगाणुओं) के कारण होता है उदाहरणतः जीवाणु, विषाणु, कवक अथवा प्रोटाजोआ । रोगकारक जीव का संचरण वायु, जल, भोजन, रोग वाहक कीट तथा शारीरिक संपर्क द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक होता है। इसलिए इन्हें संचरणीय रोग कहते हैं ।
5. हीनताजन्य रोग किसे कहते हैं ?
उत्तर – एक लम्बी अवधि तक ऐसे भोजन लेना जिसमें विटामिन बहुत कम होता है या होता ही नहीं, यह कुछ विटामिन की कमी उत्पन्न करता है। इसलिए इसे शरीर में विटामिन की कमी के नाम से जानते हैं ।
6. निम्नांकित रोगों के कारक जीव का नाम लिखें –
मलेरिया, रेबीज, इन्फलूएंजा, क्षय रोग तथा टायफाइड।
उत्तर –
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7. आप जीवन रक्षक घोल (पुनर्जलीकरण पेय विलयन) किस प्रकार तैयार करेंगे ?
उत्तर – जीवन रक्षक घोल बनाने के लिए नमक 3.5 ग्राम, सोडियम बाइकार्बोनेट 2.5 ग्राम, पोटाशियम क्लोराइड 1.5 ग्राम, ग्लूकोज 200 ग्राम, सूक्रोज 40 ग्राम को एक लीटर जल में मिलाना चाहिए ।
8 सूक्ष्म जीवों द्वारा उत्पन्न कुछ रोगों के नाम लिखें-
(i) प्रोटोजोआ,
(ii) विषाणु,
(iii) जीवाणु,
(iv) कवक l
उत्तर – सूक्ष्म जीवों द्वारा उत्पन्न रोग निम्न है –
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9. रोगमुक्ति की कोई दो आवश्यक परिस्थितियाँ बताएँ ।
उत्तर – (i) रोग मुक्त होने के लिए व्यक्तिगत तथा सामुदायिक सफाई तथा अच्छा वातावरण आवश्यक है।
(ii) पर्याप्त तथा संतुलित भोजन भी शरीर को रोगमुक्त करने के लिए आवश्यक है।
10. जब आप बीमार होते हैं तो आपको सुपाच्य तथा पोषणयुक्त भोजन करने का परामर्श क्यों किया जाता है ?
उत्तर – संक्रमण के समय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए हमें पर्याप्त तथा पाचक भोजन लेने की सलाह दी जाती है।
11. संक्रमण रोग फैलने की विभिन्न विधियाँ कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर – संक्रमित रोगों के फैलने के माध्यम निम्नांकित हैं
(i) वायु द्वारा – छीकने व खाँसने से रोगाणु वायु में आ जाते हैं तथा स्वस्थ्य व्यक्ति में चले जाते हैं ।
(ii) जल द्वारा – प्रदुषित व संक्रमित पानी पीने से रोगाणु हमारे शरीर में चले जाते हैं ।
(iii) लैंगिक संपर्क – कुछ बीमारियाँ जैसे एड्स संक्रमित व्यक्ति के साथ लैंगिक संपर्क करने पर फैलती है ।
(iv) कुछ जीव जन्तु जैसे मादा एनाफिलीज मच्छर भी रोग वाहक का काम करते हैं।
12. संक्रामक रोगों को फैलने से रोकने के लिए आपके विद्यालय में कौन-कौन सी सावधानियाँ आवश्यक हैं ?
उत्तर – (i) भीड़-भाड़ कम करके,
(ii) स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध कराकर,
(iii) ग्राउन्ड व कक्षा के कमरों को स्वच्छ रखकर,
(iv) खाँसते व छींकते समय रूमाल का उपयोग करके,
(v) स्कूल के आस-पास पानी इकट्ठा नहीं होना चाहिए,
(vi) वैक्सीन का टीका लगवाकर,
(vii) टॉयलेट को साफ रखकर,
(viii) खुले फल व भोजन का उपयोग नहीं करना चाहिए।
13. प्रतिरक्षीकरण क्या है ?
उत्तर – जब किसी वैक्सीन या टीके का उपयोग करके शरीर के अन्दर सूक्ष्म जीवों को मारकर या उनके प्रवेश पर रोक लगाते हैं तो इससे शरीर की प्रतिरोध क्षमता बढ़ जाती है। शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास करने की प्रक्रिया को इभ्यूनाइजेशन (टीकाकरण) कहते हैं।
14. आपके पास में स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में टीकाकरण के कौन-से कार्यक्रम उपलब्ध हैं ? आपके क्षेत्र में कौन-कौन सी स्वास्थ्य सम्बन्धी मुख्य समस्या है ?
उत्तर – इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम-
(i) खसरा टीकाकरण,
(ii) क्षय रोग के लिए BCG टीकाकरण,
(iii) पोलियो से बचने के लिए पोलियो बूँदे,
(iv) चेचक के विरूद्ध टीकाकरण,
(v) हिपेटाइटिस के विरूद्ध टीकाकरण,
(vi) डिपथीरिया, टैटनस व काली खाँसी के विरूद्ध डी०पी०टी० टीकाकरण |
निम्न बीमारियाँ प्रमुख समस्या हैं –
(i) हिपेटाइटिस,
(ii) चेचक,
(iii) क्षय रोग,
(iv) टैटनस ।
15. डॉक्टर / नर्स / स्वास्थ्य कर्मचारी अन्य व्यक्तियों की अपेक्षा रोगियों के संपर्क में अधिक रहते हैं। पता करें कि वे अपने आपको बीमार होने से कैसे बचाते हैं ?
उत्तर – डॉक्टर/नर्स/ स्वास्थ्य कर्मी दूसरे लोगों से अधिक बीमार होते हैं अपने बचाव के लिए उन्हें –
(i) मरीज को देखने के बाद हाथ साफ करने चाहिए ।
(ii) मरीज की जाँच करते समय मास्क का प्रयोग करना चाहिए ।
(iii) सीधे शारीरिक सम्पर्क से बचना चाहिए।
(iv) मरीजों से लैंगिक सम्पर्क से बचना चाहिए ।
(v) मरीजों के साथ खाना नहीं चाहिए।
(vi) संतुलित आहार लेना चाहिए ।
16. मलेरिया की रोकथाम के उपाय बताएँ ।
उत्तर – मलेरिया की रोकथाम –
(i) मच्छरदानी में सोना चाहिए ।
(ii) घर में दरवाजे व खिड़कियों पर जाली लगवानी चाहिए ।
(iii) मच्छर भगाने या मच्छर मारने की दवाइयों का प्रयोग करना चाहिए।
17. रोगों के कोई तीन कारक तथा उपचार लिखें ।
उत्तर – रोगों के कारक – गंदे जल के पीने से रोग उत्पन्न होते हैं क्योंकि कुछ रोग जल द्वारा फैलते हैं जैसे- हैजा तथा अतिसार । हमें अच्छा भोजन लेना चाहिए क्योंकि – अल्प भोजन से हमें खाद्य के सभी पोषक तत्त्व नहीं प्राप्त होते हैं । रोग का कारण आनुवांशिक भी हो सकता है।
जिन स्वास्थ्य सेवाओं का रोग मुक्ति में अधिक योगदान होता है।
18. हिपेटाइटिस से बचाव कैसे करेंगे ।
उत्तर – हिपेटाइटिस से बचाव
(i) उचित स्वास्थ्य विज्ञान तथा वसायुक्त खाद्य पदार्थों से परहेज ।
(ii) हिपेटाइटिस Aका टीकाकरण |
(iii) उबला हुआ, क्लोरीनीकृत जल का प्रयोग ।
(iv) रोगी के बर्तनों तथा बिस्तर छूने के बाद हाथ धोने चाहिए।
19. असंक्रामक रोग क्या हैं ? उदाहरण दें ।
उत्तर – ऐसे रोग जिनका संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के शरीर से स्वस्थ्य शरीर में नहीं हो पाता है, असंक्रामक रोग कहलाते हैं ।
उदाहरण- मधुमेह, हृदय रोग, कैंसर तथा पोषण से संबंधित विकार के कारण उत्पन्न बीमारियाँ
20. रोग क्या है ?
उत्तर – रोग शरीर की वह दशा है जब यह अथवा इसका कोई भाग भली प्रकार से ठीक कार्य नहीं करता है। इसकी कार्य प्रणाली गड़बड़ा जाती है। अतः शरीर के किसी अंग की कार्य प्रणाली में दोष को रोग कहा जाता है।
21. रोगों के विभिन्न प्रकार बताएँ ।
उत्तर – संक्रामक, असंक्रामक जन्मजात, मानसिक, हासित, हीनता रोग अनेक प्रकार के रोग होते हैं ।
22. संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है ?
उत्तर – (i) परजीवी तथा जीवाणुओं को पोषक तक पहुँचने से रोकना ।
(ii) प्रतिरक्षा को पोषक में बढ़ाना ।
(iii) टीकों द्वारा ।
23. रोगों से बचाव कैसे करेंगे ।
उत्तर – रोगों से बचाव हेतु उपाय –
औषधियाँ तथा रोगी को अलग रखना, स्वच्छ तथा स्वस्थ भोजन आदतें, स्वच्छ वातावरण तथा मल पदार्थ का उचित निस्तारण व साइकोथिरेपी आदि ।
24. एड्स क्या है ?
उत्तर – एड्स (AIDS) सबसे अधिक भयानक रोग है। यह मनुष्य में एच० आई० वी० वायरस द्वारा उत्पन्न होता है । यह संक्रमित सुइयों या लैंगिक संपर्क द्वारा संक्रमित व्यक्तियों से फैलता है ।
25. संक्रामक रोग क्या है ?
उत्तर – वह रोग जिनके तात्कालिक कारक सूक्ष्म जीव होते हैं, उन्हें संक्रामक रोग कहते हैं ।
26. संक्रामक रोगों के चार कारण लिखें।
उत्तर – (i) जीवाणु, (ii) विषाणु, (iii) कवक, (iv) परजीवी जंतु ।
27. तीन संक्रामक रोगों के नाम लिखें।
उत्तर – (i) मलेरिया, (ii) मियादी बुखार एवं (iii) फ्लू (flu).
28. संक्रामक रोग फैलने के दो कारण लिखें ।
उत्तर – (i) संक्रमित व्यक्ति के स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में आने पर ।
(ii) खाँसी, छींक, थूक के माध्यम से।
29. किसी व्यक्ति को स्वस्थ कब कहा जाता है ?
उत्तर – किसी व्यक्ति को स्वस्थ तब कहा जाता है, जब
(i) वह रोगमुक्त हो ।
(ii) वह हर प्रकार की चिंता से मुक्त हो ।
(iii) वह सामाजिक तथा मानसिक परेशानियों से मुक्त हो ।
30. वैयक्तिगत तथा सामुदायिक स्वास्थ्य किस पर निर्भर करता है ?
उत्तर – वैयक्तिगत स्वास्थ्य उचित आहार, स्वच्छ पीने का जल, स्वच्छ वायु तथा घर एवं स्वच्छ वातारण पर निर्भर करता है। सामुदायिक स्वास्थ्य की देखभाल के अन्तर्गत स्वच्छ पीने के पानी का प्रबंध, पूर्णरूपेण अपशिष्ट पदार्थों का निस्तारण, खुले स्थान, चिकित्सा सहायता तथा सभी के लिए शिक्षा का प्रबंध करना शामिल है।
31. एड्स से बचाव कैसे करोगे ?
उत्तर – एड्स से बचाव- स्वच्छ लिंग आदतें (यौन संबंधों में सावधानी)। संक्रमित रुधिर आदान से बचें। सुई (इंजेक्शन) की साझेदारी से बचें। रुधिर दान लेने से पूर्व एच०आई०वी० HIV नकारात्मक हेतु परीक्षण करा लें।
32. मलेरिया रोग के लक्षण बताएँ ।
उत्तर – मलेरिया के लक्षण – सिरदर्द, बदन में दर्द तथा मचलियाँ । बुखार में रोगी जाड़ा महसूस करता है तथा ठिठुरता (कपकँपी) है। कुछ घंटों बाद तापक्रम सामान्य हो है। कुछ जाता है। यह चक्र कुछ समय बाद फिर से दोहराया जाता है।
33. क्षय रोग के क्या लक्षण हैं ?
उत्तर – क्षय रोग के लक्षण – यह मुख्यतया फेफड़ों में होता है। इसके लक्षण हैं –
(i) साँस हीनता ।
(ii) अनवरत खाँसी ।
(iii) रक्तरंजित बलगम ।
(iv) छाती में दर्द |
(v) वजन कम होना एवं दुर्बलता
(vi) दोपहर में हल्का बुखार।
34. टायफाइड से बचाव कैसे करेंगे।
उत्तर – टायफाइड से बचाव –
(i) सामान्य स्वच्छता, उचित सफाई तथा रोगी के मलमूत्र का उचित प्रबंध।
(ii) टायफाइड (TAB) टीकाकरण ।
35. पीलिया / हिपेटाइटिस के चार प्रमुख लक्षण लिखें।
उत्तर – पीलिया के प्रमुख लक्षण –
(i) तीव्र ज्वर, सिर दर्द तथा जोड़ों में दर्द ।
(ii) भूख न लगना, मिचली तथा वमन
(iii) उत्तेजनशील चकत्ते।
(iv) संक्रमण के 3-10 दिनों बाद गहरे पीले रंग का मूत्र तथा हल्के रंग की विष्ठा (मल) आना ।
36. रोग के लक्षण का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर – जब कोई जीव किसी रोग से पीड़ित होता है तो शारीरिक दशा में परिवर्तन, कमजोरी एवं व्याकुलता आ जाती है। जिन्हें देखकर आसानी से रोगी होने का अनुमान लगाया जाता है। इन रोगसूचक परिवर्तनों को लक्षण कहते हैं।
37. वातावरण की परिस्थितियों को हमेशा स्वास्थ्य के लिए अनुकूल रखना क्यों संभव नहीं है ?
उत्तर – वातावरण की परिस्थितियों को हमेशा स्वास्थ के अनुकूल रखना संभव नहीं है क्योंकि इसके कई कारण निम्न हैं –
(i) हमारे देश की बढ़ती जनसंख्या ।
(ii) अवैज्ञानिक तरीके से रहन-सहन |
(iii) घरों तथा उद्योगों के व्यर्थ पदार्थों में वृद्धि ।
(iv) जल तथा वायु का प्रदूषण आदि ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. मलेरिया के कारक, संवाहक, लक्षण तथा नियंत्रण के उपायों का विवरण लिखें।
उत्तर – मलेरिया रोग का कारक तथा संवाहक – मलेरिया रोग प्लाज्मोडियम प्रोटोजोआ द्वारा होता है। यह परजीवी मादा एनाफ्लीज मच्छर के काटने से उत्पन्न होता है। इसका निश्चय रोनेलड रौस ने 1887 में किया था । इसका उद्भवन काल 10 दिन होता है।
मलेरिया के लक्षण-
(i) इसमें रोगी को सिरदर्द, बदन में दर्द तथा मचलियाँ आती हैं।
(ii) इसमें रोगी को बुखार में ठण्ड लगती है तथा कंप-कंपी आती है।
(iii) कुछ घण्टों के पश्चात् बुखार सामान्य हो जाता है तथा फिर तेज बुखार हो जाता है।
मलेरिया के नियंत्रण के उपाय –
(i) इससे नियंत्रण के लिए घरों में दरवाजों तथा खिड़कियों पर जाली लगवानी चाहिए ताकि मच्छर अन्दर न आ सकें ।
(ii) सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए ।
(iii) शरीर पर मच्छर भगाने की दवाई लगानी चाहिए।
(iv) तालाबों तथा गड्ढों पर मिट्टी का तेल छिड़कना चाहिए ।
(v) तालाबों में टाऊट तथा मिनो मछलियाँ पालनी चाहिए जो मच्छर के लाखों को खाती हैं ।
(vi) मलेरिया रोधी औषधि कुनीन का सेवन करना चाहिए ।
नियंत्रण– अभी तक इसके नियंत्रण की कोई विशेष प्रभावी औषधि नहीं है परन्तु ऐजीडोथाइ-मीडीन औषधि इसकी कुछ सीमा तक रोकथाम करती है ।
2. एड्स वायरस का संरचनात्मक चित्र बनाएँ तथा बताएँ कि हमारा शरीर संक्रमक रक्षा कैसे करता है ?
उत्तर – एड्स वायरस का संरचनात्मक चित्र यहाँ दिखाया गया है ।
हमारा शरीर संक्रमण से अपनी रक्षा स्वयं करता है, जैसे जब भी कोई जीवाणुविषाणु या बाहरी प्रोटीन शरीर में प्रवेश करता है तो इसमें शरीर में प्रतिजैविक नामक प्रोटीन की उत्पत्ति होती है। इसलिए संक्रमण या अजैविकों के प्रवेश से प्रतिजैविकों की मात्रा भी रक्त में उसी अनुपात में बढ़ती है और हानिकारक सूक्ष्मजीव का प्रभाव खत्म हो जाता है ।
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3. टायफाइड के कारण, लक्षण एवं रोकथाम के उपाय बताएँ ।
उत्तर – टायफाइड हमारे देश की सर्वव्यापी संचरणीय रोग है। 1-15 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों में यह रोग प्रायः होता है । यह मनुष्य का क्षुद्रांत्र में मिलने वाले सालमोनेला टायफी नामक जीवाणु से होता है। घरेलू मक्खी के मल पर बैठने से रोगाणु उनके साथ चिपक कर हमारे खाद्य पदार्थों तक पहुँच जाते हैं जिसे खाने से रोग का संक्रमण हो जाता है ।
टायफाइड के मुख्य लक्षण निम्नांकित हैं –
(i) सरदर्द तथा टायफाइड ज्वर जो दोपहर बाद अपने चरम पर होता है। संक्रमण के प्रथम सप्ताह के प्रत्येक दिन शारीरिक ताप (ज्वर) में वृद्धि होती है।
(ii) दूसरे सप्ताह में तेज ज्वर जो धीरे-धीरे तीसरे तथा चौथे सप्ताह में कम होता है।
रोकथाम के उपाय निम्नांकित हैं –
(i) प्रभावशाली मल-व्ययन विसर्जन व्यवस्था तथा स्वच्छ वातावरण से संक्रमण था स्वच्छ रूक जाता है।
(ii) T.A.B.— टीकाकरण से प्रतिरक्षण का प्रभाव 3 वर्षों तक रहता है।
(iii) पिलाने वाला टायफाइड निरोधक टीका ।
नियंत्रण– टायफाइड के उपचार के लिए कुछ मानक औषधियाँ प्रभावशाली हैं।
4. पीलिया या हिपेटाइटिस क्या है ? इसके उत्पन्न होने के कारण लक्षण इसकी रोकथाम तथा नियंत्रण की विधियों की चर्चा करें।
उत्तर – पीलिया या हिपेटाइटिस यकृत की एक बीमारी है। पीलिया के कारण यकृत में सूजन आ जाता है, फलतः पाचन प्रभावित होता है। हिपेटाइटिस के ज्ञात 6 मुख्य प्रकार है –
हिपेटाइटिस – A, B, C, D, E एवं G.
कारण- पीलिया वायरस के सक्रमण से उत्पन्न होता है। हिपेटाइटिस वायरस से संक्रमित जल एवं भोजन द्वारा फैलता है।
लक्षण- पीलिया अथवा हिपेटाइटिस के लक्षण निम्न है
(i) उच्च तापक्रम, सिरदर्द एवं जोड़ों में दर्द ।
(ii) भूख का समाप्त होना, मितली एवं कै की इच्छा ।
(iii) झुंझला देने वाली खुजलाहट ।
(iv) गहरी पीली पेशाब एवं 3 से 10 दिन बाद हल्के रंग का पाखाना।
रोकथाम –
(i) क्लोरीनयुक्त, आयोडीन युक्त एवं उबले पानी का प्रयोग रोगी के बिछावन एवं बर्त्तन को छूने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए ।
(ii) बीमारी से बचने के लिए हिपेटाइटिस – B का टीका लगवाना चाहिए।
नियंत्रण –
(i) चिकित्सक से सलाह लेने के बाद इटफेटॉन का टीका लगवाना चाहिए।
(ii) पर्याप्त आराम करना चाहिए ।
(iii) गन्ने एवं गाजर का रस गुड़ के साथ लेना चाहिए ताकि शरीर को अधिक कैलोरी मिल सके।
(iv) प्रोटीन एवं वसा की मात्रा भोजन में कम कर देनी चाहिए ।
5. अतिसार क्या है ? इसके कारण, लक्षण, रोकथाम तथा नियंत्रण की विधियों की चर्चा करें ।
उत्तर – बार-बार दस्त आना अतिसार कहलाता है। कुछ सूक्ष्म जीव तथा जीवाणु (ई० कोलाई, शिगेला) प्रोटोजोआ तथा विषाणु इस रोग के कारक हैं।
अतिसार के मुख्य लक्षण निम्नांकित हैं –
(i) अत्यधिक दस्त तथा वमन के कारण निर्जलीकरण |
(ii) सामान्य रूप से निर्जलीकरण की अवस्था में रोगी चिड़चिड़ा हो जाता है, आँखें धँस जाती है, नाक सिकुड़ जाती है तथा जीभ और गालों का अंतः भाग सूख जाता है। शरीरिक भार में अचानक कमी, मंद नाड़ी, गहरी साँसें तथा ज्वर और दौरे आते हैं।
अतिसार के रोकथाम के उपाय निम्नांकित हैं-
(i) संदूषण से बचाने के लिए खाद्य पदार्थों को हमेशा ढक कर रखना चाहिए। फल और सब्जियों को उपयोग से पहले भलीभाँति धोना चाहिए ।
(ii) उचित व्यक्तिगत स्वच्छता अत्यंत आवश्यक हैं। जैसे- भोजन करने से पहले साबुन से हाथ धोएँ ।
(iii) अधिक समय तक रखा भोजन नहीं करना चाहिए ।
(iv) सामुदायिक स्वच्छता भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
अतिसार के नियंत्रण के मुख्य उपाय निम्नांकित हैं-
(i) रोग के पूर्णरूपेण ठीक होने तक बिस्तर पर पूरा आराम।
(ii) यदि बार-बार वमन हो रहा हो तो इलेक्ट्रोलाइट के साथ अधिक मात्रा में तरल पिलाएँ । एक अच्छे जीवन रक्षक घोल को एक चम्मच चीनी तथा एक चुटकी नमक को 200 ml जल में घोल कर बनाया जा सकता है। इसे मुख द्वारा दिया जाने वाला पुनर्जलीकरण विलयन (ORS) कहते हैं । यह निर्जलीकरण से रक्षा करता है ।
(iii) पेचिश के उपचार के लिए चिकित्सक की सलाहनुसार प्रतिसूक्ष्मजैविक दवाओं एवं प्रति- पेचिश दवाओं का प्रयोग करें।
(iv) कच्चे केले (बिना पके केले) के गूदे का उबाल कर नमक, हल्दी तथा नींबू डालकर खाने से पेचिश पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
(v) इसबगोल के बीज की भूसी पानी अथवा दही के साथ लेने से आराम मिलता है।
6. सामुदायिक स्वास्थ्य की देखभाल के तत्त्व क्या हैं? कुछ प्रमुख स्वास्थ्य सेवाओं के नाम लिखें ।
उत्तर – सामुदायिक स्वास्थ्य की देखभाल के विभिन्न तत्त्व
कुछ प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएँ –
(i) जनता के लिए सुरक्षित स्वच्छ पेय जल ।
(ii) बच्चों को अल्पपोषण तथा कुपोषण से बचाने के लिए पोषक भोजन तथा दूध आदि का प्रबंध करना ।
(iii) स्वास्थ्य शिक्षा |
(iv) चिकित्सा सहायता व इलाज ।
(v) घरेलू अवशिष्ट के विसर्जन की उचित व्यवस्था ।
(vi) बच्चों का टीकाकरण जैसे- पोलियो, टी०बी०, डिप्थीरिया, हिपेटिटिस आदि के लिए ।
(vii) खुले हरे क्षेत्र जैसे- पार्क, खेल के मैदान इत्यादि ।
(viii) परिवार नियोजन तथा सलाह आदि ।
7. हमारे देश में स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न करने वाले कारक बताएँ ।
उत्तर – हमारे देश में मुख्य स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न करने वाले कारक –
(i) अपर्याप्त तथा अनुचित भोजन ।
(ii) स्वास्थ्य शिक्षा की कमी ।
(iii) स्वास्थ्य के बारे में लोगों की अज्ञानता ।
(iv) अस्वच्छ तथा गंदा वातावरण ।
(v) सीवेज तथा मनुष्य के मल पदार्थ का असुरक्षित निस्तारण आदि।
8. हैजा रोग के क्या लक्षण हैं ? इसकी रोकथाम तथा नियंत्रण कैसे करोगे ?
उत्तर – हैजा के लक्षण –
(i) जलीय सफेद दस्त । ये वेदना मुक्त होता है ।
(ii) शरीर का भार कम होना तथा पेशीय ऐंठन |
(iii) निर्जलीकरण- पतले पानी जैसे दस्तों के कारण रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
हैजे की रोकथाम –
(i) मेलों (Fairs) के दौरान हैजे का टीका लगवाएँ ।
(ii) जल को उबालकर तथा शुद्ध करके पीना चाहिए। भोजन अच्छा पका होना चाहिए।
(iii) व्यक्तिगत तथा सामाजिक स्वच्छता
(iv) जीवन रक्षक घोल रोगी को देना चाहिए, ताकि घातक स्थिति से बचाया जा सके। जीवन रक्षक घोल बनाने में नमक 3.5 ग्राम, सोडियम बाइकर्बोनेट 2.5 ग्राम, पोटेशियम क्लोराइड 1.5 ग्राम, ग्लूकोज 20.0 ग्राम, सुक्रोज 40 ग्राम को एक लीटर जल में मिलाना चाहिए ।
हैजे का नियंत्रण –
हैजा के नियंत्रण हेतु तुरंत डॉक्टर को बुलाना चाहिए।
9. रेबीज क्या है ? इसका फैलाव, लक्षण तथा नियंत्रण के उपाय बताएँ ।
अथवा,
जलभीति (रेबीज) से क्या तात्पर्य है ? इसके चार प्रमुख लक्षण लिखें। इसकी रोकथाम के लिए चार सुझाव लिखें ।
उत्तर – रेबीज – इसे हाइड्रोफोबिया (जल से डर ) भी कहते हैं । यह रोग रेबीज विषाणु के कारण होता है। यह वायरस मानव शरीर में पागल कुत्ते या बिल्ली के काटने पर पहुँचता है।
रेबीज के लक्षण –
(i) जल से डर लगना मुख्य लक्षण है।
(ii) वायरस मनुष्य के मस्तिष्क तथा स्पाइनल कोर्ड को नष्ट कर देता है।
रेबीज से बचाव –
(i) पालतू कुत्ते तथा अन्य जानवारों का अनिवार्य प्रतिरक्षीकरण करना चाहिए ।
(ii) रेबीज संक्रमित कुत्ते को तुरंत मार देना चाहिए ।
(iii) जख्म को कार्बोनिक साबुन से धोकर साफ करें तथा स्वच्छ जल से धोयें। डॉक्टर की सलाह लें।
(iv) कुत्ते काटे व्यक्ति को एंटीरेबीज इंजेक्शन लगवाएँ ।
10. एड्स क्या है ? इसके चार प्रमुख लक्षण लिखें। इसके फैलाव को रोकने के लिए सुझाव लिखें।
उत्तर – एड्स- एड्स एक खतरनाक रोग है । यह मनुष्य में एच० आई० वी० (H.I.V.) वायरस द्वारा उत्पन्न होता है।
यह निम्नांकित कारणों से फैलता है –
(i) H.I.V. संक्रमित रक्त चढ़ाने से ।
(ii) H.I.V. संक्रमित सुई या सीरिंज के उपयोग से
(iii) H.I.V. संक्रमित माँ द्वारा गर्भस्थ शिशु को ।
(iv) H.I.V. संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से ।
लक्षण –
(i) शरीर का भार कम होना।
(ii) शरीर की रक्षात्मक विधि को वायरस समाप्त कर देता है ।
फैलाव को रोकने के लिए सुझाव –
(i) असुरक्षित यौन संपर्क से दूर रहें ।
(ii) रूधिर आधान के समय संक्रमित सुइयों के प्रयोग से बचें
11. डायरिया रोग क्यों होता है ? इसका कारण, लक्षण, रोकथाम तथा उपचार के बारे में लिखें।
उत्तर – डायरिया- यह रोग बच्चों दस्तों के कारण जल का ह्रास होने पर होता है । डायरिया (जलीय दस्त) – इसमें व्यक्ति को पतले दस्त जो 24 घंटे से अधिक रहते हैं, लग जाते हैं। इसके रोगाणु कुछ जीवाणु, प्रोटोजोआ तथा वायरस हैं। लक्षण- पतले दस्त व निर्जलीकरण |
रोकथाम के उपाय –
(i) खाने की वस्तुएँ ढकी हों तथा फल व सब्जियाँ अच्छी तरह धोकर खायी * जाएँ।
(ii) व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान दिया जाए ।
(iii) सामुदायिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाए ।
उपचार –
(i) रोगी को आराम दिया जाए ।
(ii) निर्जलन से बचने के लिए ORS का प्रयोग किया जाए ।
12. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के क्या कर्त्तव्य हैं ?
उत्तर – सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्त्तव्य
(i) स्वच्छ, पीने योग्य जल का प्रबंध ।
(ii) मल व्ययन की समुचित व्यवस्था ।
(iii) हरियालीयुक्त हवादार स्थान की व्यवस्था करना।
(iv) चिकित्सा तथा अस्पतालों का प्रबंध करना ।
(v) परिवार कल्याण तथा स्वस्थ आदतों से संबंधित शिक्षा देना ।
(vi) रिहायशी स्थानों के आस-पास वायु, ध्वनि तथा जल प्रदूषण का नियंत्रण |
(vii) केंद्रीय तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरणीय प्रदूषण का प्रबंधन ।
(viii) हानिकारक कीटों के उत्पन्न होने वाले स्थानों की रोकथाम ।
(ix) अनेक रोगों जैसे क्षय रोग, डिप्थीरिया, काली खाँसी, टेटनस, खसरा तथा हिपेटाइटिस की रोधक्षमता उत्पन्न करने के लिए टीकों का उपयोग ।
(x) स्वास्थ्य सेवाओं की स्थापना । जैसे- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जनपद चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, क्षेत्रीय चिकित्सालय आदि ।
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