लेखन कौशल के विकास में आने वाली समस्याएँ बताइए ।
प्रश्न – लेखन कौशल के विकास में आने वाली समस्याएँ बताइए ।
उत्तर – लेखन कौशल के विकास में समस्याएँ
वर्तमान में अधिकांश छात्रों का हस्तलेख भद्दा, भौंड़ा व कच्छप गति वाला होता है। इससे उनका परीक्षाफल प्रभावित होता है, जो आगे चलकर उनके भविष्य को प्रभावित करता है। बालक के लेखन कौशल के विकास में अधोलिखित समस्याएँ —
- प्रथमतः छात्रों को लिखते समय कलम कैसे पकडी जाय, यह भी नहीं आता।
- लिखते समय बैठने का सही ढंग क्या है ? छात्र इसे नहीं जानते । सामान्यतः छात्र गलत ढंग से बैठते हैं, इसका दुष्प्रभाव उनकी लेखनी पर पड़ता है, वह आड़ी-तिरछी व टेढ़ी हो जाती है ।
- असुन्दर लेखन का सर्वप्रमुख कारण अभ्यास का अभाव है। इसके लिए कदाचित् अध्यापक भी उत्तरदायी है ।
- प्रारम्भ में फाउण्टेन पैन का प्रयोग करने से भी लेखन खराब हो जाता है ।
उपर्युक्त के अतिरिक्त कुछ और भी समस्याएँ हैं जो लेखन को प्रभावित करती हैं। उनका विस्तृत विवरण अधोलिखित है –
- शिरोरेखा की उपेक्षा – देवनागरी लिपि में सभी अक्षरों के ऊपर रेखा होती है जिसे शिरोरेखा कहते हैं, किन्तु कुछ छात्रों की शिरोरेखाविहीन अक्षर लिखने की आदत पड़ जाती है जो सुन्दर लेखन की दृष्टि से अनुचित है ।
- शब्दों के बीच स्थान का अभाव – शब्दों के बीच उचित दूरी छोड़नी चाहिए लेकिन कुछ छात्र ऐसा नहीं करते, फलतः लेखन खराब हो जाता है ।
- अक्षरों का विकृत आकार– कुछ छात्र अक्षरों को टेढ़े-मेढ़े या छोटे-बड़े बनाते हैं और सीधी पंक्ति में भी नहीं लिखते हैं। इस कारण लेखन विकृत हो जाता है ।
- विराम चिह्नों का अभाव लेखन में विराम-चिह्नों का अभाव प्रायः देखने को मिल जाता है । इससे लेखन को पढ़ने और समझने में कठिनाई होती है ।
- सुलेख, प्रतिलिपि एवं श्रुतलेख के अभ्यास का अभाव – आजकल कक्षाओं में सुलेख, प्रतिलिपि तथा श्रुतलेख का अभ्यास नहीं कराया जाता है । न तो छात्र स्वयं अभ्यास कराते हैं और न इस ओर अध्यापक ध्यान देते हैं। इस कारण छात्रों को सुन्दर लेखन की आदत नहीं बन पाती। इससे उनकी लेखन की गति प्रभावित होती है ।
- लिपि, स्वर व मात्रा के सही ज्ञान का अभाव – छात्रों में लिपि, स्वर व मात्रा सम्बन्धी ज्ञान का अभाव बहुत देखा जाता है। वे लिपि के अभाव में अक्षरों की आकृति में गलती करते हैं। कदाचित् इससे अत्यधिक ध्वनि साम्य वाले अक्षर अधिक प्रभावित होते हैं; जैसे—स, ष, श, ज, झ, व आदि अक्षरों को छात्र गलत लिख जाते हैं। कुछ छात्रों को मात्रा का उचित प्रयोग नहीं आता है । इसलिए वे मात्रा को मिलाने में गलती करती हैं; जैसे—वे गुरु को गुरू और रूप को रुप लिख देते हैं।
कुछ छात्रों में संयुक्ताक्षर का ज्ञान नहीं होता, अतः वे गृह, ग्रह, कार्य आदि लिखने में गलती करते हैं ।
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