हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं ?
प्रश्न – हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – 1967–68 में कृषि उत्पादन बढ़ाने और खाद्यान्न उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो विशेष पैकेज लाया गया उसे हरित क्रांति कहते हैं। इसके अंतर्गत जोतभूमि का विस्तार, नए संकर बीजों का प्रयोग, उर्वरकों के उपयोग को प्रोत्साहन, मृदा संरक्षण एवं भूमि सुधार का कार्यक्रम, सिंचाई की सुविधा में विस्तार और कृषि में नई तकनीकों और प्रौद्योगिकी के उपयोग पर बल दिया गया। इस क्रांति के पहले चरण में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मैक्सिकन गेहूँ तथा धान के छोटे पौधोंवाली किस्म के बीजों को उपलब्ध कराया गया। फलतः, इन राज्यों में गेहूँ एवं धान के उत्पादन में काफी वृद्धि हुई। इसका दूसरा चरण 1983-84 में शुरू हुआ और पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग और कुछ अन्य राज्यों में किसानों को नई प्रबंधन तकनीकों की आपूर्ति की गई जिसके फलस्वरूप गेहूँ का उत्पादन दुगुना तथा चावल का उत्पादन डेढ़ गुना हो गया ।
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