भारत में सूचना और प्रौद्योगिकी उद्योग का विवरण दीजिए | अथवा, समोच्च रेखा क्या है? इसके द्वारा विभिन्न प्रकार के ढालों का प्रदर्शन किस प्रकार किया जाता है, किन्हीं पाँच का सोदाहरण वर्णन करें।
प्रश्न – भारत में सूचना और प्रौद्योगिकी उद्योग का विवरण दीजिए | अथवा, समोच्च रेखा क्या है? इसके द्वारा विभिन्न प्रकार के ढालों का प्रदर्शन किस प्रकार किया जाता है, किन्हीं पाँच का सोदाहरण वर्णन करें।
उत्तर – सूचना एवं प्रौद्योगिकी उद्योग को ज्ञान आधारित उद्योग भी कहा जाता है। इस उद्योग में उत्पादन के लिए विशिष्ट नए ज्ञान, उच्च प्रौद्योगिकी एवं निरंतर शोध और अनुसंधान की आवश्यकता रहती है। यह सूचना से सम्बंधित उद्योग है, जिसमें ट्रांजिस्टर, टेलीविजन, टेलीफोन, पेजर, रडार, सैल्यूलर टेलीकॉम, लेजर, अंतरिक्ष उपकरण, कम्प्यूटर की यंत्र सामग्री (हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर प्रक्रिया सामग्री) इत्यादि का निर्माण होता है। ये सभी इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद हैं, अतः इस उद्योग को इलेक्ट्रॉनिक उद्योग भी कहा जाता है। इस उद्योग के प्रमुख उत्पादक केन्द्र बंगलूर, मुम्बई, दिल्ली, हैदराबाद, पूणे, चेन्नई, कानपुर, कोलकाता और लखनऊ हैं। बंगलूर को इलेक्ट्रॉनिक उद्योग की राजधानी तथा सिलिकन सिटी कहा जाता है। हमारे देश में सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क 20 स्थानों पर विकसित हैं। भारत इन उत्पादों का बड़े पैमाने पर निर्यात करता है। पिछले दो-तीन वर्षों से यह उद्योग विदेशी मुद्रा प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत बन गया है। इस उद्योग का मुख्य महत्त्व रोजगार उपलब्ध कराना है। इसमें रोजगार प्राप्त व्यक्तियों में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएँ हैं। इससे जुड़ी अर्थव्यवस्था को ज्ञान अर्थव्यवस्था भी कहते हैं ।
अथवा,
मानचित्र पर समान ऊँचाईवाले स्थानों को मिलाते हुए जो रेखा खींची जाती है उसे समोच्च रेखा कहते हैं। विभिन्न ऊँचाई के लिए अलग-अलग समोच्च रेखाएँ खींची जाती हैं। ये रेखाएँ एक-दूसरे को कभी काटती नहीं हैं। समोच्च रेखाओं की सहायता से विभिन्न प्रकार के ढालों को प्रदर्शित करने के लिए उन आकृतियों की जानकारी आवश्यक है। इसका कारण यह है कि भू-आकृतियों के अनुरूप ही समोच्च रेखाओं का प्रारूप बनता है। उन समोच्च रेखाओं पर ऊँचाई के अनुसार संख्यात्मक मान बैठाया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आप वृत्ताकार प्रारूप में आठ-दस समोच्च रेखाएँ खींचते हैं तब इससे दो भू-आकृतियाँ दिखाई जा सकती है। इनमें प्रथम शंक्वाकार पहाड़ी एवं दूसरा झील । किन्तु इन दोनों भू-आकृतियों में समोच्च रेखाओं का मान ऊँचाई के अनुसार अलग-अलग होता है। शंक्वाकार पहाड़ी के लिए बनाए जानेवाले समोच्च रेखाओं का मान बाहर से अन्दर की ओर बढ़ता हुआ होता है। अर्थात् अधिक ऊँचाई वाली समोच्च रेखा अन्दर की ओर होती है। इसी प्रकार झील आकृति प्रदर्शित करने के लिए समोच्च रेखाओं में बाहर की ओर अधिक मान वाली और अन्दर की कम मान व़ाली समोच्च रेखाएँ होती हैं। अतः समोच्च रेखाओं पर भू-आकृति दिखाते समय उन रेखाओं के मान अच्छी तरह समझकर लिखना चाहिए।
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