झारखण्ड बजट (2018-19)

झारखण्ड बजट (2018-19)

वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए झारखण्ड सरकार का बजट प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुबर दास, जो स्वयं ही वित्त मंत्रालय के भी प्रभारी हैं, ने विधान सभा में 23 जनवरी, 2018 को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयन्ती के दिन प्रस्तुत किया. (पिछले वर्ष 2017-18 के लिए भी प्रदेश सरकार का बजट 23 जनवरी, 2017 को ही उन्होंने प्रस्तुत किया था). पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी बजट में कोई नया कर आरोपित नहीं किया गया है तथा न ही किसी मौजूदा कर की दर में वृद्धि ही इसमें की गई है.
झारखण्ड का 2018-19 का बजट निम्नलिखित पाँच बिन्दुओं पर विशेष रूप से केन्द्रित है
> ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की आय को दोगुना करना.
> रोजगार एवं स्वरोजगार के अधिक-से-अधिक अवसर सृजित करना.
> अनुसूचित जनजाति / जाति एवं अभिवंचित वर्गों का विकास. महिला सशक्तिकरण.
> पिछड़े जिलों / प्रखण्डों का समेकित विकास.
इनके साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण तथा आधारभूत संरचना यथा पेय जलापूर्ति, नगरीय विकास, गाँवों को सड़क से जोड़ना तथा प्रत्येक घर में विद्युत् आपूर्ति पहुँचाने पर ध्यान बजट में केन्द्रित किया गया है.
बजट में 2018-19 के दौरान प्रदेश सरकार का कुल व्यय ₹ 80,200-00 करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पूर्व वर्ष 2017-18 की तुलना में लगभग 6 प्रतिशत अधिक है. प्रस्तावित कुल व्यय में ₹ 33,697.00 करोड़ स्थापना व्यय (Establishment Expenditure) के रूप में तथा ₹46,503-00 करोड़ स्टेट स्कीम व्यय (Scheme Expenditure) के रूप में निर्धारित है.
प्रदेश सरकार के कुल व्यय का योजना व्यय (Plan Expen – diture ) व गैर-योजना व्यय (Non Plan Expenditure ) के रूप में वर्गीकरण पिछले वर्ष के बजट से ही समाप्त कर दिया गया था तथा उसके स्थान पर स्थापना व्यय व स्टेट स्कीम व्यय वर्गीकरण किया जाने लगा है. 2017-18 के बजट अनुमानों की तुलना में 2018-19 में स्थापना व्यय में 1·08 प्रतिशत तथा स्टेट स्कीम व्यय में 1-04 प्रतिशत वृद्धि नए बजट में है. ₹80,200-00 करोड़ के कुल प्रस्तावित व्यय में ₹62,744-44 करोड़ राजस्व व्यय के रूप में तथा शेष ₹17,455-56 करोड़ पूँजीगत व्यय के रूप में प्रस्तावित है. कुल प्रस्तावित व्यय ₹22,689-70 करोड़ सामान्य प्रक्षेत्र हेतु, ₹26,972-30 करोड़
सामाजिक प्रक्षेत्र हेतु तथा ₹30,538-00 करोड़ आर्थिक प्रक्षेत्र हेतु रखे गए हैं. प्रस्तावित व्यय की आपूर्ति हेतु राज्य के स्वयं के करों से ₹19,250.00 करोड़ तथा केन्द्रीय करों में से राज्य के अंश के रूप में ₹27,000-00 करोड़ प्राप्त होने का अनुमान बजट में लगाया गया है. इस प्रकार कुल कर राजस्व 2018-19 में ₹46,250.00 करोड़ अनुमानित है. गैर-कर राजस्व (Non Tax Revenue) के रूप में ₹22,880-00 करोड़ की कुल अनुमानित प्राप्तियों में ₹9,030-00 करोड़ राज्य का स्वयं का कर-भिन्न राजस्व होगा, जबकि ₹13,850-00 करोड़ केन्द्रीय अनुदान के रूप में प्राप्त होंगे. ₹ 11,070-00 करोड़ की पूँजीगत प्राप्तियों में उधारियों एवं अग्रिमों की वसूली से ₹70-00 करोड़ तथा लोक ऋणों से ₹11,000-00 करोड़ 2018-19 के दौरान राशियों के चलते 2018-19 में राजस्व घाटा ₹6385-55 करोड़ (राज्य प्राप्त होने का बजट अनुमान है प्राप्तियों एवं व्यय की प्रस्तावित के जीएसडीपी का 2-07 प्रतिशत) तथा राजकोषीय घाटा ₹7494-45 करोड़ रहने का अनुमान है, जो राज्य के अनुमानित जीएसडीपी का 2-43 प्रतिशत है तथा राजकोषीय दायित्व एवं बजट प्रवन्धन अधिनियम (FRBM Act) के तहत् अनुमन्य सीमा (3-00 प्रतिशत) के भीतर है. बजट में प्रस्तुत संशोधित आकलन के अनुसार 2017-18 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.48 प्रतिशत रहा है. महिलाओं के कल्याणार्थ पिछले वर्ष 2017-18 के बजट में कुल ₹7684-51 करोड़ का जेंडर बजट समावेशित था. 2018-19 के लिए जेंडर बजट के रूप में ₹8194.59 करोड़ का प्रावधान है, जो पूर्व वर्ष की तुलना में 6-64 प्रतिशत अधिक है. राज्य में अनुसूचित जातियों व जनजातियों की संख्या को देखते हुए इस प्रक्षेत्र पर किए जाने वाले बजटीय प्रावधानों को अलग से संकलित कर अनुसूचित जनजाति क्षेत्र तथा अनुसूचित जाति विकास बजट 2018-19 के लिए ₹24,410 करोड़ का निर्धारित किया गया है, जो स्कीमों के लिए निर्धारित कुल बजट का 52-49 प्रतिशत है. 2017-18 के बजट में यह राशि ₹22,259 करोड़ का था, जो स्कीमों के लिए निर्धारित कुल बजट का 51.5 प्रतिशत था.
2018-19 के दौरान प्रदेश सरकार के कुल व्यय में सर्वाधिक 14.68 प्रतिशत भाग ग्रामीण विकास हेतु व उसके पश्चात् 13-94 प्रतिशत भाग शिक्षा, कला, संस्कृति एवं खेलकूद के लिए आवंटित किया गया है, सरकार के कुल व्यय का 13-78 प्रतिशत भाग ग्रामीण विकास के लिए आवंटित है. कृषि एवं सम्बन्धित गतिविधियों पर 8-01 प्रतिशत परिव्यय अलग से है. शहरी विकास हेतु 6.68 प्रतिशत, ऊर्जा हेतु 6-79 प्रतिशत व पेंशन हेतु 6.98 प्रतिशत व्यय बजट में निर्धारित है, जबकि 6-79 प्रतिशत भाग पुलिस एवं आपदा प्रबन्धन पर, 7.14 प्रतिशत समाज कल्याण पर तथा 7-02 प्रतिशत भाग व्याज अदायगियों पर व्यय होगा. सार्वजनिक ऋणों की अदायगियों हेतु 4.69 प्रतिशत, चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य हेतु 4.77 प्रतिशत, लोक निर्माण एवं परिवहन हेतु 5.90 प्रतिशत व्यय का प्रावधान है तथा 6.61 प्रतिशत अन्य खर्चों के लिए है. स्कीमों के लिए प्रावधानित ₹46,503 करोड़ की राशि में महत्वपूर्ण प्रक्षेत्रों हेतु आवंटित राशियाँ बॉक्स में दर्शाई गई हैं.
झारखण्ड की आर्थिक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री श्री रघुवरदास ने अपने बजट भाषण में बताया कि 2018-19 में प्रचलित मूल्यों के आधार पर राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (Gross State Domestic Product- GSDP) ₹3,08,785 करोड़ रहने का अनुमान है. यह पूर्व वर्ष 2017-18 के ₹2,79,452 करोड़ की तुलना में 10-5 प्रतिशत अधिक होगा. स्थिर मूल्यों पर राज्य का जीएसडीपी 2017-18 में ₹2,27,066 करोड़ रहा है, जो 2018-19 में ₹2,43,032 करोड़ अनुमानित है. यह पूर्व वर्ष (2017-18) की तुलना में 7-03 प्रतिशत अधिक होगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में कृषि क्षेत्र का योगदान 2017-18 में 14.97 प्रतिशत रहा है. प्रचलित मूल्यों पर राज्य में प्रति व्यक्ति आय 2017-18 में ₹70,468 थी, जो एक वर्ष पूर्व 2016-17 में ₹ 64,823 थी. इस प्रकार प्रचलित मूल्यों पर प्रति व्यक्ति आय में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि 2017-18 में हुई. र्चों में
> अन्य प्रमुख बजटीय घोषणाएं
> पूर्व वर्ष 2017-18 के बजट में मुख्यमंत्री द्वारा की गई कुल 142 घोषणाओं में से 121 कार्यान्वित, जबकि शेष 21 कार्यान्वयन की प्रक्रिया में हैं.
> झारखण्ड आन्दोलन के पुरोधा विनोद बिहारी महतो की स्मृति में विनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय की स्थापना धनबाद में नवम्बर 2017 में की गई है.
> 2018-19 में विनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय के अतिरिक्त रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय तथा नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के परिसर निर्माण हेतु कार्यवाही की घोषणा बजट में की गई है. दिसम्बर 2017 तक प्रदेश के सभी गाँवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है.
> प्रदेश में नई शुरू की गई शहीद ग्राम विकास योजना के तहत् राज्य के वीर सपूतों की जन्म भूमि के समग्र विकास हेतु कार्य किया जा रहा है.
> ग्रामीण विकास को गति प्रदान करने के लिए ₹ 1500 करोड़ की जोहार परियोजना का शुभारम्भ राज्य स्थापना दिवस पर किया गया है. इस योजना का लक्ष्य दो लाख ग्रामीण परिवारों की कृषि एवं गैर-कृषि आजीविका सम्बन्धी सहित उत्पादों में विविधता एवं उत्पादकता बढाते हुए उनकी आय को दोगुना करना है.
> गोड्डा में कृषि विश्वविद्यालय तथा साहेबगंज में कृषि महाविद्यालय की स्थापना हेतु प्रस्ताव बजट में है.
> जमशेदपुर महिला कॉलेज को विश्वविद्यालय के रूप में उत्क्रमित किया जाएगा.
> दहेज रहित विवाह को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के आयोजकों को ₹1000 प्रति विवाह प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की घोषणा बजट में की गई है.
> नीति आयोग द्वारा देश के 115 जिलों की पहचान अति पिछड़े जिलों के रूप में की गई है, इनमें झारखण्ड के 19 जिले शामिल हैं. इनमें से 16 जिलों के योजनाबद्ध समेकित विकास हेतु योजना राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई है.
> प्रसाद योजना के तहत् देवघर का विकास तथा स्वदेश दर्शन योजना के तहत् जमशेदपुर- राँची-नेतरहाट-बेतला टूरिज्म सर्किट का विकास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री वृद्धजन तीर्थदर्शन योजना जारी रहेगी. ईको
> स्वच्छ भारत मिशन के तहत् 2018-19 में पूरे राज्य को खुले में शौच से मुक्त (UDF) घोषित किया जाएगा.
> 2018-19 में खूंटी एवं रामगढ जिले में नवोदय विद्यालय की तथा पलामू में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव है.

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