निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न दो अंकों का होगा।

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प्रश्न – निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न दो अंकों का होगा। 
(क) आत्मनिर्भरता प्रगति की आधारशिला है और आत्मविश्वास का मूल है। जो व्यक्ति समाज में अपने सारे कार्य स्वयं करता है, जरूरत पड़ने पर दुसरों की सहायता करता है, वह उन्नति की दौड़ में सबसे आगे रहता है। अपने दैनिक जीवन के सारे कार्य स्वयं ही करना मनुष्य के लिए अत्यावश्यक है। अपने कार्य के लिए दूसरे पर निर्भर रहने वाला व्यक्ति पिछड़ जाता है, उन्नति नहीं कर सकता। सौंपे गए कार्य को पुनीत दायित्व समझकर करना चाहिए, इससे व्यक्ति स्वावलंबी बनता है। स्वावलंबी व्यक्ति सिंह के समान परिश्रमी होता है एवं सामाजिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होता है। उसे धन की कमी नहीं रहती। वह अपनी ही भुंजाओं से सारी सुख-सुविधाओं को जुटाने में सक्षम होता है। परिणामतः आत्मनिर्भर व्यक्ति उन्नति के शिखर पर पहुँच जाता है।
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर दें –
(i) व्यक्ति की प्रगति की आधारशिला क्या है ?
(ii) उन्नति की दौड़ में सबसे आगे कौन रहता है?
(iii) व्यक्ति आत्मनिर्भर कब बनता है ?
(iv) सामाजिक व मानसिक रूप से स्वस्थ कौन होता है ?
(v) अपनी भुजाओं से सुख सुविधाएँ जुटाने में कौन सक्षम होता है?
अथवा,
(ख) कोई भी शासक अपना प्रभुत्व जमाने के लिए जनता में एकता नहीं चाहता, इसलिए अंग्रेजों ने भारत में राज करने के लिए सर्वप्रथम यहाँ की एकता खंडित की। सनातन मूल्यों, आदर्शों और प्रतिमानों को नष्ट-भ्रष्ट किया। भारत की वैज्ञानिक संस्कृति के प्रति सुनियोजित तरीके से अनास्था के भाव उत्पन्न किए। भोली-भाली जनता को बहकाया गया। उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई जिसके कारण वह लगभग दो सौ वर्षों तक भारत पर शासन करते रहे। साथ ही, भारत में धर्मों व जातियों में दंगे भड़काते रहे। वह विभिन्न धर्मों के बीच वैमनस्य की दीवार खड़ी करते रहे। अंततः वह भारत के स्वतंत्र होने पर भी अखण्डता समाप्त करके ही गए। भारत का विभाजन अंग्रेजों की नीति का एक हिस्सा है। उन्होंने आजादी के पूर्व जो आग लगाई थी, प्रत्यक्षअप्रत्यक्ष रूप से उसमें हम आज भी झुलस रहे हैं। परिणामतः हमें आज जाति, धर्म और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर मिलजुलकर रहना चाहिए ।
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर दें –
(i) अंग्रेजों ने भारत की एकता खंडित क्यों की?
 (ii) अंग्रेजों ने हम पर किस प्रकार शासन किया ?
 (iii) अंग्रेजों ने भारतवर्ष पर लगभग कितने दिनों तक शासन किया ?
(iv) अंग्रेजों ने भारतवर्ष में कौन-सी नीति अपनाई ?
 (v) इस विषम परिस्थिति में हमें क्या करना चाहिए ?
उत्तर –
(क) (i) व्यक्ति की प्रगति की आधारशिला आत्मनिर्भरता है। (ii) अपना कार्य स्वयं करने वाला और जरूरत पड़ने पर दूसरों की सहायता करने वाला उन्नति की दौड़ में सबसे आगे रहता है। (iii) जो व्यक्ति समाज में अपने सारे कार्य स्वयं करता है, जरूरत पड़ने पर दुसरों की सहायता करता है। (iv) स्वावलंबी व्यक्ति सामाजिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होता है। (v) स्वावलंबी व्यक्ति अपनी भुजाओं से सुख-सुविधाएँ जुटाने में सक्षम होता है।
अथवा,
(ख) (i) भारत पर राज करने के लिए अंग्रेजों ने भारत की एकता खंडित की। (ii) फूट डालो और राज करो की नीति अपना कर अंग्रेजों ने हम पर शासन किया। (iii) अंग्रेजों ने भारतवर्ष पर लगभग दो सौ वर्षों तक शासन किया। (iv) अंग्रेजों ने फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई। (v) इस विषम परिस्थिति में हमें मिलजुलकर रहना चाहिए ।

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