दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 250 शब्दों में किसी एक विषय पर निबंध लिखें।
प्रश्न – दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 250 शब्दों में किसी एक विषय पर निबंध लिखें।
(क) बढ़ती महँगाई
संकेत बिन्दु : (i) महँगाई की मार
(iii) सरकार के दावे
(ii) निरन्तर बढ़ती महँगाई
(iv) आम लोगों पर प्रभाव
(v) उपसंहार
(ख) भारतीय एकता
संकेत बिन्दु : (i) भूमिका
(ii) देश का भौगोलिक स्वरूप
(iii) संविधान में स्थिति
(iv) जातिवाद प्रभाव
(v) उपसंहार
(ग) कम्प्यूटर
संकेत बिन्दु : (i) कम्प्यूटर क्या है
(ii) भारत में कम्प्यूटर उसका सदुपयोग तथा इससे लाभ
(iii) दैनिक जीवन में कम्प्यूटर
(iv) कार्यालय उपयोग
(iv) उपसंहार
उत्तर –
(क) बढ़ती महँगाई
(i) महँगाई की मार – प्रसिद्ध हास्य कवि काका हाथरसी की इन पंक्तियों में हास्य के साथ व्यंग्य भी अभिव्यक्त हुआ है। वस्तुओं की कीमतों में निरंतर वृद्धि से एक चिंताजनक समस्या उत्पन्न हो गई है, जिसका निदान निकट भविष्य में दिखाई नहीं दे रहा है। निरंतर बढ़ती हुई महँगाई भारत जैसे विकासशील देश के लिए निश्चित ही भयानक अभिशाप बन गई है।
(ii) निरन्तर बढ़ती महँगाई- भारत में 90% लोग महँगाई के दुष्चक्र में फंसे हुए हैं। भारत एक निर्धन देश है। इस देश में मूल्यों का इस प्रकार बढ़ना निश्चय ही बहुत भयानक समस्या है। मूल्यवृद्धि के कारण जनता की क्रयशक्ति बहुत ही कम हो गई है। हमारी सरकार महँगाई पर रोक लगाने के दावे करती है। वह प्रतिदिन स्थिर या कम मूल्यों की घोषणा करती है। घोषणाओं के वे स्वर आसमान में मँडराते रहतेहैं और धरती पर उपभोक्ता सामग्रियों के मूल्य आसमान की ओर चढ़ते रहते हैं। यह सच है कि महँगाई केवल हमारे देश में ही नहीं बढ़ी है, सारा विश्व इससे त्रस्त है। लेकिन, हमारे देश में आय के मुकाबले महँगाई कहीं ज्यादा बढ़ी है।
(iii) सरकार के दावे- भारतवर्ष में कीमतों में बेशुमार वृद्धि हुई है। बार-बार सत्ता परिवर्तन के कारण अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा है। जो भी दल सत्ता में आया, उसने अपनी आर्थिक नीति को लागू किया। लेकिन, आज तक मुद्रास्फीति पर काबू पाने में सभी सत्ताधारी विफल रहे।
(iv) आम लोगों पर प्रभाव – महँगाई का सबसे अधिक प्रभाव निम्न एवं मध्यवर्ग पर पड़ा है। इस वर्ग के लोग सामाजिक स्तर और महँगाई के पाटों में फँसकर पिस जाते हैं। महँगाई के विकराल दानव
ने आज संपूर्ण भारतीय समाज को आतंकित कर दिया है।
(v) उपसंहार – महँगाई पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए तथा जनता को भी सादगीपूर्ण जीवनशैली में निष्ठा रखनी चाहिए। इसके अतिरिक्त आवश्यक पदार्थों के उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि होनी चाहिए जिससे जीवन स्तर समुन्नत और संपन्न हो सके। सरकार और प्रशासन के द्वारा उत्पादन वृद्धि को प्रोत्साहन देना होगा और उपभोक्ताओं की क्रयशक्ति बढ़ानी होगी। मुनाफाखोरी की प्रवृत्ति और सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उसे कुचलना होगा तथा करों के संबंध में अधिक उदार एवं व्यावहारिक नीतियाँ निर्धारित करनी होंगी। मुद्रास्फीति एवं काले धन पर जितना जल्द अंकुश लगेगा, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए वह उतना ही स्वास्थ्यकर सिद्ध होगा।
(ख) भारतीय एकता
(i) भूमिका – किसी भी राष्ट्र की उन्नति का एक मूल मंत्र है- -राष्ट्रीय एकता। राष्ट्र में रहने वाले विभिन्न तबकों के बीच यदि भाषायी, सांस्कृतिक और धार्मिक एकता है, तो उसे उन्नति के शिखर पर पहुँचने से कोई रोक नहीं सकता।
(ii) देश का भौगोलिक स्वरूप – – हमारा इतिहास इस बात का साक्षी है कि हमारे पूर्वजों ने बराबर ही राष्ट्रीय एकता पर जोर दिया है। हमारे ऋषियों ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ जैसी उदात कल्पना की। यही कारण है कि यहाँ अनेक धर्म फले-फूले, अनेक जातियाँ साथ-साथ रहीं । तुलसी और कबीर को, जायसी और मीरा को लोगों ने समान रूप से श्रद्धा सुमन अर्पित किए। शिव को पूजा तो बुद्ध और महावीर की भी अभ्यर्थना की। फलस्वरूप, संसार की अनेक सभ्यताएँ नष्ट हो गयीं, अनेक जातियाँ काल के गाल में समा गई, लेकिन हम अब भी कायम हैं।
(iii) संविधान में स्थिति -अपना देश भारत एक विशाल देश है। यहाँ हिन्दू हैं, मुसलमान हैं, सिक्ख हैं, ईसाई हैं। अनेक धर्म हैं, अनेक उपधर्म हैं। विविध भाषाएँ हैं। विभिन्न बोलियाँ हैं। साथ ही विभिन्न भागों में रहने वाले लोगों की जीवन पद्धति भी भिन्न-भिन्न है, सबके खाने और पहनने का अपना-अपना ढंग है। इसलिए देश में राष्ट्रीय एकता की अत्यन्त आवश्यकता है।
(iv) जातिवादी प्रभावआज आवश्यकता इस बात की है कि सम्यक् शिक्षा के जरिए लोगों के अन्धविश्वासों को दूर कर, आर्थिक विषमता कम की जाए और भाषा तथा जाति संबंधी विवादों की व्यर्थता सिद्ध की जाए। यह बतलाया जाए कि हम सब एक ही भारतमाता की सन्तान हैं और भारत की उन्नति में ही हमारी उन्नति और इसकी अवनति में ही हमारी अवनति निहित है।
(v) उपसंहार – राष्ट्रीय एकता आज समय की आवश्यकता है। एकता से बढ़कर कोई वस्तु नहीं है। शेख सादी ने कहा भी है – ‘यदि चिड़ियाँ एकता कर लें तो शेर की खाल खींच सकती हैं। फिर हम तो आदमी हैं। आइए, राष्ट्रीय एकता कायम करने का संकल्प लेकर जुट जाएँ। कौन है जो आगे टिकेगा?
(ग) कम्प्यूटर
(i) कम्प्यूटर क्या है – ‘कंप्यूटर’ (computer) शब्द अँगरेजी भाषा का शब्द है जो ग्रीक भाषा के ‘कंप्यूटर’ (computer) से बना है। ‘कंप्यूटर’ शब्द का हिंदी – अर्थ है – परिकलक या अभिकलित्र | कंप्यूटर तीव्रगति का इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है, जो गणितीय एवं तार्किक (arithmetical and logical) क्रियाकलाप का सफलता के साथ संपादन करता है। यह डाटा (data) को लेकर क्रमबद्ध प्रक्रिया के द्वारा उसे सूचना के रूप में प्रस्तुत करता है।
(ii) भारत में कम्प्यूटर : उसका सदुपयोग तथा इससे लाभ- -भारत में कंप्यूटर का महत्त्व दिनानुदिन बढ़ता जा रहा है। यह उच्चवर्ग तथा मध्य वर्ग के जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग बन गया है। मध्यवर्गीय शिक्षित परिवार में कंप्यूटर एक अनिवार्य सूचना उपकरण के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। इंटरनेट से संबद्ध होकर कंप्यूटर हमारे लिए और अधिक उपयोगी हो गया है। जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में इसका उपयोग बड़ी सफलता के साथ किया जा रहा है। चाहे बैंक हो या प्रयोगशाला, बड़ी कंपनी हो या कोई बड़ी दुकान, चित्रकार हो या शिल्पकार, डिजाइन इंजीनियर हो या कोई साहित्यकार सभी कंप्यूटर के उपयोग से अपने-अपने कार्यों में तीव्रता, शुद्धता और पूर्णता की वृद्धि करने में संलग्न हैं। कंप्यूटर में प्राप्त इंटरनेट की सुविधा तो और आश्चर्यजनक है! इसने आज पूरे संसार को एक सूत्र में बाँध रखा है।
(iii) दैनिक जीवन में कम्प्यूटर – दैनिक जीवन में कंप्यूटर परम सहयोगी का काम कर रहा है। इसके माध्यम से घर बैठे बिजली का बिल या निगम में गृहकर जमा किया जा सकता है। इससे टिकट बुकिंग (रेल, बस तथा हवाई जहाज की टिकट बुकिंग), होटल बुकिंग, ऑन लाइन शॉपिंग बड़ी सहजता से संभव है। किसी भी विषय की जानकारी महज एक क्लिक से प्राप्त की जा सकती है। ज्ञान के विस्तार के लिए, दूरस्थ लोगों से संपर्क साधने के लिए, फोटो भेजने या मँगवाने के लिए, स्कूल-कॉलेजों में नामांकन की जानकारी के लिए, अस्पताल या हर प्रकार की जानकारी के लिए इंटरनेट-संबद्ध कंप्यूटर हमारी मदद को तत्पर है।
(iv) कार्यालय उपयोग-आजकल लगभग सभी कार्यालयों में कंप्यूटर का उपयोग हो रहा है। इससे कार्यालय के सारे कार्य त्वरित गति एवं शुद्धता के साथ संपन्न हो जाते हैं।
(v) उपसंहार—हमें इंटरनेट-संबद्ध कंप्यूटर के दुरुपयोग से बचना चाहिए। वाइरस के माध्यम से दूसरों को हानि पहुँचाना, अश्लील तस्वीरें भेजना, गंदे-गंदे ई-मेल भेजना आदि आजकल आम हो गया है। हमें इन अपराधों से बचना चाहिए।
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