NCERT Solutions Class 9Th Science Physics – कार्य तथा ऊर्जा

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NCERT Solutions Class 9Th Science Physics – कार्य तथा ऊर्जा

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

कार्य तथा ऊर्जा

1. कार्य को परिभाषित करें।
उत्तर – किसी वस्तु पर लगने वाले बल द्वारा किया गया कार्य बल के परिणाम तथा बल की दिशा में चली गई दूरी के गुणनफल के बराबर होता है। कार्य में परिणाम होता है तथा कोई दिशा नहीं होती ।
2. जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यजंक लिखें।
उत्तर – कार्य = बल x विस्थापन ।
3. 1 J कार्य को परिभाषित करें।
उत्तर – 1 J किसी वस्तु पर किए गए कार्य की वह मात्रा है जब 1N का बल वस्तु को बल की क्रिया रेखा की दिशा में 1m विस्थापित कर दे ।
4. कार्य का SI मात्रक क्या है ? 
उत्तर – जूल।
5. विस्थापन तथा बल की दिशाओं के मध्य बना कोण कितना होना चाहिए ताकि कृत कार्य शून्य हो ?
उत्तर – 90⁰.
6. ऊर्जा क्या है ?
उत्तर – कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं ।
7. ऊर्जा का SI मात्रक क्या है ? 
उत्तर – जूल ।
8. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है ?
उत्तर – किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं ।
9. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखें ।  
उत्तर – गतिज ऊर्जा = ½mv²
10. जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते हैं ? 
उत्तर – जब हम साइकिल चलाते हैं तो स्थितिज ऊर्जा से मांसपेशीय ऊर्जा तथा मांसपेशीय ऊर्जा से यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरण होता है ।
11. मुक्त रूप से गिरता एक पिंड अंततः धरती तक पहुँचने पर रूक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है ? 
उत्तर – गतिज ऊर्जा शून्य हो जाता है।
12. बाँध बनाकर जलाशय में रोके पानी में कैसी ऊर्जा संचित है ? 
उत्तर – स्थितिज ऊर्जा।
13. जब हम धनुष पर तीर चढ़ाते हैं तो उसमें कैसी ऊर्जा संचित होती है ? 
उत्तर – स्थितिज ऊर्जा ।
14. एक ऐसा उदाहरण दें जिसमें गतिज तथा स्थितिज दोनों प्रकार की ऊर्जा हो । 
उत्तर – उड़ता हुआ पक्षी ।
15. विद्युत बल्ब में किस प्रकार ऊर्जा परिवर्तन होता है ?
उत्तर – विद्युतीय ऊर्जा प्रकाश व ऊष्मा में परिवर्तित होती है।
16. जब कोई वस्तु नीचे गिरती है तो ऊर्जा का किस प्रकार रूपान्तरण होता है ? 
उत्तर – स्थितिज से गतिज में ।
17. जब कोई मोटर गाड़ी पहाड़ी पर चढ़ती है तो ऊर्जा का किस प्रकार रूपान्तरण होता है ?
उत्तर – गतिज से स्थितिज में।
18. आइन्सटाइन के द्रव्यमान – ऊर्जा के सूत्र को लिखें।
उत्तर – E = mc2.
19. यदि वेग दुगुना कर दिया जायेगा तब गतिज ऊर्जा कितनी होगी ? 
उत्तर – 4 गुना ।
20. किसी गतिशील पिंड का वेग आधा करने से उसकी गतिज ऊर्जा कितनी होगी ? 
उत्तर – चौथाई।
21. जब हम सीढ़ियाँ चढ़ते हैं तो कौन-सी ऊर्जा का प्रयोग करते हैं ?
उत्तर – माँसपेशियों की ऊर्जा ।
22. हथेलियों के परस्पर रगड़ने से वे गर्म क्यों हो जाती हैं ? 
उत्तर – हथेलियों की गतिज ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा में रूपांतरित होती है।
23. वे कौन-से दो कारक हैं जिन पर गतिज ऊर्जा निर्भर करती है ? 
उत्तर – द्रव्यमान और वेग ।
24. यान्त्रिक ऊर्जा के दो प्रकार बताएँ ।  
उत्तर – (i) स्थितिज ऊर्जा,
(ii) गतिज ऊर्जा |
25. ऊर्जा के मुख्य स्रोत का नाम बताएँ। 
उत्तर – सूर्य ।
26. पृथ्वी की सतह से ऊँचाई पर रखे पत्थर में कौन-सी ऊर्जा होती है ? 
उत्तर – स्थितिज ऊर्जा।
27. उस युक्ति का नाम बताएँ जो विद्युत ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करती है ?
उत्तर – विद्युत ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में बदलने वाली युक्ति का नाम विद्युत मोटर है।
28. सौर प्रकाश का कौन-सा घटक पानी को गर्म करने के लिए सबसे अधिक ऊर्जा प्रदान करता है ?  
उत्तर – अवरक्त विकिरण ।
29. प्रकाश संश्लेषण के लिए किस ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है ? 
उत्तर – सौर ऊर्जा ।
30. शक्ति क्या है ?
उत्तर – कार्य करने की दर या ऊर्जा रूपांतरण की दर को शक्ति कहते हैं ।
31. 1 वाट शक्ति को परिभाषित करें।  
उत्तर – 1 वाट वह शक्ति है जो 1 सेकंड में 1 जूल कार्य करता है।
1 वाट = 1 जूल / सेकंड
32. औसत शक्ति को परिभाषित करें। 
उत्तर – कुल उपयोग की गई ऊर्जा तथा कुल समय के अनुपात को औसत शक्ति कहते हैं।
33. शक्ति का SI मात्रक क्या है ? 
उत्तर – वाट ।
34. एक अश्व शक्ति (HP) में कितने वाट होते हैं ? 
उत्तर – 746 वाट ।
35. अश्वशक्ति एवं वाट में संबंध बताएँ ।
उत्तर – 1 अश्व शक्ति = 746 वाट ।
37. एक हॉर्स पावर तथा किलोवाट को वाट में लिखें ।
उत्तर – 1 हॉर्स पावर = 746 वाट,
1 किलोवाट = 1000 वाट ।
38. एक ऐसी मशीन का नाम बताएँ जो पेशीय ऊर्जा को उपयोगी यान्त्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करती है । 
उत्तर – उत्तोलक ।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. कार्य की परिभाषा लिखें।
उत्तर – किसी पिंड पर किया गया कार्य उस पर लगाए गए बल के परिणाम एवं बल की दिशा में उसके द्वारा तय की गई दूरी के गुणनफल से परिभाषित होता है। कार्य का मात्रक जूल है
अर्थात् 1 जूल = 1 न्यूटन × 1 मीटर
2. हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है ?
उत्तर – जब किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है और वस्तु की दिशा में विस्थापित हो जाती है तो कहा जाता है कि कार्य किया गया है ।
3. ऊर्जा कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर – ऊर्जा मुख्यतः दो प्रकार की होती है –
(i) यांत्रिक ऊर्जा एवं
(ii) अयांत्रिक ऊर्जा।
स्थितिज तथा गतिज ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा के रूप हैं।
ताप, प्रकाश, विद्युत, ध्वनि आदि अयांत्रिक ऊर्जा के रूप हैं।
4. कार्य एवं ऊर्जा में क्या सम्बन्ध है ? 
उत्तर – जितनी ऊर्जा की खपत होती है कार्य उतना ही होता है। ठीक इसके विपरीत किसी पिंड पर जितना कार्य किया जाता है उतनी ही उर्जा उसमें संचित होती है।
सम्पन्न कार्य = प्रारंभिक कार्य – अंतिम कार्य ।
5. शक्ति एवं ऊर्जा में क्या अन्तर है ?
उत्तर – कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं । यह तब पैदा होती है जब कोई बल किसी S वस्तु पर कार्य करता है। इसका मात्रक वाट है। कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। यह वस्तु की गति अथवा स्थिति के कारण उत्पन्न होता है। इसका मात्रक जूल है।
6. गतिज ऊर्जा से क्या समझते हैं ?
उत्तर – गति के कारण किसी वस्तु में कार्य करने की जो क्षमता रहती है उसे गतिज ऊर्जा कहते हैं। जैसे- चलती हुई गाड़ी, बहता पानी में ।
7. स्थितिज ऊर्जा से क्या समझते हैं ?
उत्तर – किसी वस्तु में उसकी स्थिति के कारण कार्य करने की जो क्षमता रहती है उसे उसकी स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। जैसे- ऊँचाई पर अवस्थित पिण्ड, कसी हुई कमानी, ऐंठन युक्त तार आदि ।
8. ऊर्जा के संरक्षण के सिद्धांत को सोदाहरण समझाएँ ।
उत्तर – ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न उसका विनाश ही, केवल उसका एक रूप से दूसरे रूप में रूपान्तरण होता है ।
उदाहरण- अगर कोई पिण्ड पृथ्वी की ओर गिर रहा है तो उसकी गतिज ऊर्जा बढ़ती जाती है तथा स्थितिज ऊर्जा घटती जाती है। गिरने के क्रम प्रत्येक बिन्दु पर स्थितिज एवं गतिज ऊर्जा का योग समान रहता है।
9. घड़ी में ऊर्जा कैसे संचित होती है ? 
उत्तर – घड़ी में स्प्रिंग को कसने पर जो कार्य करना पड़ता है वह कसी कमानी (स्प्रिंग) में संरूपण के कारण स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाती है। जब धीरे-धीरे कमानी खुलती जाती है, तो उसके द्वारा कार्य होता है जिससे सुई चलनी शुरू करती है।
10. एक पिंड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पथ के प्रारंभिक तथा अंतिम बिन्दु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया ? 
उत्तर – गुरूत्वाकर्षण बल द्वारा वस्तु पर किए गए कार्य की मात्रा शून्य होगी, क्योंकि गुरूत्व बल के विरूद्ध किया गया कार्य mgh वस्तु का द्रव्यमान तथा गुरूत्वीय त्वरण तो स्थिर रहते हैं, किंतु उसकी ऊँचाई शून्य हो जाती है। ऐसा पथ के आरंभिक तथा अंतिम बिंदुओं के एक ही क्षैतिज तल में स्थित होने के कारण होता है ।
11. एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन करें। 
उत्तर – पहले बैटरी की रासायनिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होती है । पुनः विद्युत ऊर्जा, ताप एवं प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित होती है।
12. मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है। कारण बताएँ । 
उत्तर – यह ऊर्जा संरक्षण सिद्धांत का उल्लंघन नहीं है, क्योंकि जिस अनुपात में वस्तु की स्थितिज ऊर्जा में कमी आती है, उसी अनुपात में उसकी गतिज ऊर्जा में वृद्धि भी होती है। अर्थात्, वस्तु की कुल ऊर्जा हमेशा संरक्षित रहती है ।
13. जब आप अपनी सारी शक्ति लगा कर एक बड़ी चट्टान को हिलाना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है ? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती है ? 
उत्तर – नहीं, जब हम अपनी पूरी शक्ति से विशाल चट्टान को धकेलने पर खिसका नहीं पाते हैं, तो ऊर्जा का हस्तांतरण नहीं होता है। जब हम चट्टान को हिलाते हैं, तो हमारी पेशियाँ तन जाती हैं तथा इन पेशियों की ओर रक्त बहुत तेजी से विस्थापित होता है। इन परिवर्तनों में ऊर्जा खपत होती है तथा हम थका महसूस करते हैं ।
14. क्या किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में इसका विस्थापन हो सकता है, सोचिए । इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार-विमर्श करें |
उत्तर – जब वस्तु विरामावस्था में होती है, तो न्यूटन की गति के प्रथम नियम के अनुसार, यह तब तक विरामावस्था में रहती है, जब तक कि कोई बाहरी बल उसकी इस अवस्था में परिवर्तन न ला दे । हालाँकि, जब वस्तु गति की अवस्था में होती है, जैसेचलती हुई बस, इसे रोकने के लिए बल की आवश्यकता होती है। अतः इस स्थिति में किसी कार्यकारी बल की अनुपस्थिति में भी वस्तु में विस्थापन संभव है।
15. कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कुछ कार्य किया या नहीं ? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाएँ ।
उत्तर – नहीं व्यक्ति ने पुआल की गट्ठर पर कोई कार्य नहीं किया है, क्योंकि गट्ठर में कोई विस्थापन नहीं होता है ।
16. सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। क्या आप उससे सहमत हैं ? बताएँ क्यों ?
उत्तर – हाँ, सोनी का कहना सही है, क्योंकि जब कोई वस्तु विराम में होती है तथा उसकी गति शून्य होती है, तब उसमें त्वरण भी शून्य होता है। किसी वस्तु में एक साथ कई बल लग सकते हैं, किन्तु वे एक-दूसरे को अप्रभावी कर सकते हैं। जब वस्तु एकसमान वेग से गति में होती है, उसका त्वरण शून्य होता है। यहाँ तक कि इस स्थिति में भी वस्तु, एक साथ कई संतुलनकारी बल कार्य कर सकते हैं।

आंकिक प्रश्नोत्तर

1. एक कुली 15 kg का बोझ धरती से 1.5m ऊपर उठाकर अपने सिर पर रखता है। उसके द्वारा बोझे पर किए गए कार्य का परिकलन करें। 
उत्तर – बोझे का द्रव्यमान m = 15 kg तथा
विस्थापन s = 1.5m
किया गया कार्य   W = F × s
= mg × s
= 15 × 10 × 1.5
= 225 J
कुली द्वारा बोझे पर किया गया कार्य 225 J है। Ans.
2. बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140N बल लगाती है। जोता गया खेत 15m लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया ?
उत्तर – बैलों द्वारा लगाया गया बल = 140N
        जोता गया खेत = 15m
      किया गया कार्य = बल × विस्थापन
= 140 × 15
= 2100 J Ans.
3. 0.5 kg की किसी पुस्तक की ऊर्जा में 1 जूल का परिवर्तन करने के लिए उसे कितनी ऊँचाई तक उठाना होगा ?
उत्तर –    ऊर्जा = mgh
h = ऊर्जा/mg
   = 1/ 0.5 × 10 = 0.2m Ans.
4. 100 वाट के एक बल्ब को 2 घंटे तक जलाया जाता है, कितनी विद्युत ऊर्जा व्यय होगी ?
उत्तर – व्यय हुई ऊर्जा        = 100 w × 2 H
= 100 J/s x 2 × 60 × 60 s
= 72 × 104 J Ans.
5. कोई महिला 10m गहरे कुएँ से 5 kg के कुल द्रव्यमान की किसी बाल्टी को ऊपर खींचने में 10 सेकेण्ड का समय लेती है। उसके द्वारा प्रयुक्त शक्ति ज्ञात करें ।
उत्तर –
6. किसी रॉकेट का द्रव्यमान 3 × 106 kg है । 1 km/s वेग से 25 km ऊँचाई पर गतिमान है इसकी (a) स्थितिज ऊर्जा (b) गतिज ऊर्जा का परिकलन करें। (g = 10m/s2 लें )
उत्तर –
7. उस पम्प की शक्ति का परिकलन करें जो 100 kg पानी को 25 सेकेण्ड में 19m ऊँचाई पर रखी टंकी में संचित कर देता है। (g का मान 10 m/s2 लें ) 
उत्तर –
8. 15 kg द्रव्यमान की एक वस्तु 4 ms-1 के एकसमान वेग से गतिशील है । वस्तु की गतिज ऊर्जा कितनी होगी ?
उत्तर –
9. यदि किसी कार का द्रव्यमान 1500 kg है तो उसके वेग को 30 km h-1 से 60 km h-1 तक बढ़ाने में कितना कार्य करना पड़ेगा ? 
उत्तर –
10. 5 ms-1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25 J है। यदि इसके वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी ? यदि इसके वेग को तीनगुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी ?
उत्तर –
11. 10kg द्रव्यमान की एक वस्तु को धरती से 6m की ऊँचाई तक उठाया गया है। इस वस्तु में विद्यमान ऊर्जा का परिकलन करें । g का मान 9.8 m s-2 है।
उत्तर – वस्तु का द्रव्यमान m = 10kg
विस्थापन (ऊँचाई) h = 6 m तथा
गुरूत्वीय त्वरण g = 9.8 m s-2
12. 12 kg द्रव्यमान की एक वस्तु धरती से एक निश्चित ऊँचाई पर स्थित है। यदि वस्तु की स्थितिज ऊर्जा 480J है तो वस्तु की धरती के सापेक्ष ऊँचाई ज्ञात करें। दिया है, परिकलन में सरलता के लिए g का मान 10 ms-2 लें । 
उत्तर –

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. कार्य, शक्ति एवं ऊर्जा की परिभाषा लिखें । प्रत्येक का SI मात्रक भी लिखें । 
उत्तर – कार्य – जब किसी पिण्ड पर बल लगाया जाता है और पिंड बल की दिशा में स्थान परिवर्तन करता है, तो इसे बल द्वारा संपादित कार्य कहा जाता है ।
यहाँ, कार्य = बल × विस्थापन
कार्य का मात्रक न्यूटन मीटर या जूल है।
शक्ति – कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। यदि t समय में W कार्य होता है, तो शक्ति = कार्य/समय = W/t
शक्ति का मात्रक न्यूटन मीटर प्रति सेकेण्ड या जूल / से या वाट है।
ऊर्जा- कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं । ऊर्जा का मात्रक जूल है ।
2. गतिज ऊर्जा की परिभाषा लिखें । v वेग से गतिशील m द्रव्यमान के पिण्ड को गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक प्राप्त करें।
उत्तर – गतिज ऊर्जा– किसी गतिशील वस्तु के पास कार्य करने की जो क्षमता होती है उसे गतिज ऊर्जा कहते हैं। जैसे- बन्दुक से निकली हुई गोली गतिशील हवा, झरने से गिरता पानी ।
माना कि, m द्रव्यमान के पिण्ड पर F बल कार्य करता है जिससे पिण्ड में a त्वरण उत्पन्न होता है। पिण्ड का वेग s दूरी तय करने के बाद v हो जाता है।
पिंड पर किया गया यही कार्य गतिज ऊर्जा के रुप में रहता है।
3. स्थितिज ऊर्जा की परिभाषा दें। इसके लिए एक व्यंजक प्राप्त करें। 
उत्तर – स्थितिज ऊर्जा- किसी वस्तु में उसकी स्थिति के कारण जो कार्य करने की क्षमता होती है उसे उस वस्तु की स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। जैसे- पहाड़ पर रखे पत्थर का टुकड़ा, घड़ी की कमानी, किसी ऊँचाई पर टंकी में एकत्रित पानी।
व्यंजक– माना कि m द्रव्यमान की वस्तु पृथ्वी की सतह से h ऊँचाई पर स्थित है। इस ऊँचाई पर वस्तु का भार mg नीचे की ओर कार्य करता है ।
4. साबित करें कि मुक्त रूप से गिरते पिण्ड की गतिज ऊर्जा एवं स्थितिज ऊर्जा का योग अचर होता है ।
अथवा, 
मुक्त रूप से गिरता पिण्ड ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत का पालन करता है।
उत्तर – माना कि m द्रव्यमान का एक पिण्ड पृथ्वी की सतह से h ऊँचाई पर अवस्थित A बिन्दु पर विरामावस्था में है। इसे स्वतंत्रतापूर्वक गिरने के लिए छोड़ दिया जाता है। माना कि x ऊँचाई गिरकर वह B पर पहुँचता है। पुन: C पर पृथ्वी को स्पर्श करता है ।
अतः मुक्त रूप से गिरते पिण्ड की गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा का योग अचर रहता है।
जैसे-जैसे पिण्ड नीचे गिरते जाता है स्थितिज ऊर्जा घटती जाती है और गतिज ऊर्जा बढ़ती जाती है। सतह पर आते-जाते स्थितिज ऊर्जा का मान शून्य हो जाता है और कुल स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में रुपान्तरित हो जाती है। इस तरह गिरता पिण्ड ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत का पालन करता है ।

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