भाषा सीखने की विभिन्न विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

प्रश्न – भाषा सीखने की विभिन्न विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर- भाषा सीखने की विभिन्न विशेषताओं का निम्नलिखित रूप में वर्णन किया जा सकता है –
1. सीखना सम्पूर्ण जीवन चलाता है (All Living is Learning)—भाषा सीखने की प्रक्रिया आजीवन चलती है। व्यक्ति अपने जन्म के समय से मृत्यु तक कुछ-न-कुछ सीखता रहता है।
2. सीखना परिवर्तन है (Learning is Change) — व्यक्ति अपने और दूसरों के अनुभवों से सीखकर अपने व्यवहार, विचारों, इच्छाओं, भावनाओं, भाषा आदि में परिवर्तन करता है। गिलफोर्ड (Guilord, General Psychology, p. 343) के अनुसार — “सीखना व्यवहार के परिणामस्वरूप व्यवहार में कोई परिवर्तन है।”
3. सीखना सार्वभौमिक है (Learning is Universal ) — सीखने का गुण केवल मनुष्य में ही नहीं पाया जाता है। वस्तुतः संसार के सभी जीवधारी पशु-पक्षी और कीड़े-मकोड़े भी सीखते हैं।
4. सीखना विकास है (Learning is Growth)—व्यक्ति अपनी दैनिक क्रियाओं और अनुभवों के द्वारा किसी-न-किसी रूप में भाषा को सीखता है। फलस्वरूप, उसका भाषाई विकास होता है। सीखने की इस विशेषता को पेस्टालॉजी (Pestalozzi) ने वृक्ष और फ्रोबेल (Frobel) ने उपवन का उदाहरण देकर स्पष्ट किया है।
5. सीखना-अनुकूलन है (Learning is Adjustment) — सीखना, वातावरण से अनुकूलन करने के लिए आवश्यक है। सीखकर ही व्यक्ति, नई परिस्थितियों से अपना अनुकूलन कर सकता है। जब वह अपने व्यवहार को इनके अनुकूल बना लेता है, तभी वह कुछ सीख पाता है। गेट्स एवं अन्य (Gates and Others) (p. 299) का मत है— “सीखने का सम्बन्ध स्थिति के क्रमिक परिचय से है। “
6. सीखना – नया कार्य करना है (Learning is Doing Something New)—वुडवर्थ (Woodworth) (p. 352) के अनुसार — भाषा सीखना भी एक प्रकार से सीखना कोई नया कार्य करना है पर उसने उसमें एक शर्त लगा दी है। उसका कहना है कि सीखना, नया कार्य करना तभी है, जबकि वह कार्य फिर किया जाय और दूसरे कार्यों में प्रकट हो।
7. सीखना-अनुभवों का संगठन है (Learning is Organization of Experience) सीखना न तो नये अनुभव की प्राप्ति है और न पुराने अनुभवों का योग वरन् नये और पुराने अनुभवों का संगठन है। जैसे-जैसे व्यक्ति नये अनुभवों द्वारा नई भाषाई बाते सीखता जाता है, वैसे-वैसे वह अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अपने अनुभवों को संगठित करता चला जाता है।
8. सीखना – उद्देश्यपूर्ण है (Learning is Purposive)— सीखना, उद्देश्यपूर्ण होता है। उद्देश्य जितना ही अधिक प्रबल होता है, सीखने की क्रिया उतनी ही अधिक तीव्र होती है। उद्देश्य के अभाव में भाषा सीखना असफल होता है । मर्सेल (Mursell, Successful Teaching, p. 56) के अनुसार “सीखने के लिए उत्तेजित और निर्देशित उद्देश्य की अति आवश्यकता है और ऐसे उद्देश्य के बिना सीखने में असफलता निश्चित है। “
9. सीखना – विवेकपूर्ण है (Learning is Intelligent) मर्सेल (Mursell) का कथन है कि सीखना, यांत्रिक कार्य के बजाय विवेकपूर्ण कार्य है। उसी बात को शीघ्रता और सरलता से सीखा जा सकता है, जिसमें बुद्धि या विवेक का प्रयोग किया जाता है। बिना सोचे-समझे, किसी बात को सीखने में सफलता नहीं मिलती है। मर्सेल के शब्दों में—“ सीखने की असफलताओं का कारण समझने की असफलताएँ हैं। “
“Failures in learning are failure in understanding.” —Mursell (p. 158)
10. सीखना सक्रिय है (Learning is Active) — सक्रिय सीखना ही वास्तविक सीखना है। बालक तभी कुछ सीख सकता है जब वह स्वयं सीखने की प्रक्रिया में भाग लेता है। यही कारण है कि डाल्टन प्लान, प्रोजेक्ट मेथड आदि शिक्षण की प्रगतिशील विधियाँ बालक की क्रियाशीलता पर बल देती हैं |
11. सीखना व्यक्तिगत व सामाजिक दोनों है (Learning is both Indivicual and Social ) — सीखना व्यक्तिगत कार्य तो है ही, पर इससे भी अधिक सामाजिक कार्य है। योक्म एवं सिम्पसन (Yakam and Simpson, p. 60) के अनुसार– “सीखना सामाजिक है, क्योंकि किसी प्रकार के सामाजिक वातावरण के अभाव में व्यक्ति का सीखना असम्भव है। “
12. सीखना वातावरण की उपज है ( Learning is a Product of Environment)– सीखना रिक्तता में न होकर, सदैव उस वातावरण के प्रति प्रतिक्रिया के रूप में होता है, जिसमें व्यक्ति रहता है। बालक का सम्बन्ध जैसे वातावरण से होता है। वैसी ही बातें वह सीखता है। यही कारण है कि आजकल इस बात पर बल दिया जाता है कि विद्यालय इतना उपयुक्त और प्रभावशाली वातावरण उपस्थित करे कि बालक अधिक-से-अधिक अच्छी बातों को सीख सके।
13. सीखना खोज करना है (Learning is Discovery ) – वास्तविक सीखना किसी भाषाई ज्ञान की खोज करना है। इस प्रकार के सीखने में व्यक्ति विभिन्न प्रकार के प्रयास करके स्वयं एक परिणाम पर पहुँचता है। मर्सेल का कथन है— “सीखना उस बात को खोजने और जानने का कार्य है, जिसे एक व्यक्ति खोजना और जानना चाहता है। “
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