निम्नलिखित गद्यांशों का अनुवाद हिन्दी में करें —
प्रश्न- निम्नलिखित गद्यांशों का अनुवाद हिन्दी में करें —
(क) सम्प्रति पाटलिपुत्रम् अतिविशालं वर्त्तते बिहारस्य राजधानी चास्ति। अनुदिनं नगरस्य विस्तारः भवति।
(ख) ततो गृहलग्नं प्रवृद्धमग्निं दृष्टवा धूर्ती सर्वे पलायिताः। पश्चादीषदलसा अपि पलायिताः।
(ग) भारतीयजीवने प्राचीनकालतः संस्काराः महत्त्वमधारयन्ं । प्राचीन संस्कृतेरभिज्ञानं संस्कारेभ्यो जायते । विग्रहोत्यमकिञ्चित्करः । वस्तुतः देवः प्रतिमायां नास्ति।
(घ) मूलशङ्करोऽचिन्तयत् यत्
उत्तर –
(क) इस समय पाटलिपुत्रं (पटना नामक नगर) बहुत विशाल है और बिहार की राजधानी हैं।
(ख) तब घर में लगी आग को बढ़ते हुए देखकर सभी धूर्त भाग गए।
(ग) भारतीय जीवन में प्राचीनकाल से संस्कारों की महत्ता को स्वीकार किया गया है। संस्कारों से प्राचीन संस्कृति का ज्ञान होता है।
(घ) मूलशंकर ने सोचा कि मूर्ति साधारण है। वास्तव में देवता प्रतिमा में नहीं हैं
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here