राष्ट्रीय समाकलन तथा भावात्मक समाकलन में निहित मूल्य एवं बाधाओं की विवेचना करें ।

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प्रश्न – राष्ट्रीय समाकलन तथा भावात्मक समाकलन में निहित मूल्य एवं बाधाओं की विवेचना करें ।
(Discuss the values inherent and bariers to national integration and emotional integration.)
उत्तर – राष्ट्रीय समाकलन तथा भावात्मक समाकलन में निहित मूल्य–मुख्य तौर पर राष्ट्रीय समाकलन तथा भावात्मक समाकलन में निम्न मूल्य निहित है जिनमें नागरिकों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ।
  1. आत्मीयता की भावना (Feeling of Oneness),
  2. सह अस्तित्व की भावना (Feeling of Co-existence),
  3. सहिष्णुता की भावना (Feeling of Toleration),
  4. विशाल हृदयता ( Broad-mindness),
  5. सबके सुख में अपना सुख तथा अपने सुख में सबका सुख (One’s Happiness in the Happiness of all and Happiness of all in one’s Happiness),
  6. अनेकता में एकता (Unity in Diversity),
  7. दूसरों के प्रति संवेदनशीलता (Sensitiveness to Others),
  8. दूसरों के विचारों का आदर करना (Giving due Respect to the Views of Others),
  9. राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि समझना (Considering National Interests Above all Interests),
  10. भ्रातृत्व ( Brotherhood),
  11. मिल-जुलकर रहने की कला ( Art of Living Together ) ।

राष्ट्रीय समाकलन तथा भावात्मक समाकलन में बाधाएँ (Barriers in National and Emotional Integration) — राष्ट्रीय आयोग 1964-66 ने राष्ट्रीय समाकलन तथा भावात्मक समाकलन में निम्नलिखित बाधाओं का उल्लेख किया –

  1. सामाजिक विषमताएँ अनेक प्रकार की हैं ।
  2. गरीबी – अमीरी में बहुत अन्तर है ।
  3. पढ़े-लिखे तथा निरक्षरों में बहुत अन्तर है ।
  4. भारत में अनेक धार्मिक मतभेद हैं ।
  5. जाति प्रथा एक कलंक है ।
  6. पढ़े-लिखे लोग अपनी धरोहर से दूर जा रहे हैं ।
  7. भारतीय ‘भारत’ (India) शब्द को भूलते जा रहे हैं
  8. परम्परागत एकता तथा भावात्मक मूल्य कम होते जा रहे हैं ।
  9. लोगों में समाजिकता का भाव कम हो रहा है
  10. अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही है ।
राष्ट्रीय समाकलन तथा भावात्मक समाकलन में मुख्य बाधाएँ निम्न प्रकार की हैं—
  1. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि — अंग्रेजों की ‘फूट डालने की नीति’ (Historical Background : ‘Divide and Rule Policy’ of the British),
  2. जातिवाद (Casteism),
  3. भाषायी मतभेद (Linguism),
  4. क्षेत्रीयता (Regionalism),
  5. प्रान्तीयता (Provincialism),
  6. धार्मिक कट्टरता (Religious Fundamentalism),
  7. संकीर्ण राजनैतिकता (Narrow Polity),
  8. सामाजिक असमानता (Social Inequality),
  9. आर्थिक असमानता (Economic Inequality),
  10. प्रभावी नेतृत्व का अभाव (Lack of Effectiveness Leadership),
  11. सांस्कृतिक भिन्नताएँ (Cultural Differences),
  12. सेवाभाव का अभाव (Lack of Spirit of Service),
  13. स्वार्थ को प्राथमिकता (Priority of Self Interest),
  14. राष्ट्रीय चरित्र का अभाव (lack of National Character),
  15. दोषमुक्त शिक्षा प्रणाली (Defective Educational System),
  16. अशिक्षा (Illiteracy),
  17. भाग्यवादिता (Fatalism)।

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