वल्लि अम्माल का चरित्र चित्रण करें। (उत्तर 30 शब्दों में दें ) ।
प्रश्न – वल्लि अम्माल का चरित्र चित्रण करें। (उत्तर 30 शब्दों में दें ) ।
उत्तर – वल्लि अम्माल मदुरै शहर के निकट मूनांडिप्पट्टि गाँव की रहनेवाली है। वह अनपढ़ और भोली-भाली है। उसकी एक संतान है पाप्पाति। वह उससे बहुत स्नेह करती है। गाँव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपनी बीमार बेटी को दिखाने जाती है। वहाँ डॉक्टर उसे डरा देता है और उससे कहता है कि तुम जितना जल्दी हो सके अपनी बेटी को शहर के बड़े अस्पताल में ले जाओ। वह अपनी बेटी को शहर के बड़े सरकारी अस्पताल में ले आती है। पढ़ी-लिखी नहीं होने के कारण उसे बड़ी परेशानी होती है। ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी होने के कारण उसके चरित्र में व्यावहारिक जटिलता नहीं है। वह निश्छल और निष्कपट है। नगर की औपचारिकताओं से परिचित नहीं होने के कारण उसे अपने भीतर एक प्रकार का गुस्सा महसूस होता है और वह उस डर से भीतर ही भीतर घुटती रहती है। उसे ईश्वर में आस्था है। पाप्पाति के ठीक हो जाने पर वह वैदीश्वरनजी के मंदिर जाकर दोनों हाथों में रेजगारी भरकर भगवान को भेंट चढ़ाने का संकल्प करती है। पढ़ी-लिखी नहीं होने के कारण वह अस्पताल के डॉक्टरों से गाँव के वैद्यजी और ओझा को ज्यादा महत्त्व देती है। पति के स्वर्गवासी होने के चलते वह अपने को टूटी हुई-सी महसूस करती है। इस दुनिया में एकमात्र सहारा उसकी पुत्री है। वह सरल है और सहज जीवन व्यतीत करना चाहती है। उसके जीवन में संघर्ष है, वह अपनी क्षमता के अनुसार संघर्षों से डटकर मुकाबला करती है। वह भारतीय ग्रामीण नारी की जीती-जागती तस्वीर है।
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