विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा की रूपरेखा पर प्रकाश डालें ।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
प्रश्न – विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा की रूपरेखा पर प्रकाश डालें ।
(Throw light on the outline of Computer education in School.) 
उत्तर – विद्यार्थियों के लिए कम्प्यूटर शिक्षा के स्तर को मोटे तौर पर निम्नलिखित छ: वर्गों में बाँटा जा सकता है—
(1) मूल प्रक्रियाएँ और अवधारणाएँ ।
(2) सम्बन्धित प्रौद्योगिकी के सामाजिक,नैतिक तथा मानवीय मूल्य |
(3) प्रौद्योगिकी उत्पादकता उपकरण।
(4) प्रौद्योगिकी संचार उपकरण ।
(5) प्रौद्योगिकी अन्वेषण उपकरण ।
(6) प्रौद्योगिकी समस्या समाधान और निर्णय करने के उपकरण
मूल संक्रियाएँ और अवधारणाएँ –
(1) छात्रों द्वारा प्रौद्योगिकी प्रणालियों की प्रकृति और संक्रिया को समझना ।
(2) छात्रों को प्रौद्योगिकी के उपयोग में निपुण  बनाना ।
 सामाजिक, नैतिक और मानवीय मूल्य –
(1) छात्रों द्वारा सम्बन्धित प्रौद्योगिकी के नैतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्य को समझना ।
(2) छात्रों द्वारा प्रौद्योगिकी प्रणाली, सूचना और सॉफ्टवेयर का जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग ।
(3) छात्रों में प्रौद्योगिकी उपयोग के प्रति सकारात्मक विचार उत्पन्न करना जो जीवनपर्यन्त अधिगम में सहायक हो ।
प्रौद्योगिकी उत्पादकता उपकरण –
(1) छात्र प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग अधिगम अभिवृद्धि में उत्पादकता बढ़ाने में और सृजनात्मकता को प्रोत्साहन में करें ।
(2) छात्र उत्पादकता उपकरणों का उपयोग प्रौद्योगिकी वृद्धि वाले मॉडल निर्माण में, प्रकाशन में और दूसरे सृजनात्मक कार्य करने में करें ।

कम्प्यूटर साक्षरता तथा स्कूली शिक्षा (Computer Literacy and Studies i. Schools)– क्लास परियोजना का प्रारंभ – कंम्प्यूटर साक्षरता को सन् 1980 के मध् से ही विशेष उपयोगी समझा जा रहा है । क्लासं (Computer Literacy and Studi in Schools) कार्यक्रम संयुक्त रूप से सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (तत्कालीन इलेक्ट्रॉनिक विभाग) एवं शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया गया था। इसका आंशिक प्रभाव ही रहा तथा परियोजना केवल 2,600 विद्यालयों तक सीमित रह गई । इसका कारण यह है कि कम्प्यूटर साक्षरता को पाठ्यचर्या आधारित शैक्षिक सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध नहीं कराए गए ।

संशोधित परियोजना : क्लास 2000 – भारत सरकार की 1998 की सूचना प्रौद्योगिकी की कार्यान्वयन परियोजना में काफी संख्या में विद्यालयों में कम्प्यूटर प्रदान करने की संस्तुति की गई । इसके अनुवर्तन में मानव संसाधन विकास मंत्रालय अपना नया कार्यक्रम क्लास 2000 के नाम से प्रारम्भ किया ।

इस परियोजना के मुख्यत: तीन तत्त्व हैं –

10,000 विद्यालयों में कम्प्यूटर साक्षरता प्रदान करना ।

1,000 विद्यालयों में कम्प्यूटर सहायता अधिगम प्रदान करना ।

100 स्मार्ट विद्यालयों में कम्प्यूटर आधारित अधिगम प्रदान करना । इसका अर्थ यह हुआ कि विद्यालयी कम्प्यूटरिंग के तीनों विकासात्मक चरण विभिन्न विद्यालयों में एक साथ परस्पर अपवर्तक तत्त्वों के रूप में विद्यमान रहेंगे।

कम्प्यूटर तथा विद्यालय चुनौतियाँ – शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग के अधिगम के अधोरेखित कुछ मुख्य सामान्य सिद्धांत हैं जो शिक्षकों को चुनौती देते हैं । ये निम्नलिखित हैं—

  • सीखने की प्रक्रिया को उन्नत करने के लिए रूपरेखा बनाना ।
  • सूचना शिक्षण उद्देश्यों तथा शिक्षाशास्त्र की सहभागिता तक पहुँच ।
  • अध्यापकों एवं प्राचार्यों के लिए व्यावसायिक विकास के अवसरों तक पहुँच ।
  • मूल्यों द्वारा संचालित न कि प्रौद्योगिकी संचालित अभिवृत्तियों का विकास ।

हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..

  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *