संविधान का क्या अर्थ है ? भारतीय संविधान के स्रोत क्या हैं ? संविधान की विशेषताओं का वर्णन करें ।

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प्रश्न – संविधान का क्या अर्थ है ? भारतीय संविधान के स्रोत क्या हैं ? संविधान की विशेषताओं का वर्णन करें ।
(What is the meaning of Constitution ? What are the sources of t Indian constitution ? Describe the feature of the constitution.)

उत्तर – भारतीय संविधान का ज्ञान (Knowledge of the Indian Constitution)संविधान एक ऐसा राष्ट्रीय दस्तावेज है, जिसमें राष्ट्रीय उद्देश्यों के संकेत मिलते हैं अर्थात् किस प्रकार का राज्य होगा तथा किस प्रकार से केन्द्रीय तथा राज्य सरकारें इन आदर्शों, मूल्यों तथा उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कार्य करेंगी। इसमें विधानपालिका (Legislative), कार्यपालिका (Executive) तथा न्यायपालिका (Judiciary) जो कि राज्य के तीन अंग (Organs) होते हैं— उनके अधिकार क्षेत्र का विवरण रहता है। राज्य के निवासियों के अधिकारों तथा कर्त्तव्यों का भी उल्लेख रहता है।

भारत के संविधान का निर्माण ( Farming of Indian Constitution ) – भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। संविधान को बनाने में 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन लगे। 26 नवम्बर, 1949 को संविधान को पूरी तरह संविधान सभा ने स्वीकार कर लिया तथा 24 जनवरी, 1950 को सभी सदस्यों के इस पर हस्ताक्षर हो गए।

दूसरे महायुद्ध के पश्चात् ब्रिटिश सरकार ने विचार व्यक्त किया कि भारत का संविधान बनाने के लिए एक निकाय बनाया जाए। इससे पूर्व भारत में पूर्ण स्वतन्त्रता के लिए संघर्ष किया जा रहा था। 1994 ई. में ब्रिटिश सरकार ने कैबिनेट मिशन (Cabinet Mission) भारत भेजा। मिशन ने कांग्रेस तथा अन्य दलों से संविधान के बारे में विचार-विमर्श किया ।

परिणामस्वरूप संविधान सभा (Constituent Assembly) के सदस्यों का चुनाव प्रान्तीय विधानसभाओं के द्वारा हुआ । संविधान बनाने वाली सभा के 393 सदस्य थे । इसके सदस्य लगभग सभी राजनीतिक दलों, कमजोर वर्गों तथा अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करते थे । इसमें स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानी, प्रसिद्ध विधि विशेषज्ञ तथा अनेक वर्गों के प्रतिनिधि शामिल थे।

संविधान सभा का पहला सत्र 9 दिसम्बर, 1946 को बुलाया गया । डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जो बाद में भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने, उन्हें संविधान सभा का सभापति चुना गया । भारत विभाजन तथा स्वतन्त्रता के बाद संविधान सभा के 308 सदस्य रह गए। डॉ. भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में आठ सदस्यों के दल ने संविधान का प्रारूप तैयार किया । इस प्रारूप की सभी धाराओं पर गम्भीरता विचार-विमर्श के पश्चात् भारत का संविधान बनाया गया ।

आवश्यकतानुसार संविधान में समय-समय पर संशोधन होता रहता है ।

उल्लेखनीय है कि भारत में संविधान के अनुसार कार्य किया जा रहा है, जबकि कुछ पड़ोसी देश जो भारत के साथ ही स्वतन्त्र हुए तथा उन्होंने अपना-अपना संविधान बनाया, परन्तु इसके अनुसार कार्य न कर सके । पाकिस्तान में कई बार संविधान की अवहेलना हुई तथा सैनिक शासन चला । इसी प्रकार श्रीलंका तथा अन्य देशों में भी संविधान के अनुसार शान्ति का वातावरण न बन पाया ।

भारतीय संविधान के स्रोत (Sources of Indian Constitution ) – भारत के संविधान के निम्नलिखित स्रोत हैं—

(1) भारत की धरोहर (Heritage of India)
(2) स्वतन्त्रता सेनानियों के आदर्श तथा मूल्य (Ideals and Values of Freedom Fighters)
(3) अन्य राज्यों/ देशों के संविधान (Constitution of other State / Countres )

भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics of Indian Constitution ) –

(1) विस्तृत संविधान (Detailed Constitution),
(2) भारत सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न राज्य ( India as a Sovereign State),
(3) समाजवादी राज्य (Socialist State),
(4) पंथनिरपेक्ष राज्य (धर्मनिरपेक्ष राज्य) (Secular State),
(5) लोकतन्त्रात्मक राज्य (Democratic State),
(6) गणतान्त्रिक राज्य (Republic State),
(7) कठोर तथा लचीला भी (Rigid as well Flexible),
(8) संसदीय शासन प्रणाली (Parliamentary Form of Government),
(9) संघात्मक सरकार (Federal Government),
(10) शक्तिशाली केन्द्र (Strong Centre),
(11) समता का अधिकार (Right of Equality),
(12) स्वतन्त्रता का अधिकार (Right of Freedom),
(13) शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right against Exploitation),
(14) धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार (Right to Religious Freedom),
(15) सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बन्धी अधिकार (Cultural and Educational Right),
(16) संवैधानिक उपचारों का अधिकार (Right to Constitutional Rights),
(17) न्याय पर आधारित राज्य (State Based on Justice),
(18) बन्धुता पर आधारित राज्य (State Based on Fraternity),
(19) व्यक्ति की गरिमा का संरक्षण (Protection of the Dignity of the Individual),
(20) देश की एकता तथा अखण्डता सुनिश्चित करना (Securing the Unity and Integrity of the Nation),
(21) मौलिक कर्त्तव्यों का पालन ( Following Fundamental Duties)
(22) पिछड़े वर्गों के लिए विशेष प्रावधान ( Special Provisions for Backward Sections),
(23) अल्पसंख्यकों का संरक्षण (Safegard of Minorities),
(24) राजनीतिक के निदेशक तत्त्व (Directive Principles of State Policy),
(25) पंचायती राज की संस्थाएँ (Panchayati Raj Institutions),
(26) अनुसूचित तथा जनजाति क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधान ( Special Provisions for the Scheduled and Tribal Areas),
(27) राष्ट्रीय भाषा तथा अन्य भाषाओं का विकास (National Language and Promotion of other Languages),
(28) आपातकालीन प्रावधान (Provisions for Emergency),
(29) निष्पक्ष तथा स्वतन्त्र चुनाव (Fair and Free Elections),
(30) वयस्क मताधिकार (Adult Franchise),
(31) संकटकालीन (Emergency Provision)

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