‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी का कथा वाचक कौन है? उसका परिचय दीजिए। (उत्तर 40 शब्दों में दें)
प्रश्न – ‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी का कथा वाचक कौन है? उसका परिचय दीजिए। (उत्तर 40 शब्दों में दें)
उत्तर – इस कहानी की कथावाचक लेखक की माँ है । लेखक की माँ प्रस्तुत कहानी का द्वितीय केन्द्रीय चरित्र है। कहानी की कथावस्तु का लेखक की माँ के द्वारा ताना-बाना बुना गया है। मंगम्मा जब दही बेचने के लिए आती है तो लेखक के घर आती है और बढ़िया दही कुछ-न-कुछ बेच कर जाती है। धीरे-धीरे मंगम्मा और लेखक की माँ उसे कुछ-न-कुछ सुझाव देती है। सास और बहू के अन्तर्कलह से परिवार बिखर जाता है। बेटे को समस्त सुख अर्पित करनेवाली माँ बहू के आते ही बेटे से अलग हो जाती है। मंगम्मा की अन्तर्व्यथा को सुर लेखक की माँ का मन भी बोझिल हो जाता है। ममता की मूर्तिमान रहनेवाली नारी दुर्गा क्यों बन जाती है, इसका ज्वलंत उदाहरण लेखक की माँ को देखना – सुनना पड़ता है। जब कोई एक-दूसरे को पसंद नहीं करता तब छोटी बातें भी बड़ी हो जाती हैं।
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