समास किसे कहते हैं – समास के भेद और उदाहरण
समास किसे कहते हैं – समास के भेद और उदाहरण
समास किसे कहते है :- दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के परस्पर मेल को समास कहते है।
समास का अर्थ – “संक्षेप करना”। जब दो शब्द मिलाये जाते है तो उनके बीच दिये गये शब्द लुप्त हो जाते है। इन शब्दों में विशेषत: कारक होते है। इस प्रकार अनेक शब्दों के लिये एक समस्त पद बन जाता है।
जैसे-
- चरणकमल – कमल के समान चरण
- नीलकंठ– नीला है जो कंठ
- चौराहा- चार राहों का समूह
समास रचना में दो पद होते हैं पहले पद को ‘पूर्वपद ‘ कहा जाता है और दूसरे पद को ‘उत्तरपद ‘ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो समस्त पद कहलाता है।
समस्त पद – जिस प्रकार संधि में दो अक्षर पास-पास लाये जाते है उसी प्रकार समास में दो शब्द पास-पास लाये जाते है या मिलाये जाते है इन शब्दों में मुख्य शब्द और गौण शब्द होते है। इन मुख्य शब्द ओर गौण शब्दों मे कारक, संयोजक शब्द, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण भी होते है । इन सभी को समास के नियम के द्वारा मिलाकर एक पद बनाया जाये तो उसे समस्त पद कहा जाता है। सीधे अर्थ में हम कह सकते है कि समास के नियमों से बना पद सामासिक पद या समस्त पद कहलाता है|
सामासिक पद के उदाहरण
- चक्रपाणि
- मालगाड़ी
- रेलगाड़ी
- हस्तलिखित
- गुणरहित
- पापमुक्त
- आत्मनिर्भर
- सिरदर्द
- जेबकतरा
- मदमाता
समास-विग्रह :- सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है। विग्रह के पश्चात सामासिक शब्दों का लोप हो जाता है।
जैसे –
देशवासी – देश के वासी
तीर्थराज – तीर्थों का राजा
अणुशक्ति – अणु की शक्ति
घुड़दौड़ – घोड़ों की दौड़ आदि।
समास के उदाहरण (Samas Ke Udaharan)
- चक्र है पाणि में जिसके वह – चक्रपाणि
- माल को ढोने वाली गाड़ी – मालगाड़ी
- रेल पर चलने वाली गाड़ी – रेलगाड़ी
- हस्त से लिखित – हस्तलिखित
- देश के लिए भक्ति = देशभक्ति
- घोड़ों के लिए साल (भवन) = घुड़साल
- सभा के लिए मंडप = सभामंडप
- गुण से रहित = गुणरहित
समास के भेद कितने होते हैं
Hindi grammar में समास में 6 भेद या प्रकार होते हैं. उन छह भेदों के नाम निचे दिए गए हैं.
- अव्यविभास समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- बहुव्रीहि समास
- द्वन्द समास
1. अव्यविभास समास किसे कहते हैं
अव्यविभास समास परिभाषा: जिस समास में पूर्वपद अवयव हो और अंतिम पद गौण हो उसे अव्यविभास समास कहते हैं.
अव्यविभासी समास के उदाहरण
- रूप के योग्य – अनुरूप
- क्रम के अनुसार – यथाक्रम
- पेट भर के – भरपेट
तो अब आप समज गए होंगे की अव्सयविभास समास किसे कहते हैं और अव्यविभास समास के उदाहरण क्या हैं. अब हम, तत्पुरुष समास क्या हैं इसके बारेमे समजते हैं.
2. तत्पुरुष समास किसे कहते हैं
तत्पुरुष समास की परिभाषा: जिस समास में पूर्वपद गौण और बात के बाद का पद मतलब उत्तरपद प्रधान होता हैं उसे तत्पुरुष समास कहते हैं.
तत्पुरुष समास के उदाहरण
- हाथ के लिए कड़ी – हथकड़ी
- राजा की पुत्री – राजकुमारी
- शिल्प को बनाने वाला – शिल्पकार
जिस तरह समास के 6 प्रकार हैं ठीक उसी तरह तत्पुरुष समास के भी 6 भेद हैं. निचे आपको उन भेदों के बारेमे बताया गया हैं.
तत्पुरुष समास के भेद
- कर्म तत्पुरुष
Example: गिरह को काटने वाला – गिरहकाट - कारण तत्पुरुष
Example: बिहारी द्चिवारा रचित – बिहारी रचित - सम्प्रदान तत्पुरुष
Example: रसोई के लिए घर – रसोईघर - अपादान तत्पुरुष
Example: रुण से मुक्त – रुणमुक्त - संबंध तत्पुरुष
Example: गंगा का जल – गंगाजल - अधिकरण तत्पुरुष
Examples: नगर में वास – नगरवास
अन्य टॉपिक:
3. कर्मधारय समास किसे कहते हैं
कर्मधारय समास परिभाषा: जिस समास में सामासिक शब्द का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद में विशेषण-विशेष्य और उपमान-उपमेय का संबंध हो उसे कर्मधारय समास कहते हैं.
कर्मधारय समास के उदाहरण
- नीली हैं जो गाय – नीलगाय
- आधा हैं जो पका – अधपका
- महान हैं जो आत्मा – महात्मा
4. द्विगु समास क्या हैं
द्विगु समास परिभाषा: इस समास में समासिक शब्द का पूर्वपद संख्यावाचक विशेषण होता हैं. इसमें हमें समाहार या समूह का बौध होता हैं.
द्विगु समास के उदाहरण
- सात कौन का समूह – सप्तकोण
- तिन आँखों वाला – त्रिनेत्र
- तो पहरों का समूह – दोपहर
5. बहुव्रीहि समास क्या हैं
बहुव्रीहि समास की परिभाषा: इस समास में सामासिक शब्द के दोनों ही पद अप्रधान होते हैं और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई और अर्थ होता हैं.
बहुव्रीहि समास उदाहरण
- चन्द्र हैं सर पे जिसके (शंकर) – चंद्रमौली
- चक्र हैं पाणी में जिसके (विष्णु) – चक्रपाणी
- नीला हैं कंठ जिसका (शिव) – नीलकंठ
6. द्वन्द समास किसे कहते हैं
द्वन्द समास परिभाषा: जिस सामासिक शब्द के दोनों ही पद प्रधान होते हैं और उनका विग्रह करने पर “और”, “अथवा”, “या” जैसे शब्द लगते हो उसे द्वन्द समास कहते हैं. इसमें, सामासिक शब्दों के दो पदों के बिचमे “-” चिन्ह आता हैं.
द्वन्द समास के उदाहरण
- आचार और विचार – आचार-विचार
- गंगा और यमुना – गंगा-यमुना
- खरा और खोटा – खरा-खोटा
तत्पुरुष समास के भेद-
1. कर्म तत्पुरुष समास किसे कहते है?
इसे द्वितीया तत्पुरुष भी कहा जाता है। इसमें ‘को’ विभक्ति का लोप होता है।
कर्म तत्पुरुष समास के उदाहरण
समस्त-पद | समास विग्रह |
---|---|
गगनचुम्बी | गगन को चूमने वाला |
मतदाता | मत को देने वाला |
गिरहकट | गिरह को काटने वाला |
नगरगमन | नगर को गमन करने वाला |
ज्ञान प्राप्त | ज्ञान को प्राप्त करने वाला |
चिड़ीमार | चिड़ियों को मारने वाला |
जेबकतरा | जेब को कतरने वाला |
गुरु नमन | गुरु को नमन करने वाला |
2. करण तत्पुरुष समास किसे कहते है?
इसमें करण कारक विभक्ति का लोप होता है। इसे तृतीया तत्पुरुष कहा जाता है। लोप होने वाली विभक्ति ‘से’ और ‘के द्वारा’ है।
करण तत्पुरुष समास के उदाहरण
समस्त-पद | समास विग्रह |
---|---|
भयातुर | भय से आतुर |
श्रद्धापूर्ण | श्रद्धा से पूर्ण |
ईश्वर प्रद्दत | ईश्वर के द्वारा प्रद्दत |
ईश्वरदत्त | ईश्वर के द्वारा दिया हुआ |
कष्टसाध्य | कष्ट से साध्य (कष्ट से साधा) |
मुँह मांगा | मुँह से मांगा हुआ |
शोक ग्रस्त | शोक से ग्रस्त |
3. संप्रदान तत्पुरुष समास किसे कहते है?
इसमे संप्रदान कारक विभक्ति का लोप होता है। इसे चतुर्थी तत्पुरुष कहते है। इसमें कारक विभक्ति ‘के लिये’ का लोप होता है।
संप्रदान तत्पुरुष समास के उदाहरण
समस्त-पद | समास विग्रह |
---|---|
राष्ट्र प्रेम | राष्ट्र के लिये प्रेम |
पूजा घर | पूजा के लिये घर |
डाकगाड़ी | डाक के लिए गाड़ी |
विद्यालय | विद्या के लिये आलय |
घुड़साल | घोड़े के लिए साल |
भूतबलि | भूत के लिये बलि |
गौशाला | गाय के लिए शाला |
सिनेमा घर | सिनेमा के लिये घर |
4. अपादान तत्पुरुष समास किसे कहते है?
परिभाषा – इसे पंचमी तत्पुरष कहा जाता है। इसमे अपादान विभक्ति ‘से’ का लोप हो जाता है।
जैसे –
समस्त-पद | समास विग्रह |
---|---|
धनहीन | धन से हीन |
दोषमुक्त | दोष से मुक्त |
चरित्रहीन | चरित्र से हीन |
गुणरहित | गुण से रहित |
लक्ष्यहीन | लक्ष्य से हीन |
जन्मांध | जन्म से अंधा |
5. संबंध तत्पुरुष समास किसे कहते है?
इसमें संबंध कारक विभक्ति ‘का’, ‘की’, ‘के’ आदि का लोप होता है ।
जैसे –
समस्त-पद | समास विग्रह |
---|---|
देव कृपा | देव की कृपा |
जलधारा | जल की धारा |
विषयसूची | विषय की सूची |
राजपुरुष | राजा का पुरुष |
मंत्रिपरिषद | मंत्रियों की परिषद |
वायुयान | वायु का यान |
चर्मरोग | चर्म का रोग |
6. अधिकरण तत्पुरुष समास किसे कहते है?
इसमें अधिकरण कारक विभक्ति ‘में और ‘पर’ का लोप होता है।
जैसे –
समस्त-पद | समास विग्रह |
---|---|
आप बीती | आप पर बीती |
नगरवास | नगर में वास |
वनवास | वन में वास |
दानवीर | दान में वीर |
साइकिल सवार | साइकिल पर सवार |
फलासक्त | फल में आसक्त |
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