संख्या किसे कहते हैं | संख्याएँ कितने प्रकार की होती हैं | संख्या पद्धति किसे कहते हैं | JNV Class 6th Maths solutions
संख्या किसे कहते हैं | संख्याएँ कितने प्रकार की होती हैं | संख्या पद्धति किसे कहते हैं | JNV Class 6th Maths solutions
संख्या किसे कहते हैं
वो गणितीय वस्तुएँ जिनका उपयोग गिनने, मापने और नामकरण करने के लिए किया जाता हैं उन्हें संख्या कहते हैं।
अंकगणित में कुल 10 संख्याएँ (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) होती हैं। जिनकी मदद से बड़ी-बड़ी संख्याएँ बनती हैं। शून्य को पूर्ण संख्या माना गया हैं शून्य जिस संख्या के पीछे लग जाता हैं उस संख्या का मान 10 गुना बढ़ जाता हैं।
जैसे :-
- 2 के पीछे 0 लगाने से 20 (बीस) हो जाता हैं।
- 5 के पीछे 0 लगाने से 50 (पचास) हो जाता हैं।
- 10 के पीछे 00 लगाने से 1000 (एक हजार) हो जाता हैं।
- 20 के पीछे 000 लगाने से 20,000 (बीस हजार) हो जाता हैं।
- 500 के पीछे 0000 लगाने से 50,00000 (पचास लाख) हो जाता हैं।
संख्या को अंग्रेजी में Number कहाँ जाता हैं।
संख्या प्रणाली किसे कहते हैं
0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 एवं 9 को अंक कहते हैं। अंकों से मिलकर संख्याएँ बनती हैं। संख्या को लिखने का तरीका संख्या पद्धति या संख्या प्रणाली कहलाता हैं।
किसी संख्या को लिखने के लिए दो तरह की प्रणाली प्रचलित हैं।
- दाशमिक प्रणाली
- अंतराष्ट्रीय प्रणाली
1. दाशमिक प्रणाली (Decimal System)
दाशमिक प्रणाली को भारतीय अरबी प्रणाली के नाम से भी जाना जाता हैं।
नीचे बनी तालिका देख कर आप स्पष्ट रूप से समझ सकते हैं इसमें दाईं से बाई ओर क्रमशः इकाई, दहाई सैकड़ा, हजार, दस हजार, लाख, दस लाख, करोड़, दस करोड़, अरब, दस अरब आदि लिखकर संख्याओं को उसके नीचे उचित स्थान पर लिखते हैं।
जैसे:- अस्सी अरब, बत्तीस करोड़, पाँच लाख, छः हजार, नौ सौ चौबीस।
स्थानीय मान को तालिका बनाकर लिखने पर
दस अरब | अरब | दस करोड़ | करोड़ | दस लाख | लाख | दस हजार | हजार | सैकड़ा | दहाई | इकाई |
8 | 0 | 3 | 2 | 0 | 5 | 0 | 6 | 9 | 2 | 4 |
संख्या अंकों में = 80,32,05,06,924
2. अंतराष्ट्रीय प्रणाली (International System)
अंतराष्ट्रीय प्रणाली में आप नीचे बनी हुई तालिका को स्पष्ट देखकर समझ सकते हैं इसमें दाईं से बाईं और क्रमशः इकाई, दहाई, सैकड़ा, हजार, दस हजार, सौ हजार, मिलियन, दस मिलियन, सौ मिलियन, बिलियन, दस बिलियन, सौ बिलियन आदि।
जैसे:- पचास बिलियन, सात सौ नब्बे मिलियन, आठ सौ पाँच हजार, चार सौ चौअन
अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को तालिका बनाकर लिखने पर
सौ बिलियन | दस बिलियन | बिलियन | सौ मिलियन | दस मिलियन | मिलियम | सौ हजार | दस हजार | हजार | सैकड़ा | दहाई | इकाई |
0 | 5 | 0 | 7 | 9 | 0 | 8 | 0 | 5 | 4 | 5 | 4 |
संख्या अंकों में, = 50, 790, 805, 454
किसी संख्या में अंकों का जातीय मान
कोई भी संख्या जो दो या दो से अधिक अंकों से मिलकर बनी होती हैं उसमें अंक का अपना ही मान होता हैं।
जातीय मान (Face Value) :- किसी अंक का जातीय मान किसी संख्या में उसके स्थान पर निर्भर नहीं करता हैं उस अंक का जो वास्तविक मान होता हैं उसे ही जातीय मान कहते हैं।
जैसे:- 5,42,73,679 में 7 का जातीय मान 7 ही हैं चाहे वह दहाई के स्थाना वाला 7 हो या दस हजार के स्थान वाला 7 हो।
किसी संख्या में अंकों का स्थानीय मान
स्थानीय मान (Place Value) :- किसी अंक का स्थानीय मान किसी संख्या में उसके स्थान पर निर्भर करता हैं।
जैसे:- 56783 में 8 का स्थानीय मान = 8 × 10 = 80
नोट :- शून्य (0) का जातीय मान एवं स्थानीय मान हमेशा 0 होता हैं।
अधिक जानकारी के लिए स्थानीय मान और जातीय मान की पोस्ट पढ़िए।
संख्याओं के प्रकार
संख्याएँ 12 प्रकार की होती हैं।
- प्राकृतिक संख्या → 1, 2, 3, 4, 5, ………
- सम संख्या → 2, 4, 6, 8, 10, ………
- विषम संख्या → 1, 3, 5, 7, 9, ………
- पूर्णांक संख्या → -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, ………
- पूर्ण संख्या → 0, 1, 2, 3, 4, ………
- भाज्य संख्या → 4, 6, 8, 9, ………
- अभाज्य संख्या → 2, 3, 5, 7, 11, ………
- सह अभाज्य संख्या → (5, 7) , (2, 3)
- परिमेय संख्या → √4, 7/5, 2/3, 3
- अपरिमेय संख्या → √5, √7, √11, √13
- वास्तविक संख्या → √4, √11, 4/7
- अवास्तविक संख्या → √-6, √-5, √-29
संख्या पद्धति किसे कहते हैं
संख्याओं को लिखने और संख्याओं के नामकरण को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया को संख्या पद्धति कहते हैं।
संख्या पद्धति में हम 0 से लेकर अनंत तक कि संख्याओं के बारे में पढ़ते और समझते हैं।
संख्या पद्धति में संख्याओं को कितने वर्गों में बाँटा गया हैं यह जानकारी समझकर संख्याओं का उपयोग करना सीखते हैं।
0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9…….. अनंत तक की सभी संख्याओं को हम संख्या पद्धति कहते हैं।
संख्या पद्धति के प्रकार
संख्या पद्धति में संख्याएँ 12 प्रकार की होती हैं।
- प्राकृतिक संख्या → 1, 2, 3, 4, 5, ………
- सम संख्या → 2, 4, 6, 8, 10, ………
- विषम संख्या → 1, 3, 5, 7, 9, ………
- पूर्णांक संख्या → -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, ………
- पूर्ण संख्या → 0, 1, 2, 3, 4, ………
- भाज्य संख्या → 4, 6, 8, 9, ………
- अभाज्य संख्या → 2, 3, 5, 7, 11, ………
- सह अभाज्य संख्या → (5, 7) , (2, 3)
- परिमेय संख्या → √4, 7/5, 2/3, 3
- अपरिमेय संख्या → √5, √7, √11, √13
- वास्तविक संख्या → √4, √11, 4/7
- अवास्तविक संख्या → √-6, √-5, √-29
नीचे हम संख्याओं के 12 प्रकारों को विस्तार से पढ़ते एवं समझते हैं।
1. प्राकृतिक संख्या (Natural Number)
गिनती में उपयोग की जाने वाली प्रत्येक संख्याएँ प्राकृतिक संख्या कहलाती हैं।
जैसे:- 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9……………अनंत
2. सम संख्या (Even Number)
ऐसी प्राकृतिक संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित हो जाती हैं सम संख्या कहलाती हैं।
जैसे:- 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20…….………अनंत
3. विषम संख्या (Odd Number)
ऐसी प्राकृतिक संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः से विभाजित नहीं होती विषम संख्या कहलाती हैं।
जैसे:- 1, 3, 5, 7, 9, 11, ……………अनंत
4. पूर्णांक संख्या (Integer Number)
धनात्मक, ऋणात्मक और शून्य से मिलकर बनी हुई संख्याएँ पूर्णांक संख्या कहलाती हैं।
जैसे:- -5, -4, -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, 4, 5……………..………अनंत
पूर्णांक संख्याएँ तीन प्रकार की होती हैं।
- धनात्मक संख्या
- ऋणात्मक संख्या
- उदासीन पूर्णांक
(a). धनात्मक संख्याएँ:- एक से लेकर अनंत तक की सभी धनात्मक संख्याएँ धनात्मक पूर्णांक हैं।
(b). ऋणात्मक संख्याएँ:- 1 से लेकर अनंत तक कि सभी ऋणात्मक संख्याएँ त्रणात्मक पूर्णांक हैं।
(c). उदासीन पूर्णांक:- ऐसा पूर्णांक जिस पर धनात्मक और ऋणात्मक चिन्ह का कोई प्रवाह ना पढ़े तो यह जीरो होता हैं।
5. पूर्ण संख्या (Whole Number)
प्राकृतिक संख्या में जीरो को शामिल कर लेने पर यह पूर्ण संख्या बनती हैं।
जैसे:- 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9……….………अनंत
6. भाज्य संख्या (Composite Number)
ऐसी प्राकृत संख्या जो स्वंय और 1 से विभाजित होने के अतिरिक्त कम से कम किसी एक अन्य संख्या से विभाजित हो उन्हें भाज्य संख्या कहते हैं।
जैसे:- 4, 6, 8, 9, 10, 12, 14, 16, 18, 20……..………अनंत
7. अभाज्य संख्या (Prime Number)
ऐसी प्राकृतिक संख्याएँ जो सिर्फ स्वंय से और 1 से विभाजित हो और किसी भी अन्य संख्या से विभाजित न हो उन्हें अभाज्य संख्या कहते हैं।
जैसे:- 2, 3, 5, 11, 13, 17, ………
8. सह अभाज्य संख्या (Co-prime Number)
कम से कम 2 अभाज्य संख्याओ का ऐसा समूह जिसका (HCF) 1 हो सह अभाज्य संख्या कहलाती हैं।
जैसे:- (5, 7), (2, 3)
9. परिमेय संख्या (Rational Number)
ऐसी सभी संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में लिखा जा सकता हैं। उन्हें परिमेय संख्या कहते है।
(q हर का मान जीरो नहीं होना चाहिए)
जैसे:- 3/4, 7/12, 17/19, √125, √625
10. अपरिमेय संख्या (Irrational Number)
ऐसी संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में नही लिखा जा सकता और मुख्यतः उन्हें (√) के अंदर लिखा जाता हैं। और कभी भी उनका पूर्ण वर्गमूल नहीं निकलता अपरिमेय संख्या कहते हैं।
जैसे:- √13, √17, √123, √217, √257, √567
नोट:- (π एक अपरिमेय संख्या हैं।)
11. वास्तविक संख्या (Real Number)
परिमेय और अपरिमेय संख्याओ को सम्मलित रूप से लिखने पर वास्तविक संख्या प्राप्त होती हैं।
जैसे:- 3/5, 7/11, 19/13, √121, √147, √973
12. अवास्तविक संख्या (Unreal Number)
यह एक काल्पनिक संख्या है जिसका वास्तविक नहीं होता हैं अवास्तविक संख्या या काल्पनिक संख्या को इकाई से दर्शाया जाता हैं।
जैसे:- √- 3, √-4, √-12, √-17, √-107 आदि।
संख्या पद्धति के सभी सूत्र
संख्याओं पर आधारित सूत्र
- प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या / 2) × n
- N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या / वर्ग अंतराल) +1
- प्रथम n प्राकृत संख्याओं के वर्गों का योग = n(n+1)(2n+1)/6
- प्रथम n प्राकृत संख्याओं के घनों का योग = [n(n+1)/2]²
अधिक जानकारी के लिए संख्या की पोस्ट पढ़िए।
भाग के सूत्र
- भाज्य = (भाजक × भागफल) + शेषफल
- भाज्य – शेषफल = भाजक × भागफल
- भाज्य – शेषफल / भागफल = भाजक
अधिक जानकारी के लिए भाग की पोस्ट पढ़िए।
जानवरों की संख्या पर आधारित सूत्र
चार पैर वालों की संख्या = (पैर / 2) – सिर
दो पैर वालों की संख्या = सिर – चार पैर वालों की संख्या
इकाई के अंक पर आधारित महत्वपूर्ण बिंदु
इकाई के स्थान पर यदि 0 होगा तो इकाई का अंक 0 होगा।
इकाई के स्थान पर यदि 1 होगा तो इकाई का अंक 1 होगा।
इकाई के स्थान पर यदि 5 होगा तो इकाई का अंक 5 होगा।
इकाई के स्थान पर यदि 6 होगा तो इकाई का अंक 6 होगा।
Note :-
Trick 1. यदि आधार वाली संख्या में क्रमशः 0, 1, 5, 6, इकाई अंक होने पर उत्तर भी क्रमशः 0, 1, 5, और 6 ही होगा।
Trick 2. यदि आधार वाली संख्याओं में इकाई अंक 2, 3, 4, 7, 8, 9, होता है, तो घात को 4 से विभाजित करें, और इससे प्राप्त शेषफल आधार में लिखी संख्या में इकाई अंक पर लगाये।
Trick 3. शेषफल के रूप में 1, 2, और 3, प्राप्त होगा और पूर्णता विभाजित होने पर 0 प्राप्त होगा यदि शेषफल 0 प्राप्त होता हैं तो घात 4 की लम्बाई जाएगी।
अधिक जानकारी के लिए इकाई-दहाई की पोस्ट पढ़िए।
स्थानीय मान और जातीय मान पर आधारित संख्या पद्धति
स्थानीय मान :- स्थानीय मान पर आधारित संख्या पद्धति में 2 या अधिक प्रतीक उपयोग में लाये जाते हैं। जितने प्रतीक होते हैं वही उस संख्या पद्धति का आधार कहलाता है। इन प्रतीकों का मान शून्य से लेकर b-1 तक होता है जहाँ b आधार हैं।
किसी दी गई संख्या में –
- इकाई अंक का स्थानीय मान = इकाई अंक × 1
- दहाई अंक का स्थानीय मान = दहाई अंक × 10
- सैकड़े के अंक का स्थानीय मान = सैकड़े का अंक x 100
- हजार के अंक का स्थानीय मान = सैकड़े का अंक x 1000
जातीय मान :- किसी दी गई संख्या में किसी अंक का जातीय मान उसका अपना मान होता है चाहे वह किसी भी स्थान पर क्यों ना हो।
जैसे:- संख्या 567834 में
- 3 का जातीय मान 3 हैं।
- 6 का जातीय मान 6 हैं।
- 8 का जातीय मान 8 हैं।
- 4 का जातीय मान 4 हैं।
महत्वपूर्ण स्मरणीय तथ्य
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