राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1968, 1986 तथा 1992 के शैक्षिक प्रावधान पर प्रकाश डालें ।
उत्तर – राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1968 तथा शैक्षिक प्रावधान – पैरा चार (घ) में कहा गया है, ‘‘पिछड़े वर्गों और विशेष रूप से आदिम जातियों में शिक्षा का विकास करने के लिए अधिक तीव्र प्रयत्नों की आवश्यकता है । ”
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 (NPE, 1986) भाग 4 शिक्षा में समानताएँ – पैरा 4.1 “नई नीति में विषमताएँ दूर करने पर विशेष बल दिया जाएगा। उन व्यक्तियों की विशेष आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जाएगा जिन्हें अब तक समानता के स्तर से वंचित रखा गया है । इस काम के लिए शिक्षा के अवसरों को बराबर बनाया जाएगा ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 की समीक्षा समिति अथवा राममूर्ति समीक्षा समिति, 1990 (Review Committee or Ramamurti Review committee, 1990 on NPE, 1986 ) —– समीक्षा समिति ने जोर दिया कि समय की माँग यह है कि शैक्षिक विकास के कार्यक्रमों को इस प्रकार से बनाया जाए और लागू किया जाए कि उसमें क्षेत्र, समुदाय तथा लिंग विशेष गतिविधियों के आधार पर अलग-अलग लक्ष्य रखे जाएँ । इसका अर्थ यह है कि वंचित वर्गों, जैसे—अनुसूचित जाति/जनजाति, स्त्रियों, शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े अल्पसंख्यकों तथा विकलांगों को ध्यान में रखकर ठोस कार्यक्रम चालू किए जाएँ, उनके लिए समुचित धन की व्यवस्था की जाए ।
केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की नीति सम्बन्धी समिति, 1992 (Cental Advisory Board of Education Committee-CABE Committee On Policy) — समिति ने अध्याय चार ‘अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों और शैक्षिक रूप से पिछड़े अन्य वर्गों की शिक्षा (Education of the SC’s / ST’s and Other Educationally Backward Sections) में निम्नलिखित विचार प्रकट किए, “शैक्षिक प्रक्रिया में कमजोर वर्गों की सहभागिता तब तक निरर्थक होगी जब तक कि उनके पास भूमि सुधारों जैसे उपायों के माध्यम से उत्पादन तथा जीविका के साधन न हों उन्हें ईंधन, भोजन तथा जल जैसी जीवन की अनिवार्य वस्तुएँ सार्थक रूप से उपलब्ध न हों और उनके कार्य के लिए उचित वेतन का आश्वासन प्राप्त न हों । ”
समिति ने निम्नलिखित सुझाव दिए हैं—
- केन्द्रीय अभिकरण की स्थापना (Estblishment of a Focal Agency)— केन्द्रीय सरकार को कार्यक्रम कार्यान्वयन के सम्बन्ध में रिपोर्ट करने के उद्देश्य से प्रत्येक राज्य में एक केन्द्रीय एजेंसी निर्धारित की जाए ।
- स्थायी केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड समिति का गठन (Constitution of a Standing CABE Committee) — केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड समिति एक स्थायी समिति का गठन करे जिसमें वंचित वर्गों (अनु. जाति तथा अनु. जनजाति) के लिए आयोजित किए जा रहे शैक्षिक कार्यक्रम (Educational Programmes for the Deprived Sections) के प्रतिनिधि हों ।
- समान पाठ्यक्रम (Same Curriculum)– पिछड़े वर्गों के बच्चों तथा अन्य वर्गों के बच्चों में पाठ्यक्रम सम्बन्धी कोई भेदभाव न किया जाए ।
- राज्य सरकारें तथा अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थाएँ (State Government and Minority.Educational Institutions)– केन्द्रीय सरकार ने वर्ष 1989 में अल्पसंख्यक प्रबन्धित शैक्षिक संस्थाओं को मान्यता प्रदान करने के लिए जो मानदण्ड निर्धारित किए हैं राज्य सरकारें उनके सन्दर्भ में कार्य करें ।
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