निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न दो अंकों का होगा।
प्रश्न – निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न दो अंकों का होगा।
(क) वीर कुँवर सिंह का जन्म भोजपुर (आरा) जिला के जगदीशपुर गाँव में सन् 1782 ई० में हुआ था। इनके पिता का नाम साहबजादा सिंह तथा माता का नाम पंचरतन कुँवर था। उनके पिता
जगदीशपुर रियासत के जमींदार थे । कुँवर सिंह की शिखा की व्यवस्था उनके पिता ने घर पर ही की थी जहाँ उन्होंने संस्कृत के अलावा फारसी भी सीखी, परन्तु बाबू कुँवर सिंह का मन घुड़सवारी, तलवारबाजी और कुश्ती लड़ने में लगता था। बाबू कुँवर सिंह ने अपने पिता की मृत्यु के पश्चात् 1827 ई० में अपनी रियासत की जिम्मेदारी संभाली। उन दिनों ब्रिटिश हुकूमत का अत्याचार चरम पर था। इस अत्याचार का विरोध तथा इस व्यवस्था को बदलने का संकल्प बाबू कुँवर सिंह से मन ही मन ले लिया और उस दिन की प्रतीक्षा करने लगे, जब उन्हें अंग्रेजों से लोहा लेने का सही वक्त मिलेगा।
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर दें –
(i) वीर कुँवर सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
(ii) इनके माता-पिता का क्या नाम था ?
(iii) इनके पिता किस रियासत के जमींदार थे ?
(iv) घर की शिक्षा व्यवस्था से इन्होंने कौन-कौन भाषाएँ सीखीं ?
(v) कुँवर सिंह का मन किस चीज में लगता था ?
अथवा,
(ख) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रवर्तक व युग निर्माता हैं। आधुनिक खड़ी बोली का परिष्कार इन्हीं के द्वारा हुआ। भारतेन्दु का जन्म सन 1907 में काशी में तथा निर्धन सन् 1941 में हुआ। 35 वर्ष की अल्प आयु में ही इन्होंने हिन्दी की अविस्मरणीय सेवा की। सात वर्ष की उम्र से ही इन्होंने काव्य रचना प्रारंभ की थी। भारतेन्दु की प्रतिभा चतुर्मुखी थी। कवि, नाटककार, निबंधकार, पत्रकार सभी रूपों में ये अद्वितीय हैं। नाटक व निबंध लेखक के रूप में ये आधुनिक हिन्दी गद्य साहित्य के जन्मदाता माने जाते हैं। इनके ग्रंथों की संख्या डेढ़ सौ के लगभग है। ‘भारत दुर्दशा’, ‘अंधेर नगरी’, ‘प्रेमयोगिनी’ आदि नाटकों में इनकी राष्ट्रीय भावना पूरी तरह विकसित दिखाई पड़ती है। भारतेन्दु सचमुच हिन्दी के महासूर्य थे।
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर दें –
(i) हिन्दी साहित्य के प्रवर्तक व युग निर्माता कौन थे ?
(ii) भारतेन्दु का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
(iii) इन्होंने कब से काव्य रचना प्रारंभ की?
(iv) भारतेन्दु की प्रतिभा चतुर्मुखी थी, कैसे ?
(v) भारतेन्दु किस रूप में हिन्दी के जन्मदाता माने जाते हैं?
उत्तर –
(क) (i) वीर कुँवर सिंह का जन्म सन् 1782 ई० में भोजपुर (आरा) जिला के जगदीशपुर गाँव में हुआ था।
(ii) इनके माता का नाम पंचरतन कुँवर था और पिता का नाम माहबजादा सिंह था।
(iii) उनके पिता जगदीशपुर रियासत के जमींदार थे।
(iv) घर की शिक्षा व्यवस्था से इन्होंने संस्कृत और फारसी भाषाएँ सीखीं।
(v) कुँवर सिंह का मन घुड़सवारी तलवारबाजी और कुश्ती लड़ने में लगता था।
अथवा,
(ख) (i) हिन्दी साहित्य के प्रवर्तक व युग निर्माता भारतेन्दु हरिश्चन्द्र थे।
(ii) भारतेन्दु का जन्म सन् 1907 में काशी में हुआ था ।
(iii) सात वर्ष की उम्र से ही इन्होंने काव्य रचना प्रारंभ की।
(iv) भारतेन्दु की प्रतिभा चतुर्मुखी थी। कवि नाटककार, निबंधकार, पत्रकार सभी रूपों में ये अद्वितीय हैं।
(v) भारतेन्दु नाटक व निबंध लेखक के रूप में हिन्दी के जन्मदाता माने जाते हैं।
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