निम्नलिखित में से किन्हीं आठ प्रश्नों के उत्तर दें –

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प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं आठ प्रश्नों के उत्तर दें –
(क) अलसकथा का संदेश क्या है?
(ख) ‘मङ्गलम्’ पाठ का पाँच वाक्यों में वर्णन करें।
(ग) नदियाँ समुद्र में कैसे मिलती हैं?
 (घ) ‘पाटलिपुत्र वैभवम्’ पाठ का वर्णन चार से पाँच वाक्यों में करें ।
 (ङ) प्राचीन काल से ही पाटलिपुत्र कैसे नगर के रूप में प्रसिद्ध है?
 (च) अथर्ववेद में किन पाँच मन्त्रदर्शनवती ऋषिकाओं का उल्लेख है?
 (छ) पण्डिता क्षमाराव की प्रमुख कृतियों के नाम लिखें।
 (ज) पठित पाठ के आधार पर भारतवर्ष की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें।
 (झ) उपनयन संस्कार का वर्णन करें।
(ञ) संस्कार का मौलिक अर्थ क्या है ?
(ट) पण्डित कौन हैं?
(ठ) ‘कर्मवीर कथा’ के आधार पर रामप्रवेश राम के परिवार का वर्णन करें।
 (ड) किन गुणों के कारण उन्नीसवीं सदी के समाजसुधारकों में स्वामी दयानन्द श्रेष्ठ थे?
 (ढ) मन्दाकिनी का कैसा जल श्रीरामचन्द्रजी के मन को आकर्षित कर रहा है ?
(ण) सात्विक दान क्या है?
(त) शक्र ने कर्ण से कौन-सी बड़ी भिक्षा माँगी तथा क्यों?
उत्तर –
(क) अलसकथा का संदेश है कि आलस्य एक महान् रोग है। आलस्य शरीर में रहने वाला महानशत्रु हैं जिससे अपना, परिवार का और समाज का विनाश अवश्य ही होता है।
(ख) ‘मङ्गलम’ पाठ में पाँच श्लोक विभिन्न उपनिषदों से संकलित हैं। इस पाठ में चार मंत्र क्रमश: ईशावास्य, कठ, मुण्डक तथा श्वेताश्वतर नामक उपनिषदों में विशुद्ध आध्यात्मिक ग्रन्थों के रूप में उपनिषदों का महत्त्व है। इन्हें पढ़ने से परम सत्ता के प्रति श्रद्धा उत्पन्न होती है। सत्य के अन्वेषण की प्रवृत्ति होती है तथा आध्यात्मिक खोज की उत्सुकता होती है। उपनिषदग्रन्थ विभिन्न वेदों से सम्बद्ध हैं।
(ग) नदियाँ समुद्ध में नाम और रूप दोनों को छोड़कर मिलती हैं।
(घ) बिहार राज्य की राजधानी पटना अनादि काल से विद्या, धर्म, राजनीति, उद्योग आदि के क्षेत्र में अग्रण्य रहा है। महान् शासक अशोक, महान अर्थशास्त्री एवं नीतिज्ञ चाणक्य इसी भूमि की देन हैं। मेगास्थनीज, ह्वेनसांग, फाह्यान तथा इत्सिंग आदि विद्वानों ने इसकी विशेषताओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। पतितपावनी गंगा के किनारे बसा यह नगर अपने वैभव के लिए इतिहास प्रसिद्ध है।
(ङ) पटना अथवा पाटलिपुत्र प्राचीन समय से ही भारत के प्रमुख नगरों में गिना जाता था। पाटलिपुत्र वर्तमान पटना का ही नाम था। इस शहर का बहुत ही ऐतिहासिक महत्त्व है।
(च) अथर्ववेद में यमी, उर्वशी, अपाला, इन्द्राणी और वागाम्भृणी जैसे- पाँच मंत्रदर्शनवती ऋषिकाओं का उल्लेख है।
 (छ) पण्डिता क्षमाराव की प्रमुख कृतियाँ हैं – सत्याग्रहगीत, मीरालहरी, कंथामुक्तावली, विचित्रपरिषद् ग्रामज्योतिः इत्यादि ।
(ज) पठित पाठ के आधार पर भारतवर्ष की प्रमुख विशेषताएँ कुछ इस प्रकार है कि भारत में देवता लोग भारत भूमि में जन्म लेना चाहते हैं क्योंकि यहाँ कि भूमि निर्मल एवं ममतामयी है।
(झ) इन्हीं संस्कारों में दसवां संस्कार हैं उपनयन संस्कार जिसे जनेऊ संस्कार और यज्ञोपनीत के नाम से भी जाना जाता हैं। इस संस्कार में शिष्य को गायत्री मंत्र की दीक्षा मिलती है। इसके बाद उसे यज्ञोपवीत धारण करना होता है।
(ञ) संस्कार शब्द का मूल अर्थ है कि, जीवन के सभी मुख्य अवसरों में वेदमंत्रों का पाठ, वरिष्ठों का आंशीर्वाद, हवन एवं परिवार के सदस्यों का सम्मेलन होना चाहिए।
(ट) जिसके कार्य में शीत, उष्ण, भय, प्रेम, समृद्धि अथवा असमृद्धि बाधा नहीं पहुँचाते वही पंडित है।
(ठ) ‘कर्मवीर कथा’ का प्रमुख पात्र रामप्रवेश राम है। उनके परिवार में गृहस्वामी पति-पत्नी पुत्र तथा पुत्री थे। रामप्रवेश राम दलित परन्तु लगनशील और परिश्रमी बालक थे।
 (ड) धार्मिक सामाजिक गुणों से परिपूर्ण दयानंद सरस्वती हिन्दू धर्म में व्याप्त घोर अंधविश्वास व कुरीतियों का विरोध करते थे तथा उसे दूर करने के लिए सतत् प्रयास किया। उन्होंने मूर्ति-पूजा, अवतारवाद, बहुदेव पूजा, पशुता का व्यवहार व विचार और अंधविश्वासी धार्मिक काव्य की आलोचना की और एकेश्वरवाद का प्रचार किया। इन्हीं सब गुणों के कारण 19वीं सदी के सामाजसुधारकों में स्वामी दयानंद श्रेष्ठ थे।
(ढ) मन्दाकिनी की निर्मल जल, रंग-बिरंगी छटा, ऊँची कछारें आदि श्रीरामचन्द्रजी के मन को आकर्षित कर रहा है ।
(ण) जो दान, देश काल और पात्र के अनुसार दिया जाता है, वह दान सात्विक कहा गया है।
(त) शक्र ने कर्ण से बड़ी भिक्षा के रूप में कवच और कुंडल माँगी क्योंकि जब तक कवच और कुंडल उसके शरीर पर विद्यमान रहता, तब तक कर्ण की मृत्यु नहीं हो सकती थी।

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