कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी द्वारा शिक्षा में क्रांति की विवेचना करें ।
उत्तर— बहुसूचना माध्यमों, इंटरनेट तथा डिजिटल नेटवर्क जैसी प्रौद्योगिकी (तकनीक) शिक्षा पर गहरी छाप छोड़ सकती है। इस क्षेत्र में कम्प्यूटर आधारित शिक्षा का भी बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है । बच्चों को उन्नत कौशल युक्त बनाने के लिए कम्प्यूटर सहायता-प्राप्त अधिगम आवश्यक है । इसके प्रयोग से बाल-केन्द्रित शैक्षिक क्षेत्रों के सपने पूरे होने की आशा है ।
कम्प्यूटर सहायता प्राप्त अधिगम में सीखने वाले के अधिगम कौशल को बढ़ाने के लिए शिक्षक और छात्र के बीच अन्योन्य क्रिया अधिक होती है। शिक्षक और छात्र वेबसाइट के साथ अधिगम वातावरण के साथ परिचित होते हैं । वेबसाइट अधिगम वातावरण छात्र को स्वतंत्र सीखने वाला बनाती है ।
कम्प्यूटर सहायता प्राप्त अधिगम एक सामान्य मंच उपलब्ध कराता है जहाँ शिक्षक और छात्र दोनों साथ बैठकर अधिगम वातावरण की खोज करते हैं ।
कम्प्यूटर सहायता प्राप्त अधिगम में शिक्षक अपने शिक्षण-अधिगम को बहुत प्रभावशाली बना सकता है । उदाहरण के तौर पर यदि कोई शिक्षक छात्रों को सूर्य के वैज्ञानिक सिद्धांतों के बारे में बताना चाहता है, तो वह नई प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर उपरोक्त सिद्धांतों को एनीमेटिड ग्राफिक के माध्यम से आसानी से ऐसा कर सकता है। अनेक ऐसे सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं जो इस समस्या को कम्प्यूटर की सहायता से हल कर सकते हैं, जिसे छात्र आसानी से समझ सकते हैं तथा अध्ययन में रुचि लेंगे ।
एक शिक्षक मल्टीमीडिया कम्प्यूटरों का प्रयोग करके अपने व्याख्यान को अधिक प्रभावी बना सकता है। वह चित्र, ग्राफ, चार्ट आदि को आसानी से दिखा सकता है ।
कम्प्यूटर तकनीक के प्रयोग से शिक्षक छात्रों के प्रश्न करने पर रुक सकता है, पीछे जा सकता है, आगे जा सकता है। सूक्ष्म में कह सकते हैं कि आवश्यकता के अनुरूप उनकी जिज्ञासा के अनुसार कार्य कर सकता है ।
कम्प्यूटर सहायता प्राप्त अधिगम में शिक्षक और छात्र ‘वेबसाइट’ के साथ अधिगम वातावरण के प्रति एक साथ परिचित होते हैं । ‘वेबसाइट’ अधिगम छात्र को एक स्वतंत्र सीखने वाला बनाती है ।
कम्प्यूटर सहायता-प्राप्त अधिगम एक सामान्य मंच उपलब्ध कराता है जहाँ शिक्षक और छात्र दोनों एक साथ बैठकर अधिगम वातावरण की खोज करते हैं । कम्प्यूटर प्रणाली के प्रयोग में शिक्षक और छात्र दोनों ही विषय की मूल अवधारणाओं की तलाश करते हैं ।
कम्प्यूटर द्वारा उच्च कोटि की शैक्षणिक सामग्री प्रभावी शिक्षकों से ग्राफ द्वारा तैयार करवाकर उसकी सी. डी. बनाई जा सकती है जिस हजारों शिक्षक तथा लाखों छात्र अपने अध्ययन कार्यों में प्रयोग कर सकते हैं ।
मोटे तौर पर कम्प्यूटर शिक्षा का उपयोग निम्न प्रकार से किया जाता है –
- कंप्यूटर आधारित अधिगम (Computer Based Learning)
- ऑन लाइन (On Line Education) अर्थात् घर में बैठे-बिठाए देश-विदेश से.शिक्षा प्राप्त करना ।
- शैक्षिक शोध कार्य (Educational Research Work)
- शैक्षिक प्रशासनिक कार्य (Educational Administrative Work)
- शुल्क आदि का इकट्ठा करना (Collecting Fees etc.)
- परीक्षाफल का प्रबन्धन (Management of Examination)
- इन्टरनेट द्वारा पुस्तकालय सेवाएँ (Library Services Through Internet)
- शैक्षिक परियोजनाएँ तैयार करना (Preparing Educational Projects)
- उपचारात्मक शिक्षण / अधिगम (Remedial Techaing/Learning)
- सूचनाएँ एकत्रित करना ( Collecting Information)
- शैक्षिक गेम्स (Education Games)
- छात्रों के विभिन्न प्रकार के अभिलेख रखना (Keeping Different Records of Students )
- अध्यापकों के स्थानान्तरण तथा स्थायीकरण आदि अभिलेख रखना (Maintaining Teacher’s Recordse of Transfer and Making them Permanent etc.) ।
- शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया व्यक्ति आधारित (Individualised) बन जाती है ।
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