भाषा को प्रतीकात्मक या सांकेतिक साधन क्यों कहा जाता है ?
प्रश्न – भाषा को प्रतीकात्मक या सांकेतिक साधन क्यों कहा जाता है ?
उत्तर – भाषा को एक सांकेतिक साधन कहा गया है। जब तक भाषा की भिन्न-भिन्न ध्वनियों का आविष्कार नहीं हुआ था तब तक हम अपने विचारों को प्रकट करने के लिए भिन्न-भिन्न संकेतों को प्रयोग में लाते थे। जैसे—सिर को ऊपर नीचे अथवा दायें बयें दिलाना और नेत्रों को टेढ़े-तिरछे घुमाना। परन्तु केवल आंगिक संकेत के सहारे हम अपनी सभी विचारों को ठीक प्रकार से अभिव्यक्त नहीं कर सकते। इसलिए कलान्तर में भाषा का आविष्कार हुआ। भाषा भी एक प्रकार का संकेत है। भाषा के आविष्कार के पश्चात, भाषा के माध्यम के द्वारा विचारों की अभिव्यक्ति होने लगी। यह शारीरिक अथवा आंगिन संकेत न होकर ध्वन्यात्मक संकेत है।
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