व्यावसायिक शिक्षा के विकास के लिए चार सूत्री कार्यक्रम की विवेचना करें ।
प्रश्न – व्यावसायिक शिक्षा के विकास के लिए चार सूत्री कार्यक्रम की विवेचना करें ।
(Discuss the four fold Programme for the development of Vocational education.)
उत्तर– व्यावसायिक शिक्षा के विकास के लिए चार सूत्री कार्यक्रम (Four Fold Programme for the Development of Vocational Education) — नई शिक्षा नीति में व्यवसायीकरण के महत्त्व को देखते हुए चारसूत्री कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया—
I. प्रणाली का विकास (Development of the System)II. व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम (Vocational Education Programme)III. विशेष वर्गों तथा स्कूलों से बाहर समुदाय के लिए कार्यक्रम (Vocational Programme for The Special Groups)IV. लक्ष्य तथा विकास के लिए तैयारी (Targets and Preparation for the Development)
- प्रणाली का विकास (Development of the System)
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा व्यावसायिक शिक्षा की संयुक्त परिषद् (Joint Council for Vocational Education—JCVE) तथा व्यावसायिक शिक्षा ब्यूरो (Bureau of Vocational Education—BVE) का गठन किया ।
- अनुसंधान विकास, मॉनीटरिंग तथा मूल्यांकन कार्य करने के लिए रा. शै. अनु. परि. के अन्तर्गत एक केन्द्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान (CIVE) का गठन किया ।
- आवश्यकतानुसार राज्य सरकारों द्वारा राज्य व्यावसायिक शिक्षा परिषद् ( State Council of Vocational Education — SCVE), राज्य व्यावसायिक शिक्षा संस्था ( State Institute of Vocational Education — SIVE), व्यावसायिक शिक्षा विभा (Department of Vocational Education — DVE), जिला स्तरीय समन्वय समिति (District Level Coordination Committee – DCC) आदि का गठन किया जाए ।
- व्यावसायिक शिक्षा के विकास के लिए NCERT, CIVE, RIE (Regional Institutes of Education), SCERT (State Council of Educational and Training Research), SIVE (State Institute of Vocational Education), TTTI (Technical Teacher Training Institute ) आदि की क्षमता में वृद्धि की जाए।
- SCVE द्वारा व्यावसायिक सर्वेक्षण द्वारा जिलेवार व्यावसायिक मानव शक्ति की आवश्यकताओं का अध्ययन किया जाए ।
- SIVE’s तथा SCERT’s में पाठ्यक्रम सेल स्थापित किए जाएँ ।
- NCERT द्वारा मॉडल पाठ्यक्रम तथा मार्गदर्शन रेखाएँ (Guidelines) तैयार किए जाएँ ।
- NCERT/CIVE अथवा SIVES/NCERT के सहयोग से व्यावसायिक शिक्षा सूचना प्रणाली (Vocational Monitoring System) विकसित किया जाए ।
- NCERT द्वारा विभिन्न व्यावसायिक संगठनों के कार्यक्षेत्र का निर्धारण किया जाए ।
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा विभिन्न संस्थाओं के बीच तालमेल सम्बन्धी निर्देश दिए जाएँ |
- व्यावसायिक शिक्षा संगठनों, नियुक्तिकर्ताओं व स्वयंसेवी संगठनों के बीच तालमेल हेतु निर्देश दिए जाएँ ।
- व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम (Vocational Education Programme)इसके अन्तर्गत निम्नलिखित कार्यक्रम प्रस्तावित हैं—
- 8+ छात्रों के लिए विभिन्न राज्यों के व्यावसायिक शिक्षा विभागों द्वारा सीमित स्तर पर प्रयोगात्मक आधार पर व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किया जाए ।
- SCERT’s तथा SIVE’s द्वारा 10+ स्तर पर पाठ्यक्रम का उपलब्ध साधनों के संदर्भ में निर्धारण किया जाए ।
- इंजीनियरिंग तथा टेक्नोलॉजी में 10+ व्यावसायिक पाठ्यक्रम के छात्रों के लिए और अवसर प्रदान करने के लिए नए व्यावसायिक संस्थान स्थापित किए जाएँ ।
- JCVE द्वारा व्यावसायिक धारा +2 के 70% छात्रों के लिए एप्रेण्टिस ट्रेनिंग के लिए छात्रवृत्ति (स्टाइपेण्ड) की व्यवस्था की जाए ।
- व्यावसायिक शिक्षा द्वारा छात्रों में स्वयं रोजगार दक्षताओं का विकास किया जाए ।
- जिला स्तर पर जीविका कार्य दर्शन सेल गठित किया जाए।
- विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं द्वारा सेतु-पाठ्यक्रमों का निर्माण किया जाए ।
- विशेष वर्गों तथा स्कूलों से बाहर समुदाय के लिए व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम (Vocational Programme for The Special Groups) :
- जे. सी. वी. ई. द्वारा उपयुक्त प्रोत्साहनों, पुरस्कारों के माध्यम से व्यावसायिक शिक्षा में सार्वजनिक निजी क्षेत्रों के उद्योगों को शामिल करने के लिए योजनाएँ तैयार की जाएँ ।
- महिलाओं, जनजातीय, अपंग तथा विकलांग आदि जैसे विशेष वर्गों की व्यावसायिक शिक्षा में कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों की पहचान करके सहायता प्रदान की जाए ।
- सभी पोलिटैक्निक संस्थाएँ, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अन्य व्यावसायिक तथा तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान, चुने हुए उच्चतर माध्यमिक स्कूल, कॉलेज तथा विशेष संस्थानों, ग्रामीण तथा गैर-व्यवस्थित क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से गैर-औपचारिक कार्यक्रमों के माध्यम से व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया जाए ।
- चुनिन्दा इंजीनियरी कॉलेज, पोलिटेकनिक, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान तथा अन्य व्यावसायिक तथा तकनीकी प्रशिक्षण स्कूल / संस्थान विशेष वर्गों तथा पहले से ही रोजगार प्राप्त लोगों के लाभ के लिए अंशकालिक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को आयोजित किया जाए ।
- महिलाओं, जनजातीय तथा समाज के अन्य कमजोर वर्गों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राज्य व्यावसायिक शिक्षा विभागों द्वारा विशेष व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए जाएँ ।
- लक्ष्य तथा विकास के लिए तैयारी (Targets and Preparation for the Development)—साधनों की उपलब्धता का अनुमान लगाकर उसके अनुसार लक्ष्य निर्धारित किए जाएँ । प्राय: यह देखा गया है कि लक्ष्य बहुत ऊँचे निर्धारित किए जाते हैं, परन्तु उनकी पूर्ति नहीं हो पाती है। उपयुक्त साधन उसी मात्रा में नहीं मिल पाते परिणामस्वरूप निराशा होती है और व्यवसायीकरण की योजना को भी धक्का लगता है । अत: बहुत ही सावधानी से प्रोग्राम बनाए जाने चाहिए ।
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