मानवाधिकारों से संबंधित विभिन्न संगठनों की विवेचना करें ।
प्रश्न – मानवाधिकारों से संबंधित विभिन्न संगठनों की विवेचना करें ।
(Discuss the various organisation related to human rights.)
उत्तर– दासता, बिना उचित कारण के बन्दी बनाना, विचारों को प्रकट करने पर पाबन्दियाँ, कैदियों के साथ निर्दयता का व्यवहार, विरोधियों का सफाया आदि बातें मानव अधिकारों के विरुद्ध हैं। इनकी जाँच और निगरानी के लिए अनेक संस्थाएँ कार्य कर रही हैं, जिनमें प्रमुख हैं—
- संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UN Human Rights Commission)संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा गठित मानवाधिकार आयोग में 53 राज्यों के प्रतिनिधि होते हैं, जो तीन वर्ष की अवधि के लिए चुने जाते हैं। आयोग की जेनेवा में प्रतिवर्ष एक बैठक होती है । इसमें मानव अधिकारों से सम्बन्धित विभिन्न पक्षों पर विस्तार से चर्चा होती है। 2001 में इसे भंग कर दिया गया तथा इसका स्थान मानव अधिकार परिषद् ने ले लिया ।
- मानवाधिकार उच्चायुक्त (High Commissioner for Human Rights)– इस पद का सृजन 1993 में किया गया और 1994 में पहली बार एक उच्च आयुक्त की नियुक्ति की गई । उच्च आयुक्त संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव की देखरेख में काम करता है । उसे नागरिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने सम्बन्धी कार्य सौंपे गए हैं। उसका कर्त्तव्य है कि यह देखे कि किसी भी देश में मानवाधिकारों का हनन तो नहीं हो रहा है या फिर उनका समुचित पालन हो रहा है अथवा नहीं ।
- मानवाधिकार समिति (Human Rights Committee) — नागरिक और राजनीतिक अधिकारों से सम्बन्धित प्रसंविदा-पत्र को लागू करने का विशेष दायित्व इस समिति का है । इसमें 18 राज्यों के प्रतिनिधि होते हैं, जो 4 वर्ष की अवधि के लिए चुने जाते हैं । यह समिति बराबर उन देशों से सम्पर्क बनाए रखती है जहाँ से मानव अधिकार हनन की शिकायतें मिलती हैं।
- महिलाओं की स्थिति से सम्बन्धित आयोग (Commission on the Status of Women) — इस आयोग का गठन 1946 में किया गया । इसके अधिकार क्षेत्र में ये विषय आते हैं— महिलाओं को राजनीतिक दृष्टि से सशक्त बनाना, बालिकाओं को संरक्षण देना, महिलाओं को रोजगार और प्रशिक्षण के लिए मदद देना तथा महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक स्तर में सुधार लाने के लिए विशेष प्रकार के कार्यक्रम लागू करना ।
- मानव अधिकार परिषद् (Human Rights Council) — इस परिषद् की स्थापना संयुक्त राष्ट्र ने 15 मार्च, 2006 को की तथा मानवाधिकार आयोग को भंग कर दिया । परिषद् की प्रथम बैठक 10 जून, 2006 को हुई । परिषद् के 47 राष्ट्र सदस्य हैं इसका मुख्य कार्यालय जिनेवा (स्विट्जरलैण्ड) में है।
परिषद् के मुख्य कार्य हैं—(i) बिना किसी भेदभाव के मानव अधिकारों का प्रसार तथा प्रचार करना ।(ii) मानव अधिकारों की शिक्षा का प्रसार करना ।(iii) मानव अधिकारों के विभिन्न विषयों पर चर्चाएँ करना ।(iv) सदस्य राष्ट्रों के मानव अधिकारों के उल्लंघन सम्बन्धी मामलों की जाँच करना ।(v) मानव अधिकारों की अवहेलना करने वाले राष्ट्रों की सदस्यता समाप्त करना ।(vi) समय-समय पर परिषद् के सत्र बुलाना ।
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Commission of Human Rights ) — कई देशों ने अपने-अपने मानवाधिकार आयोग स्थापित किए हैं जो नागरिकों को उनके अधिकारों से वंचित रखे जाने की शिकायतें सुनते हैं। भारत में 1992 में एक राष्ट्रीय महिला मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया और 1993 में एक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना की गई। इस आयोग की शक्तियों का 31वें अध्याय में विस्तार से उल्लेख किया गया है। अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए 1978 में अल्पसंख्यक आयोग बनाया गया था । पुराने आयोग के स्थान पर मई, 1993 में राष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया, जो पहले आयोग की अपेक्षा ज्यादा अधिकारों से सम्पन्न है।
- एमनेस्टी इण्टरनेशनल (Amnesty International ) – 1961 में एमनेस्टी इण्टरनेशनल की स्थापना से मानव अधिकार आन्दोलन को बहुत बढ़ावा मिला। इसकी स्थापना एक ब्रिटिश वकील पीटर बेनेन्सन (Peter Benenson) ने की थी। यह लन्दन में स्थित एक गैर-राजनीतिक स्वयंसेवी संगठन है, जिसकी शाखाएँ विश्वभर में फैली हुई हैं । एमनेस्टी इण्टरनेशनल का उद्देश्य अन्याय के शिकार लोगों को प्रभाव उपचार दिलाना है (To bring relief to individual victims of injustice)। इसके कुछ प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं—(i) धार्मिक व राजनीतिक विश्वासों और व्यवहार की वजह से बन्दी बनाए गए लोगों को मुक्ति दिलाना, (ii) ऐसे लोगों पर लगाए गए आरोपों की सुनवाई निष्पक्ष खुली अदालतें करें, यह सुनिश्चित करना, (iii) यह देखना कि किसी को यन्त्रणा तो नहीं दी जा रही है या फिर उसके साथ क्रूर और अमानवीय व्यवहार तो नहीं हो रहा है, तथा (iv) जो लोग अपने धार्मिक और राजनीतिक विश्वासों की वजह से अन्य देशों में शरण माँग रहे हैं, उनकी मदद करना । 1977 का नोबल शान्ति पुरस्कार (Nobel Prize for Peace ) एमनेस्टी इण्टरनेशनल को मिला था ।
- गैर-राजनीतिक संगठन (Non-Governmental Organisations ) – मानव अधिकारों की सुरक्षा के लिए एमनेस्टी इण्टरनेशनल के अलावा विभिन्न देशों में और भी अनेक गैर-राजनीतिक संगठन क्रियाशील हैं। भारत में करीब 200 गैर-राजनीतिक संगठन मानव अधिकारों की बहाली के लिए कार्यरत हैं, जैसे कि पी. यू. सी. एल. ( Peoples Union for Civil Liberties) तथा पी. यू. डी. आर. ( Peopoles Union for Democratic Rights ) तथा पी.सी. ( Peoples Commission) | इन संगठनों ने बहुत से मुद्दे उठाए हैं, जैसे कि बंधुआ मजदूरों, बाल कैदियों और पुलिस हिरासत में रह रहे लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार की घटनाएँ तथा जेलों में कैदियों को सताने, अलग कोठरियों में बन्द करने या जेल में हत्या कर देने के मामले ।
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