अर्थ के आधार पर वाक्य के कौन-कौन से भेद किए जा सकते हैं? लिखिए ।
प्रश्न – अर्थ के आधार पर वाक्य के कौन-कौन से भेद किए जा सकते हैं? लिखिए ।
उत्तर – वाक्य के अर्थ सम्बन्धी भेद
अर्थ के आधार पर आठ प्रकार के वाक्य होते हैं – “विधिवाचक वाक्य”, “निषेध – वाचक वाक्य “,” आज्ञार्थक वाक्य’ प्रश्नवाचक वाक्य “, “विस्मयादिबोधक वाक्य “,”इच्छा बोधक वाक्य “,” ‘सन्देह’संकेतार्थक वाक्य” – इन – सूचक वाक्य” तथा सबका संक्षिप्त विवेचन नीचे किया जा रहा है ।
- विधिवाचक वाक्य – जिस वाक्य में किसी बात के होने का आभास मिले, उसे विधि वाचक वाक्य कहते हैं; यथा –
- महर्षि दयानन्द सरस्वती ने वेदों का भाष्य हिन्दी में किया ।
- आर्य समाज ने जहाँ समाज-सुधार का कार्य किया, वहाँ कई शिक्षण संस्थाएँ भी खोलीं।
- निषेधवाचक वाक्य – इस प्रकार के वाक्य में किसी बात के न होने का संकेत मिलता है; यथा
- आज सार्वजनिक सभा नहीं होगी ।
- मैंने पानी नहीं पिया, इसलिए मेरी प्यास नहीं मिटी ।
- आज्ञार्थक वाक्य – ऐसे वाक्यों में किसी प्रकार की आज्ञा दी जाती है; यथा—
- मत-मतान्तरों को दूर करो और वेदों के प्रकाश से जग को आलोकित कर दो।
- राष्ट्र – रक्षा के लिए सजग हो जाओ ।
- प्रश्नवाचक वाक्य – इस प्रकार के वाक्यों में प्रश्न पूछा जाता है; यथा –
- कल मुख्य शिक्षकों की बैठक कहाँ पर होगी ?
- क्या तुम जानते हो कि गुरुदत्त के प्रमुख उपन्यास कौन-कौन से हैं ?
- विस्मयादि-बोधक वाक्य – ऐसे वाक्यों में आश्चर्य प्रकट किया जाता है; यथा –
- आह ! कितना वीर पुरुष है वह ।
- कितना मनोरम है गंगा का वह कल-कल स्वर ! जी चाहता है कि यहीं बैठे-बैठे इसे सुनते रहें ।
- इच्छा-बोधक वाक्य – इस प्रकार के वाक्यों में किसी प्रकार की इच्छा का उल्लेख किया जाता है; यथा—
- तुम अपने ध्येय में सफल हो ।
- भगवान् करे, तुम इस जिले में संघ – शाखाओं का जाल बिछा दो ।
- सन्देह – सूचक वाक्य – इन वाक्यों में किसी बात के भीतर सन्देह प्रकट किया जाता है; ; यथा –
- वह स्वस्थ हो गया होगा।
- यदि उसका स्वास्थ्य अच्छा होता तो अवश्य ही तुम्हें वर्ष प्रतिपदा के अवसर पर मिलता ।
- संकेतार्थक वाक्य – ऐसे वाक्यों में सम्पूर्ण अर्थ का बोध न होकर, संकेत मात्र मिलता है। इन वाक्यों की एक विशेषता यह होती है कि इनमें कोई न कोई शर्त होती है; यथा –
- यदि तुम मेरे घर आ जाओ तो मैं तुम्हें श्री अरविन्द का चित्र दिखाऊँ ।
- यदि तुम पुस्तकालय जाओ तो श्री अरविन्द कृत ‘गीता – प्रबन्ध’ अवश्य लेकर आओ।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here