अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजातियों की शिक्षा एवं संस्तुतियों पर प्रकाश डालें ।
प्रश्न – अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजातियों की शिक्षा एवं संस्तुतियों पर प्रकाश डालें ।
(Throw light on the recomendations for the education of SCs and STs.)
उत्तर – अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजातियों की शिक्षा सम्बन्धी संस्तुतियाँ –
- घर के निकट स्कूल की सुविधाएँ – विद्यालयी सुविधाओं की पहुँच में समुचित सुधार लाकर, शिक्षा व्यवस्था को ऐसे लोगों के निवास स्थानों तक पहुँचाना जहाँ पर कभी यह सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गई जैसे मुख्यतः मुश्किल पहुँच वाले क्षेत्र एवं जंगलों में रह रहे अनु. जन जा. के लोग ।
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार – शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित करने एवं संख्यात्मक आधार में सुधार लाने के लिए जिस प्रकार पहले प्रयास किए गए हैं, इन प्रयासों के अतिरिक्त अनु. जा./अनु. जन. जा. और समानता सुनिश्चित करते हुए शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाने पर विशेष बल होना चाहिए ।
- जागरूकता का विकास करना – अनु. जा./अनु. जन जा. के सामुदायिक व्यवस्थाओं के श्रम से जुड़ाव अतिरिक्त उनका ध्यान अपने समुदायों में शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने हेतु शैक्षिक व्यवस्था से जोड़ना ।
- प्रबन्धन में भागेदारी— अनु. जा./ अनु. जन. जा. के सदस्यों, ग्राम शिक्षा समिति/शिक्षक माध्यमिक संघ की अत्यधिक भागीदारी, अनु. जा. एवं अनु. जन. जा. समुदायों द्वारा विद्यालय प्रबन्ध को अपनी मिल्कियत / अपना समझने की व्यवस्था सुनिश्चित करना ।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम – अनु. जा./ अनु. जन जा. के लोगों के मध्य संचारित समुदाय आधारित संस्थाओं जैसे ग्राम शिक्षा समिति / शिक्षक अभिभावक संघ इत्यादि के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना ।
- स्थानीय संसाधनों का उपयोग – समुदाय में उपलब्ध स्थानीय शिक्षकों का उपयोग करना और उनकी क्षमता अभिवृद्धि हेतु प्रयास करना ।
- नियमित तथा सतत् मूल्यांकन – कमजोर वर्ग के बच्चों की विद्यालयों में उपस्थिति ठहराव, एवं सम्प्राप्ति स्तर का नियमित मूल्यांकन करना ।
- छात्रावास आदि की सुविधाएँ – विभिन्न सुदूर क्षेत्रों में निवास करने वाले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जा. की आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति हेतु विशेष प्रयास कर उनके लिए छात्रावास, विशेष सुविधाओं एवं प्रोत्साहन योजनाओं के अन्तर्गत संसाधनों की व्यवस्था करना ।
- उपयुक्त समय सारणी-जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में स्थानीय आवश्यकतानुसार विद्यालय सारणी तैयार करना ।
- उपयुक्त पाठ्यक्रम- जनजाति के विद्यार्थियों के लिए स्थानीय आवश्यकतानुसार, पाठ्यक्रम का चुनाव एवं प्रोत्साहन योजनाओं के अन्तर्गत संसाधनों की व्यवस्था करना।
- स्थानीय भाषा का प्रयोग सामग्री की व्यवस्था करना / आवश्यकतानुसार, शिक्षण कार्य में स्थानीय भाषा एवं संवादों का प्रयोग, विशेषकर छोटी कक्षाओं के लिए सूक्ष्म स्तर के नमूनों का निर्माण करना ।
- उचित वातावरण — अनु. जा./ अनु. जन. जा. के मध्य शैक्षिक विकास के सन्दर्भ में वातावरण सृजन की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाना ।
- विकेन्द्रीकरण — आदिवासी क्षेत्रों की भौगोलिक एवं सम्प्रेषण समस्याओं को ध्यान 9 में रखते हुए, अनुश्रवण प्रक्रिया को विकेन्द्रित कर पुननिर्माण का कार्य अति महत्त्वपूर्ण है । ग्राम शिक्षा समितियों को शैक्षिक व्यवस्था की देखभाल एवं अनुश्रवण के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाना ।
- सहयोग — आदिवासी कल्याण विभाग, आदिवासी विकास संस्थाएँ और शिक्षा को आपस में एक – साथ सुदृढ़ता के साथ कार्य करना ।
- आश्रम — अनु. जा./ अनु. जन जा. के स्थानीय समूह छोटे-छोटे एवं बिखरे हुए हैं, वहाँ आश्रम विद्यालयों या आवासीय विद्यालयों की स्थापना करना ।
- पूरक शिक्षा – इन वर्गों के लिए विशेष कक्षाओं का भी आयोजन किया जाए ।
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